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सुलैमान के मंदिर के बरामदे की ऊँचाई कितनी थी?
मंदिर के पवित्र भाग में जाने से पहले एक बरामदा था। पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद के 2024 से पहले के संस्करणों में बताया गया था कि “भवन का सामनेवाला बरामदा 20 हाथ लंबा था यानी भवन की चौड़ाई के बराबर। उसकी ऊँचाई 120 थी।” (2 इति. 3:4) बाइबल के कुछ और अनुवादों में भी लिखा है कि बरामदे की ऊँचाई “120 हाथ” थी, यानी 175 फुट (53 मीटर)।
लेकिन 2024 में छापी गयी नयी दुनिया अनुवाद बाइबल में सुलैमान के मंदिर के बरामदे के बारे में लिखा है कि “उसकी ऊँचाई 20 हाथ थी,” a यानी करीब 30 फुट (9 मीटर)। यह फेरबदल क्यों किया गया? आइए इसकी कुछ वजहों पर ध्यान दें।
1 राजा 6:3 में बरामदे की ऊँचाई नहीं बतायी गयी है। पहला राजा की किताब यिर्मयाह ने लिखी थी। इस आयत में उसने बरामदे की लंबाई और चौड़ाई तो बतायी, लेकिन उसकी ऊँचाई के बारे में कुछ नहीं लिखा। अध्याय 7 में उसने मंदिर के दूसरे भागों के बारे में काफी बारीक जानकारी दी, जैसे ताँबे के बड़े हौद के बारे में, दस हथ-गाड़ियों के बारे में और ताँबे के दो खंभों के बारे में जो बरामदे के बाहर थे। (1 राजा 7:15-37) ज़रा सोचिए, अगर बरामदे की ऊँचाई 170 फुट से भी ज़्यादा होती और वह मंदिर से भी ऊँचा होता, तो क्या यिर्मयाह उसकी ऊँचाई के बारे में नहीं बताता? यही नहीं, सदियों बाद जब यहूदी इतिहासकारों ने सुलैमान के मंदिर के बारे में लिखा, तो उन्होंने बरामदे की ऊँचाई मंदिर से ज़्यादा नहीं बतायी।
विद्वान कहते हैं कि बरामदे की दीवारों की मोटाई से ऐसा नहीं लगता कि बरामदे की ऊँचाई 120 हाथ हो सकती थी। पुराने ज़माने में जब पत्थरों या ईंटों से ऊँची मीनारें या द्वार बनाए जाते थे, तो उनकी दीवारें नीचे से बहुत मोटी होती थीं, लेकिन ऊपर आते-आते उनकी मोटाई कम हो जाती थी। जैसे, मिस्र के मंदिरों के द्वार की जो दीवारें थीं, वे इसी तरह बनी हुई थीं। लेकिन सुलैमान के मंदिर की दीवारें उतनी मोटी नहीं थीं। विद्वानों का मानना है कि इसकी दीवारों की मोटाई करीब 6 हाथ या 9 फुट (2.7 मीटर) थी। इसलिए प्राचीन इमारतों के जानकार और विद्वान टेओडोर ब्यूसिंक का कहना है, “[मंदिर के द्वार की] दीवारों की मोटाई इतनी नहीं थी कि उन पर 120 हाथ [ऊँचा] बरामदा खड़ा किया जा सके।”
2 इतिहास 3:4 की नकल बनाते वक्त शास्त्रियों से शायद गलती हुई है। हालाँकि कुछ पुरानी हस्तलिपियों में 2 इतिहास 3:4 में बरामदे की ऊँचाई “120” लिखी है, लेकिन कुछ और जानी-मानी और भरोसेमंद हस्तलिपियों में उसकी ऊँचाई “20 हाथ” लिखी है, जैसे पाँचवीं सदी के कोडेक्स एलेक्ज़ैंड्रिनस में और छठी सदी के कोडेक्स ऐमब्रोसिएनस में। नकल बनानेवालों से यह गलती क्यों हुई होगी? उन्होंने “120” क्यों लिख दिया? इब्रानी भाषा में “120” को “सौ बीस” लिखा जाता है और “20 हाथ” को “हाथ बीस।” यही नहीं, इब्रानी में शब्द “सौ” और “हाथ” जिस तरह लिखे जाते हैं, वे दिखने में एक-जैसे लगते हैं। इसलिए हो सकता है कि नकल बनानेवालों ने “हाथ” लिखने के बजाय गलती से “सौ” लिख दिया हो। शायद इसी वजह से कुछ पुरानी हस्तलिपियों में “सौ बीस” यानी “120” लिखा है।
बेशक हम सुलैमान के मंदिर की हर बारीक जानकारी को अच्छे-से और सही-सही समझना चाहते हैं। लेकिन इससे ज़्यादा हम इस बात पर ध्यान देते हैं कि यह मंदिर, यहोवा के महान मंदिर की छाया है। और हम यहोवा का बहुत एहसान मानते हैं कि उसने अपने सभी सेवकों को महान मंदिर में उपासना करने के लिए बुलाया है!—इब्रा. 9:11-14; प्रका. 3:12; 7:9-17.
a 2 इतिहास 3:4 के फुटनोट में समझाया गया है कि “कुछ पुरानी हस्तलिपियों में यहाँ ‘120’ लिखा है, तो दूसरी हस्तलिपियों और कुछ अनुवादों में ‘20 हाथ’ लिखा है।”