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यीशु, “यहूदियों के देश” में

यीशु, “यहूदियों के देश” में

प्रेरित पतरस ने कुरनेलियुस को गवाही देते वक्‍त बताया कि यीशु ने “यहूदियों के देश और यरूशलेम में” क्या-क्या किया था। (प्रेरि 10:39, NHT) आपके खयाल से यीशु ने किन-किन इलाकों में प्रचार का वह ज़रूरी काम किया, जिससे इतिहास का रुख ही बदल गया?

“यहूदियों के देश” में यहूदिया शामिल है, जहाँ यीशु ने कुछ समय के लिए परमेश्‍वर का काम किया था। (लूका 4:44, NHT) बपतिस्मे के बाद, यीशु ने यहूदा (या, यहूदिया) के वीराने में 40 दिन गुज़ारे। यह वीराना काफी हद तक सूखा और बंजर इलाका था, जहाँ अकसर डाकू और चोर-लुटेरे घूमते रहते थे। (लूका 10:30) बाद में, यीशु ने यहूदिया से उत्तर की ओर यात्रा की, जहाँ उसने सूखार के पास एक सामरी स्त्री को गवाही दी।—यूह 4:3-7.

सुसमाचार की किताबों की जाँच करने पर हम पाते हैं कि यीशु ने प्रचार का ज़्यादातर काम, गलील में किया। हालाँकि वह सालाना पर्वों के लिए दक्षिण की तरफ यरूशलेम जाया करता था, मगर उसने अपनी सेवा के शुरू के दो साल, ज़्यादातर वादा किए गए देश के उत्तरी भाग में बिताए। (यूह 7:2-10; 10:22, 23) मसलन, उसने गलील सागर के पास या गलील सागर पर, बहुत-सी खास शिक्षाएँ दीं और बड़े-बड़े चमत्कार किए। याद कीजिए कि उसने गलील सागर में आए तूफान को शांत किया था और वह उसके पानी पर चला भी। उसने नाव पर सवार होकर, भीड़-की-भीड़ को प्रचार किया जो सागर किनारे पथरीली ज़मीन पर खड़ी थी। उसके शुरू के चेले, जो उसके करीबी दोस्त थे, गलील सागर के पास रहनेवाले मछुआरे और किसान थे।—मर 3:7-12; 4:35-41; लूका 5:1-11; यूह 6:16-21; 21:1-19.

यीशु, गलील में सेवा करते वक्‍त समुद्रतट पर बसे “अपने नगर” कफरनहूम में ठहरता था। (मत्ती 9:1) उसने अपना मशहूर पहाड़ी उपदेश, पास ही की एक पहाड़ी पर बैठकर दिया था। कभी-कभी, वह नाव पर कफरनहूम से मगदन, बैतसैदा या पास के दूसरे इलाकों में जाया करता था।

ध्यान दीजिए कि यीशु का ‘अपना नगर’ नासरत के पास ही था, जहाँ वह पला-बढ़ा था; यह नगर काना के भी, जहाँ उसने पानी को दाखमधु में बदला था; नाईन के भी, जहाँ पर उसने एक विधवा के बेटे का पुनरुत्थान किया; और बैतसैदा के भी पास था, जहाँ उसने चमत्कार करके 5,000 पुरुषों को खिलाया और एक अंधे की आँखों की रोशनी लौटायी।

सामान्य युग 32 के फसह के बाद यीशु, उत्तर की ओर सूर और सैदा गया जो फीनीके के बंदरगाहवाले शहर थे। इसके बाद, उसने अपने प्रचार का दायरा बढ़ाया और दिकापुलिस कहलानेवाले दस शहरों में से कुछ शहरों में गया। इन शहरों में ज़्यादातर यूनानी रहते थे। यीशु उस वक्‍त कैसरिया फिलिप्पी के पास था (छ2), जब पतरस ने उसे मसीहा स्वीकार किया, फिर उसके कुछ ही समय बाद, यीशु का रूपांतरण हुआ। यह घटना शायद हेर्मोन पर्वत पर घटी। बाद में, यीशु ने यरदन के उस पार यानी पूर्व में पेरिया नाम के इलाके में प्रचार किया।—मर 7:24-37; 8:27–9:2; 10:1; लूका 13:22,33.

यीशु ने धरती पर ज़िंदगी का आखिरी हफ्ता अपने चेलों के साथ, ‘महाराजा के नगर’ यरूशलेम में और उसके आस-पास बिताया। (मत्ती 5:35) आप नक्शे पर यरूशलेम के आस-पास के उन इलाकों को देख सकते हैं, जिनके बारे में आपने सुसमाचार की किताबों में पढ़ा है, जैसे इम्माऊस, बैतनिय्याह, बैतफगे और बेतलेहेम।—लूका 2:4; 19:29; 24:13. पेज 18 पर बक्स में दिया नक्शा, “यरूशलेम का इलाका” देखिए।

[पेज 29 पर नक्शा]

(भाग को असल रूप में देखने के लिए प्रकाशन देखिए)

वादा किया गया देश (यीशु के समय में)

यीशु के ज़माने का देश

दिकापुलिस के शहर

च5 हिप्पो (स)

च6 पेल्ला

च6 सितोपोलिस

छ5 गडारा

छ7 गेरासा

ज5 दियोन

ज9 फिलेदिलफिया

झ1 दमिश्‍क

झ4 रफाना

ट5 कनाता

खास रास्ते (प्रकाशन देखिए)

गलील और यरूशलेम के बीच का सीधा रास्ता (प्रकाशन देखिए)

गलील और यरूशलेम के बीच का दूसरा रास्ता, पेरिया से (प्रकाशन देखिए)

क11 अज्जा

ख6 कैसरिया

ख8 याफा (जापा)

ख9 लुद्दा

ख12 बेर्शेबा

ग4 पतुलिमयिस

ग8 सामरिया

ग8 अन्तिपत्रिस

ग8 अरिमतियाह

ग9 इम्माऊस

ग10 यहूदिया

ग11 हेब्रोन

ग12 इदूमिया

घ1 सैदा (सीदोन)

घ2 सूर

घ3 फीनीके

घ4 गलील

घ4 काना

घ5 सॆफोरस

घ5 नासरत

घ5 नाईन

घ7 सामरिया

घ7 सूखार

घ9 इफ्राईम (एप्रैम)

घ9 बैतफगे

घ9 यरूशलेम

घ9 बैतनियाह

घ10 बेतलेहम

घ10 हेरोदियम

घ10 यहूदिया का वीराना

घ12 मसाडा

च4 खुराजीन

च4 बैतसैदा

च4 कफरनहूम

च4 मगदन

च5 तिबिरियास

च5 हिप्पो (स)

च6 बैतनिय्याह (यरदन पार)

च6 सिथोपोलिस

च6 पेल्ला

च6 शालेम्‌

च6 ऐनोन

च9 यरीहो

छ1 अबिलेने

छ2 कैसरिया फिलिप्पी

छ4 गमाला

छ5 अबिला?

छ5 गडारा

छ7 पेरिया

छ7 गेरासा

ज3 इतूरैया

ज5 दियोन

ज6 दिकापुलिस

ज9 फिलेदिलफिया

झ1 दमिश्‍क

झ3 त्रोखोनीतिस

झ4 रफाना

झ12 अरब

ट5 कनाता

[पहाड़]

घ7 एबाल पर्वत

घ7 गरिज्जीम पर्वत

छ2 हेर्मोन पर्वत

[सागर/खाड़ी]

ख6 भूमध्य सागर (महासागर)

च4 गलील सागर

च10 खारा ताल (मृत सागर)

[नदियाँ]

च7 यरदन नदी

[झरने और कुएँ]

घ7 याकूब का कुआँ

[पेज 28 पर तसवीर]

गलील सागर। कफरनहूम, सामने बाँयी ओर है। यह नज़ारा गन्‍नेसरत के मैदान के दक्षिण-पश्‍चिम की तरफ का है

[पेज 28 पर तसवीर]

सामरी, गरिज्जीम पर्वत पर उपासना करते थे। पीछे एबाल पर्वत दिखाया गया है