प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण अगस्त 2017

इस अंक में 25 सितंबर–22 अक्टूबर, 2017 के लिए अध्ययन लेख दिए गए हैं।

क्या आप सब्र रखेंगे और इंतज़ार करेंगे?

बीते ज़माने में, यहोवा के वफादार सेवकों ने उससे पूछा था कि उन्हें कब तक परीक्षाओं का सामना करना पड़ेगा। लेकिन यहोवा ने सवाल करने के लिए उन्हें नहीं धिक्कारा।

‘परमेश्वर की शांति समझ से परे है’

क्या आपकी ज़िंदगी में कुछ ऐसी मुश्किलें आयीं जिनकी आपने उम्मीद नहीं की थी और आपको शायद लगा हो कि यहोवा ने क्यों ऐसा होने दिया? ऐसे में क्या बात धीरज धरने और यहोवा पर पूरा भरोसा रखने में आपकी मदद करेगी?

जीवन कहानी

परीक्षाओं में धीरज धरने से आशीषें मिलती हैं

साइबेरिया आनेवाले लोग गायों के बारे में पूछताछ क्यों कर रहे थे जबकि असल में वे भेड़ों को ढूँढ़ रहे थे? जवाब जानने के लिए पावेल और मारीया सिवलुस्की की दिलचस्प कहानी पढ़िए।

पुरानी शख्सियत उतार फेंकिए और उसे दोबारा मत पहनिए

पुरानी शख्सियत को उतार फेंकने के बाद यह ज़रूरी है कि हम उसे दोबारा न पहनें। हम ऐसा करने में कामयाब कैसे हो सकते हैं, फिर चाहे हमने बुरे-से-बुरे काम किए हों?

नयी शख्सियत पहन लीजिए और इसे पहने रखिए

यहोवा की मदद से आप ऐसे इंसान बन सकते हैं जैसे वह चाहता है। गौर कीजिए कि आप किन तरीकों से करुणा, कृपा, नम्रता और कोमलता जैसे गुण दिखा सकते हैं।

प्यार—एक अनमोल गुण

बाइबल साफ बताती है कि प्यार, यहोवा की पवित्र शक्‍ति का एक पहलू है। प्यार क्या है? आप इसे अपने अंदर कैसे बढ़ा सकते हैं और हर दिन कैसे ज़ाहिर कर सकते हैं?

अतीत के झरोखे से

“अगला सम्मेलन कब होगा?”

सन्‌ 1932 में मैक्सिको सिटी में रखा गया एक छोटा-सा अधिवेशन इतना खास क्यों था?

आपने पूछा

मत्ती और लूका ने यीशु के बचपन से जुड़ी बातों के बारे में और उसकी वंशावलियों के बारे में जो लिखा, उसमें फर्क क्यों है?