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परमेश्वर का नाम यहोवा चार इब्रानी अक्षरों में, जिसे दाएँ से बाएँ पढ़ा जाता है

इब्रानी भाषा के सबसे छोटे अक्षर से ज़बरदस्त भरोसा

इब्रानी भाषा के सबसे छोटे अक्षर से ज़बरदस्त भरोसा

क्या हम सच में यकीन कर सकते हैं कि परमेश्वर के सभी वादे पूरे होंगे? यीशु को तो इस बात पर पूरा भरोसा था और उसने अपनी शिक्षाओं से लोगों को भी इसका पूरा यकीन दिलाया। उसके पहाड़ी उपदेश की एक मिसाल पर ध्यान दीजिए, जो मत्ती 5:18 में दर्ज़ है। उसने कहा, “मैं तुमसे सच कहता हूँ कि जैसे आकाश और पृथ्वी कभी नहीं मिटेंगे, वैसे ही कानून में लिखा छोटे-से-छोटा अक्षर या बिंदु भी बिना पूरा हुए नहीं मिटेगा, उसमें लिखी एक-एक बात पूरी होगी।”

इब्रानी भाषा का सबसे छोटा अक्षर है י (योध)। यह इब्रानी भाषा के उन चार अक्षरों में से पहला अक्षर है, जिनसे परमेश्वर का पवित्र नाम यहोवा लिखा जाता है। * परमेश्वर ने पुराने ज़माने में मूसा के ज़रिए अपने सेवकों को कानून दिया था। इस कानून के शब्दों और अक्षरों के अलावा यीशु के ज़माने के धर्मगुरु हर एक “बिंदु” को भी बहुत अहमियत देते थे।

यीशु कह रहा था कि कानून की छोटी-से-छोटी बात भी बिना पूरी हुए नहीं रहेगी, भले ही आकाश और पृथ्वी मिट जाएँ। लेकिन पवित्र शास्त्र साफ-साफ बताता है कि आकाश और धरती कभी नहीं मिटेंगे, वे हमेशा रहेंगे। (भजन 78:69) जब आकाश और धरती कभी नहीं मिटेंगे, तो कानून की छोटी-से-छोटी बात तो पूरी होनी ही है।

क्या परमेश्वर यहोवा के लिए छोटी-से-छोटी बात भी कोई मायने रखती है? ज़रा इस बात पर ध्यान दीजिए। परमेश्वर ने पुराने ज़माने में अपने सेवकों यानी इसराएलियों से कहा था कि उन्हें फसह के मेम्ने की एक भी हड्डी नहीं तोड़नी चाहिए। (निर्गमन 12:46) यह एक छोटी-सी बात थी। पर क्या वे यह समझ पाए कि उन्हें क्यों एक भी हड्डी नहीं तोड़नी चाहिए? हम नहीं जानते, लेकिन परमेश्वर यहोवा जानता था कि यह छोटी-सी बात भविष्य में होनेवाली एक घटना की निशानी है। वह यह कि जब मसीहा को यातना के काठ पर लटकाया जाएगा, तो उसकी एक भी हड्डी तोड़ी नहीं जाएगी।भजन 34:20; यूहन्ना 19:31-33, 36.

मत्ती 5:18 में कही यीशु की बात से हम यकीन कर सकते हैं कि परमेश्वर यहोवा के सभी वादे पूरे होंगे, छोटी-से-छोटी बात भी। इब्रानी भाषा के सबसे छोटे अक्षर से हमें क्या ही ज़बरदस्त भरोसा मिलता है!

^ पैरा. 3 ग्रीक अक्षरों में सबसे छोटा अक्षर है ι (आइओटा), जिसके लिए इब्रानी भाषा में अक्षर י (योध) है। मूसा ने परमेश्वर का कानून इब्रानी में लिखा था और इसी भाषा में यह कानून लोगों को सिखाया जाता था, इसलिए हम कह सकते हैं कि यीशु मत्ती 5:18 में इब्रानी अक्षर की बात कर रहा था।