दाऊद और सुलैमान के दिनों में इस्राएल
परमेश्वर ने अब्राम से वादा किया था कि वह उसकी संतान को वह देश देगा जो “मिस्र के महानद से लेकर परात [फरात] नाम बड़े नद” तक है। (उत्प 15:18; निर्ग 23:31; व्यव 1:7, 8; 11:24) कनान या वादा किए गए देश में यहोशू के कदम रखने के करीब 400 साल बाद ही, उस देश की सरहदें, मिस्र के महानद से फरात नदी तक फैलीं।
राजा दाऊद ने, सोबा के अरामी राज्य को हरा दिया, जो उत्तरी अराम में फरात नदी तक फैला हुआ था। a दक्षिण में, दाऊद ने जब पलिश्तियों को हरा दिया तो वह अपने राज्य की सरहदें मिस्र की सीमा तक फैला सका।—2शमू 8:3; 1इति 18:1-3; 20:4-8; 2इति 9:26.
दाऊद के बाद आए सुलैमान की हुकूमत, मसीहा के शांतिपूर्ण राज्य की एक झलक थी। सुलैमान ने “महानद [फरात] से लेकर पलिश्तियों के देश, और मिस्र के सिवाने तक” राज किया। (1राजा 4:21-25; 8:65; 1इति 13:5; भज 72:8; जक 9:10) फिर भी, इस्राएल के कब्ज़े में जो इलाका था, उसे “दान से लेकर बेर्शेबा तक” का इलाका कहा जाता था।—2शमू 3:10; 2इति 30:5.
राजा सुलैमान ने परमेश्वर की आज्ञा के खिलाफ जाकर, भारी तादाद में घोड़े और रथ इकट्ठे किए। (व्यव 17:16; 2इति 9:25) इन घोड़ों और रथों के आने-जाने के लिए बहुत-सी सड़कों और राजमार्गों का अच्छा इंतज़ाम किया गया था। (यहो 2:22; 1राजा 11:29; यशा 7:3; मत्ती 8:28) हमारे पास इनमें से सिर्फ कुछ ही सड़कों और राजमार्गों का ब्यौरा है। जैसे, उस “सड़क” के बारे में ‘जो बेतेल से शकेन [शेकेम] को जाती है, और लबोना की दक्खिन ओर है।’—न्यायि 5:6; 21:19.
किताब प्राचीन इस्राएल की सड़कें और राजमार्ग (अँग्रेज़ी) कहती है: “पुराने ज़माने के इस्राएल की सड़कों के बारे में अध्ययन करना बहुत मुश्किल है, इसकी खास वजह यह है कि उस ज़माने की सड़कों का आज कोई नामो-निशान नहीं है, क्योंकि [उस वक्त] सड़कें पक्की नहीं होती थीं।” फिर भी, इस देश की बनावट और यहाँ खुदाई से मिले शहरों के खंडहरों का अध्ययन करने से कई सड़कों की दिशाओं का पता चलता है।
अकसर सड़कों की दिशाओं से यह तय किया जाता था कि सैनिक दल, एक जगह से दूसरी जगह कैसे जाएँगे। (1शमू 13:17, 18; 2राजा 3:5-8) इस्राएल पर हमला करने के लिए पलिश्ती सेना, गत और एक्रोन से, उस इलाके में आयी जो “सोको और अजेका के बीच” में है। वहाँ पर यानी “एला नाम तराई में” शाऊल की सेना उनसे मिली। जब दाऊद ने गोलियत को मार गिराया, तो पलिश्ती वापस गत और एक्रोन भाग गए और दाऊद यरूशलेम आ गया।—1शमू 17:1-54.
लाकीश (घ10), अजेका (घ9), बेतशेमेश (घ9), ये शहर शेफेला से गुज़रनेवाले रास्तों पर थे, जो यहूदिया की पहाड़ियों की तरफ जाते थे। इस तरह ये शहर, बहुत अहम जगहों पर थे, क्योंकि यहाँ से उन दुश्मनों को इस्राएल के अंदर घुसने से रोका जा सकता था जो वाया मारिस के रास्ते से आते।—1शमू 6:9, 12; 2राजा 18:13-17.
[फुटनोट]
a रूबेनियों का इलाका, अराम के रेगिस्तान तक फैला था, जिसके पूर्वी सिरे पर फरात नदी थी।—1इति 5:9, 10.
[पेज 17 पर नक्शे]
(भाग को असल रूप में देखने के लिए प्रकाशन देखिए)
इस्राएल जब एक राज्य था तब उसका इलाका और सड़कें
सरहदें (सुलैमान के समय में)
तिप्सह
हमात
तदमोर
बरौतै (कून?)
सीदोन
दमिश्क
सोर
दान
यरूशलेम
अज्जा
अरोएर
बेर्शेबा
तामार
एस्योनगेबेर
एलत (एलोत)
[नदियाँ और प्रवाह]
फरात
मिस्र नदी
दाऊद और सुलैमान (सड़कें)
ख10 अज्जा
ग8 जापा
ग9 अशदोद
ग10 अशकलोन
ग11 सिकलग
ग12 पारान का वीराना
घ5 दोर
घ6 हेपेर
घ8 अपेक
घ8 रामा
घ9 शालबीम
घ9 गेजेर
घ9 माकस
घ9 एक्रोन
घ9 बेतशेमेश
घ9 गत
घ9 अजेका
घ10 सोको (झ)
घ10 अदुल्लाम
घ10 कीला
घ10 लाकीश
घ11 यत्तीर
घ12 बेर्शेबा
च2 सोर
च4 काबूल
च5 योकनाम (योकमाम?)
च5 मगिद्दो
च6 तानाक
च6 अरुब्बोत
च7 पिरातोन
च8 लेबोना
च8 सरेदा
च8 बेतेल
च9 निचला बेथोरोन
च9 ऊपरवाला बेथोरोन
च9 गेबा
च9 गिबोन
च9 गिबा
च9 किर्यत्यारीम
च9 नोब
च9 बालपरासीम
च9 यरूशलेम
च9 बेतलेहम
च10 तकोआ
च10 हेब्रोन
च11 जीप
च11 होरेश?
च11 कार्मेल
च11 मोओन
च11 एशतमो
छ5 एनदोर
छ5 शूनेम
छ5 यिज्रेल
छ6 बेतशान
छ7 तिर्सा
छ7 शेकेम
छ8 सारतान
छ8 शीलो
छ8 ओप्रा?
छ9 यरीहो
छ11 एनगदी
ज2 आबेल्वेत्माका
ज2 दान
ज3 हासोर
ज3 माका
ज5 लोदबार (दबीर)
ज5 रोगलीम
ज6 आबेलमहोला
ज7 सुक्कोत
ज7 महनैम
झ1 आराम
झ4 गशूर
झ6 गिलाद का रामोत
झ8 रब्बा
झ9 मेदबा
झ11 अरोएर
झ12 मोआब
ट4 हेलाम?
ट9 अम्मोन
[मुख्य सड़कें]
ग10 वाया मारिस
झ6 राजा की सड़क
[पहाड़]
छ5 गिलबो पर्वत
[सागर/खाड़ी]
ग8 भूमध्य सागर (महासागर)
छ10 खारा ताल (मृत सागर)
ज4 गलील सागर
[झरना या कुआँ]
च9 एनरोगेल
[पेज 16 पर तसवीरें]
दाएँ: एला नाम की तराई, यहाँ से पूर्व की ओर यहूदा की पहाड़ियाँ दिखती हैं
नीचे: वादा किए गए देश में कई सड़कें होने की वजह से, एक जगह से दूसरी जगह जाना मुमकिन था