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मृत सागर के पास मिला यशायाह किताब का खर्रा और उसी का अरबी में अनुवाद। खुदा के कलाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है

क्या खुदा के कलाम में कोई फेरबदल हुआ है?

क्या खुदा के कलाम में कोई फेरबदल हुआ है?

कुछ लोगों का मानना है कि खुदा के कलाम में फेरबदल किया गया है। सदियों पहले यशायाह नबी ने कहा था कि खुदा का कलाम “हमेशा तक कायम रहता है।” (यशायाह 40:8) हम क्यों यकीन रख सकते हैं कि आज हमारे हाथ में जो कलाम पाक है उसमें वही वादे दर्ज़ हैं, जो शुरू में खुदा ने अपने नबियों से लिखवाए थे?

खुदा के पास इतनी ताकत है कि वह अपने कलाम को महफूज़ रख सकता है। पुराने ज़माने में नकल-नवीस बड़े कायदे से कलाम पाक की नकलें तैयार किया करते थे। नकल उतारने के बाद वे हर अक्षर गिनते थे, ताकि यह पता लगा सकें कि कहीं कुछ इधर का उधर तो नहीं हो गया। वे इस बात का भी ध्यान रखते थे कि उनसे कुछ छूट तो नहीं गया या उन्होंने कुछ जोड़ तो नहीं दिया। लेकिन ये नकल-नवीस थे तो इंसान ही, इसलिए इनसे भी छोटी-मोटी गलतियाँ हुईं।

क्या खुदा के कलाम में आज वही पैगाम दर्ज़ है, जो उसने नबियों को दिया था?

आज कलाम पाक की हज़ारों हस्तलिपियाँ मौजूद हैं। अगर किसी एक के शब्द कम-ज़्यादा हों, तो दूसरी हस्तलिपियों से तुलना करके यह पता लगाया जा सकता है कि क्या गलती हुई है। इस बारे में और जानने के लिए jw.org पर दिया यह लेख पढ़ें: “क्या बाइबल के संदेश में फेरबदल किया गया है?

मिसाल के लिए, 1947 में मृत सागर के पास कुछ खर्रे मिले। इन खर्रों में कलाम पाक के कुछ हिस्से लिखे हुए हैं। माना जाता है कि ये करीब 2,000 साल पुराने हैं। जानकारों ने जब इन हस्तलिपियों की तुलना कलाम पाक से की, तो उन्होंने क्या पाया?

बारीकी से जाँच करने पर विद्वानों ने पाया है कि कलाम पाक में वही बातें लिखी हैं जो पुरानी हस्तलिपियों में हैं। * हम इस बात का पूरा यकीन रख सकते हैं कि खुदा ने कलाम पाक को हम तक सही-सलामत पहुँचाया है। इस वजह से उसे पढ़ते वक्‍त हम यह पूरा भरोसा रख सकते हैं कि उसमें दी बातें खुदा की तरफ से हैं। इसे ध्यान में रखते हुए आइए देखें कि हम बीते ज़माने के नबियों से खुदा के बारे में क्या सीख सकते हैं।

^ पैरा. 7 गेज़ा वर्मीश की किताब द कंप्लीट डेड सी स्क्रोल्स इन इंग्लिश,  पेज 16.