प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण अक्टूबर 2018

इस अंक में 3 से 30 दिसंबर, 2018 के लिए अध्ययन लेख दिए गए हैं।

1918​—सौ साल पहले

यूरोप में पहला विश्‍व युद्ध अब भी चल रहा था, लेकिन साल की शुरूआत में हुई कुछ घटनाओं से लग रहा था कि बाइबल विद्यार्थियों के लिए और दुनिया के लिए भी यह साल अच्छा होगा।

सच बोलिए

लोग झूठ क्यों बोलते हैं और इसका अंजाम क्या होता है? हम एक-दूसरे से सच कैसे बोल सकते हैं?

सच्चाई सिखाइए

हमारे पास बहुत कम वक्‍त रह गया है, इसलिए हमें लोगों के साथ बाइबल अध्ययन शुरू करने और उन्हें सच्चाई सिखाने पर पूरा ध्यान देना चाहिए। इसमें प्रकाशनों का पिटारा हमारे लिए कैसे मददगार साबित हो सकता है?

जीवन कहानी

मेरे फैसले पर यहोवा की ढेरों आशीषें

जवानी में चार्ल्स मौलाहैन ने अपनी सेवा बढ़ाने के लिए बेथेल की अर्ज़ी भरी। ज़िंदगी के हर कदम पर यहोवा ने उन्हें बहुत-सी आशीषें दी हैं।

हमारे अगुवे मसीह पर भरोसा कीजिए

जैसे-जैसे परमेश्‍वर का संगठन आगे बढ़ रहा है, क्या हमारे पास अपने अगुवे मसीह पर भरोसा करने के ठोस कारण हैं?

हालात बदलने पर भी मन की शांति बनाए रखिए

हमारी ज़िंदगी में कई बार ऐसे बदलाव होते हैं, जिनकी हमें उम्मीद भी नहीं होती। इस वजह से हम चिंता में डूब जाते हैं और बहुत तनाव में रहते हैं। ऐसे में ‘परमेश्‍वर की शांति’ हमारी मदद कैसे कर सकती है?

क्या आप जानते थे?

स्तिफनुस, मसीह के चेलों में से वह पहला चेला था, जो शहीद हुआ। जब उस पर ज़ुल्म ढाया जा रहा था, तो वह इतना शांत कैसे रह पाया?