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जब परमेश्वर का राज आएगा, तो क्या-क्या मिट जाएगा?

जब परमेश्वर का राज आएगा, तो क्या-क्या मिट जाएगा?

“यह दुनिया और इसकी ख्वाहिशें मिटती जा रही हैं, मगर जो परमेश्वर की मरज़ी पूरी करता है वह हमेशा बना रहेगा।”—1 यूह. 2:17.

गीत: 55, 24

1, 2. (क) किस मायने में यह दुष्ट दुनिया उस अपराधी की तरह है जिसे जल्द ही मार डाला जाएगा? (लेख की शुरूआत में दी तसवीर देखिए।) (ख) दुष्ट दुनिया के नाश के बाद स्वर्ग और धरती पर हरेक जन क्या कबूल करेगा?

सोचिए एक खतरनाक अपराधी को मौत की सज़ा सुनायी गयी है। फिर वह दिन आता है जब उसे फाँसी दी जानी है। कुछ सिपाही उसे जेल की कोठरी से ले जाने के लिए आते हैं। वह अपराधी फिलहाल ज़िंदा और सेहतमंद है लेकिन कुछ ही देर में उसे मार डाला जाएगा।

2 आज हम जिस दुष्ट दुनिया में जी रहे हैं उसकी हालत भी उस अपराधी की तरह है जिसे बहुत जल्द मौत के घाट उतार दिया जाएगा। बाइबल बताती है, ‘यह दुनिया मिटती जा रही है।’ (1 यूह. 2:17) यहोवा ने फैसला सुना दिया है कि यह दुनिया जल्द ही मिटा दी जाएगी। लेकिन इस दुनिया को मिटाने और उस अपराधी को मौत की सज़ा देने के बीच एक बड़ा फर्क है। वह क्या? कुछ लोगों को शायद लगे कि अपराधी के साथ नाइंसाफी हुई है और वे अदालत के फैसले का विरोध करें ताकि अपराधी को मौत की सज़ा न दी जाए। लेकिन इस दुनिया के साथ ऐसा कुछ नहीं होगा। यहोवा एक सच्चा और खरा न्यायी है और इस दुनिया को मिटाने का उसका फैसला एकदम सही है। (व्यव. 32:4) इसलिए इस दुनिया का नाश तय है। आखिरकार जब यह दुनिया मिटा दी जाएगी तो स्वर्ग और धरती पर हरेक जन यह कबूल करेगा कि यहोवा का इंसाफ सच्चा था। उस वक्‍त सभी राहत की साँस लेंगे!

3. परमेश्वर के राज में कौन-सी चार समस्याओं को खत्म कर दिया जाएगा?

3 बाइबल बताती है, ‘यह दुनिया मिटती जा रही है।’ शब्द “यह दुनिया” में क्या शामिल है? वे सारी बुरी चीज़ें जो आज ज़िंदगी का हिस्सा बन गयी हैं। जल्द ही इन बुरी चीज़ों को निकाल दिया जाएगा। दरअसल ‘राज की खुशखबरी’ में यह बात भी शामिल है। (मत्ती 24:14) इस लेख में हम चार समस्याओं पर चर्चा करेंगे जिन्हें परमेश्वर के राज में खत्म कर दिया जाएगा। वे हैं, दुष्ट लोग, भ्रष्ट संगठन, बुरे काम और खराब हालात। हरेक समस्या पर चर्चा करते वक्‍त हम यह जानेंगे: (1) इस समस्या का आज हम पर क्या असर पड़ता है? (2) इसे दूर करने के लिए यहोवा क्या करेगा? और (3) इसकी जगह वह कौन-सी अच्छी चीज़ लाएगा?

दुष्ट लोग

4. किस तरह दुष्ट लोगों का आज हम पर बुरा असर होता है?

4 दुष्ट लोगों का आज हम पर क्या असर पड़ता है? प्रेषित पौलुस ने कहा था कि आखिरी दिनों में “संकटों से भरा ऐसा वक्‍त आएगा जिसका सामना करना मुश्किल होगा।” फिर उसने कहा, “दुष्ट और फरेबी बद-से-बदतर होते चले जाएँगे।” (2 तीमु. 3:1-5, 13) क्या आप इन बातों को पूरा होते देख रहे हैं? हममें से कई लोग ऐसे हैं जिन्हें गुंडे-बदमाशों, जाति-भेद करनेवालों या खतरनाक अपराधियों ने अपना शिकार बनाया है। इनमें से कुछ लोग तो खुलेआम बुराई करते हैं। और दूसरे ऐसे हैं जो लोगों की मदद करने का दिखावा करते हैं लेकिन असल में उनके इरादे बुरे होते हैं। हो सकता है कि हमारे साथ कोई वारदात न हुई हो मगर फिर भी दुष्ट लोगों का हम पर बुरा असर होता है। जैसे, जब हम खबर सुनते हैं कि किसी ने एक बच्चे, बुज़ुर्ग या किसी लाचार इंसान के साथ बदसलूकी या कोई घिनौनी हरकत की है तो क्या हम अंदर-ही-अंदर बहुत दुखी नहीं हो जाते? सच, दुष्ट लोगों के काम जंगली जानवरों जैसे और शैतानी हैं। (याकू. 3:15) लेकिन खुशी की बात है कि यहोवा का वचन बाइबल हमें बढ़िया आशा देती है।

5. (क) दुष्ट लोगों के पास अब भी क्या मौका है? (ख) जो बदलना नहीं चाहते उनका क्या होगा?

5 यहोवा क्या करेगा? फिलहाल यहोवा दुष्ट लोगों को मौका दे रहा है कि वे बदल जाएँ। (यशा. 55:7) हालाँकि इस दुनिया का नाश तय है लेकिन दुष्ट लोगों का अभी न्याय नहीं किया गया है। उन लोगों का क्या होगा जो महा-संकट के आने तक खुद को नहीं बदलेंगे और इस दुष्ट दुनिया का साथ देते रहेंगे? यहोवा ने वादा किया है कि वह सभी दुष्ट लोगों का नामो-निशान मिटा देगा। (भजन 37:10 पढ़िए।) आज कई लोग बड़ी चालाकी से अपने बुरे कामों को छिपाए रखते हैं और अकसर उन्हें कोई सज़ा नहीं मिलती। (अय्यू. 21:7, 9) लेकिन बाइबल बताती है, “परमेश्वर इंसान के चालचलन को देखता रहता है, उसके एक-एक कदम पर उसकी नज़र रहती है। ऐसी कोई जगह नहीं जहाँ दुष्ट उससे छिप सके, अंधकार या घना साया भी उसे नहीं छिपा सकता।” (अय्यू. 34:21, 22) सच, यहोवा से कोई नहीं छिप सकता। दुष्ट लोग जो भी करते हैं वह उसे देखता है। हर-मगिदोन के बाद, हम दुष्टों को वहाँ ढूँढ़ेंगे जहाँ वे होते थे मगर वे नहीं होंगे। वे हमेशा के लिए मिटा दिए जाएँगे!—भज. 37:12-15.

6. दुष्ट लोगों के खत्म होने के बाद कौन बचेंगे और यह क्यों एक खुशखबरी है?

6 दुष्ट लोगों के खत्म होने के बाद कौन बचेंगे? यहोवा वादा करता है, “दीन लोग धरती के वारिस होंगे और बड़ी शांति के कारण अपार खुशी पाएँगे।” उसी भजन में आगे कहा गया है, “नेक लोग धरती के वारिस होंगे और उस पर हमेशा की ज़िंदगी जीएँगे।” (भज. 37:11, 29) ये “दीन” और “नेक” जन कौन हैं? दीन वे हैं जो यहोवा के बारे में सीखते हैं और उसकी आज्ञा मानते हैं। नेक वे हैं जिन्हें उन बातों से प्यार है जो परमेश्वर की नज़र में सही हैं। आज दुनिया में नेक लोगों के मुकाबले दुष्ट लोग ज़्यादा हैं। लेकिन नयी दुनिया में हर तरफ सिर्फ दीन और नेक लोग रहेंगे और वे पूरी धरती को फिरदौस बनाएँगे।

भ्रष्ट संगठन

7. भ्रष्ट संगठनों ने हमें क्या नुकसान पहुँचाया है?

7 भ्रष्ट संगठनों का आज हम पर क्या असर पड़ता है? आज दुनिया में हर तरफ जो बुराई फैली है उसके पीछे किसी एक इंसान का नहीं बल्कि संगठनों का हाथ है। धार्मिक संगठनों ने लाखों लोगों को गुमराह कर रखा है। मिसाल के लिए, परमेश्वर कौन है इस बारे में वे झूठ सिखाते हैं। वे कहते हैं कि बाइबल पर भरोसा नहीं किया जा सकता। वे धरती और इंसान के भविष्य के बारे में गलत शिक्षाएँ देकर लोगों को गुमराह करते हैं। दूसरी तरफ, बेईमान सरकारें युद्ध को बढ़ावा देती हैं, जाति के नाम पर दंगे-फसाद करवाती हैं और गरीब और बेसहारा लोगों पर ज़ुल्म करती हैं। ये सरकारें रिश्वत लेकर अपनी जेबें भरती हैं और तरफदारी करके अपनी सत्ता मज़बूत करती हैं। लालची कंपनियाँ भी कम नहीं। वे बेधड़क वातावरण और प्राकृतिक साधनों को खराब करती जा रही हैं और गिने-चुने लोगों को अमीर बनाने के चक्कर में उपभोक्ताओं का नाजायज़ फायदा उठाती हैं। इससे साफ पता चलता है कि आज दुनिया में फैली ज़्यादातर तकलीफों के लिए भ्रष्ट संगठन ही ज़िम्मेदार हैं।

8. आज जो संगठन बहुत मज़बूत नज़र आते हैं, उनका क्या होगा?

8 यहोवा क्या करेगा? महा-संकट की शुरूआत तब होगी जब दुनिया की सरकारें सभी झूठे धार्मिक संगठनों पर हमला करेंगी। इन धार्मिक संगठनों को बाइबल में वेश्या बताया गया है जिसका नाम महानगरी बैबिलोन है। (प्रका. 17:1, 2, 16; 18:1-4) इन धार्मिक संगठनों को पूरी तरह खाक में मिला दिया जाएगा। मगर बाकी भ्रष्ट संगठनों का क्या होगा? बाइबल बताती है कि ये संगठन पहाड़ और द्वीप की तरह मज़बूत नज़र आते हैं। (प्रकाशितवाक्य 6:14 पढ़िए।) लेकिन ऐसी हर सरकार और संगठन नाश कर दिए जाएँगे जो परमेश्वर के राज का साथ नहीं देते। महा-संकट के आखिरी भाग में इन्हें मिटा दिया जाएगा। (यिर्म. 25:31-33) इसके बाद, धरती पर एक भी भ्रष्ट संगठन नहीं रहेगा।

9. हम क्यों यकीन रख सकते हैं कि नयी पृथ्वी पूरी तरह व्यवस्थित होगी?

9 भ्रष्ट संगठनों की जगह कौन लेगा? हर-मगिदोन के बाद क्या धरती पर कोई संगठन रहेगा? बाइबल बताती है, “हम परमेश्वर के वादे के मुताबिक एक नए आकाश और नयी पृथ्वी का इंतज़ार कर रहे हैं, जहाँ नेकी का बसेरा होगा।” (2 पत. 3:13) पुराना आकाश और पुरानी पृथ्वी यानी भ्रष्ट सरकारें और बुरे लोगों का वजूद मिट चुका होगा। मगर उनकी जगह कौन लेगा? ‘एक नया आकाश और नयी पृथ्वी।’ नए आकाश का मतलब है एक नया राज या नयी सरकार, जो यीशु मसीह और 1,44,000 जनों से मिलकर बनी है। नयी पृथ्वी का मतलब है, परमेश्वर के राज के अधीन रहनेवाले लोग। यहोवा हर काम तरतीब से करता है इसलिए यीशु और उसके साथ राज करनेवालों की हुकूमत में भी बढ़िया कायदा होगा। (1 कुरिं. 14:33) “नयी पृथ्वी” पूरी तरह व्यवस्थित होगी। मामलों को सँभालने के लिए भले आदमी होंगे। (भज. 45:16) ये आदमी मसीह और 1,44,000 जनों के निर्देशों के मुताबिक काम करेंगे। ज़रा सोचिए, सभी भ्रष्ट संगठनों के खत्म होने के बाद सिर्फ एक ही संगठन रहेगा, जिसमें एकता होगी और जो कभी भ्रष्ट नहीं होगा!

बुरे काम

10. (क) आप जहाँ रहते हैं वहाँ आम तौर पर कौन-से बुरे काम होते हैं? (ख) इसका आप पर और आपके परिवार पर क्या असर पड़ता है?

10 बुरे कामों का आज हम पर क्या असर पड़ता है? हम ऐसी दुनिया में जी रहे हैं जहाँ बदचलनी, बेईमानी और खून-खराबा बहुत आम हो चुका है। दुनिया का मनोरंजन इन बातों को बड़े ही लुभावने अंदाज़ में पेश करता है और सही-गलत के बारे में यहोवा के ठहराए स्तरों की खिल्ली उड़ाता है। (यशा. 5:20) इसलिए आज माता-पिताओं को चाहिए कि वे अपने बच्चों को मनोरंजन के बुरे असर से बचाए रखें और इसके लिए कड़ी मेहनत करें। दरअसल सभी सच्चे मसीहियों को यहोवा के साथ अपने रिश्ते की हिफाज़त करने की पूरी कोशिश करनी चाहिए। क्यों? क्योंकि इस दुनिया में परमेश्वर के स्तरों के लिए ज़रा-भी आदर नहीं।

11. यहोवा ने सदोम और अमोरा का जो न्याय किया, उससे हम क्या सीखते हैं?

11 यहोवा क्या करेगा? ज़रा सोचिए कि यहोवा ने सदोम और अमोरा के शहरों में हो रहे बुरे कामों का क्या किया था। (2 पतरस 2:6-8 पढ़िए।) नेक इंसान लूत और उसका परिवार सदोम में रहता था और वह आस-पास फैली बुराइयों को देखकर तड़प रहा था। यहोवा ने क्या किया? उसने सदोम और अमोरा और उनके आस-पास के इलाके नाश कर दिए। उसने “इस तरह आनेवाले वक्‍त के भक्‍तिहीन लोगों के लिए एक नमूना ठहराया।” यहोवा ने जिस तरह लूत के दिनों में बदचलनी के सारे कामों को खत्म किया था, उसी तरह वह आज दुनिया में हो रहे बुरे कामों को नष्ट कर देगा।

12. इस बुरी दुनिया के नाश के बाद आप किन कामों में हिस्सा लेना चाहते हैं?

12 बुरे कामों की जगह कौन-से अच्छे काम होंगे? नयी दुनिया में हमारे पास ऐसे बहुत-से काम होंगे जिनसे हमें खुशी मिलेगी। मिसाल के लिए, हम धरती को एक सुंदर बगीचा बनाएँगे और अपने लिए और जिनसे हम प्यार करते हैं उनके लिए घर बनाएँगे। हम उन लाखों लोगों का भी स्वागत करेंगे जो मरे हुओं में से ज़िंदा किए जाएँगे। हम उन्हें यहोवा के बारे में और इंसानों के लिए उसने जो कुछ किया है, उस बारे में सिखाएँगे। (यशा. 65:21, 22; प्रेषि. 24:15) उस वक्‍त हम ऐसे कामों में लगे रहेंगे, जिनसे हमें खुशी मिलेगी और यहोवा की महिमा होगी।

खराब हालात

13. अदन में हुई बगावत का क्या नतीजा हुआ है?

13 खराब हालात का आज हम पर क्या असर पड़ता है? दुष्ट लोगों, भ्रष्ट संगठनों और बुरे कामों की वजह से आज दुनिया के हालात बहुत ही खराब हो चुके हैं। ऐसा कोई नहीं जिस पर युद्ध, गरीबी, जाति-भेद, बीमारी और मौत का असर न हुआ हो। यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि शैतान, आदम और हव्वा ने यहोवा से बगावत की है। आज कोई भी इंसान इन खराब हालात से बच नहीं सकता है।

14. खराब हालात के बारे में यहोवा क्या करेगा?

14 यहोवा क्या करेगा? ज़रा उसके कुछ वादों पर गौर कीजिए। यहोवा वादा करता है कि वह युद्धों का अंत कर देगा। (भजन 46:8, 9 पढ़िए।) बीमारियों को दूर करेगा। (यशा. 33:24) मौत को हमेशा के लिए मिटा देगा। (यशा. 25:8) गरीबी को पूरी तरह हटा देगा। (भज. 72:12-16) इतना ही नहीं, वह उन सारे बुरे हालात का भी अंत कर देगा जिनकी वजह से आज हमारा जीना मुश्किल हो गया है। वह शैतान और दुष्ट स्वर्गदूतों को भी खत्म कर देगा जो हम पर बुरा असर डालते हैं।—इफि. 2:2.

उस दुनिया की कल्पना कीजिए जहाँ युद्ध, बीमारी और मौत नहीं रहेगी! (पैराग्राफ 15 देखिए)

15. हर-मगिदोन के बाद किन चीज़ों को हमेशा के लिए मिटा दिया जाएगा?

15 कल्पना कीजिए कि उस दुनिया में जीना कैसा होगा जहाँ युद्ध, बीमारी और मौत नहीं रहेगी! न ही सेनाएँ होंगी, न ही हथियार और युद्ध के स्मारक होंगे। उस वक्‍त अस्पताल, डॉक्टर और नर्स की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। मुरदा घर, कब्रिस्तान या शमशान घाट कहीं दिखायी नहीं देंगे। जुर्म नहीं होगा इसलिए न तो पुलिस की, न ही सुरक्षा अलार्म की ज़रूरत होगी। शायद उस समय ताले और चाबियाँ भी नहीं होंगी। जो चिंताएँ आज हमें सताती हैं वे हमेशा के लिए खत्म हो जाएँगी।

16, 17. (क) हर-मगिदोन से बचनेवाले कैसा महसूस करेंगे? समझाइए। (ख) आप कैसे पक्का कर सकते हैं कि जब इस दुनिया का नाश होगा तो आप ज़िंदा बचेंगे?

16 जब खराब हालात नहीं रहेंगे तो ज़िंदगी कैसी होगी? हम इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते। हम खराब हालात में जीने के इतने आदी हो चुके हैं कि हम ध्यान ही नहीं देते कि हम कितने तनाव में हैं। मिसाल के लिए, जो लोग बस या रेलवे स्टेशन के पास रहते हैं वे शोर-शराबे के इतने आदी हो जाते हैं कि उस पर ध्यान ही नहीं देते। उसी तरह जिन लोगों का घर कूड़ा-कचरा फेंकने की जगह के पास होता है, वे बदबू के आदी हो जाते हैं और इसका उन पर कोई असर नहीं होता। लेकिन सोचिए जब यहोवा सभी खराब हालात को ठीक करेगा तो हम इंसान क्या ही राहत की साँस लेंगे!

17 नयी दुनिया में आप तनाव की जगह क्या महसूस करेंगे? भजन 37:11 बताता है, “दीन लोग धरती के वारिस होंगे और बड़ी शांति के कारण अपार खुशी पाएँगे।” यह जानकर कितना दिलासा मिलता है कि यहोवा हमें ढेरों खुशियाँ देगा। हालाँकि आज आप तनाव-भरे माहौल में जी रहे हैं फिर भी यहोवा और उसके संगठन के करीब बने रहने की हर मुमकिन कोशिश कीजिए। भविष्य की आशा को अनमोल समझिए और अपने मन में उसकी जीती-जागती तसवीर बनाइए। यही नहीं, उस आशा के बारे में दूसरों को भी बताइए। (1 तीमु. 4:15, 16; 1 पत. 3:15) अगर आप ऐसा करेंगे तो जब इस दुनिया का नाश होगा, तब आप ज़िंदा बचेंगे और हमेशा की खुशियाँ पाएँगे।