शुक्रवार
“हमारा विश्वास बढ़ा”—लूका 17:5
सुबह का कार्यक्रम
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9:20 संगीत का वीडियो
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9:30 गीत नं. 5 और प्रार्थना
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9:40 चेयरमैन का भाषण: विश्वास में कितनी ताकत है? (मत्ती 17:19, 20; इब्रानियों 11:1)
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10:10 परिचर्चा: हमें क्यों विश्वास है . . .
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• परमेश्वर के वजूद पर (इफिसियों 2:1, 12; इब्रानियों 11:3)
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• परमेश्वर के वचन पर (यशायाह 46:10)
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• परमेश्वर के नैतिक स्तरों पर (यशायाह 48:17)
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• परमेश्वर के प्यार पर (यूहन्ना 6:44)
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11:05 गीत नं. 37 और घोषणाएँ
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11:15 नाटक के अंदाज़ में पढ़ी गयी आयतें: नूह—विश्वास की वजह से उसने आज्ञा मानी (उत्पत्ति 6:1–8:22; 9:8-16)
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11:45 ‘विश्वास कीजिए, शक नहीं’ (मत्ती 21:21, 22)
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12:15 गीत नं. 118 और अंतराल
दोपहर का कार्यक्रम
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1:35 संगीत का वीडियो
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1:45 गीत नं. 2
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1:50 परिचर्चा: सृष्टि की चीज़ें देखकर अपना विश्वास बढ़ाइए
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• तारे (यशायाह 40:26)
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• महासागर (भजन 93:4)
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• जंगल (भजन 37:10, 11, 29)
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• हवा और पानी (भजन 147:17, 18)
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• समुद्री जीव (भजन 104:27, 28)
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• हमारा शरीर (यशायाह 33:24)
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2:50 गीत नं. 148 और घोषणाएँ
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3:00 यहोवा के शक्तिशाली कामों से हमारा विश्वास मज़बूत होता है (यशायाह 43:10; इब्रानियों 11:32-35)
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3:20 परिचर्चा: वफादार लोगों की तरह बनिए, बुरे लोगों की तरह नहीं
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• हाबिल जैसे, कैन जैसे नहीं (इब्रानियों 11:4)
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• हनोक जैसे, लेमेक जैसे नहीं (इब्रानियों 11:5)
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• नूह जैसे, उसके आस-पास के लोगों जैसे नहीं (इब्रानियों 11:7)
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• मूसा जैसे, फिरौन जैसे नहीं (इब्रानियों 11:24-26)
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• यीशु के चेलों जैसे, फरीसियों जैसे नहीं (प्रेषितों 5:29)
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4:15 “खुद को जाँचते रहो कि तुम विश्वास में हो या नहीं”—कैसे? (2 कुरिंथियों 13:5, 11)
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4:50 गीत नं. 119 और प्रार्थना