इस जानकारी को छोड़ दें

विषय-सूची को छोड़ दें

वादा किए गए देश पर विश्‍व साम्राज्यों का हमला

वादा किए गए देश पर विश्‍व साम्राज्यों का हमला

सामान्य युग पूर्व 740 में अश्‍शूरियों ने उत्तर के इस्राएल राज्य की राजधानी, शोमरोन (या सामरिया) पर फतह हासिल की। इसी के साथ, इस्राएली एक क्रूर साम्राज्य के कब्ज़े में आ गए। अश्‍शूर, मसोपोटामिया के मैदानों के उत्तरी सिरे पर, आधे चाँद के आकार के उपजाऊ इलाके में, एक बड़ी नदी टिग्रिस के पास बसा हुआ था। अश्‍शूर के दो मुख्य शहरों, नीनवे और कालह, को निम्रोद ने बसाया था। (उत्प 10:8-12) राजा शल्मनेसेर III के दिनों में अश्‍शूर की सरहदें, पश्‍चिम की तरफ फैलती गयीं। अराम और उत्तरी इस्राएल के नदियोंवाले, फलदायी इलाके उसके कब्ज़े में आ गए।

राजा तिग्लत्पिलेसेर III (पूल) के राज में, जिसका नाम बाइबल में भी है, अश्‍शूर इस्राएल पर ज़ुल्म ढाने लगा। उसकी फौजी कार्यवाही से दक्षिण के यहूदा राज्य को भी खतरा होने लगा। (2राजा 15:19; 16:5-18) कुछ समय बाद, अश्‍शूर की सेनाएँ “महानद” की बाढ़ की तरह यहूदा के इलाकों में फैलती चली गयीं और आखिरकार वे उसकी राजधानी यरूशलेम तक पहुँच गयीं।—यशा 8:5-8.

अश्‍शूरी राजा, सन्हेरीब ने सा.यु.पू. 732 में यहूदा पर चढ़ाई की। (2राजा 18:13, 14) उसने यहूदा के 46 नगरों पर हमला करके उन्हें लूटा और तबाह कर दिया। उन्हीं नगरों में से एक था, शेफेला (नीचे के देश) का लाकीश नगर। लाकीश पर यह जीत, यरूशलेम पर कब्ज़ा करने की रणनीति में एक ज़रूरी कदम था। जैसा कि नक्शे से पता चलता है, जब अश्‍शूरी सैनिक लाकीश तक पहुँच गए, तो उन्होंने यहूदा की राजधानी यरूशलेम को पीछे की तरफ से यानी दक्षिण-पश्‍चिम से घेर लिया। सन्हेरीब ने अपने ऐतिहासिक लेख में शेखी बघारते हुए कहा कि उसने हिजकिय्याह को “एक पंछी की तरह पिंजरे में बंद कर दिया”। लेकिन अश्‍शूरी लेखों में यह नहीं लिखा है कि सन्हेरीब के सैनिकों को परमेश्‍वर के स्वर्गदूत ने कैसी मार से मारा था।—2राजा 18:17-36; 19:35-37.

अब बहुत जल्द अश्‍शूरी साम्राज्य गिरनेवाला था। मादियों ने बचे हुए अश्‍शूरी सैनिकों से लड़ना शुरू किया। मादी लोगों की ज़्यादातर आबादी उस पहाड़ी पठार पर बसी हुई थी, जो आज ईरान कहलाता है। जब मादी लोग, अश्‍शूर के खिलाफ उठने लगे तो नतीजा यह हुआ कि अश्‍शूर के लिए अपने पश्‍चिमी इलाकों पर ध्यान देना मुश्‍किल हो गया, जहाँ बगावत शुरू हो गयी थी। इस बीच, बाबुली लोग शक्‍तिशाली होते गए, यहाँ तक कि उन्होंने अश्‍शूर नगर पर भी कब्ज़ा कर लिया। सा.यु.पू. 632 में, बाबुलियों, मादियों और स्कूतियों की मिली-जुली फौज ने अश्‍शूर की “हत्यारी नगरी” नीनवे को बुरी तरह हरा दिया। स्कूती लोग खूँखार किस्म के लोग थे, जो काले सागर के उत्तर में रहते थे। नीनवे के गिरने से नहूम और सपन्याह की भविष्यवाणियाँ पूरी हुईं।—नहू 3:1; सप 2:13.

अश्‍शूर को आखिरी मार, हारान में पड़ी। यहाँ पर बाबुलियों की हौसला-बुलंद फौज ने जब अश्‍शूरियों पर धावा बोला, तो उन्होंने तब तक विरोध करने की कोशिश की जब तक कि मिस्र से उन्हें मदद न मिलती। मगर हुआ यह कि जब मिस्र का फिरौन नको अश्‍शूर की मदद करने के लिए उत्तर की ओर आ रहा था, तब मगिद्दो में यहूदा के राजा योशिय्याह ने उसका रास्ता रोक लिया। (2राजा 23:29) आखिरकार जब नको, हारान पहुँचा तब तक बहुत देर हो चुकी थी—अश्‍शूरी साम्राज्य गिर चुका था।

बाबुली साम्राज्य

“झूलते बाग,” नाम सुनते ही आपको किस शहर की याद आती है? बाबुल शहर की, जो इसी नाम की विश्‍व-शक्‍ति की राजधानी था। भविष्यवाणी में बाबुल या बाबेल की तुलना एक ऐसे सिंह से की गयी है जिसके पंख भी थे। (दानि 7:4) यह शहर, अपनी दौलत, अपने व्यापार, धर्म और ज्योतिष-विद्या के विकास के लिए दूर-दूर तक मशहूर था। यह साम्राज्य, टिग्रिस और फरात नदी के बीच दक्षिणी मसोपोटामिया के दलदलवाले मैदान पर बसा हुआ था। बाबुल शहर फरात नदी की दोनों तरफ बसा हुआ था और इसकी दीवारें ऐसी थीं कि इस शहर में दुश्‍मन का घुसना करीब-करीब नामुमकिन था।

बाबुली लोगों ने, उत्तरी अरब के पहाड़ी रेगिस्तान से व्यापार मार्ग बनाए। बाबुल के राज्य में एक वक्‍त ऐसा भी आया जब राजा नबोनाइडस, बाबुल में शासन करने की ज़िम्मेदारी बेलशस्सर को देकर कुछ समय के लिए तेमा में रहा।

बाबुल ने तीन बार कनान पर चढ़ायी की। नबूकदनेस्सर ने सा.यु.पू. 625 में मिस्रियों को कर्कमीश में हरा दिया। इसके बाद बाबुली, दक्षिण में हमात की तरफ बढ़े। वहाँ उन्होंने वापस लौटनेवाले मिस्रियों को एक बार फिर हराया। फिर बाबुली, समुद्र-तट से होते हुए नीचे मिस्र नदी तक गए और रास्ते में अशकलोन को तबाह कर दिया। (2राजा 24:7; यिर्म 47:5-7) इन्हीं हमलों के दौरान, यहूदा बाबुल के अधीन आ गया।—2राजा 24:1.

यहूदा के राजा यहोयाकीम ने सा.यु.पू. 618 में बाबुल के खिलाफ बगावत की। तब बाबुल ने पासवाले देशों की सेनाओं को यहूदा पर चढ़ाई करने के लिए भेजा और उसकी अपनी सेना ने यरूशलेम पर घेरा डालकर उसे अपने कब्ज़े में कर लिया। फिर कुछ ही समय बाद, जब राजा सिदकिय्याह ने मिस्र के साथ संधि की, तो यहूदा देश के खिलाफ बाबुलियों का क्रोध अपनी हद पार कर गया। उन्होंने दोबारा यहूदा पर आक्रमण किया और उसके शहरों को तहस-नहस करना शुरू किया। (यिर्म 34:7) आखिरकार, नबूकदनेस्सर ने अपनी सेना का रुख यरूशलेम की तरफ मोड़ा और सा.यु.पू. 607 में उसे जीत लिया।—2इति 36:17-21; यिर्म 39:10.

[पेज 23 पर नक्शा]

(भाग को असल रूप में देखने के लिए प्रकाशन देखिए)

बाबुल/अश्‍शूर का साम्राज्य

अश्‍शूर का साम्राज्य

ख4 मेम्फिस (नोप)

ख4 सोअन

ख5 मिस्र

ग2 कुप्रुस (कित्तिम)

ग3 सीदोन

ग3 सोर

ग3 मगिद्दो

ग3 शोमरोन

ग4 यरूशलेम

ग4 अशकलोन

ग4 लाकीश

घ2 हारान

घ2 कर्कमीश

घ2 अर्पाद

घ2 हमात

घ3 रिबला

घ3 अराम

घ3 दमिश्‍क

च2 गोजान

च2 मसोपोटामिया

छ2 मिन्‍नी

छ2 अश्‍शूर

छ2 खोरसाबाद

छ2 नीनवे

छ2 कालह

छ2 अश्‍शूर (नगर)

छ3 बैबिलोनिया

छ3 बाबुल

छ4 कसद

छ4 एरेख

छ4 ऊर

ज3 शूशन

ज4 एलाम

बाबुल का साम्राज्य

ग3 सीदोन

ग3 सोर

ग3 मगिद्दो

ग3 शोमरोन

ग4 यरूशलेम

ग4 अशकलोन

ग4 लाकीश

घ2 हारान

घ2 कर्कमीश

घ2 अर्पाद

घ2 हमात

घ3 रिबला

घ3 अराम

घ3 दमिश्‍क

घ5 तेमा

च2 गोजान

च2 मोसोपोटामिया

च4 अरब

छ2 मिन्‍नी

छ2 अश्‍शूर

छ2 खोरसाबाद

छ2 नीनवे

छ2 कालह

छ2 अश्‍शूर (नगर)

छ3 बैबिलोनिया

छ3 बाबुल

छ4 कसद

छ4 एरेख

छ4 ऊर

ज3 शूशन

ज4 एलाम

[दूसरी जगहें]

ज2 मादै

खास रास्ते (प्रकाशन देखिए)

[सागर/खाड़ी]

ख3 भूमध्य सागर (महासागर)

ग5 लाल सागर

झ1 कैस्पियन सागर

झ5 फारस की खाड़ी

[नदियाँ]

ख5 नील

च2 फरात

छ3 टिग्रिस

[पेज 22 पर तसवीर]

लाकीश का टीला

[पेज 22 पर तसवीर]

प्राचीन मगिद्दो का एक नमूना

[पेज 23 पर तसवीर]

बाबुल के झूलते बागों के बारे में एक कलाकार की कल्पना