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खुदा हमारी फिक्र करता है!

खुदा हमारी फिक्र करता है!

1. वह हम पर सूरज चमकाता है

सूरज की रौशनी से ही पौधे बढ़ते हैं, उनमें पत्तियाँ आती हैं और फल लगते हैं। पेड़ की जड़ें ज़मीन का पानी सोख लेती हैं और पानी पत्तियों तक पहुँच जाता है। फिर यह पानी भाप बनकर उड़ जाता है। ज़रा सोचिए अगर सूरज नहीं होता, तो क्या यह सब हो पाता?

2. वह बारिश करवाता है

इस जहान का मालिक ही ज़मीन पर बारिश करवाता है जिससे भरपूर पैदावार होती है। इस तरह वह हमें जी-भरकर खाना देता है और हमारा दिल खुशियों से भर देता है।

3. वह खाने और कपड़े का इंतज़ाम करता है

जिस तरह एक पिता अपने परिवार की खाने और पहनने की ज़रूरतें पूरी करता है, उसी तरह खुदा भी हमारा खयाल रखता है। गौर कीजिए कि कलाम पाक * में इस बारे में क्या लिखा है। “आकाश में उड़नेवाले पंछियों को ध्यान से देखो। वे न तो बीज बोते, न कटाई करते, न ही गोदामों में भरकर रखते हैं, फिर भी स्वर्ग में रहनेवाला तुम्हारा पिता उन्हें खिलाता है। क्या तुम्हारा मोल उनसे बढ़कर नहीं?”—मत्ती 6:25, 26.

‘मैदान में उगनेवाले सोसन के फूलों से सबक सीखो, वे कैसे बढ़ते हैं; मगर मैं तुमसे कहता हूँ कि सुलैमान [बादशाह] भी जब अपने पूरे वैभव में था, तो इनमें से किसी एक की तरह भी सज-धज न सका। इसलिए अगर [खुदा] मैदान में उगनेवाले इन पौधों को, ऐसे शानदार कपड़े पहनाता है, तो क्या वह तुम्हें नहीं पहनाएगा?’—मत्ती 6:28-30.

खाने और कपड़े का इंतज़ाम करने के अलावा खुदा हमारी बाकी ज़रूरतें भी पूरी कर सकता है। अगर हम उसकी मरज़ी के मुताबिक काम करें, तो वह हमें बरकतें देगा। हो सकता है, वह हमें अच्छी पैदावार दे या ऐसा काम ढूँढ़ने में मदद करे जिससे हम अपनी ज़रूरतें पूरी कर सकें।—मत्ती 6:32, 33.

जब आप सूरज, बारिश, चिड़ियों और खूबसूरत फूलों को देखते हैं, तो क्या आपका दिल नहीं करता कि आप इनके बनानेवाले से प्यार करें? अगले लेख में हम गौर करेंगे कि खुदा ने इंसानों तक अपना पैगाम कैसे पहुँचाया।

^ पैरा. 7 यानी पवित्र शास्त्र बाइबल जिसे तौरात, इंजील और ज़बूर भी कहा जाता है।