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अध्ययन लेख 17

यहोवा से मदद लीजिए, दुष्ट स्वर्गदूतों का विरोध कीजिए

यहोवा से मदद लीजिए, दुष्ट स्वर्गदूतों का विरोध कीजिए

“हमारी लड़ाई . . . उन शक्‍तिशाली दुष्ट दूतों से है जो आकाश में हैं।”​—इफि. 6:12.

गीत 55 उनसे मत डर!

लेख की एक झलक *

1. इफिसियों 6:10-13 के मुताबिक एक तरीका क्या है, जिससे यहोवा हमारे लिए प्यार और परवाह ज़ाहिर करता है? समझाइए।

यहोवा कई तरीकों से अपने सेवकों के लिए प्यार और परवाह ज़ाहिर करता है। इनमें से एक तरीका है कि वह दुश्‍मनों से लड़ने में हमारी मदद करता है। हमारे सबसे बड़े दुश्‍मन हैं, शैतान और उसके दुष्ट स्वर्गदूत। इन दुश्‍मनों के बारे में यहोवा हमें खबरदार करता है और उनका विरोध करने में हमें जो भी मदद चाहिए, वह देता है। (इफिसियों 6:10-13 पढ़िए।) यहोवा पर पूरी तरह निर्भर रहकर और उसकी मदद से ही हम शैतान का डटकर विरोध कर सकते हैं। हम वही भरोसा रख सकते हैं, जो प्रेषित पौलुस को था। उसने लिखा, “अगर परमेश्‍वर हमारी तरफ है, तो कौन हमारे खिलाफ होगा?”​—रोमि. 8:31.

2. इस लेख में हम क्या चर्चा करेंगे?

2 सच्चे मसीही होने के नाते हम शैतान और दुष्ट स्वर्गदूतों पर बहुत ज़्यादा ध्यान नहीं देते। हम अपना पूरा ध्यान यहोवा के बारे में सीखने और उसकी सेवा करने में लगाते हैं। (भज. 25:5) लेकिन यह जानना भी ज़रूरी है कि शैतान किस तरह काम करता है, ताकि वह हमें चकमा न दे पाए। (2 कुरिं. 2:11, फु.) इस लेख में हम चर्चा करेंगे कि शैतान और उसके दुष्ट स्वर्गदूत किस मुख्य तरीके से लोगों को गुमराह करते हैं। हम यह भी देखेंगे कि हम उनका डटकर मुकाबला कैसे कर सकते हैं।

दुष्ट स्वर्गदूत लोगों को कैसे गुमराह करते हैं?

3-4. (क) जादू-टोने का मतलब क्या है? (ख) जादू-टोने पर लोगों को कितना विश्‍वास है?

3 जादू-टोना वह मुख्य तरीका है जिससे शैतान और दुष्ट स्वर्गदूत लोगों को गुमराह करते हैं। जादू-टोना करनेवाले दावा करते हैं कि वे ऐसी बातें जानते हैं या ऐसे काम कर सकते हैं, जो आम इंसान नहीं जान सकते या कर सकते। उदाहरण के लिए, कुछ लोगों का दावा है कि वे ज्योतिष-विद्या या किसी और तरीके से भविष्य बता सकते हैं। दूसरे ऐसे हैं जो मरे हुओं से संपर्क करने का ढोंग करते हैं, वहीं कुछ लोग टोना-टोटका करते हैं और मंत्र फूँककर किसी को वश में करने की कोशिश करते हैं। *

4 जादू-टोने पर लोगों को कितना विश्‍वास है? लैटिन अमरीका के 18 देशों और कैरिबियन देश में एक सर्वे लिया गया। उससे पता चला कि करीब 33 प्रतिशत लोग जादू, टोना-टोटका या झाड़-फूँक में विश्‍वास करते हैं और लगभग उतने ही लोगों का मानना है कि मरे हुओं की आत्मा से संपर्क किया जा सकता है। अफ्रीका के 18 देशों में एक और सर्वे लिया गया। उस सर्वे के मुताबिक आधे से ज़्यादा लोगों का कहना है कि वे टोना-टोटका में विश्‍वास करते हैं। हम चाहे किसी भी देश में रहते हों, हमें जादू-टोने से खबरदार रहना चाहिए। वह इसलिए कि शैतान “सारे जगत को” गुमराह करने में लगा हुआ है।​—प्रका. 12:9.

5. जादू-टोने के बारे में यहोवा का क्या नज़रिया है?

5 यहोवा ‘सच्चाई का परमेश्‍वर’ है। (भज. 31:5) वह जादू-टोने को किस नज़र से देखता है? वह इससे सख्त नफरत करता है! उसने इसराएलियों से कहा था, “तुममें ऐसा कोई न हो जो अपने बेटे या बेटी को आग में होम करता है, ज्योतिषी का काम करता है, जादू करता है, शकुन विचारता है, टोना-टोटका करता है, मंत्र फूँककर किसी को काबू में करता है, भविष्य बताता है, मरे हुओं से संपर्क करने का दावा करता है या उससे पूछताछ करता है। जो कोई ऐसे काम करता है वह यहोवा की नज़र में घिनौना है।” (व्यव. 18:10-12) यहोवा ने इसराएलियों को जो कानून दिया था, वह आज मसीहियों पर लागू नहीं होता। फिर भी हम जानते हैं कि जादू-टोने के बारे में उसका नज़रिया बदला नहीं है।​—मला. 3:6.

6. (क) शैतान जादू-टोने के ज़रिए किस तरह लोगों को हानि पहुँचाता है? (ख) सभोपदेशक 9:5 के मुताबिक मरे हुए असल में किस दशा में हैं?

6 यहोवा हमें जादू-टोने से खबरदार करता है, क्योंकि वह जानता है कि इसके ज़रिए शैतान लोगों को हानि पहुँचाता है। वह कैसे? शैतान जादू-टोने के सहारे इस झूठ को बढ़ावा देता है कि मरे हुए किसी दूसरे लोक में ज़िंदा रहते हैं। वह इस तरह के और भी झूठ फैलाता है। (सभोपदेशक 9:5 पढ़िए।) वह जादू-टोने के ज़रिए लोगों को डराता भी है और उन्हें यहोवा से दूर रखता है। वह बस यही चाहता है कि लोग यहोवा पर भरोसा करने के बजाय दुष्ट स्वर्गदूतों पर भरोसा करें।

दुष्ट स्वर्गदूतों का विरोध कैसे करें?

7. यहोवा हमें क्या बताता है?

7 जैसे हमने देखा, यहोवा हमें बताता है कि शैतान और उसके दुष्ट स्वर्गदूत किस तरह लोगों को गुमराह करते हैं। यह जानने से हम उनके जाल में नहीं फँसेंगे। अब आइए गौर करें कि उनसे लड़ने के लिए हम कौन-से कदम उठा सकते हैं।

8. (क) दुष्ट स्वर्गदूतों से लड़ने का सबसे अहम तरीका क्या है? (ख) भजन 146:4 में मरे हुओं के बारे में शैतान के किस झूठ का परदाफाश किया गया है?

8 परमेश्‍वर का वचन पढ़िए और उस पर मनन कीजिए। दुष्ट स्वर्गदूतों से लड़ने का यह सबसे अहम तरीका है। परमेश्‍वर का वचन तेज़ धारवाली तलवार की तरह है और यह शैतान के हर झूठ को काट सकता है। (इफि. 6:17) उदाहरण के लिए, परमेश्‍वर का वचन बाइबल इस झूठ का परदाफाश करती है कि मरे हुए, ज़िंदा लोगों से बात कर सकते हैं। (भजन 146:4 पढ़िए।) बाइबल यह भी साफ-साफ बताती है कि कोई इंसान नहीं, सिर्फ यहोवा भविष्य के बारे में ठीक-ठीक बता सकता है। (यशा. 45:21; 46:10) अगर हम नियमित तौर पर बाइबल पढ़ें और उस पर मनन करें, तो हम दुष्ट स्वर्गदूतों के फैलाए झूठ को आसानी से पहचान पाएँगे और उसे ठुकरा पाएँगे।

9. जादू-टोने से जुड़े कौन-से काम हम नहीं करते?

9 जादू-टोने से जुड़ा कोई भी काम मत कीजिए। सच्चे मसीही होने के नाते हम किसी भी तरह का जादू-टोना नहीं करते। उदाहरण के लिए, हम ऐसे व्यक्‍ति के पास नहीं जाते, जो मरे हुओं से संपर्क करने का दावा करता है और न ही हम खुद किसी तरह मरे हुओं से बात करने की कोशिश करते हैं। जैसे हमने पिछले लेख में देखा था, अंत्येष्टि से जुड़े कुछ रीति-रिवाज़ इस शिक्षा पर आधारित हैं कि मरे हुए कहीं-न-कहीं ज़िंदा रहते हैं और हम इस तरह के रीति-रिवाज़ नहीं मानते। हम भविष्य जानने के लिए ज्योतिषियों या दूसरे लोगों के पास नहीं जाते। (यशा. 8:19) हम जानते हैं कि ऐसे हर तरह के काम बहुत ही खतरनाक हैं और ये काम करने से हम सीधे-सीधे शैतान और दुष्ट स्वर्गदूतों के संपर्क में आ जाते हैं।

पहली सदी के मसीहियों की तरह जादू-टोने से जुड़ी कोई भी चीज़ अपने पास मत रखिए, न ही इससे जुड़ा मनोरंजन कीजिए (पैराग्राफ 10-12 देखें)

10-11. (क) पहली सदी में जब कुछ लोगों ने सच्चाई सीखी, तो उन्होंने क्या किया? (ख) पहला कुरिंथियों 10:21 के मुताबिक पहली सदी के मसीहियों की मिसाल पर चलना क्यों ज़रूरी है? (ग) हम उनसे क्या सीखते हैं?

10 जादू-टोने से जुड़ी कोई भी चीज़ अपने पास मत रखिए। पहली सदी में इफिसुस के कुछ लोग जादू-टोने से जुड़े काम करते थे। लेकिन जब उन्होंने सच्चाई सीखी, तो दुष्ट स्वर्गदूतों का विरोध करने के लिए उन्होंने ठोस कदम उठाया। “बहुत-से लोग जो जादूगरी की विद्या में लगे हुए थे, अपनी-अपनी पोथियाँ ले आए और सबके सामने उन्हें जला दिया।” (प्रेषि. 19:19) उन पोथियों की कीमत बहुत ज़्यादा थी, फिर भी किसी को देने या बेचने के बजाय उन्होंने वे पोथियाँ जला दीं। उन्हें पोथियों की कीमत से ज़्यादा यहोवा को खुश करने की चिंता थी।

11 पहली सदी के उन मसीहियों से हम क्या सीखते हैं? यही कि हमें ऐसी कोई चीज़ अपने पास नहीं रखनी चाहिए जो जादू-टोने से जुड़ी है। इसमें तावीज़, धागा या दूसरी चीज़ें आती हैं, जिन्हें लोग इसलिए पहनते या अपने पास रखते हैं ताकि उनके साथ कुछ बुरा न हो।​—1 कुरिंथियों 10:21 पढ़िए।

12. मनोरंजन के मामले में हमें खुद से क्या पूछना चाहिए?

12 जाँच कीजिए कि आप कैसा मनोरंजन करते हैं। खुद से पूछिए, ‘क्या मैं ऐसी किताबें, पत्रिकाएँ या इंटरनेट पर ऐसे लेख पढ़ता हूँ, जिनमें जादू-टोने या भूत-प्रेतों के बारे में बताया जाता है? मैं जो गाने सुनता हूँ, फिल्में या टीवी कार्यक्रम देखता हूँ या फिर जो वीडियो गेम खेलता हूँ, कहीं उनका नाता जादू-टोने से तो नहीं है? कहीं उनमें भूत-चुड़ैल, नागिन या पिशाच (वैम्पायर) वगैरह तो नहीं दिखाए जाते? क्या उनमें जादू, तंत्र-मंत्र या शाप देने को ऐसे मज़ेदार तरीके से पेश किया जाता है मानो उनमें कोई बुराई न हो?’ बेशक इसका मतलब यह नहीं कि काल्पनिक कहानियों पर आधारित हर तरह का मनोरंजन जादू-टोने से जुड़ा होता है। लेकिन जब आप मनोरंजन के मामले में कोई फैसला करते हैं, तो ठान लीजिए कि आप ऐसा मनोरंजन नहीं करेंगे जिससे यहोवा नफरत करता है। हमारी कोशिश हमेशा यही होनी चाहिए कि परमेश्‍वर की नज़र में हमारा “ज़मीर साफ रहे।”​—प्रेषि. 24:16. *

13. हमें क्या नहीं करना चाहिए?

13 दुष्ट स्वर्गदूतों के किस्से-कहानियाँ मत सुनाइए। इस मामले में हमें यीशु की मिसाल पर चलना चाहिए। (1 पत. 2:21) धरती पर आने से पहले यीशु स्वर्ग में था और वह शैतान और दुष्ट स्वर्गदूतों के बारे में बहुत कुछ जानता था। लेकिन उसने उनके कारनामों के बारे में नहीं बताया। यीशु यहोवा के बारे में गवाही देना चाहता था, न कि शैतान का प्रचार-प्रसार करना चाहता था। हमें भी दुष्ट स्वर्गदूतों से जुड़ी कहानियाँ या घटनाएँ नहीं सुनानी चाहिए। इसके बजाय हमें ऐसी बातें करनी चाहिए जिनसे ज़ाहिर हो कि “एक मनभावनी बात से” यानी सच्चाई से हमारे “दिल में उमंग जागी है।”​—भज. 45:1.

हमें दुष्ट स्वर्गदूतों से खौफ नहीं खाना चाहिए, क्योंकि यहोवा, यीशु और वफादार स्वर्गदूत उनसे कहीं ज़्यादा शक्‍तिशाली हैं (पैराग्राफ 14-15 देखें) *

14-15. (क) हमें दुष्ट स्वर्गदूतों से खौफ क्यों नहीं खाना चाहिए? (ख) आज इस बात के क्या सबूत हैं कि यहोवा अपने लोगों की हिफाज़त करता है?

14 दुष्ट स्वर्गदूतों से खौफ मत खाइए। इस दुनिया में हमारे साथ बुरी घटनाएँ हो सकती हैं, जैसे कोई दुर्घटना, बीमारी या अचानक किसी की मौत। लेकिन हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि इनके पीछे दुष्ट स्वर्गदूतों का हाथ है। बाइबल बताती है, “मुसीबत की घड़ी किसी पर भी आ सकती है और हादसा किसी के साथ भी हो सकता है।” (सभो. 9:11) रही बात दुष्ट स्वर्गदूतों की, तो उनसे हमें डरना नहीं चाहिए, क्योंकि यहोवा ने साबित किया है कि वह उनसे कहीं ज़्यादा ताकतवर है। उदाहरण के लिए, उसने शैतान को अय्यूब की जान लेने की इजाज़त नहीं दी। (अय्यू. 2:6) मूसा के दिनों में यहोवा ने ज़ाहिर किया कि वह मिस्र के जादू-टोना करनेवाले पुजारियों से कहीं ज़्यादा शक्‍तिशाली है। (निर्ग. 8:18; 9:11) यहोवा से मिली शक्‍ति की वजह से यीशु ने शैतान और उसके दुष्ट स्वर्गदूतों को स्वर्ग से धरती पर फेंक दिया। बहुत जल्द उन्हें अथाह-कुंड में डाल दिया जाएगा, जहाँ वे किसी का कोई नुकसान नहीं कर पाएँगे।​—प्रका. 12:9; 20:2, 3.

15 आज इस बात के ढेरों सबूत हैं कि यहोवा अपने लोगों की हिफाज़त करता है। ज़रा इस बात पर ध्यान दीजिए: हम धरती के कोने-कोने में प्रचार और सिखाने का काम कर रहे हैं। (मत्ती 28:19, 20) इस तरह हम शैतान के दुष्ट कामों का परदाफाश करते हैं। शैतान के बस में होता, तो वह हमारे काम पूरी तरह से रोक देता। मगर वह ऐसा नहीं कर सकता। इस वजह से हमें दुष्ट स्वर्गदूतों से खौफ नहीं खाना चाहिए। हम जानते हैं कि “यहोवा की आँखें सारी धरती पर इसलिए फिरती रहती हैं कि वह उन लोगों की खातिर अपनी ताकत दिखाए जिनका दिल उस पर पूरी तरह लगा रहता है।” (2 इति. 16:9) अगर हम यहोवा के वफादार रहें, तो दुष्ट स्वर्गदूत ऐसा कुछ नहीं कर सकते, जिससे हमारा हमेशा का नुकसान हो।

यहोवा से मदद लेनेवालों को आशीषें मिलती हैं

16-17. दुष्ट स्वर्गदूतों का विरोध करने के लिए हिम्मत क्यों चाहिए? एक उदाहरण दीजिए।

16 दुष्ट स्वर्गदूतों का विरोध करने के लिए हिम्मत चाहिए, खासकर जब दोस्त और रिश्‍तेदार हम पर कोई रीति-रिवाज़ मानने का दबाव डालते हैं। लेकिन इन हालात में हिम्मत से काम लेनेवालों को यहोवा आशीषें देता है। घाना में रहनेवाली बहन एरिका के उदाहरण पर ध्यान दीजिए। जब उसने बाइबल अध्ययन शुरू किया, तो वह 21 साल की थी। उसका पिता जादू-टोना करनेवाला पुजारी था और वह एक रिवाज़ मानता था। इस रिवाज़ के मुताबिक उसके पूर्वजों की आत्माओं को गोश्‍त का चढ़ावा चढ़ाया जाता था और परिवार के सभी लोगों को वह गोश्‍त खाना होता था। लेकिन जब एरिका ने यह रिवाज़ मानने से इनकार कर दिया, तो उसके परिवारवालों को लगा कि वह पूर्वजों का अपमान कर रही है। उनका मानना था कि अब उनके पूर्वज उन्हें सज़ा देंगे और उन्हें मानसिक और शारीरिक बीमारी से पीड़ित करेंगे।

17 एरिका के परिवारवालों ने यह रिवाज़ मानने के लिए उस पर बहुत दबाव डाला, लेकिन वह अपने फैसले पर अटल रही। इस वजह से उसे मजबूरन घर छोड़ना पड़ा। लेकिन यहोवा ने उसे एक नया परिवार दिया। कुछ साक्षियों ने उसे अपने घर में पनाह दी और वे उसके सगे भाई-बहन जैसे बन गए। (मर. 10:29, 30) भले ही एरिका के रिश्‍तेदारों ने उससे नाता तोड़ लिया और उसकी चीज़ें जला दीं, फिर भी वह यहोवा की वफादार रही और उसने बपतिस्मा ले लिया। अब वह पायनियर सेवा कर रही है। वह दुष्ट स्वर्गदूतों से बिलकुल खौफ नहीं खाती। जहाँ तक उसके परिवार की बात है, तो वह कहती है, “मैं हर दिन प्रार्थना करती हूँ कि मेरा परिवार यहोवा को जाने और वह आज़ादी पाए, जो हमारे प्यारे परमेश्‍वर की सेवा करने से मिलती है।”

18. यहोवा पर भरोसा रखने से हमें कौन-सी आशीषें मिलती हैं?

18 हममें से हर किसी को विश्‍वास की ऐसी परीक्षा का सामना नहीं करना पड़ता, जैसे एरिका को करना पड़ा। मगर हम सबको दुष्ट स्वर्गदूतों का डटकर विरोध करना है और यहोवा पर भरोसा रखना है। अगर हम ऐसा करें, तो हमें बहुत-सी आशीषें मिलेंगी। हम शैतान की फैलायी झूठी बातों में नहीं आएँगे। हम दुष्ट स्वर्गदूतों से खौफ खाकर यहोवा की सेवा करना नहीं छोड़ेंगे। सबसे बढ़कर, यहोवा के साथ हमारी दोस्ती मज़बूत होगी। चेले याकूब ने कितना सही कहा, “खुद को परमेश्‍वर के अधीन करो, मगर शैतान का विरोध करो और वह तुम्हारे पास से भाग जाएगा। परमेश्‍वर के करीब आओ और वह तुम्हारे करीब आएगा।”​—याकू. 4:7, 8.

गीत 150 अपने बचाव के लिए यहोवा की खोज करें

^ पैरा. 5 यहोवा हमसे प्यार करता है, इसलिए वह हमें दुष्ट स्वर्गदूतों से खबरदार करता है। वह हमें यह भी बताता है कि ये स्वर्गदूत किस तरह हमें हानि पहुँचा सकते हैं। इस लेख में हम इन सवालों के जवाब जानेंगे: दुष्ट स्वर्गदूत किस तरह लोगों को गुमराह करने की कोशिश करते हैं? उनका डटकर विरोध करने के लिए हम कौन-से कदम उठा सकते हैं? यहोवा की मदद से हम उनके झाँसे में आने से कैसे बच सकते हैं?

^ पैरा. 3 इसका क्या मतलब है? जादू-टोना  का मतलब है, ऐसी कोई भी शिक्षा और काम, जिनका संबंध दुष्ट स्वर्गदूतों से है। इसमें यह शिक्षा शामिल है कि इंसान के मरने के बाद उसकी आत्मा ज़िंदा रहती है और यह आत्मा किसी इंसान (या ओझा) के ज़रिए ज़िंदा लोगों से बात कर सकती है। जादू-टोने में भविष्य बताना और टोना-टोटका जैसे काम भी शामिल हैं। इसके अलावा इसमें अलौकिक शक्‍तियों की मदद से किसी को शाप देने, मंत्र फूँककर किसी को वश में करने या मंत्र तोड़ने जैसे काम भी आते हैं। लेकिन जादू-टोने का मतलब हाथ की सफाई नहीं है, जो लोग अकसर सर्कस वगैरह में दर्शकों का मन बहलाने के लिए करते हैं।

^ पैरा. 12 मनोरंजन के मामले में मंडली के प्राचीन कोई नियम नहीं बनाते। इसके बजाय, हर मसीही को बाइबल से प्रशिक्षित ज़मीर के आधार पर तय करना चाहिए कि वह क्या पढ़ेगा, क्या देखेगा या कौन-सा गेम खेलेगा। परिवार के मुखिया समझ से काम लेते हैं और इस बात का ध्यान रखते हैं कि उनका परिवार ऐसा मनोरंजन करे, जो बाइबल सिद्धांतों के मुताबिक सही है।​—jw.org® वेबसाइट पर हमारे बारे में > अकसर पूछे जानेवाले सवाल भाग में, “क्या यहोवा के साक्षी कुछ फिल्मों, किताबों और गानों पर रोक लगाते हैं?” लेख देखें।

^ पैरा. 54 तसवीर के बारे में: चित्र में दिखाया गया है कि स्वर्ग में यीशु एक ताकतवर राजा के तौर पर स्वर्गदूतों की सेना की अगुवाई कर रहा है।