आपका भविष्य आपके हाथ में है!
आज से करीब 3,500 साल पहले परमेश्वर यहोवा ने अपने भक्तों को बताया कि एक अच्छे भविष्य के लिए उन्हें क्या करना होगा। उसने कहा, “तुम या तो ज़िंदगी चुन लो या मौत, आशीष या शाप। तुम और तुम्हारे वंशज ज़िंदगी ही चुनें ताकि तुम सब जीते रहो।”—व्यवस्थाविवरण 30:19.
अगर वे सही फैसला करते, तभी उन्हें एक अच्छी ज़िंदगी मिलती। आज हमें भी कुछ उसी तरह का फैसला करना है। बाइबल में बताया गया है कि एक अच्छे भविष्य के लिए हमें क्या करना होगा, “तुम अपने परमेश्वर यहोवा से प्यार करना, उसकी बात सुनना।”—व्यवस्थाविवरण 30:20.
परमेश्वर यहोवा से प्यार करने और उसकी बात सुनने का क्या मतलब है?
बाइबल से सीखिए: परमेश्वर यहोवा से प्यार करने के लिए सबसे पहले आपको बाइबल से उसके बारे में जानना होगा। जैसे-जैसे आप उसके बारे में जानेंगे, आपको एहसास होगा कि वह आपसे बहुत प्यार करता है और आपका भला चाहता है। वह चाहता है कि आप उससे प्रार्थना करें, उसे अपने मन की बात बताएँ क्योंकि ‘उसे आपकी परवाह है।’ (1 पतरस 5:7) उसने वादा किया है कि अगर आप उसे जानने की कोशिश करें, उसके करीब आएँ, तो ‘वह भी आपके करीब आएगा।’—याकूब 4:8.
आप जो सीखते हैं, उस पर अमल कीजिए: अगर आप पवित्र शास्त्र बाइबल में दी बढ़िया सलाह मानें, तो एक तरह से आप परमेश्वर की सुन रहे होंगे। फिर आप ‘कामयाब होंगे’ और सही फैसले कर पाएँगे।—यहोशू 1:8.
^ पैरा. 7 यह कोर्स सात भाषाओं में उपलब्ध है, जैसे अँग्रेज़ी, कैंनटोनीस, मैंडरिन वगैरह।