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आरमागेदोन के बाद एक परादीस रूपी पृथ्वी

आरमागेदोन के बाद एक परादीस रूपी पृथ्वी

अध्याय १९

आरमागेदोन के बाद एक परादीस रूपी पृथ्वी

१. (क) आरमागेदोन के विषय में सामान्य दृष्टिकोण क्या है? (ख) उसके विषय में बाइबल क्या कहती है?

“आरमागेदोन” बहुतों के लिये भयोत्पादक शब्द है। विश्‍वनेता अक्सर इस शब्द को एक संभावित तृतीय विश्‍वयुद्ध की ओर इंगित करने के लिये प्रयोग करते हैं। तथापि, बाइबल आरमागेदोन के विषय में यह कहती है कि यह वह स्थान है जहाँ परमेश्‍वर एक न्याययुक्‍त युद्ध लड़ेगा। (प्रकाशितवाक्य १६:१४, १६, किंग जेम्स वर्शन) परमेश्‍वर का यह युद्ध एक न्याययुक्‍त नयी व्यवस्था के लिये मार्ग तैयार करेगा।

२. (क) कौन आरमागेदोन पर नष्ट किए जायेंगे? (ख) अतः हमें किन कार्यों के अभ्यास से बुद्धिमतापूर्वक बचे रहना चाहिये?

मनुष्यों के युद्धों के असमान जो भले और बुरे दोनों प्रकार के लोगों का वध करते हैं, आरमागेदोन केवल बुरे लोगों को नष्ट करेगा। (भजन संहिता ९२:७) यहोवा परमेश्‍वर न्यायाधीश होगा और वह उन व्यक्‍तियों का भी जो जानबूझकर उसके न्याययुक्‍त नियमों का पालन करने से इन्कार करते हैं, हटा देगा। आज अनेक व्यक्‍ति हैं जो इस प्रकार की बातें जैसे परगमन, शराब में धुत होने, झूठ बोलने अथवा बेईमानी करने को अनुचित नहीं समझते हैं। परन्तु, परमेश्‍वर के अनुसार, ये बातें गलत हैं। अतः वह आरमागेदोन पर उनको जो इन सब में लिप्त रहते हैं, नहीं बचाएगा। (१ कुरिन्थियों ६:९, १०; प्रकाशितवाक्य २१:८) इन विषयों पर परमेश्‍वर के नियमों को जानते हुए उन व्यक्‍तियों के लिये जो इस प्रकार की बुरी बातों को व्यवहार में लाते हैं; अपने तौर तरीके बदलना अनिवार्य है।

३. (क) यीशु ने वर्तमान संसार के अन्त की तुलना किससे की थी? (ख) शैतान और उसके पिशाचों का क्या होगा? (ग) आगामी पृष्ठों पर दिये गये शास्त्र पदों के अनुसार परादीस रूपी पृथ्वी पर किस प्रकार की स्थितियों का आनन्द उठाया जायेगा?

आरमागेदोन के पश्‍चात्‌ इस दुष्ट संसार का कोई भी भाग बाक़ी नहीं रहेगा। केवल वही व्यक्‍ति जो परमेश्‍वर की सेवा करते हैं, जीवित रहेंगे। (१ यूहन्‍ना २:१७) यीशु मसीह ने इस स्थिति की नूह के दिनों से तुलना की थी। (मत्ती २४:३७-३९; २ पतरस ३:५-७, १३; २:५) आरमागेदोन के पश्‍चात्‌, परमेश्‍वर का राज्य केवल एकमात्र सरकार होगी जो पृथ्वी के ऊपर शासन करेगी। शैतान और उसके पिशाच जाते रहेंगे। (प्रकाशितवाक्य २०:१-३) पूर्व पृष्ठों पर उन कुछेक आशीषों पर विचार कीजिए जिनका आनन्द बाइबल की सूचना के अनुसार केवल परमेश्‍वर के आज्ञाकारी लोग उठायेंगे।

सब मनुष्यों के मध्य शांति

“हमारे लिये एक बालक उत्पन्‍न हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया; और प्रतापी शासन उसके कांधे पर होगा। और उसका नाम . . . शांति का राजकुमार रखा जायेगा। उसके प्रतापी शासन की बहुतायत का और उसकी शांति का अंत न होगा।”—यशायाह ९:६, ७.

“उसके दिनों में धर्मी लोग फूले-फलेंगे, और जब तक चाँद बना रहेगा तब तक शांति की बहुतायत होगी। समुद्र से समुद्र तक और महानद से पृथ्वी के छोर तक प्रजा पर उसकी प्रभुता होगी।”—भजन संहिता ७२:७, ८.

फिर युद्ध न होगा

“आओ, तुम लोगो, यहोवा के महाकर्म देखो कि उसने पृथ्वी पर कैसी विस्मयकारी घटनाएं की हैं। वह पृथ्वी के छोर तक लड़ाइयों को मिटा रहा है।”—भजन संहिता ४६:८, ९.

सबके लिये उत्तम घर व आनन्ददायक काम

“वे घर बनायेंगे और उनमें बसेंगे . . . और ऐसा नहीं होगा कि वे बनायें और दूसरा उसमें बसे; वे लगायें और दूसरा खाये . . . मेरे चुने हुए लोग अपने कामों का पूरा लाभ उठायेंगे। उनका परिश्रम व्यर्थ न होगा और न उनके बालक घबराहट के लिये उत्पन्‍न होंगे; क्योंकि वे यहोवा के चुने हुए लोगों की सन्तान हैं जिनमें उनके वंशज सम्मिलित हैं।”—यशायाह ६५:२१-२३.

अपराध, हिंसा और दुष्टता की समाप्ति

“क्योंकि कुकर्मी लोग स्वयं काट डाले जायेंगे . . . केवल थोड़ा समय रह गया है और दुष्ट अस्तित्व में नहीं रहेगा, और तू उसके स्थान को भलीभांति देखेगा, और उसका अस्तित्व नहीं होगा।”—भजन संहिता ३७:९, १०.

“और जो दुष्ट हैं, वे इस पृथ्वी पर से काट डाले जायेंगे; और जो विश्‍वासघाती हैं वे उखाड़ दिये जायेंगे।”—नीतिवचन २:२२.

सारी पृथ्वी एक परादीस

यीशु ने कहा था: “तू मेरे साथ परादीस में होगा।”—लूका २३:४३.

“धर्मी लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे और उसमें सदा बसे रहेंगे।”—भजन संहिता ३७:२९.

सबके भोजन के लिये अच्छी वस्तुएं बहुतायत में होंगी

“सेनाओं का यहोवा सब देश के लोगों के लिये ऐसी दावत करेगा जिसमें भांति-भांति का चिकना भोजन और निथरा हुआ दाखमधु होगा और उत्तम से उत्तम चिकना भोजन होगा।”—यशायाह २५:६.

“और पृथ्वी पर अन्‍न बहुतायत में होगा यहाँ तक कि पर्वतों की चोटियाँ भी उससे ढक जायेंगी।” “भूमि निश्‍चय अपनी उपज देगी और जो हमारा परमेश्‍वर है, हमें आशीष देगा।”—भजन संहिता ७२:१६; ६७:६.

४, ५. (क) किस प्रकार की परिस्थितियाँ परादीस रूपी पृथ्वी पर अस्तित्व में न होंगी? (ख) लोग अनेक स्थानों में क्या करने के योग्य होंगे जो वे आज नहीं कर सकते हैं?

निश्‍चय आप उस परादीस रूपी पृथ्वी पर रहने के इच्छुक होंगे जो उस उद्यान के समान होगा जहाँ प्रथम पुरुष आदम की सृष्टि हुई थी। (उत्पत्ति २:८; लूका २३:४३) ज़रा उस स्थिति पर विचार कीजिए—वहाँ न युद्ध, न अपराध न हिंसा होगी। वहाँ आप दिन या रात के किसी भी समय कहीं भी बिना किसी हानि के डर से चल फिर सकेंगे। तब दुष्ट बिल्कुल न रहेंगे।—भजन संहिता ३७:३५-३८.

इसका यह अर्थ है कि वहाँ लोगों को तंग करने के लिये बेईमान राजनीतिज्ञ और लोभी व्यापारी नेता नहीं होंगे। और वहाँ सैन्य शस्त्रों की कीमत अदा करने के लिये लोगों पर भारी करों का भार नहीं होगा। वहाँ फिर कभी कोई व्यक्‍ति अच्छा भोजन और आरामदायक मकान के बिना इसलिए नहीं होगा क्योंकि वह उनका मूल्य देने में समर्थ नहीं है। वहाँ बेरोज़गारी, मुद्रास्फीति, महंगाई फिर कभी न होगी। वे परेशानियाँ जो आज सब परिवार अनुभव करते हैं, अस्तित्व में न रहेंगे। और सबके पास करने के लिये सुखकर काम होंगे और वे अपनी मेहनत का नतीजा देखने और उससे आनन्द उठाने के योग्य होंगे।

६. (क) आरमागेदोन के उत्तरजीवी लोग क्या काम करेंगे? (ख) परमेश्‍वर उस कार्य को जो उस समय किया जायेगा, कैसे आशीष देगा?

सबसे पहले, उन लोगों के पास जो आरमागेदोन से बच निकलेंगे, पृथ्वी को साफ करने का और इस पुरानी व्यवस्था से हुई तबाहियों को हटाने का काम होगा। और तब राज्य शासन के निर्देशन के अधीन उन्हें पृथ्वी पर कृषि करने और रहने के लिए उसे एक सुन्दर स्थान बनाने का एक विशेषाधिकार प्राप्त होगा। वह कितना प्रमोदित कार्य होगा! हर कार्य पर जो किया जाएगा, परमेश्‍वर की बरकत होगी। अन्‍न उगाने और पशुधन बढ़ाने के लिये वह उपयुक्‍त प्रकार की जलवायु प्रदान करेगा, और वह इस बात का ध्यान रखेगा कि वे रोग और हानि से सुरक्षित रहें।

७. (क) परमेश्‍वर की कौनसी प्रतिज्ञा पूरी होगी? (ख) परमेश्‍वर की प्रतिज्ञ के अनुसार मसीही किस बात की प्रतीक्षा करते हैं?

स्नेही सृष्टिकर्त्ता की यह प्रतिज्ञा जो बाइबल की पुस्तक में जो भजन संहिता के लेखक द्वारा दी गयी है, पूरी होगी: “तू अपनी मुट्ठी खोलकर सब प्राणियों को आहार से तृप्त करता है।” (भजन संहिता १४५:१६) हाँ, ईश्‍वर का भय माननेवाले सब व्यक्‍तियों की उपयुक्‍त इच्छाएं पूर्ण रूप से पूरी होंगी। यहाँ तक कि हम कल्पना नहीं कर सकते हैं कि पृथ्वी पर परादीस में जीवन कितना अत्युत्तम होगा। अपने लोगों को आशीष देने के लिये परमेश्‍वर के प्रबंध के विषय में बताते हुए प्रेरित पतरस ने लिखा: “उसकी [परमेश्‍वर की] प्रतिज्ञा के अनुसार हम एक नये आकाश और एक नयी पृथ्वी की आस देखते हैं, जिनमें धार्मिकता वास करेगी।”—२ पतरस ३:१३; यशायाह ६५:१७; ६६:२२.

८. (क) हमें नये भौतिक आकाश की आवश्‍यकता क्यों नहीं है? (ख) “नये आकाश” क्या हैं?

ये “नये आकाश” क्या हैं? वे नये भौतिक आकाश नहीं हैं। परमेश्‍वर ने हमारे भौतिक आकाश को परिपूर्ण बनाया और उनसे परमेश्‍वर की महिमा होती है। (भजन संहिता ८:३; १९:१, २) “नये आकाश” पृथ्वी के ऊपर एक नयी शासकता की ओर इशारा करते हैं। वे “आकाश” अब मनुष्य द्वारा निर्मित सरकारों से बने हैं। आरमागेदोन पर ये खत्म हो जायेंगे। (२ पतरस ३:७) “नये आकाश” जो उनका स्थान होंगे परमेश्‍वर की स्वर्गीय सरकार होगा और उसका राजा यीशु मसीह होगा। परन्तु उसके वफ़ादार अनुयायियों में से १४४,००० व्यक्‍ति उसके साथ “नये आकाश” का भाग बनकर राज्य करेंगे।—प्रकाशितवाक्य ५:९, १०; १४:१, ३.

९. (क) “नयी पृथ्वी” क्या है? (ख) वह पृथ्वी क्या है जो नष्ट की जायेगी?

तब वह “नयी पृथ्वी” क्या है? वह एक नया ग्रह नहीं है। परमेश्‍वर ने इस ग्रह पृथ्वी को मनुष्यों के रहने के लिये बिल्कुल उपयुक्‍त बनाया, और उसकी इच्छा यह है कि वह सर्वदा कायम रहे। (भजन संहिता १०४:५) “नयी पृथ्वी” लोगों के एक नये समूह अथवा समाज की ओर इशारा करती है। बाइबल अक्सर शब्द “पृथ्वी” का प्रयोग इसी रीति से करती है। उदाहरणतया वह कहती है: “सारी पृथ्वी [अर्थात्‌ लोग] पर केवल एक ही भाषा थी।” (उत्पत्ति ११:१) “पृथ्वी” जो नष्ट की जायेगी, वे लोग हैं जो अपने आपको इस दुष्ट रीति-व्यवहार का भाग बनाते हैं। (२ पतरस ३:७) “नयी पृथ्वी” जो प्रतिस्थापित होगी परमेश्‍वर के उन सच्चे सेवकों से बनी होगी जिन्होंने अपने आपको इन दुष्ट लोगों के इस संसार से अलग कर लिया है।—यूहन्‍ना १७:१४; १ यूहन्‍ना २:१७.

१०. (क) कौन हैं जो अब इकट्ठे किये जा रहे हैं और किसमें? (ख) आगामी पृष्ठों पर दिये गये शास्त्र पदों के अनुसार परादीस रूपी पृथ्वी पर क्या संपन्‍न होगा जो मानव सरकारें नहीं कर सकती हैं?

१० इस समय अब सब प्रजातियों और राष्ट्रीयताओं के लोग जो इस “नयी पृथ्वी” का हिस्सा बनेंगे, मसीही सभा में एकत्रित किये जा रहे हैं। एकता और शांति जो उनमें विद्यमान है, उस बात का केवल एक छोटा पूर्वदर्शन है जिससे आरमागेदोन के बाद परादीस रूपी पृथ्वी पर जीवन व्यतीत करना अतिसुखदायक होगा। वास्तव में परमेश्‍वर का राज्य ऐसी स्थिति उत्पन्‍न करेगा जिसे कोई मानव सरकार लाने की आशा भी नहीं कर सकती है। आगामी पृष्ठों पर इस प्रकार की कुछेक बरकतों पर जरा विचार कीजिए।

सारी मानवजाति में एक स्नेहपूर्ण भाईचारा

“परमेश्‍वर पक्षपाती नहीं है बल्कि प्रत्येक राष्ट्र में जो व्यक्‍ति उसका भय मानता है और धार्मिकता के कार्य करता है, उसे स्वीकार्य है।”—प्रेरितों के काम १०:३४, ३५.

“देखो! सब राष्ट्रों और कुलों और लोगों और भाषाओं में से एक ऐसी बड़ी भीड़ जिसको कोई गिन नहीं अकता था . . . खड़ी है। वे फिर भूखे और प्यासे न रहेंगे।”—प्रकाशितवाक्य ७:९, १६.

मनुष्यों और पशुओं के मध्य शांति

“तब वास्तव में भेड़िया भेड़ के बच्चे के साथ रहेगा, और चीता बकरी के बच्चे के साथ बैठा करेगा और बछड़ा और जवान सिंह और पाला पोसा हुआ बैल इकट्ठे रहेंगे, और एक छोटा लड़का उनकी अगुवाई करेगा।”—यशायाह ११:६; यशायाह ६५:२५.

बीमारी, वृद्ध अवस्था अथवा मृत्यु फिर न रहेगी

“उस समय अंधों की आँखें खोली जायेंगी और बहरों के कान भी खोले जायेंगे तब लंगड़ा हरिण की सी चौकड़िया भरेगा और गूंगे अपनी जिव्हा से जय-जयकार करेंगे।”—यशायाह ३५:५, ६.

“और परमेश्‍वर स्वयं उनके मध्य होगा। और वह उनकी आँखों से सब आँसू पोंछ डालेगा, इसके बाद मृत्यु न रहेगी और न शोक, न विलाप न पीड़ा रहेगी। पहली बातें जाती रहीं।”—प्रकाशितवाक्य २१:३, ४.

“मरे हुए पुनर्जीवित किये जाते हैं

“वह समय आता है कि वे सब जो स्मारक कब्रों में हैं उसकी आवाज़ सुनकर बाहर निकलेंगे।”—यूहन्‍ना ५:२८, २९.

“समुद्र ने उन मरे हुओं को जो उसमें थे, दे दिया और मृत्यु और हेडीस ने उन मरे हुओं को जो उनमें थे, दे दिया।”—प्रकाशितवाक्य २०:१३.

११. जिस प्रकार का परादीस लोग अब बनाते हैं वह अक्सर किन बातों से बरबाद हो जाता है?

११ यह पुरानी व्यवस्था जो भी स्थिति ला सकती है, उसकी अपेक्षा परमेश्‍वर के राज्य के अधीन परादीस कितना उत्तम होगा! यह सच है, कि कुछ लोगों ने उस स्थान को जहाँ वे रहते हैं, ऐसा सुन्दर बनाया है कि वह परादीस के समान दिखाई देता है। परन्तु वे लोग जो इन स्थानों में इकट्ठे रहते हैं शायद नीच और स्वार्थी हैं और शायद एक दूसरे से घृणा भी करते हैं। और समय आने पर वे बीमार हो जाते हैं, और बूढ़े होकर मर जाते हैं। आरमागेदोन के पश्‍चात्‌, तथापि पृथ्वी पर इस परादीस में केवल सुन्दर घर, बाग और उद्यान के अतिरिक्‍त कुछ अधिक भी सम्मिलित होगा।

१२, १३. (क) आरमागेदोन के पश्‍चात्‌, शांति की क्या परिस्थितियाँ होंगी? (ख) इन परिस्थितियों को लाने के लिए किस बात की आवश्‍यकता है?

१२ ज़रा उस विषय में सोचिये। सब प्राजातियों और राष्ट्रीयताओं के लोग भाई बहिनों के एक परिवार के समान इकट्ठे रहना सीखेंगे। वे वास्तव में एक दूसरे से प्रेम रखेंगे। उनमें कोई भी स्वार्थी अथवा निर्दयी नहीं होगा। कोई भी किसी दूसरे व्यक्‍ति से इसलिये घृणा नहीं करेगा कि वह दूसरी प्रजाति या रंग का है या वह किसी दूसरे देश का है। पक्षपात का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा। पृथ्वी पर सब व्यक्‍ति एक दूसरे के सच्चे मित्र और पड़ोसी बनेंगे। वास्तव में वह आध्यात्मिक रीति से एक परादीस होगा। क्या आप “नये आकाश” के अधीन इस परादीस में रहना पसंद करेंगे?

१३ आज लोग शांति में इकट्ठा रहने के विषय में बहुत चर्चा करते हैं, यहाँ तक कि उन्होंने “संयुक्‍त राष्ट्र” संगठन भी स्थापित किया है। फिर भी लोगों और राष्ट्रों में इतना अधिक मतभेद है जो पहले कभी नहीं था। इसलिए किस बात की आवश्‍यकता है? लोगों के दिलों के बदलने की आवश्‍यकता है। परन्तु इस संसार की सरकारों के लिये इस प्रकार का आश्‍चर्यजनक कार्य संपन्‍न करना बिल्कुल असंभव है। तथापि परमेश्‍वर के प्रेम के विषय में बाइबल का संदेश यह आश्‍चर्यजनक कार्य कर रहा है।

१४. अभी क्या घटित हो रहा है जिससे यह सिद्ध होता है कि परादीस रूपी परिस्थितियाँ अवश्‍य होंगी?

१४ न्याययुक्‍त नयी व्यवस्था के विषय में ज्ञान प्राप्त करने पर अनेक लोगों के मन परमेश्‍वर से प्रेम करने के लिये प्रेरित हुए हैं। जैसा कि परमेश्‍वर का व्यवहार प्रेममय है इसी प्रकार वे भी दूसरों से प्रेममय रीति से व्यवहार करने लगे हैं। (१ यूहन्‍ना ४:९-११, २०) इससे उनके जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन आया है। अनेक व्यक्‍ति जो नीच और घृणापूर्ण थे और खूंखार पशुओं के समान थे अब नम्र और शांतिमय हो गये हैं। वे आज्ञाकारी भेड़ों के समान मसीही झुंड में एकत्रित हो गये हैं।

१५. (क) मसीहियों के दो समूह क्या हैं? (ख) किन प्रथम व्यक्‍तियों से “नयी पृथ्वी” बनेगी?

१५ उन १४४,००० मसीहियों का “छोटा झुंड” १९०० से अधिक वर्षों से इकट्ठा किया जा रहा था, जो मसीह के साथ राज्य करेंगे। उनमें केवल थोड़े हैं जो पृथ्वी पर बाक़ी रह गये हैं, उनमें अधिकतर व्यक्‍ति अब स्वर्ग में मसीह के साथ राज्य कर रहे हैं। (लूका १२:३२; प्रकाशितवाक्य २०:६) परन्तु अन्य मसीहियों का ज़िक्र करते हुए यीशु ने कहा था: “मेरी दूसरी भेड़ें भी हैं जो इस भेड़शाला [“छोटा झुंड”] की नहीं हैं, मुझे उनका भी लाना अवश्‍य है, वे मेरी आवाज़ सुनेंगी तब एक ही झुंड होगा और एक ही चरवाहा होगा।” (यूहन्‍ना १०:१६) इन “दूसरी भेड़ों” की एक “बड़ी भीड़” भी अब इकट्ठी की जा रही है। वे “नयी पृथ्वी” के प्रथम व्यक्‍ति होंगे। यहोवा इनको पार्थिव परादीस में रहने के लिये इस दुष्ट व्यवस्था की समाप्ति पर “बड़े क्लेश” से सुरक्षित रखेगा।—प्रकाशितवाक्य ७:९, १०, १३-१५.

१६. किस आश्‍चर्यजनक कार्य द्वारा पशुओं के साथ रहना सुखमय होगा?

१६ आरमागेदोन के बाद एक दूसरा आश्‍चर्यजनक कार्य परादीस परिस्थितियों में वृद्धि लायेगा। सिंह, शेर, चीते और रीछ जैसे पशुओं के मध्य जो अब ख़तरनाक सिद्ध होते हैं, शांति होगी। तब उस समय जंगल में सैर करना और थोड़ी देर के लिये एक सिंह और बाद में शायद एक बड़े रीछ का आपके साथ इस सैर में होना कितना उत्तम होगा! फिर कभी किसी को किसी दूसरे जीव से डरने की आवश्‍यकता नहीं रहेगी।

१७, १८. (क) दुःख का वह कारण क्या है जो परादीस रूपी पृथ्वी पर फिर कभी नहीं रहेगा? (ख) हम कैसे निश्‍चित हो सकते हैं कि सब पूर्ण स्वास्थ्य का आनन्द उठायेंगे?

१७ फिर भी चाहे घर और बाग कितने ही सुन्दर हों और लोग कितने कृपालु और प्रेममय हों और पशु कितने स्नेही हों, यदि हम बीमार हो जायें, बूढ़े हो जायें और मर जायें तो दुःख फिर भी रहेगा। परन्तु कौन है जो सब को पूर्ण स्वास्थ्य दे सकता है? मानव सरकारें कैंसर, दिल की और अन्य बीमारियाँ मिटाने में असफल रही हैं। फिर भी यदि वे ऐसा करने में सफल भी हो जायें तो डॉक्टर इस बात को स्वीकार करते हैं कि इससे लोगों का बूढ़ा होना बंद नहीं होगा। हम फिर भी बूढ़े होंगे। समय आने पर हमारी आँखें धुंधला जायेंगी, हमारी मांसपेशियाँ कमज़ोर हो जायेंगी, हमारी त्वचा में झुर्रियाँ पड़ जायेंगी और हमारे शरीर के अंदर के अंग काम करना बंद कर देंगे। हमारी मृत्यु हो जायेगी। कितना दुःखद है!

१८ आरमागेदोन के बाद परादीस रूपी पृथ्वी में परमेश्‍वर एक महान आश्‍चर्यजनक कार्य के द्वारा यह सब कुछ बदल देगा, क्योंकि यह बाइबल की प्रतिज्ञा है: “कोई निवासी यह नहीं कहेगा: ‘मैं बीमार हूँ।’” (यशायाह ३३:२४) जब यीशु पृथ्वी पर था तो उसने उन सब प्रकार की बीमारी और रोग को अच्छा करके अपनी सामर्थ्य का प्रमाण दिया था, जो उस पाप का परिणाम है जिसे हमने आदम से विरासत में प्राप्त किया है। (मरकुस २:१-१२; मत्ती १५:३०, ३१) राज्य के शासन के अधीन हमारा वृद्ध होना भी बंद हो जायेगा। बूढ़े भी फिर से जवान हो जायेंगे। हाँ, ‘मनुष्य की देह युवा की देह से अधिक स्वस्थ हो जायेगी।’ (अय्यूब ३३:२५) तब हर सुबह उठकर यह अनुभव करना कि आप पिछले दिन की अपेक्षा बेहतर स्वास्थ्य में हैं, कितना रोमाँचक होगा!

१९. वह अंतिम शत्रु कौन है जो नष्ट किया जायेगा और कैसे?

१९ निश्‍चय कोई भी व्यक्‍ति जो परादीस रूपी पृथ्वी पर तरुण और पूर्ण स्वास्थ्य में होगा, कभी मरने के लिये इच्छुक नहीं होगा। किसी को मरने की आवश्‍यकता नहीं होगी! उनका छुड़ौती-बलिदान के लाभ प्राप्त करने का यह अर्थ होगा कि वे परमेश्‍वर के “मसीह यीशु हमारे प्रभु के अनन्त जीवन” के महान वरदान का आनन्द अब जाकर लेंगे। (रोमियों ६:२३) जैसा कि बाइबल कहती है: “जब तक परमेश्‍वर सब शत्रुओं को उसके पांव के तले न ले आए तब तक उसका [मसीह का] राजा बनकर शासन करना अवश्‍य है। अंतिम शत्रु जो नाश किया जायेगा मृत्यु है।”—१ कुरिन्थियों १५:२५, २६; यशायाह २५:८.

२०. इस समय जो व्यक्‍ति जीवित हैं, उनके अतिरिक्‍त वे कौन हैं जो परादीस रूपी पृथ्वी का आनन्द उठायेंगे और वह कैसे संभव होगा?

२० यहाँ तक कि वे व्यक्‍ति जो अब मर चुके हैं, परादीस रूपी पृथ्वी का आनन्द उठायेंगे। वे पुनर्जीवित होंगे! अब, उस समय, मौत की सूचनाओं की अपेक्षा उन व्यक्‍तियों के विषय में जो जी उठाये गये हैं, आनन्दपूर्ण सूचनाएं मिलेंगी। मरे हुओं में से जी उठे पिताओं, माताओं, बच्चों और अन्य प्रिय व्यक्‍तियों का स्वागत करना कितना अत्युत्तम होगा। परादीस रूपी पृथ्वी की सुन्दरता को नष्ट करने के लिये फिर कभी अंत्येष्टि बैठक खाने, क़ब्रस्थान अथवा क़ब्रशिलाएं नहीं रहेंगी।

२१. (क) कौन हैं जो यह देखने के लिए सहायता करेंगे कि “नये आकाश” के नियम और आदेशों का पालन किया जाय? (ख) हम कैसे प्रदर्शित कर सकते हैं कि हम वास्तव में “नये आकाश” और “नयी पृथ्वी” चाहते हैं?

२१ कौन परादीस रूपी पृथ्वी पर क्रियाकलापों का निर्देशन अथवा संचालन करेंगे? सभी नियम और आदेश ऊपर “नये आकाश” से जारी होंगे। परन्तु पृथ्वी पर वफादार पुरुष यह देखने के लिये नियुक्‍त किये जायेंगे कि इन नियमों और आदेशों का पालन किया जाय। क्योंकि ये पुरुष विशेष रीति से स्वर्गीय राज्य के प्रतिनिधि होंगे, इसलिये बाइबल इनको “राजकुमार” कहती है। (यशायाह ३२:१, २; भजन संहिता ४५:१६) मसीही कलीसिया में आज भी परमेश्‍वर की पवित्र आत्मा द्वारा उसके क्रियाकलाप का निर्देशन करने और क्रियान्विति का ध्यान रखने के लिये पुरुष नियुक्‍त किये गये हैं। (प्रेरितों के काम २०:२८) आरमागेदोन के पश्‍चात्‌ हम इस विषय में आश्‍वस्त हो सकते हैं कि मसीह इस बात की ओर ध्यान देगा कि राजकीय सरकार का प्रतिनिधित्व करने के लिये सही पुरुषों की नियुक्‍ति हो क्योंकि तब प्रत्यक्ष रूप से पृथ्वी के कार्यों में मसीह का हाथ होगा। आप कैसे प्रदर्शित कर सकते हैं कि आप उत्साहपूर्वक परमेश्‍वर के “नये आकाश” और “नयी पृथ्वी” की प्रतीक्षा कर रहे हैं? यह आप उस न्याययुक्‍त नयी व्यवस्था में रहने की शर्त्तों को पूरा करके कर सकते हैं। इसलिए वह सब कुछ, जो आप कर सकते हैं, करें।—२ पतरस ३:१४.

[अध्ययन के लिए सवाल]