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अध्ययन लेख 40

गीत 30 यहोवा, मेरा परमेश्‍वर, पिता और दोस्त

यहोवा “टूटे मनवालों को चंगा करता है”

यहोवा “टूटे मनवालों को चंगा करता है”

“वह टूटे मनवालों को चंगा करता है, उनके घावों पर पट्टी बाँधता है।”भजन 147:3.

क्या सीखेंगे?

यहोवा उन लोगों की बहुत परवाह करता है, जो निराश हैं और अंदर से पूरी तरह टूट गए हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि वह कैसे उन्हें दिलासा देता है और हम कैसे दूसरों को दिलासा दे सकते हैं।

1. अपने सेवकों को देखकर यहोवा को कैसा लगता है और वह उनके लिए क्या करता है?

 यहोवा अच्छी तरह जानता है कि उसके हरेक सेवक के साथ क्या कुछ हो रहा है। वह जानता है कि हम किस बात से खुश होते हैं और किस बात से हमें दुख होता है। (भज. 37:18) जब वह देखता है कि हम तकलीफें सहकर भी उसकी सेवा में ज़्यादा-से-ज़्यादा करने की कोशिश कर रहे हैं, तो उसे बहुत खुशी होती है! यही नहीं, वह हमारी मदद करने के लिए और हमें दिलासा देने के लिए हमेशा तैयार रहता है।

2. (क) टूटे मनवालों के लिए यहोवा क्या करता है? (ख) यहोवा से दिलासा पाने के लिए हमें क्या करना होगा?

2 भजन 147:3 में बताया है कि यहोवा टूटे मनवालों के “घावों पर पट्टी बाँधता है।” हमारा परमेश्‍वर कितना अच्छा है! वह बहुत प्यार से हमारे दिल पर लगे ज़ख्मों पर मरहम लगाता है। लेकिन अगर हम उससे दिलासा पाना चाहते हैं, तो हमें क्या करना होगा? ज़रा एक उदाहरण पर ध्यान दीजिए। एक अच्छा डॉक्टर एक घायल व्यक्‍ति की मदद कर सकता है, लेकिन उस व्यक्‍ति को भी कुछ करना होगा। उसे डॉक्टर की हरेक बात माननी होगी, तभी उसका घाव ठीक हो पाएगा। इस लेख में हम जानेंगे कि जो लोग दुखी और मायूस हैं, उनके लिए यहोवा ने अपने वचन में क्या सलाह दी है। हम यह भी जानेंगे कि हम उन बातों को कैसे मान सकते हैं।

यहोवा हमें यकीन दिलाता है कि हम उसके लिए बहुत अनमोल हैं

3. कुछ लोगों को ऐसा क्यों लगता है कि वे एकदम बेकार हैं?

3 हम आज ऐसी दुनिया में जी रहे हैं, जहाँ प्यार खत्म होता जा रहा है। दुख की बात है कि कई लोगों के साथ बुरा व्यवहार किया जाता है और इस वजह से उन्हें लगता है कि वे एकदम बेकार हैं। वे जीएँ या मरें, किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता। हेलन a नाम की एक बहन बताती हैं, “मैं ऐसे परिवार में पली-बढ़ी जहाँ मुझे कभी प्यार नहीं मिला। पापा हमेशा लड़ाई-झगड़ा करते थे, दिन-रात हमसे कहते थे कि हम किसी लायक नहीं हैं और एकदम बेकार हैं।” बहन हेलन की तरह शायद आपके साथ भी बुरा व्यवहार किया गया हो, बात-बात पर आपको कोसा गया हो या यह एहसास दिलाया गया हो कि आप किसी काम के नहीं हैं। अगर आप ऐसे हालात से गुज़रे हैं, तो शायद आपको यह मानना मुश्‍किल लगे कि कोई है जो दिल से आपकी परवाह करता है।

4. भजन 34:18 में यहोवा हमें किस बात का यकीन दिला रहा है?

4 चाहे दूसरों ने आपके साथ बुरा व्यवहार किया हो, पर आप यकीन रख सकते हैं कि यहोवा आपसे प्यार करता है और आप उसकी नज़र में बहुत अनमोल हैं। बाइबल में लिखा है, “यहोवा टूटे मनवालों के करीब रहता है।” (भजन 34:18 पढ़िए।) अगर आप “कुचला हुआ” महसूस कर रहे हैं, तो याद रखिए कि यहोवा ने आपमें कुछ अच्छा देखा है, इसलिए उसने आपको अपनी तरफ खींचा है। (यूह. 6:44) वह आपसे बेइंतिहा प्यार करता है और आपकी मदद करने के लिए हमेशा तैयार है।

5. यीशु ने जिस तरह लोगों के साथ व्यवहार किया, उससे हम क्या समझ पाते हैं?

5 यीशु ने जिस तरह लोगों के साथ व्यवहार किया, उससे हम समझ सकते हैं कि यहोवा हमें कितना अनमोल समझता है। जब यीशु धरती पर था, तो कुछ लोगों को नीची नज़रों से देखा जाता था और लोग उन्हें बुरा-भला कहते थे। लेकिन यीशु उनके साथ प्यार से पेश आया और उसने उन पर दया की। (मत्ती 9:9-12) जैसे एक बार एक औरत जिसे एक बड़ी बीमारी थी, यीशु के पास आयी। वह ठीक होना चाहती थी, इसलिए उसने यीशु के कपड़े को छुआ और उसकी बीमारी दूर हो गयी। तब यीशु ने उसे डाँटा नहीं, बल्कि उसे दिलासा दिया और उसके विश्‍वास के लिए उसकी तारीफ की। (मर. 5:25-34) यीशु बिलकुल अपने पिता यहोवा की तरह है। (यूह. 14:9) इसलिए उसके बारे में पढ़कर हम समझ सकते हैं कि यहोवा हमारे बारे में कैसा महसूस करता है। हम यकीन रख सकते हैं कि यहोवा की नज़र में हम बहुत अनमोल हैं और वह हमारे अंदर अच्छाइयाँ देखता है। वह देखता है कि हमारा विश्‍वास कितना मज़बूत है और हम उससे कितना प्यार करते हैं।

6. अगर आपको लगता है कि आप किसी लायक नहीं, तो आप क्या कर सकते हैं?

6 अगर आप यही सोचते रहते हैं कि आप किसी लायक नहीं, तब आप क्या कर सकते हैं? उन आयतों को पढ़िए जिनमें यकीन दिलाया गया है कि आप यहोवा की नज़र में अनमोल हैं और उन पर मनन कीजिए। b (भज. 94:19) अगर आप यह सोचकर निराश हैं कि आप अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर पाए या आप उतना नहीं कर पा रहे हैं, जितना दूसरे कर रहे हैं, तो खुद को कोसिए मत। यहोवा नहीं चाहता कि आप कुछ ऐसा करें जो आपके बस के बाहर हो। (भज. 103:13, 14) या अगर आप इस वजह से खुद को बेकार महसूस कर रहे हैं क्योंकि किसी ने आपके साथ बुरा व्यवहार किया था, तो आप क्या कर सकते हैं? खुद को दोष मत दीजिए! याद रखिए, गलती आपकी नहीं, उस व्यक्‍ति की है। और यहोवा उस व्यक्‍ति से हिसाब ज़रूर लेगा, लेकिन वह आपकी मदद करेगा। (1 पत. 3:12) बहन सैंड्रा जिन्हें बचपन में बहुत मारा-पीटा गया था, कहती हैं, “मैं हमेशा यहोवा से यही बिनती करती हूँ कि मैं खुद को उसी नज़र से देख सकूँ जैसे वह मुझे देखता है और अपनी अच्छाइयों पर ध्यान दे सकूँ।”

7. आपकी ज़िंदगी में जो उतार-चढ़ाव आए हैं, उस वजह से आप क्या कर सकते हैं?

7 कभी ऐसा मत सोचिए कि यहोवा आपके ज़रिए दूसरों की मदद नहीं कर सकता। उसने प्रचार काम में आपको अपना सहकर्मी बनाया है, आपको इतना बड़ा सम्मान दिया है। (1 कुरिं. 3:9) आपकी ज़िंदगी में जो उतार-चढ़ाव आए हैं, उस वजह से आप दूसरों का दुख अच्छी तरह समझ सकते हैं, उनके साथ हमदर्दी रख सकते हैं और उन्हें जो मदद चाहिए ठीक वही मदद दे सकते हैं। बहन हेलन जिनके बारे में हमने पहले देखा था, उन्हें यहोवा और भाई-बहनों से मदद मिली। और अब वे भी दूसरों की मदद कर रही हैं। वे बताती हैं, “मुझे लगता था कि मैं किसी लायक नहीं हूँ। लेकिन यहोवा ने मुझे एहसास दिलाया कि वह मुझसे बहुत प्यार करता है और उसने मुझे इस लायक बनाया कि अब मैं भी दूसरों की मदद कर पा रही हूँ।” आज बहन हेलन पायनियर सेवा कर रही हैं।

यहोवा हमें यकीन दिलाता है कि उसने हमें माफ कर दिया है

8. यशायाह 1:18 में यहोवा हमें किस बात का यकीन दिलाता है?

8 यहोवा के कुछ सेवक अपनी गलतियों को याद करके दुखी हो जाते हैं। हो सकता है, वे आज भी उन गलतियों के लिए खुद को कोसते हों जो उन्होंने बपतिस्मा लेने से पहले या बाद में की थीं। लेकिन हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि यहोवा हमसे बहुत प्यार करता है, इसलिए उसने हमारे लिए अपने प्यारे बेटे का बलिदान दिया है। और वह चाहता है कि हमें इस बलिदान से फायदा हो। वह हमें यकीन दिलाता है कि जब हम उसके साथ “मामला सुलझा” c लेते हैं, तो वह हमारे पापों के लिए हमें कसूरवार नहीं ठहराता। (यशायाह 1:18 पढ़िए।) यहोवा कितना अच्छा परमेश्‍वर है, वह हमारे पाप याद नहीं रखता! लेकिन हम जो अच्छे काम करते हैं, उन्हें वह हमेशा याद रखता है।—भज. 103:9, 12; इब्रा. 6:10.

9. पीछे देखने के बजाय हमें क्यों यह सोचना चाहिए कि हम आज और भविष्य में क्या कर सकते हैं?

9 अगर आप बीते समय में की गयी गलतियों के बारे में सोचकर परेशान हैं, तो पीछे देखने के बजाय आगे की ओर देखिए। सोचिए कि आप आज और आगे यहोवा के लिए क्या कर सकते हैं। प्रेषित पौलुस के उदाहरण पर ध्यान दीजिए। उसे इस बात का बहुत अफसोस था कि उसने मसीहियों को बुरी तरह सताया था और वह जानता था कि यहोवा ने उसके पाप माफ कर दिए हैं। (1 तीमु. 1:12-15) लेकिन क्या इसके बाद भी वह अपनी उन गलतियों के बारे में सोचकर दुखी होता रहा? जी नहीं। ठीक जैसे वह इस बारे में नहीं सोचता था कि मसीही बनने से पहले उसने क्या कुछ हासिल किया था, उसी तरह उसने ठान लिया था कि वह इस बारे में भी नहीं सोचेगा कि उसने बीते समय में क्या गलतियाँ की थीं। (फिलि. 3:4-8, 13-15) पीछे देखने के बजाय पौलुस आगे की तरफ देखता रहा और उसने अपनी सेवा पूरी करने में जी-जान लगा दी। हमें भी याद रखना है कि जो हो गया है, उसे हम बदल नहीं सकते। लेकिन पौलुस की तरह हम जी-जान से यहोवा की सेवा कर सकते हैं और इस बारे में सोच सकते हैं कि यहोवा ने हमें कितना शानदार भविष्य देने का वादा किया है।

10. अगर हमारी वजह से किसी को चोट पहुँची है, तो हम क्या कर सकते हैं?

10 शायद आप यह सोचकर परेशान हों कि बीते समय में आपसे जो गलती हुई थी, उस वजह से दूसरों को चोट पहुँची है। ऐसे में आप क्या कर सकते हैं? उनके साथ दोबारा अच्छा रिश्‍ता बनाने की पूरी कोशिश कीजिए। उनसे दिल से माफी माँगिए। (2 कुरिं. 7:11) आपकी वजह से जिन्हें चोट पहुँची है, उनके लिए यहोवा से प्रार्थना कीजिए। यहोवा आपकी और उनकी भी मदद कर सकता है ताकि आप दोनों को मन की शांति मिले और आप उसकी सेवा करते रहें।

11. हम योना से क्या सीख सकते हैं? (तसवीर भी देखें।)

11 अपनी गलतियों से सीखिए और यहोवा आपको जो भी काम या ज़िम्मेदारी दे, उसे खुशी से कीजिए। ज़रा भविष्यवक्‍ता योना के बारे में सोचिए। यहोवा ने उसे नीनवे जाने को कहा था, लेकिन उसने यहोवा की बात नहीं मानी और उलटी दिशा में भाग गया। तब यहोवा ने योना की सोच सुधारी। योना ने अपनी गलती कबूल की और उससे सीखा। (योना 1:1-4, 15-17; 2:7-10) इसके बाद यहोवा ने ऐसा नहीं सोचा कि योना उसकी सेवा के लायक नहीं है। उसने उसे एक और मौका दिया। और इस बार योना ने तुरंत उसकी बात मानी और नीनवे गया। योना अपनी गलती के बारे में सोचकर इतना निराश नहीं हो गया कि उसने यहोवा का काम करने से इनकार कर दिया।—योना 3:1-3.

एक बड़ी मछली के पेट से ज़िंदा निकलने के बाद यहोवा ने एक बार फिर भविष्यवक्‍ता योना से कहा कि वह नीनवे जाकर उसका संदेश सुनाए (पैराग्राफ 11)


यहोवा अपनी पवित्र शक्‍ति के ज़रिए हमें दिलासा देता है

12. जब हमें कोई गहरा सदमा पहुँचता है, तो यहोवा कैसे हमें अपनी शांति देता है? (फिलिप्पियों 4:6, 7)

12 जब हमें कोई गहरा सदमा पहुँचता है, तो यहोवा अपनी पवित्र शक्‍ति के ज़रिए हमें दिलासा देता है। ज़रा भाई रौन और बहन कैरल के अनुभव पर ध्यान दीजिए जिनके बेटे ने खुदकुशी कर ली थी। वे बताते हैं, “हमने अपनी ज़िंदगी में बहुत-सी तकलीफें सही हैं, लेकिन अपने बेटे को खोने का गम बरदाश्‍त से बाहर था। हम रात-रात-भर सो नहीं पाते थे, बस यहोवा से प्रार्थना करते थे। तब हमने वह शांति महसूस की जिसके बारे में फिलिप्पियों 4:6, 7 में बताया है।” (पढ़िए।) अगर आप भी किसी ऐसी मुश्‍किल से गुज़र रहे हैं जिसकी वजह से आप अंदर से पूरी तरह टूट गए हैं, तो यहोवा के सामने अपना दिल खोलकर रख दीजिए। तब तक उससे प्रार्थना कीजिए जब तक कि आपका मन शांत नहीं हो जाता। (भज. 86:3; 88:1) उससे बार-बार पवित्र शक्‍ति माँगिए। वह ज़रूर आपकी प्रार्थना सुनेगा।—लूका 11:9-13.

13. यहोवा की सेवा करते रहने में पवित्र शक्‍ति किस तरह हमारी मदद करती है? (इफिसियों 3:16)

13 क्या आप किसी बड़ी मुश्‍किल से गुज़र रहे हैं और पूरी तरह पस्त हो चुके हैं? ऐसे में यहोवा की पवित्र शक्‍ति आपको ताकत दे सकती है ताकि आप उसके वफादार रहें और उसकी सेवा करते रहें। (इफिसियों 3:16 पढ़िए।) ज़रा बहन फ्लोरा के अनुभव पर ध्यान दीजिए। वे अपने पति के साथ मिशनरी सेवा कर रही थीं। लेकिन फिर उनके पति ने उनके साथ बेवफाई की और उन दोनों का तलाक हो गया। बहन बताती हैं, “मैं यह सोच-सोचकर बहुत परेशान रहती थी कि वे मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं। यह सब सहने के लिए मैंने यहोवा से उसकी पवित्र शक्‍ति माँगी, इसलिए मैं इस सदमे से उबर पायी और पहाड़ जैसी इस मुश्‍किल को पार कर पायी।” जब बहन ने देखा कि यहोवा ने किस तरह उनकी मदद की, तो यहोवा पर उनका भरोसा और बढ़ गया। उन्हें यकीन हो गया कि वह उन्हें हर मुश्‍किल में सँभालेगा। बहन फ्लोरा कहती हैं, “भजन 119:32 में लिखी बात मेरे मामले में एकदम सच साबित हुई, ‘मैं तेरी आज्ञाओं की राह पर पूरे जोश से चलूँगा, क्योंकि तूने मेरे दिल में उसके लिए जगह बनायी है।’”

14. यहोवा से पवित्र शक्‍ति पाने के लिए हमें क्या करना होगा?

14 यहोवा से पवित्र शक्‍ति माँगने के बाद हम क्या कर सकते हैं? ऐसे काम कीजिए जिनसे आपको और भी पवित्र शक्‍ति मिले। जैसे सभाओं में जाइए, प्रचार कीजिए, हर दिन बाइबल पढ़िए और अपने मन को यहोवा की बातों से भरिए। (फिलि. 4:8, 9) बाइबल में बताए उन लोगों के बारे में मनन कीजिए जिन्होंने मुश्‍किलें सहीं और इस बारे में सोचिए कि यहोवा ने कैसे उनकी मदद की। बहन सैंड्रा, जिनका पहले ज़िक्र किया गया था, उन्होंने अपनी ज़िंदगी में एक-के-बाद-एक कई दुख झेले। वे बताती हैं, “यूसुफ की कहानी से मुझे बहुत हिम्मत मिलती है। उसके साथ बहुत नाइंसाफी हुई और उसने काफी कुछ सहा, लेकिन उसने कभी यहोवा के साथ अपना रिश्‍ता कमज़ोर नहीं पड़ने दिया।”—उत्प. 39:21-23.

यहोवा भाई-बहनों के ज़रिए हमें दिलासा देता है

15. हमें किनसे दिलासा मिल सकता है और वे कैसे हमें दिलासा दे सकते हैं? (तसवीर भी देखें।)

15 जब हम तकलीफों से गुज़रते हैं, तो हमें भाई-बहनों से ‘बहुत दिलासा मिलता है।’ (कुलु. 4:11) यहोवा उनके ज़रिए हमारे लिए अपना प्यार ज़ाहिर करता है। हमारे भाई-बहन अलग-अलग तरीकों से हमें दिलासा दे सकते हैं। हो सकता है, वे बड़े ध्यान से हमारी बात सुनें या फिर हमारे साथ वक्‍त बिताएँ या हमारा हौसला बढ़ाने के लिए हमें बाइबल की कोई आयत दिखाएँ या हमारे साथ प्रार्थना करें। d (रोमि. 15:4) इसके अलावा यह भी हो सकता है कि कोई भाई या बहन हमें अपने हालात को यहोवा की नज़र से देखने में मदद करे और इस वजह से हम सँभल जाएँ। और कई बार शायद वे ज़रूरत की चीज़ें देकर, जैसे खाना वगैरह देकर हमारी मदद करें।

अच्छे और भरोसेमंद दोस्त आपको दिलासा दे सकते हैं और आपको सँभाल सकते हैं (पैराग्राफ 15)


16. भाई-बहनों से मदद पाने के लिए हमें क्या करना होगा?

16 दूसरों से मदद पाने के लिए हमें मदद माँगनी होगी। हमारे भाई-बहन हमसे बहुत प्यार करते हैं और हमारी मदद करना चाहते हैं। (नीति. 17:17) लेकिन अगर उन्हें पता ही ना हो कि हमें कैसा लग रहा है, हमारी क्या ज़रूरतें हैं, तो वे हमारी मदद कैसे करेंगे। (नीति. 14:10) इसलिए अगर आप किसी बात को लेकर बहुत दुखी या परेशान हैं, तो आप ऐसे दोस्तों से बात कर सकते हैं जो आपकी बात समझ सकें और आपको बाइबल से अच्छी सलाह दे सकें। उन्हें खुलकर अपनी परेशानी बताइए और यह भी कि आपको क्या मदद चाहिए। आप चाहें तो उन प्राचीनों से बात कर सकते हैं जो आपके अच्छे दोस्त हैं। और एक बहन चाहे तो समझदार बहनों से बात कर सकती है।

17. दूसरों से दिलासा पाने में क्या बात आड़े आ सकती है और हम उसे कैसे पार कर सकते हैं?

17 भाई-बहनों से दूर-दूर मत रहिए। शायद आप इतने दुखी या परेशान हों कि आपको किसी से मिलने का या बात करने का मन ना करे, आप अकेले रहना चाहें। या कभी-कभी भाई-बहन आपको गलत समझ बैठें या कुछ ऐसा कह दें जिससे आपको बुरा लग जाए। (याकू. 3:2) लेकिन भाई-बहनों से दिलासा पाने के लिए इन बातों को आड़े मत आने दीजिए। ज़रा गैविन नाम के एक प्राचीन के अनुभव पर ध्यान दीजिए जिन्हें डिप्रेशन है। वे बताते हैं, “कई बार मुझे अपने दोस्तों से मिलने का या उनसे बात करने का बिलकुल मन नहीं करता।” लेकिन तब भाई गैविन खुद को मनाते हैं और जाकर भाई-बहनों से मिलते हैं। ऐसा करके उन्हें बहुत अच्छा लगता है। बहन एमी के अनुभव पर भी ध्यान दीजिए। वे बताती हैं, “मेरी ज़िंदगी में कुछ ऐसा हुआ जिस वजह से मुझे लोगों पर भरोसा करना बहुत मुश्‍किल लगता है। पर मैंने भाई-बहनों पर भरोसा करना सीखा, क्योंकि यहोवा यही चाहता है। जब हम अपने भाई-बहनों से प्यार करते हैं, उन पर भरोसा करते हैं, तो यहोवा का दिल बहुत खुश होता है और मुझे भी खुशी मिलती है।”

यहोवा के वादों से दिलासा पाइए

18. बहुत जल्द यहोवा क्या करेगा और आज हम क्या कर सकते हैं?

18 हम यकीन रख सकते हैं कि यहोवा बहुत जल्द हमारे दुख-दर्द और परेशानियाँ दूर कर देगा। (प्रका. 21:3, 4) आज जिन बातों के बारे में सोचकर हम उदास या निराश हो जाते हैं, ‘उनका खयाल भी हमारे दिल में नहीं आएगा।’ (यशा. 65:17) लेकिन यहोवा आज भी हमारे “घावों पर पट्टी बाँधता है,” जैसा हमने इस लेख में देखा। उसने हमें दिलासा देने के लिए, राहत पहुँचाने के लिए बहुत-से इंतज़ाम किए हैं। उनसे पूरा-पूरा फायदा पाइए। और भरोसा रखिए कि ‘यहोवा को आपकी परवाह है।’—1 पत. 5:7.

गीत 7 यहोवा, बल हमारा!

a इस लेख में लोगों के नाम उनके असली नाम नहीं हैं।

b यहोवा आपको अनमोल समझता है!” नाम का बक्स देखें।

c यहोवा के साथ ‘मामला सुलझाने’ के लिए हमें सच्चा पश्‍चाताप करना होगा। हमें यहोवा से अपने पापों के लिए माफी माँगनी होगी और सुधार करना होगा। अगर हमने कोई गंभीर पाप किया है, तो हमें मंडली के प्राचीनों से भी मदद लेनी होगी।—याकू. 5:14, 15.

d जैसे वचन जो दिखाएँ राह किताब में “चिंता” और “दिलासा, हौसला” नाम के विषयों में दी गयी आयतें देखें।