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अध्ययन लेख 1

“घबरा मत क्योंकि मैं तेरा परमेश्‍वर हूँ”

“घबरा मत क्योंकि मैं तेरा परमेश्‍वर हूँ”

“डर मत क्योंकि मैं तेरे साथ हूँ, घबरा मत क्योंकि मैं तेरा परमेश्‍वर हूँ। मैं तेरी हिम्मत बँधाऊँगा, तेरी मदद करूँगा।”​—यशा. 41:10.

गीत 7 यहोवा बल हमारा!

लेख की एक झलक *

1-2. (क) यशायाह 41:10 से योशीको नाम की बहन को कैसे फायदा हुआ? (ख) यहोवा ने इस आयत में दिया संदेश किसके फायदे के लिए लिखवाया?

योशीको नाम की एक वफादार बहन को एक बुरी खबर मिलती है। उसका डॉक्टर उससे कहता है कि अब वह कुछ ही महीने और जी पाएगी। यह सुनकर बहन क्या करती है? उसी पल वह अपनी मनपसंद आयत यशायाह 41:10 याद करती है। (पढ़िए।) फिर वह शांत होकर डॉक्टर से कहती है कि उसे कोई डर नहीं है, क्योंकि उसका परमेश्‍वर यहोवा उसका हाथ थामे हुए है। * यशायाह की इस आयत में दिए संदेश से हमारी प्यारी बहन को बहुत दिलासा मिला और वह यहोवा पर पूरा भरोसा रख पायी। इसी आयत की मदद से हम भी उस वक्‍त शांत रह सकते हैं, जब हम पर बड़ी-बड़ी मुश्‍किलें आती हैं। वह कैसे? इसे समझने के लिए आइए पहले गौर करें कि परमेश्‍वर ने यशायाह को यह संदेश क्यों दिया।

2 यहोवा ने यशायाह से ये बातें इसलिए लिखवायी थीं, ताकि आगे चलकर जब यहूदी बैबिलोन की बँधुआई में जाते, तब उन्हें इन बातों से दिलासा मिलता। लेकिन यहोवा ने यह संदेश न सिर्फ उन यहूदियों के लिए लिखवाया, बल्कि अपने सभी लोगों के फायदे के लिए लिखवाया, हमारे लिए भी। (यशा. 40:8; रोमि. 15:4) हम ‘संकटों से भरे ऐसे वक्‍त’ में जी रहे हैं, “जिसका सामना करना मुश्‍किल” है। (2 तीमु. 3:1) आज हमें पहले से कहीं ज़्यादा हौसले की ज़रूरत है और यह हौसला हमें यशायाह की किताब से मिल सकता है।

3. (क) यशायाह 41:10 में कौन-से वादे दर्ज़ हैं, जो 2019 के लिए चुना गया सालाना वचन है? (ख) हौसला बढ़ानेवाले इन वादों की हमें क्यों ज़रूरत है?

3 इस लेख में हम यशायाह 41:10 में दर्ज़ यहोवा के तीन वादों पर चर्चा करेंगे, जिनसे हमारा विश्‍वास मज़बूत हो सकता है: (1) यहोवा हमारे साथ है, (2) वह हमारा परमेश्‍वर है और (3) वह हमारी मदद करेगा। हौसला बढ़ानेवाले इन वादों * की हमें वाकई ज़रूरत है, क्योंकि बहन योशीको की तरह हमें भी ज़िंदगी में मुश्‍किलों का सामना करना पड़ता है। दुनिया में हो रही बुरी घटनाओं की वजह से भी हमें कई परेशानियों से जूझना पड़ता है। हमारे कुछ भाई-बहन तो ताकतवर सरकारों की तरफ से ज़ुल्म सह रहे हैं। इस वजह से आइए एक-एक करके इन वादों पर चर्चा करें।

“मैं तेरे साथ हूँ”

4. (क) पहला वादा कौन-सा है? (फुटनोट भी देखें।) (ख) यहोवा ने हमारे लिए अपनी भावनाएँ किस तरह ज़ाहिर कीं? (ग) यह जानकर आपको कैसा लगता है?

4 सबसे पहले यहोवा हमसे वादा करता है, “डर मत क्योंकि मैं तेरे साथ हूँ।” * हम कैसे जानते हैं कि यहोवा हमारे साथ है? वह हम पर ध्यान देता है और हमसे प्यार करता है। गौर कीजिए कि वह हमारे लिए अपना प्यार और अपनी गहरी भावनाएँ कैसे ज़ाहिर करता है। यहोवा कहता है, “तू मेरी नज़रों में अनमोल  है, तू आदर के लायक  ठहरा है और मैं तुझसे प्यार करता हूँ।”  (यशा. 43:4) सच में यहोवा हमसे अटूट प्यार करता है। दुनिया की कोई भी ताकत उसे ऐसा करने से रोक नहीं सकती। उसका प्यार अटल है। (यशा. 54:10) वह हमारी हिफाज़त भी करता है, ठीक जैसे उसने अपने दोस्त अब्राम (अब्राहम) की हिफाज़त की थी। यहोवा ने उससे कहा था, “अब्राम, तुझे किसी बात से डरने की ज़रूरत नहीं। मैं तेरे लिए एक ढाल हूँ।” (उत्प. 15:1) उसके प्यार और दोस्ती से हमें बहुत हिम्मत मिलती है।

हम पर चाहे उफनती नदियों और दहकती आग जैसी मुश्‍किलें आएँ, मगर यहोवा उनसे निकलने में हमारी मदद करेगा (पैराग्राफ 5-6 देखें) *

5-6. (क) हम कैसे जानते हैं कि मुश्‍किलों के दौरान यहोवा हमारी मदद करने के लिए तैयार रहता है? (ख) बहन योशीको के उदाहरण से हम क्या सीखते हैं?

5 जब हम पर मुश्‍किलें आती हैं, तो यहोवा हमारी मदद करने के लिए तैयार रहता है। यह हम कैसे जानते हैं? वह वादा करता है, “जब तू पानी में से होकर जाएगा, तो मैं तेरे साथ रहूँगा,  जब तू नदियों में से होकर जाएगा, तो वे तुझे डुबा न सकेंगी, जब तू आग में से होकर जाएगा, तो तू नहीं जलेगा, उसकी आँच भी तुझे नहीं लगेगी।” (यशा. 43:2) इन शब्दों का क्या मतलब है?

6 यहोवा यह वादा नहीं करता कि वह हमारी मुश्‍किलें दूर कर देगा। लेकिन वह यह वादा ज़रूर करता है कि हमें मुश्‍किलों की “नदियों में” डूबने नहीं देगा या आज़माइशों की “आग” से भस्म नहीं होने देगा। वह यकीन दिलाता है कि वह हमारे साथ रहेगा और मुश्‍किलों से ‘होकर जाने’ में हमारी मदद करेगा। वह कैसे हमारी मदद करेगा? वह हमारा डर दूर करेगा, ताकि हम हर हाल में उसके वफादार रहें, मौत का सामना करते वक्‍त भी। (यशा. 41:13) बहन योशीको के मामले में यह बात बिलकुल सच थी। उसकी बेटी कहती है, “यह देखकर हम हैरान रह गए कि मम्मी कितनी शांत थीं। हम साफ देख सकते थे कि यहोवा ने उन्हें सुकून दिया। मम्मी अपनी ज़िंदगी के आखिरी दिन तक नर्सों और दूसरे बीमार लोगों को यहोवा और उसके वादों के बारे में बताती रहीं।” बहन योशीको के उदाहरण से हम क्या सीखते हैं? जब हम यहोवा के इस वादे पर भरोसा रखते हैं कि “मैं तेरे साथ रहूँगा,” तो मुसीबतों के वक्‍त हम भी हिम्मत से काम ले पाएँगे और मज़बूत बने रहेंगे।

“मैं तेरा परमेश्‍वर हूँ”

7-8. (क) यहोवा ने कौन-सा दूसरा वादा किया है और इसका क्या मतलब है? (ख) यहोवा ने बँधुआई में पड़े यहूदियों से यह क्यों कहा कि “घबरा मत”? (ग) यशायाह 46:3, 4 में दर्ज़ किन शब्दों से यहूदियों के बेचैन मन को चैन मिला होगा?

7 यहोवा के दूसरे वादे पर ध्यान दीजिए, “घबरा मत क्योंकि मैं तेरा परमेश्‍वर हूँ।” घबराने का क्या मतलब है? यहाँ मूल भाषा में जिस शब्द का अनुवाद “घबरा” किया गया है, उसका मतलब है, “बार-बार पीछे मुड़कर देखना कि कहीं कोई खतरा तो नहीं” या “इधर-उधर ताकना, जैसे कोई तब करता है जब वह बहुत डरा हुआ होता है।”

8 यहोवा ने बैबिलोन की बँधुआई में जानेवाले यहूदियों से ऐसा क्यों कहा कि “घबरा मत”? क्योंकि वह जानता था कि जब यहूदियों की 70 साल की बँधुआई खत्म होने पर होगी, तब कुछ ऐसी घटना घटेगी, जिससे बैबिलोन के लोग डर जाएँगे। वह कौन-सी घटना होगी? बैबिलोन पर मादी-फारस की शक्‍तिशाली सेनाएँ हमला करेंगी। इन्हीं के ज़रिए यहोवा अपने लोगों को बैबिलोन से रिहा करेगा। (यशा. 41:2-4) आगे चलकर ऐसा ही हुआ। दरअसल जब बैबिलोन के लोगों को और दूसरे राष्ट्रों को पता चला कि दुश्‍मन उन पर हमला करनेवाले हैं, तो उन्होंने यह कहकर एक-दूसरे को मज़बूत करने की कोशिश की, “हिम्मत रख।” यही नहीं, उन्होंने इस उम्मीद से और भी मूरतें बनायीं कि उनके देवी-देवता उनकी हिफाज़त करेंगे। (यशा. 41:5-7) उसी दौरान बँधुआई में पड़े यहूदियों को यहोवा के इन शब्दों से चैन मिला, “हे इसराएल, तू [बाकी राष्ट्रों की तरह नहीं है, तू] मेरा सेवक है, . . . घबरा मत क्योंकि मैं तेरा परमेश्‍वर हूँ।” (यशा. 41:8-10) ध्यान दीजिए कि यहोवा ने कहा, “मैं तेरा परमेश्‍वर हूँ।”  इस बात से वफादार सेवकों को यकीन हुआ कि यहोवा उन्हें भूला नहीं है, वह अब भी उनका परमेश्‍वर है और वे अब भी उसके लोग हैं। उसने उनसे यह भी कहा, ‘मैं तुम्हें लिए फिरूँगा और तुम्हें बचाऊँगा।’ इन शब्दों से बँधुआई में पड़े यहूदियों को कितना हौसला मिला होगा!​—यशायाह 46:3, 4 पढ़िए।

9-10. हमें डरने की ज़रूरत क्यों नहीं है? उदाहरण देकर समझाइए।

9 आज लोग पहले से कहीं ज़्यादा घबराए हुए हैं या चिंता में हैं, क्योंकि दुनिया के हालात बद-से-बदतर होते जा रहे हैं। हालाँकि इन हालात का हम पर भी असर होता है, पर हमें डरने की ज़रूरत नहीं है। यहोवा हमसे कहता है, “मैं तेरा परमेश्‍वर हूँ।” इस बात से क्यों हमें शांत रहने की एक ज़बरदस्त वजह मिलती है?

10 एक उदाहरण पर ध्यान दीजिए। जतिन और बंटी नाम के दो लड़के हवाई जहाज़ से सफर कर रहे हैं कि तभी मौसम खराब हो जाता है। तूफान की वजह से जहाज़ बुरी तरह हिलने लगता है। तभी लाउडस्पीकर से आवाज़ आती है, “कृपया अपनी-अपनी कुर्सी की पेटी बाँध लीजिए। हमारा जहाज़ कुछ समय तक तूफान से होकर गुज़रेगा।” जतिन बहुत घबरा जाता है। लेकिन फिर यह भी आवाज़ आती है, “मैं आपका पायलट बोल रहा हूँ। घबराने की कोई ज़रूरत नहीं।” यह सुनकर जतिन अपना सिर पकड़कर कहने लगता है, “यह कैसा आश्‍वासन है?” लेकिन वह देखता है कि बंटी बिलकुल शांत है। वह बंटी से पूछता है, “तुम इतने शांत कैसे हो?” बंटी मुस्कुराकर कहता है, “क्योंकि मैं इस पायलट को अच्छी तरह जानता हूँ। वे मेरे पिताजी हैं!” फिर बंटी उससे कहता है, “चलो मैं तुम्हें अपने पिताजी के बारे में बताता हूँ। मुझे यकीन है कि जब तुम्हें पता चलेगा कि वे कितने अच्छे से जहाज़ को सँभाल सकते हैं, तो तुम्हारी भी घबराहट दूर हो जाएगी।”

11. बंटी और जतिन के उदाहरण से हम क्या सीख सकते हैं?

11 इस उदाहरण से हम क्या सीखते हैं? हम भी अपने पिता यहोवा को अच्छी तरह जानते हैं, इसलिए हम शांत रह पाते हैं। हमें पता है कि इन आखिरी दिनों में वह हमें मुसीबतों के तूफान से सुरक्षित निकालकर ले जाएगा। (यशा. 35:4) हमें यहोवा पर पूरा भरोसा है, इसलिए बिगड़ते हालात को देखकर हम दुनिया के लोगों की तरह खौफ नहीं खाते, बल्कि शांत रहते हैं। (यशा. 30:15) बंटी की तरह हम एक और काम करते हैं। हम लोगों को बताते हैं कि हमें यहोवा पर इतना भरोसा क्यों है। इससे उन्हें भी यकीन हो जाएगा कि चाहे जैसी भी मुश्‍किलें आएँ, यहोवा उनकी मदद ज़रूर करेगा।

“मैं तेरी हिम्मत बँधाऊँगा, तेरी मदद करूँगा”

12. (क) यहोवा का तीसरा वादा कौन-सा है? (ख) शब्द यहोवा के “बाज़ू” से हमें किस सच्चाई का एहसास होता है?

12 यशायाह की किताब में दर्ज़ यहोवा के तीसरे वादे पर गौर कीजिए, “मैं तेरी हिम्मत बँधाऊँगा, तेरी मदद करूँगा।” यशायाह ने पहले भी बताया था कि यहोवा किस तरह अपने लोगों की हिम्मत बँधाएगा। उसने कहा, “यहोवा पूरी ताकत के साथ आ रहा है और उसका बाज़ू  उसकी तरफ से राज करेगा।” (यशा. 40:10) बाइबल में शब्द “बाज़ू” कई बार ताकत के लिए इस्तेमाल हुआ है। इस वजह से जब हम पढ़ते हैं कि यहोवा का ‘बाज़ू राज करेगा,’ तो एक बार फिर हमें एहसास होता है कि यहोवा ताकतवर राजा है, उसके जैसा कोई नहीं है। उसने अपनी बेमिसाल ताकत से पुराने ज़माने में अपने लोगों की मदद और हिफाज़त की। उसी तरह वह आज भी उन सबको मज़बूत करता है और उनकी हिफाज़त करता है, जो उस पर भरोसा रखते हैं।​—व्यव. 1:30, 31; यशा. 43:10, फु.

यहोवा के मज़बूत बाज़ू के आगे कोई भी हथियार कामयाब नहीं होगा (पैराग्राफ 12-16 देखें) *

13. (क) यहोवा हमारी हिम्मत बँधाने का वादा खासकर कब पूरा करता है? (ख) यहोवा ने हमें क्या यकीन दिलाया है?

13 यहोवा अपना यह वादा कि “मैं तेरी हिम्मत बँधाऊँगा” खासकर तब पूरा करता है, जब दुश्‍मन हम पर ज़ुल्म ढाते हैं। कुछ देशों में आज हमारे दुश्‍मन प्रचार काम को बंद करने या हमारे संगठन पर रोक लगाने की जी-तोड़ कोशिश करते हैं। फिर भी हम बहुत ज़्यादा घबराते नहीं, बल्कि अटल रहते हैं। वह इसलिए कि यहोवा ने हमें पक्का यकीन दिलाया है, “तुम्हारे खिलाफ उठनेवाला कोई भी हथियार कामयाब नहीं होगा।” (यशा. 54:17) इस बात से हमें तीन अहम सच्चाइयाँ पता चलती हैं।

14. जब दुश्‍मन हम पर हमला करते हैं, तो हम हैरान क्यों नहीं होते?

14 पहली सच्चाई, मसीह के चेले होने के नाते हम जानते हैं कि लोग हमसे नफरत करेंगे। (मत्ती 10:22) यीशु ने पहले से बताया था कि आखिरी दिनों में उसके चेलों को बुरी तरह सताया जाएगा। (मत्ती 24:9; यूह. 15:20) दूसरी, यशायाह की भविष्यवाणी हमें आगाह करती है कि हमारे दुश्‍मन हमसे सिर्फ नफरत नहीं करेंगे, बल्कि हमारे खिलाफ तरह-तरह के हथियार चलाएँगे। वे हथियार क्या हो सकते हैं? शायद दुश्‍मन हमारे बारे में झूठ फैलाएँ या झूठी बातें इस तरह पेश करें मानो वे सच हों या फिर हम पर बेरहमी से ज़ुल्म ढाएँ। (मत्ती 5:11) भले ही यहोवा दुश्‍मनों को हम पर ये हथियार चलाने से नहीं रोकेगा, लेकिन हमें डरने की ज़रूरत नहीं है। (इफि. 6:12; प्रका. 12:17) ऐसा क्यों?

15-16. (क) तीसरी कौन-सी बात है, जो हमें याद रखनी चाहिए? (ख) यह बात यशायाह 25:4, 5 से कैसे पुख्ता होती है? (ग) हमारे दुश्‍मनों का जो अंजाम होगा, उस बारे में यशायाह 41:11, 12 में क्या लिखा है?

15 तीसरी सच्चाई पर ध्यान दीजिए। यहोवा ने कहा था कि हमारे खिलाफ उठनेवाला “कोई भी हथियार कामयाब नहीं होगा।”  जिस तरह एक दीवार तेज़ बौछार से हमारी हिफाज़त करती है, उसी तरह यहोवा ‘ज़ालिमों के कहर’ से हमारी हिफाज़त करेगा। (यशायाह 25:4, 5 पढ़िए।) दुश्‍मन हमारा ऐसा कोई नुकसान नहीं कर सकते, जिसकी भरपाई न की जा सके।​—यशा. 65:17.

16 यहोवा हमसे वादा करने के अलावा एक और तरीके से हमारा भरोसा बढ़ाता है। वह साफ-साफ बताता है कि जो हम पर “भड़क उठते हैं,” उनका क्या अंजाम होगा। (यशायाह 41:11, 12 पढ़िए।) हमारे दुश्‍मन चाहे जितना भी ज़ोर लगा लें, उन सभी का अंजाम एक ही होगा, उनका “नामो-निशान मिटा दिया जाएगा।”

यहोवा पर अपना भरोसा कैसे बढ़ाएँ?

बाइबल से यहोवा के बारे में लगातार पढ़कर हम उस पर अपना भरोसा बढ़ा सकते हैं (पैराग्राफ 17-18 देखें) *

17-18. (क) बाइबल पढ़ने से यहोवा पर हमारा भरोसा कैसे बढ़ सकता है? एक उदाहरण दीजिए। (ख) सन्‌ 2019 के सालाना वचन पर मनन करने से क्या फायदा हो सकता है?

17 हम यहोवा को और अच्छी तरह जानकर उस पर अपना भरोसा बढ़ा सकते हैं। उसे अच्छी तरह जानने का एक ही तरीका है, बाइबल को ध्यान से पढ़ना और पढ़ी हुई बातों पर मनन करना। बाइबल में बताया गया है कि बीते समय में यहोवा ने किस तरह अपने लोगों की हिफाज़त की। इस तरह की सच्ची घटनाओं से हमारा भरोसा बढ़ता है कि वह हमारी भी हिफाज़त और देखभाल करेगा।

18 ध्यान दीजिए कि यशायाह ने कितने खूबसूरत तरीके से समझाया कि यहोवा कैसे हमारी हिफाज़त करता है। उसने यहोवा को चरवाहा और उसके सेवकों को मेम्ने कहा। यहोवा के बारे में वह कहता है, “वह . . . अपने हाथों से मेम्नों को इकट्ठा करेगा, उन्हें अपनी गोद में उठाएगा।” (यशा. 40:11) ज़रा सोचिए, जब यहोवा हमें अपने मज़बूत हाथों से उठाए हुए है, तो क्या हम सुरक्षित और शांत महसूस नहीं करेंगे? इसी वजह से विश्‍वासयोग्य और बुद्धिमान दास ने 2019 के लिए सालाना वचन यशायाह 41:10 चुना है, जहाँ लिखा है, “घबरा मत क्योंकि मैं तेरा परमेश्‍वर हूँ।” हौसला बढ़ानेवाले इन शब्दों पर मनन कीजिए। इनसे आपको आनेवाली किसी भी मुश्‍किल का सामना करने की हिम्मत मिलेगी और आप शांत रह पाएँगे।

गीत 38 वह तुम्हें मज़बूत करेगा

^ पैरा. 5 सन्‌ 2019 के लिए चुने गए सालाना वचन से हमें तीन कारण मिलते हैं कि क्यों हम दुनिया में हो रही बुरी घटनाओं या अपनी ज़िंदगी की मुश्‍किलों के बावजूद शांत रह सकते हैं। इस लेख में उन कारणों पर चर्चा की जाएगी, जिससे हमें मदद मिलेगी कि हम बहुत ज़्यादा चिंता न करें, बल्कि यहोवा पर भरोसा रखें। सालाना वचन पर मनन कीजिए, हो सके तो उसे याद कर लीजिए। इससे आपको आगे आनेवाली मुश्‍किलों का सामना करने की हिम्मत मिलेगी।

^ पैरा. 3 इसका क्या मतलब है? वादा एक ऐसी बात होती है, जिसका पूरा होना पक्का होता है। यहोवा ने जो हौसला बढ़ानेवाले वादे किए हैं, उनकी वजह से हम आनेवाली मुश्‍किलों के बारे में बहुत ज़्यादा चिंता नहीं करते।

^ पैरा. 4 यशायाह 41:10, 13 और 14 में शब्द ‘डर मत’ तीन बार आए हैं। इन आयतों में यहोवा के लिए शब्द “मैं” कई बार आया है। यहोवा ने यशायाह को शब्द “मैं” इतनी बार दर्ज़ करने के लिए क्यों प्रेरित किया? इस बात पर ज़ोर देने के लिए कि मुश्‍किल हालात में यहोवा पर भरोसा रखने से ही हम अपना डर दूर कर सकते हैं।

^ पैरा. 52 तसवीर के बारे में: परिवार के सदस्य काम की जगह पर, सेहत को लेकर, प्रचार में और स्कूल में अलग-अलग मुश्‍किलों का सामना करते हैं।

^ पैरा. 54 तसवीर के बारे में: एक घर में साक्षियों की सभा चल रही है कि तभी पुलिसवाले आकर उन्हें घेर लेते हैं, लेकिन भाई-बहन घबरा नहीं जाते।

^ पैरा. 56 तसवीर के बारे में: नियमित तौर पर पारिवारिक उपासना करने से हमें धीरज रखने की ताकत मिलती है।