धरती पर फिरदौस, सपना या हकीकत?
फिरदौस! यह क्या है? एक खूबसूरत बगीचे जैसा माहौल! रंग-बिरंगी पत्रिकाओं में दूर-दराज़ इलाकों की इतनी खूबसूरत तसवीर पेश की जाती है कि वहाँ जाने का हमारा मन करने लगता है। ऐसे विज्ञापन देखकर लगता है कि वहाँ हम खूब ऐश करेंगे और सारी चिंताएँ और परेशानियाँ भूल जाएँगे। लेकिन हम सब जानते हैं कि वापस आने पर क्या होता है। हमारी परेशानियाँ और मुसीबतें कहीं नहीं जातीं, वे फिर हमें आ घेरती हैं।
फिर भी हमें खूबसूरत धरती या फिरदौस के बारे में सोचकर बहुत अच्छा लगता है। लेकिन क्या पूरी धरती कभी फिरदौस बनेगी? या यह महज़ एक सपना है?
फिरदौस के किस्से
सदियों से यह देखने में आया है कि फिरदौस का नाम सुनते ही लोगों का उसके बारे में और जानने का मन करने लगता है। कई लोगों की इस विषय में दिलचस्पी होने की वजह है कि पवित्र शास्त्र बाइबल में “पूरब की तरफ, अदन नाम के इलाके में एक बाग” का ज़िक्र किया गया है। इस बाग में ऐसी क्या बात थी? शास्त्र में लिखा है, “यहोवा परमेश्वर ने ज़मीन से हर तरह के पेड़ उगाए जो दिखने में सुंदर और खाने के लिए अच्छे थे।” यह बाग सच में बहुत खूबसूरत था। सबसे बढ़कर उसकी खासियत यह थी कि उस “बाग के बीच में जीवन का पेड़” था।
इसके अलावा शास्त्र में बताया गया है कि इस बाग से चार नदियाँ बहती थीं। इनमें से दो नदियाँ आज भी मौजूद हैं, टिग्रिस (या हिद्देकेल) और फरात। (उत्पत्ति 2:10-14; फुटनोट) ये दो नदियाँ ईराक से होती हुई फारस की खाड़ी में जा मिलती हैं। ईराक पहले प्राचीन फारस का ही भाग था।
इसी वजह से फिरदौस फारस की संस्कृति का एक अहम हिस्सा रहा है। ज़रा 16वीं सदी के एक फारसी कालीन की मिसाल लीजिए, जो अमरीका के पेन्सिलवेनिया राज्य में फिलाडेल्फिया कला संग्रहालय में है। इस कालीन पर पेड़ों और फूलों से भरे एक बगीचे का नज़ारा बुना हुआ है, जो दीवारों से घिरा है। फारस में “दीवारों से घिरे बगीचे” के लिए जो शब्द इस्तेमाल किया जाता है, उसका मतलब “फिरदौस” भी है। उस कालीन पर जो नज़ारा दिखाया गया है, वह बाइबल में बताए खूबसूरत अदन के बाग जैसा ही है।
दरअसल दुनिया की कई भाषाओं और संस्कृतियों में फिरदौस के किस्से सदियों से बताए जा रहे हैं। जैसे-जैसे इंसान धरती पर एक जगह से दूसरी जगह गए, वे अदन के बाग का किस्सा भी अपने साथ ले गए। वक्त के गुज़रते अलग-अलग जगहों पर रहनेवाले लोग इस किस्से में अपनी बातें और धारणाएँ जोड़ते चले गए। आज भी कई लोग जब कोई खूबसूरत नज़ारा देखते हैं, तो वे उसे फिरदौस कहते हैं।
फिरदौस की तलाश
नए इलाकों की खोज करनेवाले कुछ लोगों ने दावा किया कि उन्होंने वह फिरदौस ढूँढ़ निकाला है, जो खो गया था। जैसे सन् 1881 में ब्रिटिश सेना के जनरल चार्ल्स गॉर्डन, सेशैल्स द्वीप गए। जब वहाँ उन्होंने ‘वाले दी माई’ नाम की हरी-भरी जगह की खूबसूरती देखी, तो वे इतने दंग रह गए कि उन्होंने कहा, ‘यही अदन का बाग है।’ यह जगह अब एक विश्व धरोहर है। जब 1492 में इटली के क्रिस्टोफर कोलम्बस समुद्री यात्रा करके हिस्पानिओला द्वीप पहुँचे, तो उन्हें लगा कि अदन का बाग यहीं कहीं होगा। आज इस द्वीप पर डोमिनिकन गणराज्य और हैती देश हैं।
इतिहास की एक किताब मैपिंग पैराडाइज़ में पुराने ज़माने के 190 से भी ज़्यादा नक्शों के बारे में काफी जानकारी दी गयी है। कई नक्शों में तो अदन में आदम और हव्वा भी दिखाए गए हैं। एक नक्शा बहुत ही अनोखा है। यह लीअबैना के रहनेवाले बेआटूस की हस्तलिपि की एक नकल में था, जो 800 साल पुरानी है। इस नक्शे के ऊपरी भाग में एक छोटा-सा आयत (चतुर्भुज) बना है, जिसके बीच में फिरदौस है। वहाँ से चार नदियाँ बह रही हैं, “टिग्रिस,” “फरात,” “पीशोन” और “गीहोन।” ये नदियाँ चार दिशाओं में बह रही हैं। इनका इस तरह बहना शायद इस बात की निशानी है कि मसीही धर्म धरती के चारों कोनों में फैल रहा है। इस तरह की तसवीरें दिखाती हैं कि हालाँकि लोग यह तो नहीं जानते थे कि अदन का बाग या फिरदौस ठीक कहाँ था, लेकिन पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलती आ रही कहानियों की वजह से अब भी लोगों के मन में फिरदौस की यादें ताज़ा थीं।
सत्रहवीं सदी के अँग्रेज़ी भाषा के कवि जॉन मिल्टन अपनी कविता पैराडाइज़ लॉस्ट (फिरदौस खो गया) के लिए जाने जाते हैं।
यह कविता उत्पत्ति के उस ब्यौरे पर आधारित है, जिसमें आदम के पाप और उसे अदन से बाहर निकाले जाने के बारे में बताया गया है। इसमें उसने शास्त्र के इस वादे के बारे में बताया कि इंसानों को धरती पर दोबारा हमेशा की ज़िंदगी मिलेगी। उसने कहा, “तब पूरी धरती फिरदौस होगी।” कुछ वक्त बाद जॉन मिल्टन ने इस कविता का दूसरा भाग लिखा, पैराडाइज़ रीगेन्ड (फिरदौस मिल गया)।फिरदौस से ध्यान भटका
इसमें कोई दो राय नहीं कि लोगों को हमेशा से ही फिरदौस के बारे में बात करना पसंद था। वे मानते थे कि एक ज़माने में धरती पर फिरदौस था। तो फिर अब लोग इस बारे में बात क्यों नहीं करते? मैपिंग पैराडाइज़ किताब में इसकी वजह बतायी गयी है। धर्म का अध्ययन करनेवाले इस बारे में चर्चा ही नहीं करना चाहते कि फिरदौस कहाँ था।
चर्च जानेवालों को अकसर सिखाया जाता है कि एक दिन सब लोग स्वर्ग जाएँगे, न कि धरती पर फिरदौस में रहेंगे। लेकिन बाइबल में लिखा है, “नेक लोग धरती के वारिस होंगे और उस पर हमेशा की ज़िंदगी जीएँगे।” (भजन 37:29) आज यह दुनिया फिरदौस जैसी बिलकुल नहीं है, तो सवाल उठता है कि क्या यह वादा कभी पूरा होगा? *
पूरी धरती पर फिरदौस एक हकीकत
परमेश्वर यहोवा ने ही शुरू में फिरदौस बनाया था। उसी का वादा है कि वह इस धरती को दोबारा फिरदौस बनाएगा। वह यह कैसे करेगा? याद कीजिए कि यीशु ने हमें किस बात के लिए प्रार्थना करना सिखाया था, “तेरा राज आए। तेरी मरज़ी जैसे स्वर्ग में पूरी होती है, वैसे धरती पर भी पूरी हो।” (मत्ती 6:10) यहाँ बताया राज एक सरकार है, जिसकी बागडोर यीशु के हाथों में है। यह जल्द ही सभी इंसानी सरकारों को खत्म कर देगी और फिर पूरी दुनिया में इसका शासन होगा। (दानियेल 2:44) इसी राज या सरकार के ज़रिए परमेश्वर की मरज़ी “पूरी” होगी और धरती फिरदौस बन जाएगी।
सदियों पहले परमेश्वर ने भविष्यवक्ता यशायाह के ज़रिए लिखवाया कि जब फिरदौस आएगा, तब धरती पर हालात कैसे होंगे। उस वक्त कोई समस्या, तनाव या झगड़े नहीं होंगे। (यशायाह 11:6-9; 35:5-7; 65:21-23) क्यों न आप थोड़ा वक्त निकालकर इन आयतों को अपनी बाइबल में पढ़ें? इन्हें पढ़कर आपको यकीन हो जाएगा कि परमेश्वर उन सभी लोगों को क्या ही बेहतरीन आशीषें देगा, जो उसकी आज्ञा मानते हैं। फिरदौस में जीनेवाले सभी लोग उन आशीषों का लुत्फ उठाएँगे, जो आदम ने गवाँ दी थीं
हम क्यों यकीन रख सकते हैं कि धरती पर फिरदौस एक सपना नहीं, बल्कि हकीकत है? बाइबल में इसकी वजह दी गयी है, “स्वर्ग तो यहोवा का है, मगर धरती उसने इंसानों को दी है।” धरती पर फिरदौस में ज़िंदगी का वादा उस ‘परमेश्वर ने मुद्दतों पहले किया था, जो झूठ नहीं बोल सकता।’ (भजन 115:16; तीतुस 1:2) कितनी सुंदर आशा, फिरदौस में हमेशा की ज़िंदगी!
^ पैरा. 15 दिलचस्पी की बात है कि कुरान में भी सूरा 21, अल-अंबिया [नबियों] की आयत 105 में लिखा है, “धरती के उत्तराधिकारी मेरे नेक बन्दे होंगे।”