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प्रेम और एकता में उन्‍नति करने के लिए कलीसियाएँ

प्रेम और एकता में उन्‍नति करने के लिए कलीसियाएँ

प्रेम और एकता में उन्‍नति करने के लिए कलीसियाएँ

आप शायद अपने घर के निकट यहोवा के गवाहों की कुछ कलीसिया सभाओं में उपस्थित हुए होंगे। सब प्रकार के लोग—पारिवारिक समूह, अविवाहित लोग, बूढ़े और युवा—वहाँ थे। वे सभी अपनी उपासना में संयुक्‍त थे और उन्हें दूसरों की सहायता करने में दिलचस्पी थी।

किसी भी प्रबन्ध में जहाँ बड़ी संख्या में लोग एकता में काम करने की इच्छा रखते हैं, कुछ देख–रेख की आवश्‍यकता होती है। परमेश्‍वर व्यवस्था का परमेश्‍वर है; इसलिए, वह व्यवस्था उसके लोगों की कलीसिया में दिखाई देनी चाहिए। जिस तरह पहली शताब्दी में था, उसी तरह आज भी, योग्य, परिपक्व और अनुभवी मसीही पुरुष, प्राचीनों या ओवरसियरों के रूप में नियुक्‍त किए जाते हैं। ये कलीसिया की देख–रेख करते हैं और उसकी आध्यात्मिक आवश्‍यकताओं की देख–भाल करते हैं। वे सहायक सेवक कहलाए गए दूसरे विश्‍वसनीय पुरुषों के द्वारा सहायता प्राप्त करते हैं। ये पुरुष कोई वेतन या दूसरे आर्थिक लाभ प्राप्त नहीं करते हैं, बल्कि स्वेच्छापूर्वक काम करते हैं, अपना ख़र्च स्वयं पूरा करते हैं, जो साधारणतः लौकिक नौकरी से पूरा होता है।—१ कुरिन्थियों १४:३३, ४०; फिलिप्पियों १:१; १ तीमुथियुस ३:८, ९.

ये कैसे चुने जाते हैं? उन्हें परमेश्‍वर के विश्‍वसनीय सेवक होने की ज़रूरत है जो कुछ निश्‍चित शास्त्रीय योग्यताओं को प्रदर्शित करते हैं। इनमें से कुछ हैं: ‘संयमी, सुशील, सभ्य, पहुनाई करनेवाला, सिखाने में निपुण, और कोमल हो; न लोभी हो; अपने घर का अच्छा प्रबन्ध करनेवाला हो; नया चेला न हो; बाहरवालों में भी उसका सुनाम हो’; ‘शिक्षा देने की कला के सम्बन्ध में विश्‍वसनीय वचन को दृढ़ता से थामे रहने वाला हो।’—१ तीमुथियुस ३:१-१५; तीतुस १:७-९, NW.

इस पद में इन लोगों को कलीसिया द्वारा, जहाँ अकसर अधिकांश लोग नए मसीही हो सकते हैं, वोट से नियुक्‍त नहीं किया जाता है। इसके बजाय परिपक्व और अनुभवी पुरुष, जो प्राचीन हैं, इनकी सिफ़ारिश करते हैं। इन्हें इस बात की पहचान है कि किस हद तक विचाराधीन पुरुष शास्त्रीय माँगों को पूरा करते हैं। फिर यहोवा के गवाहों के शासी निकाय की देख–रेख के अधीन प्राचीनों और सहायक सेवकों की नियुक्‍ति होती है और यह पहली शताब्दी की मसीही कलीसिया द्वारा प्रस्तुत नमूने के अनुसार ही होता है।

ये प्राचीन या ओवरसियर, एक पादरी वर्ग नहीं होते हैं; वे दूसरों के स्वामी नहीं हैं। जैसा यीशु ने कहा, अगुवाई करनेवाले किसी भी व्यक्‍ति को सब का सेवक बनना है। यहोवा के गवाहों की कलीसिया में, प्राचीन सचमुच परमेश्‍वर के राज्य के लिए सहकर्मी हैं।—मत्ती २०:२६, २७; २३:८-११; रोमियों १२:८; १ कुरिन्थियों ३:५; ४:१, २; कुलुस्सियों ४:११; १ थिस्सलुनीकियों ५:१२-१४.

ओवरसियर होने के नाते, वे सभाओं में दिए गए निर्देशन की देख-रेख करते हैं और प्रचार कार्य में अगुवाई करते हैं। अपने पूरे नियुक्‍त क्षेत्र में राज्य के सुसमाचार का प्रचार करना कलीसिया का मुख्य लक्ष्य है। ओवरसियर चरवाहों के रूप में भी काम करते हैं, जैसी आवश्‍यकता होती है वे प्रोत्साहन देने के लिए कलीसिया के सदस्यों से भेंट करते हैं।—मत्ती २४:१४; प्रेरितों के काम १:८; १ थिस्सलुनीकियों २:११, १२; ५:१४, १५; २ तीमुथियुस २:२४-२६; इब्रानियों १३:१७; याकूब ५:१३-१६; १ पतरस ५:१-४.

प्राचीनों की यह भी ज़िम्मेदारी है कि वे ऐसे किसी भी व्यक्‍ति को ताड़ना और अनुशासन दें जो शायद किसी ग़लत मार्ग पर चल रहा हो और जो कलीसिया की आध्यात्मिक और नैतिक शुद्धता और एकता के लिए ख़तरा उत्पन्‍न कर सकता है।—१ कुरिन्थियों ५:४, ५, ७, ११–१३; तीतुस १:९; २:१५; ३:१०, ११.

कलीसिया के साथ नियमित संगति आपको अच्छा साहचर्य और अनेक आध्यात्मिक लाभ देगी।—भजन ३५:१८; ८४:१०.

• अलग-अलग कलीसियाओं के मामलों की देख–रेख कौन करते हैं?

• किस आधार पर ओवरसियर चुने जाते हैं?

• उनकी ज़िम्मेदारियाँ क्या हैं?

[पेज १३ पर तसवीरें]

ओवरसियर कलीसिया को उपदेश देते हैं, घर–घर के प्रचार कार्य में अगुवाई करते हैं, रखवाली भेंटों के द्वारा प्रोत्साहित करते हैं, और आवश्‍यकता होने पर सलाह और ताड़ना देते हैं