यहूदियों पर यूनान और रोम का असर
यूनानी साम्राज्य के नाम से मशहूर साम्राज्य की शुरूआत मकिदुनिया के पहाड़ी इलाकों में हुई। वहाँ का रहनेवाला, सिकंदर जब करीब 20-22 साल का था, तभी से वह पूर्व के देशों पर कब्ज़ा करने का सपना देखने लगा। सा.यु.पू. 334 में, अपनी सेना को लेकर वह हेलेस्पोन्ट (डारडेनेलस) आया, जो यूरोप और एशिया माइनर के बीच है। सिकंदर के अधीन यूनानियों ने, एक फुर्तीले “चीते” की तरह एक-के-बाद-एक बहुत सारे देशों को अपने कब्ज़े में कर लिया। (दानि 7:6) सिकंदर ने ट्रॉय के पास, ग्रेनिकस नदी के मैदानों पर फारसियों से हुई लड़ाई में उन पर जीत हासिल की और बाद में इसस नाम शहर में उन्हें बुरी तरह हरा दिया।
यूनानियों ने सीरिया (अराम) और फीनीके पर चढ़ाई की और सात महीने तक सोर (सूर) की घेराबंदी करने के बाद उसे तबाह कर डाला। (यहे 26:4, 12) सिकंदर ने यरूशलेम को बख्श दिया मगर अज्जा (ग़ज्जा) को जीत लिया। (जक 9:5) जब वह मिस्र आया, तो उसने वहाँ सिकंदरिया नाम का नगर बसाया, जो आगे चलकर व्यापार और शिक्षा के लिए काफी मशहूर हो गया। इसके बाद, वह फिर से वादा किए गए देश से होता हुआ गया और उसने नीनवे के खंडहरों के पास गौगामेला में फारसियों को एक बार फिर हार का मुँह दिखाया।
इसके बाद, सिकंदर दक्षिण की तरफ बढ़ा और उसने फारस की राजधानियों, यानी बाबुल, शूशन (सूसा) और पर्सेपोलिस को अपने कब्ज़े में कर लिया। इसके बाद, वह बड़ी तेज़ी से पूरे फारसी साम्राज्य को अपने कब्ज़े में करता हुआ सिंधु नदी तक पहुँचा जो आज पाकिस्तान में है। सिर्फ आठ सालों में, सिकंदर ने उस ज़माने की लगभग पूरी दुनिया को अपनी मुट्ठी में कर लिया। लेकिन, सा.यु.पू. 323 में जब वह बाबुल में था, तब मलेरिया की वजह से दानि 8:8.
उसकी मौत हो गयी। उस वक्त वह 32 साल का था।—वादा किए गए देश पर यूनानी संस्कृति का ज़बरदस्त असर हुआ। सिकंदर के कुछ पुराने सैनिक इस्राएल में ही बस गए। पहली सदी तक, वहाँ ऐसे शहर (दिकापुलिस), बस गए जहाँ यूनानी भाषा बोली जाती थी। (मत्ती 4:25; मर 7:31) इब्रानी शास्त्र का यूनानी भाषा में अनुवाद किया जा चुका था। किनी (बोलचाल की यूनानी भाषा) की मदद से दुनिया भर के देशों में मसीही शिक्षाओं का प्रचार किया गया।
रोमी साम्राज्य
इस बीच पश्चिम में क्या हो रहा था? टाइबर नदी के पास बसे कुछ गाँव, रोम के नाम से जाने जाते थे। रोम धीरे-धीरे मशहूर होने लगा। समय के गुज़रते, रोम ने अपनी ज़बरदस्त फौज और शक्तिशाली सीनेट की हुकूमत से उन सभी इलाकों पर तेज़ी से कब्ज़ा कर लिया, जहाँ सिकंदर के चार सेनापति राज करते थे। सा.यु.पू. 30 तक, दुनिया के परदे पर रोम एक ताकतवर साम्राज्य बनकर उभरने लगा। यह उस “भयंकर” जन्तु की पहली झलक थी, जिसे दानिय्येल ने दर्शन में देखा था।—दानि 7:7.
रोमी साम्राज्य ब्रिटेन से लेकर नीचे, उत्तर अफ्रीका तक और अटलांटिक महासागर से लेकर फारस की खाड़ी तक फैला हुआ था। इस साम्राज्य ने भूमध्य सागर को चारों ओर से घेर लिया था, इसलिए रोमी इस सागर को मारे नोस्त्रुम (हमारा सागर) कहते थे।
यहूदियों पर रोम का भी काफी असर पड़ा, क्योंकि उनका देश रोमी साम्राज्य का एक हिस्सा था। (मत्ती 8:5-13; प्रेरि 10:1,2) यीशु का बपतिस्मा और उसकी मौत सम्राट तिबिरियुस की हुकूमत के दौरान हुई थी। कुछ रोमी हाकिमों और सम्राटों ने मसीहियों पर वहशियाना ज़ुल्म ढाए, मगर फिर भी वे सच्ची उपासना को मिटाने में नाकाम रहे। तेरह सदियों तक, दुनिया पर हुकूमत करने के बाद यह साम्राज्य, उत्तर की कुछ जर्मन जातियों और पूरब के खानाबदोश हमलावरों के आगे हार मान गया।
[पेज 26 पर नक्शा]
(भाग को असल रूप में देखने के लिए प्रकाशन देखिए)
यूनानी साम्राज्य
सिकंदर की मौत के बाद, उसके चार सेनापतियों ने उसके विशाल साम्राज्य पर अधिकार कर लिया
▪ कसांडर
▫ लिसिमाकस
○ टॉल्मी I
• सेल्युकस I
क2 ▪ यूनान
क2 ▪ अथेने
क2 ▪ अखाया
क3 ○ करेने
क3 ○ लिबिया
ख2 ▫ बिज़ेन्टियम
ख3 ○ कुप्रुस
ख4 ○ अमोन (थीब्ज़)
ग3 पालमाइरा (तदमोर)
ग3 ○ गेरासा
ग3 ○ फिलेदिलफिया
ग3 ○ यरूशलेम
ग5 ○ सवेने
ज2 • सिकंदरिया मारजाना
सिकंदर का रास्ता
क2 ▪ मकिदुनिया
क2 ▪ पेल्ला
क2 ▫ थ्रेस
ख2 ▫ ट्राय
ख2 ▫ सरदीस
ख2 ▫ इफिसुस
ख2 ▫ गोर्डीअम
ग2 ▫ अंकारा
ग3 • तरसुस
ग3 • इसस
ग3 • अन्ताकिया (सूरिया का)
ग3 ○ सोर
ग4 ○ अज्जा
ख4 ○ मिस्र
ख4 ○ मेम्फिस
ख4 ○ सिकंदरिया
क4 ○ सीवा का मरुद्यान
ख4 ○ मेम्फिस
ग4 ○ अज्जा
ग3 ○ सोर
ग3 ○ दमिश्क
ग3 • अलेप्पो
घ3 • निसबिस
घ3 • गौगामेला
घ3 • बाबुल
च3 • शूशन
च4 • फारस
च4 • पर्सेपोलिस
च4 • पैसरगेड
च3 • मादै
च3 • इकबाताना
च3 • रेजी
च3 • हकटोमपलोस
छ3 • पारथिया
ज3 • आरिया
ज3 • सिकंदरिया आरीओन
ज3 • सिकंदरिया फ्रोफ्तासीआ
छ4 • ड्रान्जीआना
ज4 • आरकोज़ा
ज4 • सिकंदरिया ऐराकोसियोरम
झ3 • काबुल
ज3 • ड्रापसाका
झ3 • सिकंदरिया ओकस्याना
ज3 • ड्रापसाका
ज3 • बैकट्रीआ
ज3 • बैक्ट्रा
ज2 • द्यिरब्येंत
ज2 • सॉगदीयाना
ज2 • मारकंद
ज2 • बुखारा
ज2 • मारकंद
झ2 • सिकंदरिया एस्खाती
ज2 • मारकंद
ज2 • द्यिरब्येंत
ज3 • बैक्ट्रा
ज3 • बैक्ट्रीआ
ज3 • ड्रापसाका
झ3 • काबुल
झ3 • तक्षिला
झ5 • भारत
झ4 • सिकंदरिया
ज4 • जड्रोज़ा
छ4 • प्यूरा
च4 • फारस
छ4 • सिकंदरिया
छ4 • कार्मेनिया
च4 • पैसरगेड
च4 • पर्सेपोलिस
च3 • शूशन
घ3 • बाबुल
[दूसरी जगहें]
क3 क्रेते
घ4 अरब
[सागर/खाड़ी]
ख3 भूमध्य सागर
ग5 लाल सागर
च4 फारस की खाड़ी
ज5 अरब सागर
[नदियाँ]
ख4 नील
घ3 फरात
घ3 टिग्रिस
ज4 सिंधु
[पेज 27 पर नक्शा]
(भाग को असल रूप में देखने के लिए प्रकाशन देखिए)
रोमी साम्राज्य
क1 ब्रिटेन
क3 स्पेन
ख1 जर्मनिया
ख2 गॉल
ख2 इटली
ख2 रोम
ख3 कार्थेज
ग2 इल्लुरिकुम
ग3 यूनान
ग3 एक्शियम
ग3 कुरेने
घ2 बिज़ेन्टियम (कॉन्सटनटीनोपल)
घ3 एशिया माइनर
घ3 इफिसुस
घ3 अलेप्पो
घ3 अन्ताकिय (सूरिया का)
घ3 दमिश्क
घ3 गेरासा (जाराश)
घ3 यरूशलेम
घ3 सिकंदरिया
घ4 मिस्र
[सागर/खाड़ी]
क2 अटलांटिक महासागर
ग3 भूमध्य सागर
घ2 काला सागर
घ4 लाल सागर
[पेज 26 पर तसवीर]
टॉल्मी II ने रब्बा को दोबारा बसाने के बाद, उसका नाम फिलेदिलफिया रखा। यहाँ एक विशाल रोमी थियेटर के खंडहर आज तक मौजूद हैं
[पेज 27 पर तसवीर]
दिकापुलिस का एक शहर, गेरासा (जाराश)
[पेज 27 पर तसवीर]
रोमियों की बनायी सड़कें, यूरोप, उत्तर अफ्रीका और अरबी देशों तक फैली हुई थीं, मसलन अलेप्पो के पास की यह सड़क। मसीहियों ने इन्हीं सड़कों पर यात्रा करके बाइबल की सच्चाई फैलायी