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यरूशलेम और सुलैमान का मंदिर

यरूशलेम और सुलैमान का मंदिर

यरूशलेम शहर “परम सुन्दर” और “राजाधिराज का नगर” कहलाता था। (भज 48:2; 50:2; विला 2:15) यह शहर, परमेश्‍वर की चुनी हुई जाति की राजधानी था। (भज 76:2) जब दाऊद ने इस शहर को यबूसियों से छीनकर अपनी राजधानी बना लिया, तो यह “दाऊदपुर” या सिर्फ “सिय्योन” कहलाने लगा।—2शमू 5:7.

हालाँकि रणनीति के हिसाब से देखें, तो यरूशलेम इतना महफूज़ नहीं था, मगर फिर भी यह शहर काफी मशहूर था क्योंकि इसके साथ परमेश्‍वर का नाम जुड़ा था। (व्यव 26:2) यह शहर, इस्राएल जाति के लिए उपासना और सरकारी कामकाज की खास जगह था।

यरूशलेम, यहूदिया देश के बीच के पहाड़ों पर, 750 मीटर की ऊँचाई पर बसा हुआ है। बाइबल में इसकी “ऊंचाई” का ज़िक्र है और बाइबल की मूल भाषा के मुताबिक यहोवा की उपासना करनेवाले, यरूशलेम तक जाने के लिए ‘ऊपर चढ़ते’ थे। (भज 48:2; 122:3, 4) पुराने ज़माने में यह शहर वादियों (या, तराइयों) से घिरा हुआ था: पश्‍चिम और दक्षिण में हिन्‍नोम की घाटी थी और पूर्व में किद्रोन घाटी। (2राजा 23:10; यिर्म 31:40) किद्रोन घाटी के गीहोन नाम के झरने a और दक्षिण में एनरोगेल नाम के झरने से शहर को साफ पानी मिलता था। यह पानी खास तौर पर दुश्‍मन के हमले के समय बहुत काम आता था।—2शमू 17:17.

 पेज 21 पर दिए चित्र में दाऊदपुर को लाल रंग में दिखाया गया है। दाऊद और सुलैमान के राज में, इस शहर की सरहदें उत्तर की ओर ओपेल (हरा) और मोरिय्याह पहाड़ (नीला) तक फैल गयी थीं। (2शमू 5:7-9; 24:16-25) सुलैमान ने उस पहाड़ की चोटी पर यहोवा के लिए एक वैभवशाली मंदिर बनाया। कल्पना कीजिए कि कैसे यहोवा के उपासकों के झुंड-के-झुंड, सालाना पर्वों के लिए ‘यहोवा के पर्वत’ की ओर आते होंगे! (जक 8:3) जैसे पेज 17 पर दिखाया गया है, देश में बहुत-सी सड़कें होने की वजह से लोगों के लिए यरूशलेम के मंदिर तक सफर करना मुमकिन था।

सुलैमान के मंदिर की सजावट, सोने और अनमोल पत्थरों से की गयी थी और यह उस ज़माने की शानदार इमारतों में से एक था, जिसे बनाने में काफी लागत आयी थी। इसकी खासियत यह थी कि इसकी बनावट का नक्शा खुद यहोवा ने दिया था। जैसे यहाँ तसवीर में आप देख सकते हैं, मंदिर के आस-पास बड़े-बड़े आँगन और सरकारी इमारतें थीं। इस मंदिर की बारीकियों का अध्ययन करना आपके लिए बेशक फायदेमंद होगा।—1राजा 6:1–7:51; 1इति 28:11-19; इब्रा 9:23, 24.

[फुटनोट]

a राजा हिजकिय्याह ने इसी झरने के पानी को रोक दिया और एक सुरंग बनवायी जो दाऊदपुर के पश्‍चिम की ओर एक तालाब तक जाती थी।—2इति 32:4, 30.

 [पेज 21 पर रेखाचित्र/तसवीर]

(भाग को असल रूप में देखने के लिए प्रकाशन देखिए)

यरूशलेम/सुलैमान का मंदिर

सुलैमान के दिनों में मंदिर का इलाका

मंदिर के अलग-अलग भाग

1.परमपवित्र स्थान

2.पवित्रस्थान

3.ओसारा

4.बोआज़

5.याकीन

6.पीतल की वेदी

7.बड़ा हौज़

8.पाये

9.कोठरियाँ

10.भोजनकक्ष

11.भीतरी आँगन

मंदिर का इलाका

मोरिय्याह पर्वत

भोजनकक्ष

पाये

कोठरियाँ

परमपवित्र स्थान

बोआज़

पवित्रस्थान

ओसारा

पीतल की वेदी

याकीन

भीतरी आँगन

पाये

बड़ा हौज

ओपेल

नगर का चौक

जल फाटक

दाऊदपुर

सिय्योन पर्वत

दाऊद का महल

सोते का फटक

मनश्‍से की शहरपनाह?

हननेल का गुम्मट

हम्मेआ नाम गुम्मट

भेड़फाटक

पहरूओं का फाटक

निरीक्षण फाटक

घोड़ा फाटक

किद्रोन घाटी

नीचे की शहरपनाह?

गीहोन

बाद की पानी की सुरंग

टाइरोपियन घाटी

कूड़ाफाटक (ठीकरे) (गोबर)

एनरोगेल

तराई का फटक

हिन्‍नोम की घाटी

कोनेवाला फाटक

भट्टों का गुम्मट

चौड़ी शहरपनाह

एप्रैमी फाटक

नगर का चौक?

पुराना फाटक

पहले की उत्तरी शहरपनाह

नया टोला

मछली का फाटक

[तसवीर]

ओपेल

फिरौन की बेटी का भवन

सुलैमान का महल

लबानोनी वन नाम महल

खम्भेवाला ओसारा

सिंहासन का ओसारा

मोरिय्याह पर्वत

बड़ा आँगन

मंदिर

[पेज 20 पर तसवीर]

सामने के भाग में “दाऊदपुर” था। मंदिर, (पीछे दिखायी गयी) समतल ज़मीन पर था

[पेज 20 पर तसवीर]

कंप्यूटर की मदद से बनायी गयी, प्राचीन “दाऊदपुर” और सुलैमान के मंदिर की तसवीर