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सुख-शांति की एक दुनिया जल्द आनेवाली है!

सुख-शांति की एक दुनिया जल्द आनेवाली है!

लाक्‍ता और लोमू यह जानकर उमंग से भर गए कि एक दिन पूरी दुनिया में सिर्फ अच्छे और ईमानदार इंसानों का बसेरा होगा। और हर कोई एक दूसरे से प्यार-मुहब्बत से पेश आएगा। उन्होंने सोचा ज़िंदगी कितनी खुशनुमा होगी जब कोई भूखा नहीं रहेगा, बीमारी और मौत का साया तक नहीं होगा और हर इंसान अमन-चैन की ज़िंदगी जीएगा। वे चाहते थे कि ऐसी दुनिया जल्द आ जाए।

इसलिए लाक्‍ता ने पूछा, “ये बातें कब सच होंगी?”

पासन ने कहा, “बड़ा दिलचस्प सवाल किया तुमने। पर इससे पहले मैं तुमसे कुछ पूछता हूँ, क्या तुमने यीशु नाम के आदमी के बारे में कभी कुछ सुना है?”

लाक्‍ता ने जवाब दिया, “हाँ मैंने सुना है। यीशु ने बहुत-सी बुद्धि-भरी बातें कही थीं। लेकिन उसका मेरे सवाल से क्या नाता?”

पासन ने बताया, “नाता है। क्योंकि करीब 2,000 साल पहले जब यीशु इस धरती पर था, तब उसके चेलों ने भी उससे यही सवाल पूछा था। और जवाब में यीशु ने उन्हें एक ‘निशानी’ दी थी। उस निशानी में कई घटनाएँ शामिल थीं। यीशु ने कहा था कि जब वे उन सारी घटनाओं को एक-साथ होता देखें, तो समझ जाएँ कि जल्द ही एक बड़ा बदलाव होनेवाला है, जिसके बारे में पहले से बताया गया था।”​—मत्ती 24:3.

“निशानी” के ये अलग-अलग पहलू दिखाते हैं कि जल्द ही एक बड़ा बदलाव आनेवाला है। क्या आप इन्हें पूरा होते देख रहे हैं?

लाक्‍ता ने पूछा, “यीशु ने क्या ‘निशानी’ दी थी?”

पासन ने लाक्‍ता से कहा, “उस निशानी के अलग-अलग पहलू बाइबल में दर्ज़ हैं।” फिर उसने बाइबल खोली और कहा, “यह देखो, इनमें से कुछ पहलू यहाँ लिखे हैं।”

  • “एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्र पर और एक राज्य दूसरे राज्य पर हमला करेगा।”​—मत्ती 24:7.

  • “एक-के-बाद-एक कई जगहों पर अकाल पड़ेंगे।”​—मत्ती 24:7.

  • “दुराचार के बढ़ जाने से ज़्यादातर लोगों का प्यार ठंडा हो जाएगा।” ​—मत्ती 24:12.

  • “बड़े-बड़े भूकंप होंगे।”​—लूका 21:11.

  • “एक-के-बाद-एक कई जगहों पर महामारियाँ फैलेंगी।”​—लूका 21:11.

यह सुनते ही लाक्‍ता और लोमू ने कहा कि आज तो हम ये बातें पूरी होते देख रहे हैं। दरअसल इन्हीं घटनाओं की वजह से हम आनेवाले कल की चिंता करते हैं।

पासन ने कहा, “निशानी के इन अलग-अलग पहलुओं का पूरा होना दिखाता है कि यहोवा परमेश्‍वर जल्द ही पूरी धरती पर अपना राज लानेवाला है। बाइबल इस नए राज या सरकार को, परमेश्‍वर का राज कहती है।” फिर उसने बाइबल से दिखाया कि यह राज जल्द ही क्या करनेवाला है:

  • “उन राजाओं के दिनों में स्वर्ग का परमेश्‍वर, एक ऐसा राज्य उदय करेगा जो अनन्तकाल तक न टूटेगा, और न वह किसी दूसरी जाति के हाथ में किया जाएगा। वरन वह उन सब राज्यों को चूर चूर करेगा, और उनका अन्त कर डालेगा; और वह सदा स्थिर रहेगा।”​—दानिय्येल 2:44.

पासन ने आगे कहा, “जब परमेश्‍वर का राज दुनिया की बागडोर अपने हाथ में लेगा, तब वह बुराई, अन्याय और भ्रष्टाचार का हमेशा के लिए अंत कर देगा। उस वक्‍त के बारे में सोचने से क्या ही राहत मिलती है! है ना!”

यह सब सुनकर लाक्‍ता और लोमू रोमांचित हो उठे। और उन्होंने कहा कि वे भी उस नयी दुनिया में जाना चाहते हैं जहाँ हर तरफ शांति-ही-शांति होगी।

लाक्‍ता ने पूछा, “नयी दुनिया में जाने के लिए हमें क्या करना होगा?”

पासन ने कहा, “कोई भी चीज़ पाने के लिए हमें मेहनत करनी पड़ती है। ज़रा आदम-हव्वा के बारे में सोचो। उन्होंने क्या खोया था? उन्होंने जो कदम उठाए उससे हम क्या सबक सीखते हैं?”

लाक्‍ता ने जवाब दिया, “आदम और हव्वा ने फिरदौस में एक सिद्ध जिंदगी जीने का मौका गँवाया था क्योंकि उन्होंने यहोवा की माँगें पूरी नहीं की।”

पासन ने समझाया, “ठीक उसी तरह, यहोवा भी आज हमसे कुछ माँग करता है। अगर हम धरती पर फिरदौस में ज़िंदगी का मज़ा लेना चाहते हैं, तो हमें यहोवा और उसकी माँगों के बारे में सीखना होगा और उसके मुताबिक ज़िंदगी जीनी होगी।”

लाक्‍ता को यह बात सही लगी। लेकिन वह सोच रहा था कि क्या मैं और मेरी पत्नी परमेश्‍वर की माँगें पूरी कर सकते हैं?

यहोवा हमें सुख-शांति के मार्ग पर चलने का न्यौता देता है

पासन ने यकीन दिलाते हुए कहा, “यहोवा की आज्ञा मानना बोझ नहीं क्योंकि एक पिता की तरह वह हमसे जो भी माँग करता है, उसमें हमारी भलाई छिपी होती है। इसके अलावा, वह न सिर्फ हमें शांति-भरी नयी दुनिया का मार्ग दिखाता है बल्कि हमें न्यौता देता है कि वह इस मार्ग पर हमें सँभाले रहेगा। आइए मैं बाइबल से आपके लिए वह न्यौता पढ़ता हूँ।”

  • “यहोवा जो तेरा छुड़ानेवाला और इस्राएल का पवित्र है, वह यों कहता है, मैं ही तेरा परमेश्‍वर यहोवा हूं जो तुझे तेरे लाभ के लिये शिक्षा देता हूं, और जिस मार्ग से तुझे जाना है उसी मार्ग पर तुझे ले चलता हूं। भला होता कि तू ने मेरी आज्ञाओं को ध्यान से सुना होता! तब तेरी शान्ति नदी के समान और तेरा धर्म समुद्र की लहरों के नाईं होता; तेरा वंश बालू के किनकों के तुल्य होता, और तेरी निज सन्तान उसके कणों के समान होती; उनका नाम मेरे सम्मुख से न कभी काटा और न मिटाया जाता।”​—यशायाह 48:17-19.

इन खूबसूरत शब्दों को सुनकर लाक्‍ता और लोमू को बड़ा चैन मिला। वे एक ऐसे मार्ग की तलाश में थे, जिससे उन्हें और उनके परिवार को खुशियाँ मिल सकें। और अब उन्हें लगा कि वह मार्ग मिल गया है, जो एक ऐसी दुनिया की तरफ ले जाएगा जहाँ वे अपने बच्चों के साथ सुख-चैन से रह पाएँगे।

इसके बाद, पासन ने कहा, “ये सारी आशीषें आपकी हो सकती हैं, अगर आप उन बातों को सीखें, जो यहोवा सीखा रहा है और उसके मुताबिक जीने की पूरी कोशिश करें।”

लाक्‍ता ने झट से पूछा, “हम कैसे उन बातों को सीख सकते हैं? क्या आप दोनों हमारी मदद करेंगे?”

“ज़रूर करेंगे। इससे बढ़कर खुशी की बात हमारे लिए और क्या हो सकती है। हमारे पास एक ऐसी किताब है, जो आपको सुख-शांति का मार्ग ढूँढ़ने और उस पर चलने में मदद कर सकती है।”