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क्या सही, क्या गलत: अच्छी सलाह मानें, अच्छे नतीजे पाएँ

क्या सही, क्या गलत: अच्छी सलाह मानें, अच्छे नतीजे पाएँ

बाइबल में ज़िंदगी के कई मामलों के बारे में बढ़िया सलाह दी है। लाखों लोगों को इससे बहुत फायदा हुआ है। आइए ऐसे ही चार मामलों पर ध्यान दें।

1. शादी

शादी के बंधन में खुश रहने के लिए क्या करना है, इस बारे में लोगों की अलग-अलग राय है।

बाइबल में लिखा है: “तुममें से हरेक अपनी पत्नी से वैसा ही प्यार करे जैसा वह अपने आप से करता है। और पत्नी भी अपने पति का गहरा आदर करे।”​—इफिसियों 5:33.

इसका क्या मतलब है? शादी के इंतज़ाम की शुरूआत परमेश्‍वर ने की है, इसलिए उसे सबसे अच्छी तरह पता है कि पति-पत्नी को खुश रहने के लिए क्या करना चाहिए। (मरकुस 10:6-9) दोनों को बस यह नहीं सोचना चाहिए कि मुझे अपने साथी से क्या मिलेगा, बल्कि यह सोचना चाहिए कि मैं अपने साथी के लिए क्या कर सकता हूँ। जो पति अपनी पत्नी से प्यार करता है, वह उससे अच्छे-से पेश आएगा और उसका खयाल रखेगा। और जो पत्नी अपने पति का आदर करती है, वह उसका पूरा साथ देगी और उससे अच्छे-से बात करेगी। इस तरह उनका रिश्‍ता मज़बूत होगा।

अच्छी सलाह, अच्छे नतीजे: वियतनाम में रहनेवाले क्वांग और ती अपनी शादी से बिलकुल खुश नहीं थे। क्वांग अकसर अपनी पत्नी से लड़ता-झगड़ता था। वह कहता है, “मैं उस पर ताने कसता रहता था। मैं कभी नहीं सोचता था कि उसे कैसा लगता होगा।” इसलिए उसकी पत्नी तलाक लेना चाहती थी। वह कहती है, “मेरे दिल में उनके लिए ज़रा भी इज़्ज़त नहीं रह गयी थी, ना ही मैं उन पर भरोसा कर सकती थी।”

फिर उन दोनों ने जाना कि बाइबल में पति-पत्नियों के लिए क्या सलाह दी है और वे यह सलाह कैसे मान सकते हैं। (इफिसियों 5:33) क्वांग कहता है, “बाइबल से मैंने सीखा कि मुझे अपनी पत्नी के साथ अच्छे-से पेश आना है, उससे प्यार करना है, उसकी ज़रूरतों का खयाल रखना है और उसकी भावनाएँ समझनी हैं। जब मैं ऐसा करने लगा, तो वह मुझसे और प्यार करने लगी और मेरा आदर करने लगी।” उसकी पत्नी बताती है, “जब मैं बाइबल की सलाह मानकर अपने पति का आदर करने लगी, तो वह मुझसे और भी प्यार करने लगे, मेरा और भी खयाल रखने लगे।”

शादीशुदा ज़िंदगी के बारे में और जानने के लिए jw.org पर 2018 की सजग होइए!  का अंक 2 पढ़ें: “12 सुझाव आज़माएँ, अपने परिवार को सुखी बनाएँ।

2. दूसरों के साथ व्यवहार

अगर कोई दूसरी जाति, धर्म या दूसरे देश से है या उसकी शक्ल-सूरत थोड़ी अलग है या कोई समलैंगिक है, तो लोग अकसर उसके साथ बुरा व्यवहार करते हैं।

बाइबल में लिखा है: “हर किस्म के इंसान का आदर करो।”​—1 पतरस 2:17.

इसका क्या मतलब है? बाइबल यह नहीं सिखाती कि हम उन लोगों से नफरत करें जो दूसरी जाति या देश के हैं या जो समलैंगिक हैं, बल्कि इसमें बताया है कि हमें सबका आदर करना है, फिर चाहे वे किसी भी जाति या देश के हों या अमीर हों या गरीब। (प्रेषितों 10:34) शायद हमें कुछ लोगों की सोच या जीने का तरीका पसंद ना आए, पर इसका यह मतलब नहीं कि हम उनके साथ बुरा व्यवहार करें, हमें उनके साथ भी अच्छे-से पेश आना है।​—मत्ती 7:12.

अच्छी सलाह, अच्छे नतीजे: डैनियल को सिखाया गया था कि एशिया से आए लोग उसके देश के लिए खतरा हैं। इसलिए वह उनसे नफरत करता था। अगर वह उन्हें कहीं देख लेता, तो सबके सामने उनकी बेइज़्ज़ती करता था। वह कहता है, “मैं सोचता था, यही तो है देशभक्‍ति! मुझे कभी नहीं लगा कि मेरी सोच और मेरे काम गलत हैं।”

फिर डैनियल ने सीखा कि इस बारे में बाइबल में क्या लिखा है। वह कहता है, “मुझे अपनी सोच पूरी तरह बदलनी थी। मुझे लोगों को उस नज़र से देखना था जैसे परमेश्‍वर देखता है। उसकी नज़र में सब बराबर हैं, फिर चाहे कोई किसी भी देश का हो।” बाइबल की सलाह मानने से डैनियल को क्या फायदा हुआ? वह बताता है, “अब जब मैं लोगों से मिलता हूँ, तो मैं इस बारे में सोचता भी नहीं कि वे कहाँ से हैं। मैं सभी से प्यार करता हूँ और अब मेरे कई ऐसे दोस्त हैं, जो दुनिया के अलग-अलग देशों से हैं।”

इस बारे में और जानने के लिए jw.org पर 2020 की सजग होइए!  का अंक 3 पढ़ें: “क्या भेदभाव कभी खत्म होगा?

3. पैसा

बहुत-से लोगों को लगता है कि खूब पैसा कमाने से वे खुश रहेंगे और उन्हें भविष्य में किसी बात की चिंता नहीं होगी।

बाइबल में लिखा है: “जिस तरह पैसा हिफाज़त करता है, उसी तरह बुद्धि भी कई चीज़ों से हिफाज़त करती है। मगर ज्ञान और बुद्धि इस मायने में बढ़कर हैं कि वे अपने मालिक की जान बचाते हैं।”​—सभोपदेशक 7:12.

इसका क्या मतलब है? पैसा ज़रूरी तो है, पर यह इस बात की गारंटी नहीं दे सकता कि हम खुश रहेंगे और हमारा भविष्य अच्छा होगा। (नीतिवचन 18:11; 23:4, 5) सच्ची खुशी और एक अच्छा भविष्य हमें तब मिलेगा, जब हम परमेश्‍वर की सलाह मानेंगे। यह सलाह हमें बाइबल से मिल सकती है।​—1 तीमुथियुस 6:17-19.

अच्छी सलाह, अच्छे नतीजे: इंडोनेशिया में रहनेवाला कार्डो खूब पैसा कमाने में लगा हुआ था। वह कहता है, “लोग जिन चीज़ों के सपने देखते हैं, वह सब मेरे पास था। मैं अकसर घूमने जाता था, महँगी-महँगी चीज़ें खरीदता था और मेरे पास कई गाड़ियाँ और बँगले थे।” लेकिन यह चाँदनी बस चार दिन की थी। वह बताता है, “मेरे साथ धोखाधड़ी हुई और जिस पैसे के लिए मैंने सालों मेहनत की थी, वह पलक झपकते ही चला गया। मैंने अपनी पूरी ज़िंदगी पैसा कमाने में लगा दी थी, पर आखिर में मेरे हाथ लगा तो बस खालीपन और निराशा।”

फिर कार्डो पैसे के बारे में बाइबल की सलाह मानने लगा। अब वह अपनी ताकत बस पैसा कमाने में नहीं लगाता, बल्कि उसके पास जो है उसमें खुश रहने की कोशिश करता है। वह कहता है, “सच्ची खुशी परमेश्‍वर के साथ एक अच्छा रिश्‍ता होने से मिलती है और यह रिश्‍ता एक ऐसी दौलत है जो आपसे कोई नहीं छीन सकता। अब मैं सच में खुश हूँ और रात में चैन की नींद सोता हूँ।”

पैसे के बारे में बाइबल में और क्या बताया गया है, यह जानने के लिए jw.org पर 2021 की प्रहरीदुर्ग  के अंक 3 में दिया लेख “क्या डिग्रियाँ लेने और पैसा कमाने से हमारा भविष्य अच्छा होगा?” पढ़ें।

4. सैक्स

कब और किसके साथ सैक्स करना सही है, इस बारे में हर किसी की अलग-अलग राय है।

बाइबल में लिखा है: “नाजायज़ यौन-संबंधों से दूर रहो। और तुममें से हर कोई पवित्रता और आदर के साथ अपने शरीर को काबू में रखना जाने।”​—1 थिस्सलुनीकियों 4:3, 4.

इसका क्या मतलब है? बाइबल में सैक्स के बारे में कुछ हदें हैं। उन हदों को पार करके जो काम किए जाते हैं, उन्हें “नाजायज़ यौन-संबंध” कहा गया है। इसमें व्यभिचार, बिना शादी किए सैक्स करना, समलैंगिकता और जानवरों के साथ सैक्स करने जैसे काम शामिल हैं। (1 कुरिंथियों 6:9, 10) सैक्स या यौन-संबंध ईश्‍वर से मिला तोहफा है और वह चाहता है कि यह सिर्फ ऐसे आदमी और औरत के बीच होना चाहिए, जिनकी एक-दूसरे से शादी हुई हो।—नीतिवचन 5:18, 19.

अच्छी सलाह, अच्छे नतीजे: ऑस्ट्रेलिया में रहनेवाली काइली बताती है, “पहले मुझे लगता था कि अगर मैं किसी के साथ सैक्स कर लूँगी, तो वह मुझसे प्यार करेगा और मेरा खयाल रखेगा। पर ऐसा कुछ नहीं हुआ। उलटा, सैक्स करने के बाद मैं खुद से नज़रें ही नहीं मिला पा रही थी। मन में बहुत बेचैनी थी। बार-बार मन में यह सवाल आ रहा था, क्या इसके बाद कोई मुझसे प्यार करेगा।”

फिर काइली ने सीखा कि बाइबल में सैक्स के बारे में क्या लिखा है और उसने वह सलाह मानी। वह कहती है, “मैं समझ गयी कि परमेश्‍वर ने जो हदें तय की हैं, वे हमारे फायदे के लिए ही हैं। वह नहीं चाहता कि हम गलत राह पर जाएँ और बुरे अंजाम भुगतें। अब मेरी शादी हो चुकी है। मेरे पति मुझसे बहुत प्यार करते हैं और मैं उनके साथ बहुत खुश हूँ। सच में, यहोवा की सलाह मानकर मैं कई मुश्‍किलों में पड़ने से बच पायी।”

इस बारे में और जानने के लिए jw.org पर दिया लेख “बाइबल क्या कहती है?​—शादी से पहले सैक्स” पढ़ें।

हमें बनानेवाला सबसे अच्छी तरह जानता है कि हमारे लिए क्या सही है और क्या गलत। शायद कभी-कभी उसकी बात मानना हमें मुश्‍किल लगे, लेकिन ऐसा करने में ही हमारी भलाई है। यकीन रखिए, जब आप उसकी सलाह मानेंगे, तो हमेशा खुश रहेंगे।