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क्या इंसान भविष्य बता सकता है?

क्या इंसान भविष्य बता सकता है?

क्या आपने कभी सोचा है कि आनेवाला कल कैसा होगा? आप अमीर बनेंगे या फिर कंगाल हो जाएँगे? आपका घर बसेगा या फिर आप अकेले रह जाएँगे? आपकी उम्र लंबी होगी या छोटी? हज़ारों सालों से लोग इस तरह के सवालों के जवाब जानने की कोशिश करते आए हैं।

आज बहुत-से लोग दुनिया के चलन को ध्यान में रखते हुए अंदाज़ा लगाते हैं कि भविष्य में क्या होगा। वे जो दावा करते हैं, उनमें से कुछ बातें सही निकलती हैं, लेकिन कुछ बिलकुल गलत। ध्यान दीजिए कि रेडियो टेलीग्राफ का विकास करनेवाले एक शख्स, गुल्येल्मो मार्कोनी ने 1912 में क्या दावा किया। उसने कहा, “आनेवाले रेडियो युग में युद्धों का नामो-निशान मिट जाएगा।” इसी तरह 1962 में डेक्का रिकॉर्ड कंपनी के एक ऐजेंट ने यह सोचकर अंग्रेज़ी रॉक बैन्ड ‘द बीटल्स’ को काम नहीं दिया कि गिटार बजानेवाले बैन्ड का ज़माना खत्म होनेवाला है, जबकि आगे चलकर यह बैन्ड बहुत मशहूर हुआ।

कई लोग भविष्य के बारे में जानने के लिए ज्योतिषियों से पूछते हैं, तो कई अखबारों या पत्रिकाओं में राशिफल देखते हैं। कुछ लोग बाबाओं के पास जाते हैं, जो हाथ देखकर या टैरो कार्ड पढ़कर या फिर अंक ज्योतिष के ज़रिए उनका भाग्य बताते हैं।

पुराने ज़माने में लोग अपना भविष्य जानने के लिए ऐसे पुजारियों से मिलते थे, जो भगवान की तरफ से बोलने का दावा करते थे। कहा जाता है कि लीडिया का राजा, क्रीसस जानना चाहता था कि अगर वह फारस के राजा, कुसरू से युद्ध करेगा, तो इसका क्या नतीजा होगा। इस वजह से उसने ग्रीस के डेल्फी कस्बे की पुजारिन को कई कीमती तोहफे भेजे और उससे पूछा कि क्या वह जीतेगा। पुजारिन ने कहा कि अगर वह कुसरू से लड़ेगा, तो वह एक “ताकतवर साम्राज्य” का विनाश कर देगा। क्रीसस पूरे यकीन के साथ युद्ध करने गया, लेकिन जिस ताकतवर साम्राज्य का विनाश हुआ, वह उसका अपना ही राज्य था!

उस पुजारिन की भविष्यवाणी क्रीकस के किसी काम नहीं आयी। पुजारिन ने अपनी बात इस तरह कही कि चाहे युद्ध कोई भी जीते, उसकी बात सच साबित होती। उसकी बात पर यकीन करने से क्रीसस को बुरा अंजाम भुगतना पड़ा, वह युद्ध हार गया। आज लोग भविष्य बताने के लिए जो तरीके अपनाते हैं, क्या उन पर भरोसा किया जा सकता है?