इस्राएल और उसके आस-पास की जातियाँ
यहोवा ने इब्राहीम से कहा: ‘मिसुपुतामिया के ऊर से निकलकर उस देश में चला जा जो मैं तुझे दिखाऊंगा।’ उस देश में दूसरी जातियों के लोग रहते थे और आस-पास भी कई जातियाँ थीं।—उत्प 12:1-3; 15:17-21.
जब परमेश्वर के लोग मिस्र से निकले, तो वे जानते थे कि उन्हें कई दुश्मनों का सामना करना पड़ेगा, मसलन ‘मोआब के पहलवानों’ का। (निर्ग 15:14, 15) अमालेकी, मोआबी, अम्मोनी और एमोरी जातियाँ, उस रास्ते पर पड़ती थीं जिससे इस्राएली वादा किए गए देश को जाते। (गिन 21:11-13; व्यव 2:17-33; 23:3, 4) और इस्राएलियों को वादा किए गए देश में पहुँचने के बाद भी, कई दुश्मन जातियों का मुकाबला करना था।
परमेश्वर ने इस्राएल को आज्ञा दी कि वह वादा किए गए देश से इन ‘सात बड़ी जातियों को निकाल दे’ जो नाश किए जाने के लिए लायक थीं—हित्ती, गिर्गाशी, एमोरी, कनानी, परिज्जी, हिव्वी (हिब्बी) और यबूसी (जबूसी)। उनकी बदचलनी हद पार कर चुकी थी और उनकी उपासना के तौर-तरीके भ्रष्ट हो चुके थे। उनके देवी-देवताओं में से कुछ थे, बाल देवता (जो पत्थर से बने लिंग के खंभों के लिए जाना जाता था), मोलेक देवता (जिसके आगे बच्चों की बलि चढ़ाई जाती थी) और प्रजनन की देवी अशतोरेत (अस्तार्ते)।—व्यव 7:1-4; 12:31; निर्ग 23:23; लैव्य 18:21-25; 20:2-5; न्यायि 2:11-14; भज 106:37, 38.
परमेश्वर ने इस्राएल को जो देश दिया, उस सारे इलाके को अकसर “कनान” कहा जाता था। यह इलाका, सीदोन शहर के उत्तर से लेकर “मिस्र के नाले” तक फैला था। (गिन 13:2, 21; 34:2-12; उत्प 10:19) बाइबल की कुछेक आयतों में उस देश की अलग-अलग जातियों, राज्यों या उस देश के लोगों का भी ज़िक्र मिलता है। कुछ जातियाँ खास इलाकों में बसी थीं, मसलन, पलिश्ती लोग भूमध्य सागर के तट पर थे और यबूसी यरूशलेम के पास पहाड़ों पर रहते थे। (गिन 13:29; यहो 13:3) दूसरी कुछ जातियाँ समय के गुज़रते अलग-अलग जगहों में जाकर बस गयीं।—उत्प 34:1, 2; 49:30; यहो 1:4; 11:3; न्यायि 1:16, 23-26.
जब इस्राएली वादा किए देश की ओर सफर कर रहे थे, तब शायद सबसे ताकतवर जाति एमोरियों की थी। a (व्यव 1:19-21; यहो 24:15) उन्होंने दक्षिण में अर्नोन नदी तक मोआबियों के इलाके पर कब्ज़ा कर लिया था, मगर यरीहो से यरदन पार का इलाका ‘मोआब का अराबा’ ही कहलाता था। बाशान और गिलाद पर भी एमोरियों का ही राज था।—गिन 21:21-23, 33-35; 22:1; 33:46-51.
हालाँकि इस्राएलियों के साथ परमेश्वर था, फिर भी उन्होंने उन सभी दुष्ट जातियों को देश से नहीं निकाला। इस वजह से ये जातियाँ कुछ समय बाद इस्राएलियों के लिए फँदा बन गयीं। (गिन 33:55; यहो 23:13; न्यायि 2:3; 3:5, 6; 2राजा 21:11) जी हाँ, इस्राएली उन जातियों के हाथों गुमराह हो गए, जबकि उन्हें यह चेतावनी दी गयी थी: “तुम पराए देवताओं के, अर्थात् अपने चारों ओर के देशों के लोगों के देवताओं के पीछे न हो लेना।”—व्यव 6:14; 13:7.
[फुटनोट]
a “कनानी” शब्द की तरह “एमोरी” भी या तो उस देश के सभी लोगों के लिए या सिर्फ एमोरी जाति के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।—उत्प 15:16; 48:22.
[पेज 11 पर नक्शा]
(भाग को असल रूप में देखने के लिए प्रकाशन देखिए)
जातियाँ जिन्हें निकाला जाता
पलिश्तीन (घ8)
ग8 अशकलोन
ग9 अज्जा
घ8 अशदोद
घ8 गत
घ9 गरार
कनान (घ8)
ख10 अमालेकी
ग12 हसरद्दार (अद्दार?)
ग12 कादेश (कादेशबर्ने)
घ8 लाकीश
घ9 बेर्शेबा
घ10 एमोरी
घ11 नेगेब
च4 दोर
च5 मगिद्दो
च5 तानाक
च6 अपेक
च6 हिव्वी
च7 यबूसी
च8 बेतशेमेश
च8 हेब्रोन (किर्यतर्बा)
च9 हित्ती
च9 दबीर
च10 अराद (कनानी)
च10 कनानी
च11 अक्रब्बीम
छ4 गिर्गाशी
छ6 शकेम
छ7 परिज्जी
छ7 गिलगाल
छ7 यरीहो
छ8 यरूशलेम
ज2 हिव्वी
ज2 दान (लैश)
ज3 हासोर
फीनीके (छ2)
च2 सोर
छ1 सीदोन
एदोम (छ12)
छ11 सेईर
ज11 बोस्रा
एमोरी (सीहोन) (ज8)
ज6 गिलाद
ज7 शित्तीम
ज7 हेशबोन
ज9 अरोएर
अराम (झ1)
ज1 बालगाद
ज2 हिव्वी
ट1 दमिश्क
मोआब (झ10)
एमोरी (ओग) (ट5)
ज6 गिलाद
झ3 बाशान
झ4 अशतारोत
झ4 एद्रेई
अम्मोन (17)
झ7 रब्बा
[रेगिस्तान]
झ12 अरब का रेगिस्तान
[पहाड़]
च4 कर्मेल पर्वत
च11 होर पर्वत
ज1 हेर्मोन पर्वत
ज8 नबो पर्वत
[सागर/खाड़ी]
ग6 भूमध्य सागर (महासागर)
छ9 खारा ताल
ज4 गलील सागर
[नदियाँ और प्रवाह]
ख11 मिस्र नदी
छ6 यरदन नदी
ज6 यब्बोक नदी
ज9 अर्नोन नदी
ज11 जरेद नदी
[पेज 10 पर तसवीरें]
दाएँ: एमोरी राजा, ओग ने बाशान पर राज किया, यह जगह साँड़ों और भेड़ों के लिए काफी मशहूर है
नीचे: मोआब, खारे ताल के इस पार यहूदा का वीराना (जंगल) दिखायी दे रहा है
[पेज 11 पर तसवीर]
यहोवा ने इस्राएल को आज्ञा दी कि वह उन जातियों का सफाया कर दे जो बाल, मोलेक और प्रजनन की देवी, अशतोरेत (जो तसवीर में दिखायी गयी है) जैसे झूठे देवी-देवताओं की उपासना करती थीं