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अध्ययन लेख 17

गीत 111 हमारी खुशी के कई कारण

फिरदौस में रहिए, इसे कभी मत छोड़िए!

फिरदौस में रहिए, इसे कभी मत छोड़िए!

“मैं जो रच रहा हूँ, उस पर सदा खुशी मनाओ और मगन हो।”​—यशा. 65:18.

क्या सीखेंगे?

जानिए कि फिरदौस जैसे माहौल में रहने से हमें कौन-सी आशीषें मिलती हैं और हम दूसरों को इसकी तरफ कैसे आकर्षित कर सकते हैं।

1. परमेश्‍वर ने हमें जो फिरदौस दिया है, वह क्या है? और हमने क्या सोच लिया है?

 आज धरती पर एक ऐसा फिरदौस है जहाँ लाखों लोग साथ मिलकर शांति से जी रहे हैं! उनके बीच गज़ब का प्यार है और वे सब अच्छे काम करने में लगे हुए हैं। उन्होंने सोच लिया है कि वे हमेशा साथ मिलकर रहेंगे और कभी इस फिरदौस को छोड़कर नहीं जाएँगे। इतना ही नहीं, वे चाहते हैं कि ज़्यादा-से-ज़्यादा लोग उनके साथ आकर यहाँ रहें और उनके बीच जो शांति है, उसका मज़ा लें। आप शायद सोच रहे होंगे, ‘यह फिरदौस क्या है और कहाँ हैं?’ यह फिरदौस सचमुच की कोई जगह नहीं है, बल्कि परमेश्‍वर का बनाया एक ऐसा माहौल है जिसमें हम उसकी उपासना करते हैं और उसके साथ और अपने भाई-बहनों के साथ एक अच्छे रिश्‍ते का आनंद उठाते हैं।

2. परमेश्‍वर ने हमें जो फिरदौस दिया है, वह क्यों इतना अनोखा है?

2 यह कितनी अनोखी बात है कि शैतान की इस दुनिया में, जहाँ लोग एक-दूसरे से नफरत करते हैं और बिलकुल भी सुरक्षित महसूस नहीं करते, वहीं यहोवा ने हमें यह खूबसूरत फिरदौस दिया है। (1 यूह. 5:19; प्रका. 12:12) वह जानता है कि इस दुनिया का हम पर कितना बुरा असर हो सकता है, इसलिए उसने हमें यह शांति-भरा माहौल दिया है जहाँ हम सुरक्षित रहते हैं और खुशी से उसकी सेवा करते हैं। बाइबल में बताया गया है कि यह फिरदौस “आड़” की तरह है और “सिंचे हुए बाग” की तरह है। (यशा. 4:6; 58:11) यहाँ रहनेवालों पर यहोवा की आशीष है, इसलिए इन आखिरी दिनों में भी वे फल-फूल रहे हैं और खुशी-खुशी यहोवा की सेवा कर रहे हैं।​—यशा. 54:14; 2 तीमु. 3:1.

3. यशायाह 65 में लिखी भविष्यवाणी पहली बार कब और कैसे पूरी हुई?

3 भविष्यवक्‍ता यशायाह के ज़रिए यहोवा ने बताया था कि इस फिरदौस में रहनेवालों की ज़िंदगी कैसी होगी और वे कैसा महसूस करेंगे। यशायाह अध्याय 65 में इस बारे में खुलकर बताया गया है। इसमें दी भविष्यवाणी सबसे पहले ईसा पूर्व 537 में पूरी हुई। उस वक्‍त पश्‍चाताप करनेवाले यहूदी, बैबिलोन से आज़ाद होकर अपने देश लौट आए थे। तब यरूशलेम उजाड़ पड़ा था, पर यहोवा की मदद से उसके लोगों ने उसे दोबारा खूबसूरत बना दिया और एक बार फिर परमेश्‍वर के मंदिर में उसकी उपासना होने लगी।​—यशा. 51:11; जक. 8:3.

4. यशायाह 65 में लिखी भविष्यवाणी हमारे ज़माने में कैसे पूरी हो रही है?

4 यशायाह की भविष्यवाणी दूसरी बार 1919 से पूरी होने लगी। 1919 में परमेश्‍वर के लोगों को महानगरी बैबिलोन से आज़ाद किया गया और वे फिरदौस जैसे माहौल में उसकी उपासना करने लगे। वे दुनिया-भर में जोश से प्रचार करने लगे और कई मंडलियाँ बनने लगीं। धीरे-धीरे और भी लोग इस फिरदौस में आए और उन्होंने अपने अंदर परमेश्‍वर जैसे गुण बढ़ाए। एक वक्‍त पर जो लोग जानवरों जैसे खूँखार थे, बुरे-से-बुरे काम करते थे, वे ‘नयी शख्सियत पहनने लगे जो परमेश्‍वर की मरज़ी के मुताबिक रची गयी थी।’ (इफि. 4:24) यशायाह की भविष्यवाणी की कुछ बातें आज पूरी हो रही हैं और कुछ आगे चलकर नयी दुनिया में पूरी होंगी। अब आइए देखते हैं कि परमेश्‍वर ने आज हमें जो फिरदौस दिया है, उसमें लोगों को क्या आशीषें मिल रही हैं और वे इसे छोड़कर क्यों नहीं जाना चाहते।

फिरदौस में रहनेवालों को क्या आशीषें मिल रही हैं?

5. जो लोग फिरदौस जैसे माहौल में जी रहे हैं, वे किन आशीषों का मज़ा ले रहे हैं? (यशायाह 65:13)

5 वे सेहतमंद और तरो-ताज़ा रहते हैं।  यशायाह की भविष्यवाणी में बताया है कि जो लोग फिरदौस जैसे माहौल में जी रहे हैं और जो लोग इससे बाहर हैं, उनके बीच ज़मीन-आसमान का फर्क होगा। (यशायाह 65:13 पढ़िए।) यहोवा अपने लोगों को अच्छी खुराक दे रहा है और वह उन्हें कोई कमी नहीं होने देता। वह उन्हें अपनी पवित्र शक्‍ति देता है, अपना वचन बाइबल और प्रकाशन देता है ताकि उसके सेवक ‘खाएँ, पीएँ और खुशियाँ मनाएँ।’ (प्रकाशितवाक्य 22:17 से तुलना कीजिए।) लेकिन जो लोग इस फिरदौस से बाहर हैं, ‘वे भूखे हैं, प्यासे हैं और उन्हें शर्मिंदा होना पड़ता है।’ ईश्‍वर को जानने की उनकी भूख कभी नहीं मिटती।​—आमो. 8:11.

6. परमेश्‍वर ने हमारे लिए क्या इंतज़ाम किए हैं और हमें इनसे क्या फायदा होता है? (योएल 2:21-24)

6 योएल ने अपनी भविष्यवाणी में बताया था कि यहोवा अपने लोगों को अनाज, दाख-मदिरा और जैतून के तेल जैसी ज़रूरी चीज़ें बहुतायत में देगा। इसका मतलब, वह अपने लोगों के लिए ऐसे इंतज़ाम करेगा जिससे उनका विश्‍वास मज़बूत बना रहेगा। (योए. 2:21-24) आज यहोवा यह कैसे कर रहा है? वह अपने लोगों को बाइबल, बाइबल पर आधारित प्रकाशनों, हमारी वेबसाइट, हमारी सभाओं, सम्मेलनों और अधिवेशनों के ज़रिए बहुत-सी बातें सिखा रहा है। हम हर दिन इन इंतज़ामों का फायदा उठाते हैं और सेहतमंद और तरो-ताज़ा रहते हैं।

7. हमारा दिल क्यों “खुश” है? (यशायाह 65:14)

7 वे सुखी और संतुष्ट रहते हैं।  परमेश्‍वर के लोगों का दिल एहसान से इस कदर भरा है कि वे उसकी “जयजयकार” करते हैं। (यशायाह 65:14 पढ़िए।) परमेश्‍वर ने हमें सच्चाई सिखायी है जिससे हम पूरी तरह संतुष्ट हैं। उसने अपने वचन में ऐसे वादे किए हैं जिससे हमें दिलासा मिलता है। यही नहीं, उसने यीशु मसीह के फिरौती बलिदान के आधार पर हमें पक्की आशा दी है। इन सभी वजहों से ‘हमारा दिल खुश है।’ और जब हम भाई-बहनों के साथ इन बातों के बारे में बात करते हैं, तो हमारी खुशी दुगनी हो जाती है।​—भज. 34:8; 133:1-3.

8. किन दो बातों की वजह से यह फिरदौस इतना खूबसूरत है?

8 यहोवा के लोगों के बीच जो प्यार और एकता है, उस वजह से इस फिरदौस की खूबसूरती और बढ़ जाती है। इस प्यार के बारे में बाइबल में बताया है कि यह ऐसा जोड़ है जो हमें एक-दूसरे के साथ ‘एकता में जोड़े रखता है।’ (कुलु. 3:14) इससे पता चलता है कि नयी दुनिया में हम आपस में किस तरह मिल-जुलकर रहेंगे। तब हमारे बीच और भी प्यार और एकता होगी। एक बहन बताती हैं कि जब वे पहली बार यहोवा के साक्षियों से मिली थीं, तो उन्हें कैसा लगा था। वे कहती हैं, “ना तो मेरी ज़िंदगी में और ना ही मेरे परिवार में खुशी नाम की कोई चीज़ थी। प्यार क्या होता है, यह मैंने पहली बार यहोवा के साक्षियों के बीच देखा।” हमारे बीच का यह माहौल सच में बहुत अनोखा है। दुनिया के लोग चाहे हमारे बारे में कुछ भी कहें, लेकिन सच तो यह है कि यहोवा के साथ हमारा एक अच्छा “नाम” है और उसके सेवकों के साथ हमारा अच्छा रिश्‍ता है। (यशा. 65:15) और अगर एक व्यक्‍ति सच में खुश और संतुष्ट रहना चाहता है, तो उसे इस फिरदौस में आना होगा और खुद इसका अनुभव करना होगा।

9. यशायाह 65:16, 17 में हमसे क्या वादा किया गया है?

9 वे चिंता नहीं करते और चैन से जीते हैं।  यशायाह ने अपनी भविष्यवाणी में बताया था कि जो लोग इस फिरदौस में नहीं आना चाहते, ‘वे रोएँगे क्योंकि उनका दिल दुखी होगा, वे ज़ोर-ज़ोर से रोएँगे क्योंकि उनका मन निराश होगा।’ (यशा. 65:14) लेकिन आज ऐसी कई बातें हैं जिनकी वजह से परमेश्‍वर के लोग भी दुखी हो जाते हैं, निराश हो जाते हैं। उन बातों का क्या होगा? यशायाह ने लिखा कि वे ‘भुला दी जाएँगी, वे [परमेश्‍वर की] आँखों से ओझल हो जाएँगी।’ (यशायाह 65:16, 17 पढ़िए।) जी हाँ, यहोवा सारी परेशानियाँ, हमारे सारे दुख दूर कर देगा और इनकी वजह से जो बुरी यादें हमें सताती हैं, उन्हें भी पूरी तरह मिटा देगा।

10. आपको क्यों लगता है कि सभाओं में जाना एक बड़ी आशीष है? (तसवीर भी देखें।)

10 नयी दुनिया में तो हम चैन से जीएँगे, लेकिन आज भी हम सुकून और ताज़गी पा सकते हैं। कैसे? सभाओं में जाकर। जब हम सभाओं में जाते हैं, तो हम इस दुष्ट दुनिया की सारी चिंताएँ भूल जाते हैं। इसके अलावा, जब हम पवित्र शक्‍ति के फल जैसे प्यार, खुशी, शांति, कृपा और कोमलता जैसे गुण ज़ाहिर करते हैं, तो हम इस फिरदौस में चैन और शांति का माहौल बनाए रख पाते हैं। (गला. 5:22, 23) सच में, हमारे लिए यह कितनी बड़ी आशीष है कि हम यहोवा के संगठन का हिस्सा हैं। और जो लोग फिरदौस जैसे इस माहौल में बने रहेंगे, उन्हें उस “नए आकाश और नयी पृथ्वी” को देखने का भी मौका मिलेगा जिसका वादा परमेश्‍वर ने किया है।

हम परमेश्‍वर के परिवार में हैं और फिरदौस जैसे माहौल का मज़ा उठा रहे हैं, यह सच में एक बड़ी आशीष है! (पैराग्राफ 10) b


11. यहोवा ने हमारे लिए फिरदौस रचा है, यह जानकर हमें कैसा लगता है? (यशायाह 65:18, 19)

11 वे एहसान मानते हैं और खुशी मनाते हैं।  यशायाह ने यह भी बताया कि हमें क्यों ‘खुशी मनानी चाहिए और मगन होना चाहिए।’ वह इसलिए कि परमेश्‍वर ने हमारे लिए यह फिरदौस रचा है। (यशायाह 65:18, 19 पढ़िए।) और वह चाहता है कि हम दूसरों की भी मदद करें ताकि वे दुनिया के संगठन छोड़कर इस खूबसूरत फिरदौस में आ जाएँ। वैसे भी ये संगठन उन्हें यहोवा के बारे में कुछ भी नहीं सिखाते। वहीं हमारी बात करें, तो सच्चाई जानने की वजह से हमें ढेरों खुशियाँ मिली हैं और इस बात के लिए हम बहुत एहसानमंद हैं। और हमारा मन करता है कि हम दूसरों को भी इस बारे में बताएँ।​—यिर्म. 31:12.

12. यशायाह 65:20-24 में दिए वादों के बारे में आपको कैसा लगता है और क्यों?

12 फिरदौस जैसे माहौल में रहनेवाले इस बात के लिए भी एहसानमंद और खुश हैं कि उनके पास हमेशा जीने की आशा है। ज़रा सोचिए, नयी दुनिया में ज़िंदगी कैसी होगी और हम वहाँ क्या-क्या करेंगे! बाइबल में लिखा है, “ऐसा नहीं होगा कि कोई शिशु थोड़े दिन जीकर मर जाए, बूढ़ा भी अपनी पूरी उम्र जीएगा।” हम “घर बनाकर उसमें बसेंगे, अंगूरों के बाग लगाएँगे और उनका फल खाएँगे।” हमारी “मेहनत बेकार नहीं जाएगी,” क्योंकि ‘यहोवा हमें आशीष देगा।’ यहोवा ने वादा किया है कि वह हमें एक अच्छी ज़िंदगी देगा, ऐसा काम देगा जिससे हमें खुशी मिलेगी। हमारे “बुलाने से पहले ही” वह हमारी सुनेगा और हमारी ज़रूरतें पूरी करेगा। इतना ही नहीं, वह “हरेक जीव की इच्छा पूरी” करेगा।​—यशा. 65:20-24; भज. 145:16.

13. लोगों ने अपने अंदर क्या बदलाव किए हैं ताकि वे यहोवा की सेवा कर सकें? (यशायाह 65:25)

13 वे शांति से जीते हैं और उन्हें कोई डर नहीं सताता।  कई भाई-बहनों का स्वभाव पहले बहुत ही खूँखार था, लेकिन परमेश्‍वर की पवित्र शक्‍ति की मदद से वे अपने अंदर बड़े-बड़े बदलाव कर पाए। (यशायाह 65:25 पढ़िए।) उन्होंने अपनी बुरी इच्छाओं पर काबू किया और अपना चालचलन सुधारा। (रोमि. 12:2; इफि. 4:22-24) यह सब सुधार करने के बाद भी यहोवा के सेवकों से गलतियाँ होती हैं। लेकिन यहोवा ने एक कमाल की चीज़ की है। उसने “सब किस्म के लोगों को” एकता के बंधन में बाँधा है और इस वजह से उनके बीच सच्चा प्यार और शांति है। (तीतु. 2:11) यह एक ऐसा चमत्कार है जो सिर्फ सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर ही कर सकता है।

14. एक भाई के साथ कैसे बिलकुल वही हुआ जो यशायाह 65:25 में लिखा है?

14 क्या एक इंसान सच में अपना स्वभाव बदल सकता है? एक जवान लड़के के उदाहरण पर ध्यान दीजिए। जब तक वह 20 साल का हुआ, तब तक कई बार जेल जा चुका था। वह बहुत लड़ाई-झगड़े करता था और अनैतिक कामों में लगा हुआ था। उसे कार चुराने, घरों में चोरी करने और दूसरे बड़े-बड़े अपराधों के लिए जेल हुई थी। वह जब देखो लड़ने के लिए तैयार रहता था। लेकिन जब उसने पहली बार बाइबल से सच्चाई जानी और यहोवा के साक्षियों की सभाओं में जाने लगा, तो फिरदौस जैसा माहौल उसके दिल को भा गया। वह समझ गया कि अगर वह सच में खुश रहना चाहता है, तो उसे यहोवा की उपासना करनी होगी और उसकी आज्ञा माननी होगी। बपतिस्मा लेने के बाद वह अकसर सोचता था कि उसके साथ बिलकुल वैसा ही हुआ जैसा यशायाह 65:25 में लिखा है। उसका स्वभाव पहले शेर जैसा खूँखार था, लेकिन फिर वह मेम्ने जैसा कोमल बन गया और लोगों के साथ शांति से रहने लगा।

15. हम क्यों चाहते हैं कि ज़्यादा-से-ज़्यादा लोग हमारे परिवार का हिस्सा बनें और हम कैसे उनकी मदद करते हैं?

15 यशायाह अध्याय 65 की आयत 13 के शुरू में लिखा है, “सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है।” और आयत 25 के आखिर में लिखा है, “यह बात यहोवा ने कही है।” और जब यहोवा कोई बात कहता है, तो वह हमेशा पूरी होती है। (यशा. 55:10, 11) आज हम उसकी बात पूरी होते देख रहे हैं, हम फिरदौस जैसे माहौल में जी रहे हैं। यहोवा ने हमें एक ऐसा परिवार दिया है जो सच में बहुत अनोखा है। इसमें हम शांति से जीते हैं और सुरक्षित महसूस करते हैं। यह परिवार, रेगिस्तान जैसी दुनिया में एक हरे-भरे बगीचे जैसा है। (भज. 72:7) इसलिए हम ज़्यादा-से-ज़्यादा लोगों की मदद करना चाहते हैं कि वे भी इस परिवार का हिस्सा बनें। हम यह कैसे करते हैं? ज़ोर-शोर से चेला बनाने का काम करके।​—मत्ती 28:19, 20.

लोगों को फिरदौस की तरफ कैसे आकर्षित करें?

16. लोग इस फिरदौस की तरफ क्यों खिंचे चले आते हैं?

16 हम सबकी ज़िम्मेदारी बनती है कि हम इस फिरदौस को और भी खूबसूरत बनाएँ ताकि लोग इसकी तरफ खिंचे चले आएँ। हम यह कैसे कर सकते हैं? यहोवा की तरह बनकर। यहोवा किसी को भी ज़बरदस्ती अपने संगठन में नहीं लाता। इसके बजाय वह प्यार से लोगों को अपनी तरफ ‘खींचता’ है। (यूह. 6:44; यिर्म. 31:3) जिन लोगों का दिल अच्छा है, जब वे सीखते हैं कि यहोवा एक प्यार करनेवाला परमेश्‍वर है और उसमें कितनी खूबियाँ हैं, तो वे उसे चाहने लगते हैं और खुद-ब-खुद उसकी तरफ खिंचे चले आते हैं। यहोवा की तरह हम भी अपने अच्छे गुणों और अच्छे चालचलन से लोगों को इस फिरदौस की तरफ आकर्षित करते हैं। पर इसके लिए हमें क्या करना होगा?

17. हम लोगों को अपने खूबसूरत फिरदौस की तरफ कैसे आकर्षित कर सकते हैं?

17 लोगों को इस फिरदौस की तरफ खींचने का एक तरीका है कि हम अपने भाई-बहनों से प्यार करें और उनके लिए भले काम करें। जब नए लोग सभाओं में आते हैं, तो उन्हें साफ नज़र आना चाहिए कि हमारे बीच कितना प्यार है। तब वे उन लोगों की तरह महसूस करेंगे जो शायद कुरिंथ की मंडली में आए थे और जिन्होंने कहा था, “परमेश्‍वर सचमुच तुम्हारे बीच है।” (1 कुरिं. 14:24, 25; जक. 8:23) तो आइए हम बाइबल की इस सलाह को मानने की पूरी कोशिश करें: “एक-दूसरे के साथ शांति कायम करनेवाले बनो।” ऐसा करने से हम लोगों को इस खूबसूरत फिरदौस की तरफ आकर्षित कर पाएँगे।​—1 थिस्स. 5:13.

18. क्या देखकर लोग हमारे संगठन की तरफ खिंचे चले आएँगे?

18 हमें भाई-बहनों को उसी नज़र से देखना चाहिए जैसे यहोवा देखता है। यहोवा की तरह हमें उनकी अच्छाइयों पर ध्यान देना चाहिए, ना कि उनकी कमियों पर। वैसे भी आगे चलकर ये कमियाँ नहीं रहेंगी। इसके अलावा, अगर हम हमेशा ‘एक-दूसरे के साथ कृपा से पेश आएँ और कोमल करुणा दिखाते हुए एक-दूसरे को दिल से माफ करें,’ तो किसी के साथ अनबन होने पर हम प्यार से उस मामले को सुलझा पाएँगे। (इफि. 4:32) हमारा यह व्यवहार देखकर लोग इस फिरदौस की तरफ खिंचे चले आएँगे, क्योंकि वे भी चाहते हैं कि लोग उनके साथ इसी तरह पेश आएँ। a

फिरदौस के अंदर ही रहिए

19. (क) फिरदौस में लौटने के बाद कुछ लोगों ने क्या कहा? (“ वे चले गए थे, पर अब लौट आए हैं” नाम का बक्स देखें।) (ख) आपने क्या ठान लिया है? (तसवीर भी देखें।)

19 यहोवा ने हमें जो फिरदौस दिया है, उसके लिए हम बहुत एहसानमंद हैं। यह दिन-ब-दिन खूबसूरत होता जा रहा है और इसमें और भी लोग आकर यहोवा की उपासना कर रहे हैं। हमें हमेशा यहोवा का एहसान मानना चाहिए कि उसने हमें इस फिरदौस में जगह दी है। अगर कोई अपने जीवन में खुशी और ताज़गी पाना चाहता है, चैन से जीना चाहता है और सुरक्षित रहना चाहता है, तो उसे इस फिरदौस में आना होगा और ठान लेना होगा कि वह इसे कभी नहीं छोड़ेगा। लेकिन हमें शैतान से सावधान रहना है। वह हमें लुभाने की पूरी कोशिश कर रहा है ताकि हम इस फिरदौस को छोड़ दें। (1 पत. 5:8; प्रका. 12:9) पर हम शैतान के झाँसे में नहीं आएँगे। आइए हम इस फिरदौस को खूबसूरत बनाए रखने की पूरी कोशिश करें, इसे शुद्ध बनाए रखें और सबके साथ शांति से रहें।

जो लोग आज फिरदौस जैसे माहौल में हैं, वे उस फिरदौस का भी मज़ा लेंगे जो आगे चलकर आएगा (पैराग्राफ 19)


आपका जवाब क्या होगा?

  • परमेश्‍वर ने हमें जो फिरदौस दिया है, वह क्या है?

  • इस फिरदौस में हमें कौन-सी आशीषें मिल रही हैं?

  • हम लोगों को इस फिरदौस की तरफ कैसे आकर्षित कर सकते हैं?

गीत 144 रखो तुम इनाम पे नज़र!

a यहोवा के लोगों के बीच रहने से एक बहन को क्या आशीषें मिलीं? यह जानने के लिए jw.org पर दिया वीडियो एक मुलाकात सालों बाद—एलेना ज़िटनिकोवा: मेरा सपना पूरा हो गया!  देखें।

b तसवीर के बारे में: सभा में बहुत-से भाई-बहन एक-दूसरे से मिल रहे हैं, लेकिन एक भाई किसी से नहीं मिल रहा और अकेला बैठा हुआ है।