पहले पेज का विषय | स्वर्गदूत—उनके बारे में जानना क्यों ज़रूरी है?
स्वर्गदूतों के बारे में सच्चाई
क्या आप स्वर्गदूतों के बारे में सच्चाई जानना चाहते हैं? जैसे, वे कौन हैं, वे कैसे वजूद में आए और वे क्या करते हैं? इन सवालों के सबसे बढ़िया जवाब परमेश्वर की प्रेरणा से लिखी किताब बाइबल में ही मिल सकते हैं। (2 तीमुथियुस 3:16) आइए देखें कि बाइबल में इस बारे में क्या बताया गया है।
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जिस तरह हम परमेश्वर को नहीं देख सकते, उसी तरह हम स्वर्गदूतों को भी नहीं देख सकते, क्योंकि उनका शरीर “हाड़-माँस” का नहीं होता। परमेश्वर के वफादार स्वर्गदूत उसके साथ स्वर्ग में रहते हैं और उसके सामने जा सकते हैं।—लूका 24:39; मत्ती 18:10; यूहन्ना 4:24.
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कुछ मौकों पर स्वर्गदूत इंसानों के रूप में धरती पर आए, ताकि परमेश्वर का दिया काम पूरा कर सकें। फिर वे अपना रूप बदलकर स्वर्ग लौट गए।—न्यायियों 6:11-23; 13:15-20.
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हालाँकि बाइबल में स्वर्गदूतों का ज़िक्र पुरुषों के तौर पर किया गया है और उन्होंने हमेशा पुरुषों का ही रूप धारण किया, लेकिन उनमें स्त्री-पुरुष का फर्क नहीं होता। वे न तो शादी करते हैं, न ही उनके बच्चे होते हैं। ऐसा भी नहीं है कि पहले वे कोई शिशु, बच्चे या जवान इंसान के रूप में धरती पर थे। स्वर्गदूतों को यहोवा ने बनाया है, इसलिए बाइबल में उन्हें “सच्चे परमेश्वर के बेटे” कहा गया है।—अय्यूब 1:6; भजन 148:2, 5.
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बाइबल में ‘इंसानों और स्वर्गदूतों की भाषाओं’ का ज़िक्र किया गया है। इससे पता चलता है कि स्वर्गदूतों की भाषा और बोली होती है। हालाँकि परमेश्वर ने स्वर्गदूतों के ज़रिए इंसानों से बात की, लेकिन उसने कभी इस बात की इजाज़त नहीं दी कि हम स्वर्गदूतों की उपासना करें या उनसे प्रार्थना करें।—1 कुरिंथियों 13:1; प्रकाशितवाक्य 22:8, 9.
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शास्त्र में लिखा है कि स्वर्गदूतों की गिनती लाखों-करोड़ों में है, वे अनगिनत हैं।—दानियेल 7:10; प्रकाशितवाक्य 5:11.
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स्वर्गदूत बहुत “शक्तिशाली” होते हैं, इंसानों से कहीं ज़्यादा शक्तिशाली। वे इंसानों से कहीं ज़्यादा बुद्धिमान भी हैं। वे बहुत तेज़ रफ्तार से कहीं भी जा सकते हैं, इस विश्वमंडल में इतनी तेज़ रफ्तार से चलनेवाला और कुछ भी नहीं।—भजन 103:20; दानियेल 9:20-23.
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इंसानों से ज़्यादा बुद्धिमान और काफी ताकतवर होने के बावजूद स्वर्गदूतों की कुछ सीमाएँ हैं। कुछ बातें ऐसी हैं, जो वे नहीं जानते।—मत्ती 24:36; 1 पतरस 1:12.
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स्वर्गदूतों में परमेश्वर के जैसे गुण हैं, मगर उनकी अपनी-अपनी शख्सियत है। उन्हें अपने फैसले खुद करने की आज़ादी है, इसलिए इंसानों की तरह वे चुन सकते हैं कि वे सही काम करेंगे या गलत। दुख की बात है कि कुछ स्वर्गदूतों ने परमेश्वर के खिलाफ जाने का फैसला किया।—यहूदा 6.