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कुलपिताओं की दुनिया

कुलपिताओं की दुनिया

स्तिफनुस ने अपने मशहूर भाषण की शुरूआत में कुछ ऐसी जगहों के नाम बताए जो सचमुच अस्तित्त्व में थीं: “हमारा पिता इब्राहीम हारान में बसने से पहिले जब मिसुपुतामिया में था; तो [यहोवा] ने उसे दर्शन दिया। और उस से कहा कि तू . . . उस देश में चला जा, जिसे मैं तुझे दिखाऊंगा।” (प्रेरि 7:1-4) यहोवा की इस आज्ञा की वजह से, वादा किए गए देश में कुछ ऐसी अहम घटनाएँ घटीं जो इब्राहीम, इसहाक और याकूब की ज़िंदगी से तालुल्क रखती थीं। ये घटनाएँ, सभी इंसानों को आशीष दिलाने के परमेश्‍वर के मकसद से जुड़ी हुई थीं।—उत्प 12:1-3; यहो 24:3.

परमेश्‍वर ने इब्राहीम (या अब्राम) को कसदियों के फलते-फूलते शहर, ऊर से बुलाया, जो उन दिनों फरात नदी के पूर्वी तट पर बसा था। इब्राहीम, ऊर से निकलकर किस रास्ते से सफर तय करता? उसके लिए कसद से, जो सुमेर या शिनार भी कहलाता था, सीधे पश्‍चिम की ओर जाना शायद आसान होता। मगर वह उत्तर में इतनी दूर हारान क्यों गया?

ऊर, एक अर्धचंद्र उपजाऊ इलाके के पूर्वी सिरे पर बसा था। यह इलाका पैलिस्टाइन से लेकर, टिग्रिस और फरात नदियों के बीचवाले प्रांत तक फैला हुआ था। पहले शायद इस इलाके का मौसम इतना गर्म और शुष्क नहीं था। आधे चाँद के आकारवाले इस इलाके के दक्षिण में, सूरियाई-अरबी रेगिस्तान था, जिसमें चूना-पत्थर की पहाड़ियाँ और रेतीले मैदान थे। दी इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका  कहती है कि यह इलाका, भूमध्य सागर और मसोपोटामिया (या, मिसुपुतामिया) के बीच “ऐसी दीवार की तरह था जिसे पार करना लगभग नामुमकिन था।” शायद कुछ कारवाँ फरात से तदमोर तक का जंगल पार करते और वहाँ से दमिश्‍क पहुँचते थे, मगर इब्राहीम, अपने परिवार और मवेशियों को उस जंगल के रास्ते से नहीं ले गया।

इसके बजाय, इब्राहीम फरात नदी की घाटी से होता हुआ उत्तर की ओर हारान को गया। वहाँ से उसने एक व्यापार मार्ग से होते हुए, कर्कमीश के पास एक नदी के उथले पानी को पैदल पार किया और फिर वहाँ से दक्षिण की ओर वह दमिश्‍क से होता हुआ उस जगह आया जिसे बाद में गलील सागर कहा जाता। हालाँकि वाया मारिस या “सागर का रास्ता” भी था, जो मगिद्दो से होकर मिस्र तक जाता था। मगर इब्राहीम, शोमरोन (या, यूनानी शास्त्र में सामरिया) के पहाड़ों से होता हुआ आखिर में शकेम पहुँचा और वहाँ डेरा डालकर रहने लगा। कुछ समय बाद, वह उस पहाड़ी रास्ते से दक्षिण की तरफ बढ़ा। उत्पत्ति 12:8–13:4 पढ़ते वक्‍त, उनमें बताए इलाकों को नक्शे में देखकर कल्पना कीजिए कि आप भी उसके साथ-साथ चल रहे हैं। ऐसे दूसरे प्रांतों को भी देखिए जिनमें इब्राहीम को तरह-तरह के अनुभव हुए थे जैसे: दान, दमिश्‍क, होबा, मम्रे, सदोम, गरार, बेर्शेबा और मोरिय्याह (यरूशलेम)।—उत्प 14:14-16; 18:1-16; 20:1-18; 21:25-34; 22:1-19.

ऐसे इलाकों के बारे में थोड़ी-बहुत जानकारी पाने से, इसहाक और याकूब के जीवन की घटनाओं के बारे में हमारी समझ और भी बढ़ती है। उदाहरण के लिए, जब इब्राहीम बेर्शेबा में था, तब उसने इसहाक के लिए पत्नी ढूँढ़ने के वास्ते अपने सेवक को कहाँ भेजा? उसने दूर उत्तर में मसोपोटामिया (मतलब, ‘नदियों के बीच के देश’) के पद्दनराम कहलानेवाले इलाके में उसे भेजा। सोचिए कि वहाँ से रिबका ने इसहाक से मिलने के लिए कितना मुश्‍किल सफर तय किया होगा! वह ऊँट पर सवार होकर नेगेब (दक्खिन देश) आयी जो कादेश के पास था।—उत्प 24:10, 62-64.

बाद में इसहाक और रिबका के बेटे, याकूब (इस्राएल) ने भी यहोवा की उपासना करनेवाली एक लड़की से शादी करने के लिए ऐसा ही लंबा सफर तय किया। लेकिन याकूब ने अपने देश की ओर वापसी यात्रा में दूसरा रास्ता लिया। पनूएल के पास यब्बोक नदी के उथले पानी को पैदल पार करने के बाद, याकूब एक स्वर्गदूत से कुश्‍ती लड़ा। (उत्प 31:21-25; 32:2, 22-30) उस इलाके में एसाव, याकूब से मिलने आया और फिर वे दोनों अलग-अलग जगहों में बसने के लिए वहाँ से रवाना हो गए।—उत्प 33:1, 15-20.

शकेम में अपनी बेटी, दीना के बलात्कार के बाद, याकूब बेतेल में जा बसा। अब क्या आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि याकूब के बेटे उसकी भेड़-बकरियों को चराने के लिए कितनी दूर गए थे और यूसुफ ने उनको ढूँढ़ते-ढूँढ़ते आखिरकार कहाँ पाया था? यहाँ (और पेज 18-19 पर) दिखाया गया नक्शा आपको यह जानने में मदद देगा कि हेब्रोन और दोतान के बीच कितनी दूरी थी। (उत्प 35:1-8; 37:12-17) यूसुफ के भाइयों ने उसे मिस्र जानेवाले व्यापारियों को बेच दिया था। आपकी राय में वे व्यापारी, यूसुफ को ले जाते वक्‍त किस रास्ते से गए होंगे? इस घटना का अंजाम आखिरकार यह हुआ कि सालों बाद इस्राएली मिस्र में आ बसे और फिर वहाँ से निकलकर उन्होंने वीराने में यात्रा की।—उत्प 37:25-28.

[पेज 7 पर नक्शे]

(भाग को असल रूप में देखने के लिए प्रकाशन देखिए)

इब्राहीम की यात्राएँ

इसहाक की यात्राएँ

याकूब की यात्राएँ

खास रास्ते

कुलपिता (एक झलक)

क4 गोशेन

क5 मिस्र

ख4 शूर

ख5 पारान

ग3 दमिश्‍क

ग3 दान (लैश)

ग4 शकेम

ग4 बेतेल

ग4 हेब्रोन (किर्यतर्बा)

ग4 गरार

ग4 बेर्शेबा

ग4 सेईर

ग4 कादेश

ग5 एदोम

घ1 कर्कमीश

घ2 तदमोर

घ3 होबा

च1 पद्दनराम

च1 हारान

छ2 मेसोपाटामिया

ज1 नीनवे

ज2 अर्धचंद्र उपाजाऊ इलाका

ज3 बाबूल

झ4 कसद

झ4 ऊर

[पहाड़]

ग4 मोरिय्याह

[सागर/खाड़ी]

ख3 भूमध्य सागर (महासागर)

[नदियाँ]

च2 फरात

ज2 टिग्रिस

कुलपिता (वादा किए गए देश में)

कनान

मगिद्दो

गिलाद

दोतान

शकेम

सुक्कोत

महनैम

पनूएल

बेतेल (लूज)

यरूशलेम (शालेम)

बेतलेहेम (एप्राता)

मम्रे

हेब्रोन (मकपेला)

गरार

बेर्शेबा

सदोम?

नेगेब

रहोबोत?

लहैरोई

कादेश

मुख्य सड़कें

वाया मारिस

राजा की सड़क

[पहाड़]

मोरिय्याह

[सागर/खाड़ी]

खारा ताल

[नदियाँ और प्रवाह]

यब्बोक

यरदन

[पेज 6 पर तसवीर]

बाबूल के पास फरात नदी

[पेज 6 पर तसवीर]

इब्राहीम बेर्शेबा में रहने लगा और उसके मवेशी पास के इलाके में चराई करते थे

[पेज 6 पर तसवीर]

यब्बोक नदी की घाटी