सारी मुसीबतें खत्म हो जाएँगी
पासन की सारी बातें लाक्ता को अच्छी लगीं, लेकिन अभी-भी एक बात उसको परेशान कर रही थी। उसने पासन से पूछा: “यहोवा जिसने सारी चीज़ें रची हैं, शक्तिशाली और प्यार का परमेश्वर है, तो फिर आज धरती पर इतनी मुसीबतें क्यों हैं? क्यों हमारी ज़िंदगी में इतनी समस्याएँ हैं?”
पासन ने जवाब में कहा, “अच्छा सवाल किया तुमने। आज कई लोग इस सवाल को लेकर उलझन में पड़े हैं। अगर हम यहोवा के गुणों पर गौर करें, तो यह साफ हो जाएगा कि हर तरफ फैले बुरे हालात के लिए परमेश्वर ज़िम्मेदार नहीं। वह कभी नहीं चाहेगा कि धरती पर उसके बच्चे मुश्किलों का सामना करें। लेकिन आज इतनी मुसीबतें क्यों हैं, इसका जवाब जानने के लिए हमें यह समझना होगा कि धरती के लिए यहोवा का क्या मकसद था और वह मकसद क्यों पूरा नहीं हो पाया।”
पासन ने लाक्ता को समझाया कि जब यहोवा परमेश्वर ने धरती पर सृष्टि का काम खत्म किया, तब उसे कैसा महसूस हुआ। उसने लाक्ता के लिए यह आयत पढ़ी:
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“परमेश्वर ने जो कुछ बनाया था, सब को देखा, तो क्या देखा, कि वह बहुत ही अच्छा है।”—उत्पत्ति 1:31.
यहोवा की सबसे शानदार रचना थी, पहला इंसानी जोड़ा। उनका नाम था, आदम और हव्वा। यहोवा ने उन्हें सिद्ध बनाया था। परमेश्वर की बाकी सारी रचना की तरह उनमें भी कोई खोट नहीं था। और वे हमेशा धरती पर जी सकते थे। परमेश्वर ने उन्हें रहने के लिए एक सुंदर बगीचा दिया था, जिसे अदन का बाग कहते थे। उस बगीचे में वह हर चीज़ मौजूद थी, जो खुशहाल ज़िंदगी के लिए ज़रूरी थी। उन्हें वहाँ कोई कमी नहीं थी। (उत्पत्ति 2:8, 9) इसके अलावा, यहोवा ने उन्हें आज्ञा दी थी कि वे संतान पैदा करें और धरती को उनसे भर दें और उसे अपने अधीन कर लें। (उत्पत्ति 1:28) आखिरकार पूरी धरती फिरदौस या सुंदर बगीचे में बदल जाती और सिद्ध इंसानों से भर जाती। सच, आदम और हव्वा के आगे क्या ही बढ़िया भविष्य रखा था!
लाक्ता ने पासन से पूछा, लेकिन ऐसा क्या हुआ कि हालात इतने बिगड़ गए? पासन ने बाइबल से इसका सरल-सा जवाब दिया। उसने यह आयत पढ़ी:
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“एक आदमी से पाप दुनिया में आया और पाप से मौत आयी, और इस तरह मौत सब इंसानों में फैल गयी क्योंकि सबने पाप किया।”—रोमियों 5:12.
एक प्यार करनेवाले पिता के नाते, यहोवा परमेश्वर ने आदम और हव्वा को कुछ नियम दिए थे। अगर वे उन नियमों को मानते, तो वे हमेशा-हमेशा जीते और उस सुंदर बगीचे की देखरेख करते। (उत्पत्ति 2:15-17) एक समझदार पिता की तरह यहोवा ने अपनी बात मनवाने के लिए उन पर कोई ज़ोर-ज़बरदस्ती नहीं की। इसके बजाय, वह चाहता था कि एक आज्ञा माननेवाले बच्चे की तरह वे खुशी-खुशी उन नियमों को मानें और उसके लिए अपना प्यार दिखाएँ। हमारी तरह आदम-हव्वा भी आज़ाद मरज़ी के मालिक थे यानी वे खुद चुनाव कर सकते थे। लेकिन उन्होंने क्या चुनाव किया?
अफसोस आदम और हव्वा ने यहोवा की हिदायतें न मानने का चुनाव किया और अपनी मन-मरज़ी की। इस वजह से वे पाप कर बैठे और उन्होंने सिद्ध ज़िंदगी खो दी। जल्द ही, वे बूढ़े होने लगे और आखिर उन पर मौत आ गयी। परमेश्वर ने पहले ही बताया था कि अगर उन्होंने उसके नियम नहीं मानें, तो इसका क्या अंजाम होगा। और जैसा परमेश्वर ने कहा था वैसा ही हुआ।—उत्पत्ति 2:17.
हम सब आदम-हव्वा की संतान हैं। इसलिए हम जन्म से असिद्ध हैं और बूढ़े होते हैं और फिर मर जाते हैं। लाक्ता और लोमू को दिलासा देने के लिए पासन ने उन्हें बताया कि इंसानों के लिए यहोवा का जो मकसद था वह बदला नहीं है।
एक प्यारे पिता की तरह वह चाहता है कि इंसान धरती पर फिरदौस में ज़िंदगी का आनंद लें। फिर उसने उन्हें बाइबल से यह आयत दिखायी:-
“यहोवा जो आकाश का सृजनहार है, वही परमेश्वर है; उसी ने पृथ्वी को रचा और बनाया, उसी ने उसको स्थिर भी किया; उस ने उसे सुनसान रहने के लिये नहीं परन्तु बसने के लिये उसे रचा है।”—यशायाह 45:18.
पासन ने उन्हें बाइबल में दिए सारे शानदार वादों के बारे में बताया। उसने बताया कि नयी दुनिया में बीमारी, दर्द और तकलीफें नहीं होंगी। खाने-पीने की चीज़ें बहुतायत में होंगी और सबके पास रहने के लिए अपना एक घर होगा। कोई मरेगा नहीं। ये तमाम आशीषें इंसानों के लिए यहोवा के मकसद में शामिल थीं और यह मकसद आज भी बदला नहीं है। जी हाँ, यहोवा चाहता है कि इंसान धरती पर फिरदौस में हमेशा-हमेशा तक जीएँ। फिर पासन ने बाइबल से यह वादा लाक्ता को दिखाया:
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“धर्मी लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और उस में सदा बसे रहेंगे।”—भजन 37:29.
यह यहोवा का वादा है जो ज़रूर पूरा होगा।