यरूशलेम और वह मंदिर जहाँ यीशु जाया करता था
यीशु के जन्म के कुछ ही दिनों बाद, उसके माता-पिता यूसुफ और मरियम उसे यरूशलेम ले गए। यह वही शहर था जिसके साथ यीशु के स्वर्गीय पिता का नाम जुड़ा था। (लूका 2:22-39) बाइबल बताती है कि जब यीशु बारह साल का था, तब वह फसह के लिए यरूशलेम आया था। उस मौके पर मंदिर के गुरू, शास्त्र के बारे में उसकी समझ देखकर दंग रह गए। (लूका 2:41-51) उस विशाल मंदिर के कई हिस्से थे और उसे बनवाने में हेरोद महान को “छियालिस वर्ष” से ज़्यादा समय लगा था।—यूह 2:20.
अपनी सेवा के दौरान, यीशु यरूशलेम में होनेवाले पर्वों में हाज़िर होता था और अकसर वहाँ भीड़ को सिखाया करता था। दो बार उसने सर्राफों और व्यापारियों को मंदिर के आँगन से भगाया।—मत्ती 21:12; यूह 2:13-16.
मंदिर के उत्तर की ओर बेतहसदा के कुंड के पास, यीशु ने एक ऐसे आदमी को चंगा किया जो 38 साल से बीमार था। और जब परमेश्वर का बेटा यरूशलेम के दक्षिण भाग में सेवा कर रहा था, तब उसने एक अंधे आदमी को चंगा किया। जब यीशु ने उस आदमी को वहाँ शीलोह के कुंड में अपनी आँखें धोने के लिए कहा, तो उसकी आँखों की रोशनी लौट आयी।—यूह 5:1-15; 9:1, 7, 11.
यीशु अकसर बैतनिय्याह में रहनेवाले लाजर, मरियम और मार्था के घर जाया करता था, जो उसके दोस्त थे। बैतनिय्याह, यरूशलेम के पूर्व की ओर “कोई दो मील की दूरी पर था।” (यूह 11:1, 18, NW, फुटनोट; 12:1-11; लूका 10:38-42; 19:29; पेज 18 पर “यरूशलेम का इलाका” देखिए।) अपनी मौत से कुछ दिन पहले, यीशु जैतून पर्वत से होता हुआ यरूशलेम के पास आया। उस घड़ी की कल्पना कीजिए जब उसने उस पर्वत पर रुककर पश्चिम की ओर यरूशलेम शहर को देखा और वह उसके बारे में सोचकर रोया। (लूका 19:37-44) उसे कुछ ऐसा नज़ारा दिखायी दिया होगा जैसा आप अगले पेज के ऊपरी हिस्से में देख सकते हैं। इसके बाद, वह एक गदही के बच्चे पर सवार होकर यरूशलेम के अंदर गया। शायद वह एक पूर्वी फाटक से उसमें दाखिल हुआ होगा। जब वह शहर के अंदर जा रहा था, तो लोगों की भीड़ यह कहकर उसकी जय-जयकार करने लगी कि वह इस्राएल का होनेवाला राजा है।—मत्ती 21:9-12.
यीशु की मौत से पहले कुछ अहम घटनाएँ, यरूशलेम के अंदर और आस-पास के इन इलाकों में घटीं: गतसमनी का बाग, जहाँ यीशु ने प्रार्थना की; महासभा का हॉल; कैफा का घर; गवर्नर पीलातुस का महल और आखिर में गुलगुता।—मर 14:32, 53–15:1, 16, 22; यूह 18:1, 13, 24, 28.
अपने पुनरुत्थान के बाद, यीशु यरूशलेम में और उसके आस-पास की जगहों में दिखायी दिया। (लूका 24:1-49) फिर वह जैतून पहाड़ पर से स्वर्ग चला गया।—प्रेरि 1:6-12.
[पेज 31 पर रेखाचित्र]
(भाग को असल रूप में देखने के लिए प्रकाशन देखिए)
यरूशलेम/हेरोद का बनाया मंदिर
मंदिर के भाग
1.परमपवित्र स्थान
2.पवित्रस्थान
3.होमबलि की वेदी
4.बड़ा हौज़
5.याजकों का आँगन
6.इस्राएल का आँगन
7.स्त्रियों का आँगन
8.अन्यजातियों का आँगन
9.आड़ (सोरॆग)
10.शाही ओसारा
11.सुलैमान का ओसारा
मंदिर
फाटक
याजकों का आँगन
फाटक
परमपवित्र स्थान
होमबली की वेदी
पवित्रस्थान
इस्राएल का आँगन
स्त्रियों का आँगन
बड़ा हौज
फाटक
सुलैमान का औसारा
आड़ (सोरॆग)
अन्यजातियों का आँगन
फाटक
शाही ओसारा
फाटक
एन्टोनिया का गढ़
पुल
महासभा का हॉल?
टाइरोपियन घाटी
शीलोह का कुंड
पानी लाने की व्यवस्था
कैफा का घर
गवर्नर का महल (प्रीटोरियुन)
गुलगुता?
गुलगुता?
बेतहसदा का कुंड
गतसमनी का बाग?
जैतून पहाड़
किद्रोन घाटी
गीहोन का सोता
एनरोगेल
हिन्नोम की घाटी (गेहन्ना)
[पेज 30 पर तसवीरें]
पूर्व की ओर देखते हुए आज के यरूशलेम का नज़ारा: (क) मंदिर का इलाका, (ख) गतसमनी का बाग, (ग) जैतून पहाड़, (घ) यहूदा का वीराना, (च) मृत सागर
[पेज 31 पर तसवीर]
यीशु के दिनों में जैतून पहाड़ से पश्चिम की ओर का नज़ारा