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अध्ययन लेख 4

गीत 30 यहोवा, मेरा परमेश्‍वर, पिता और दोस्त

यहोवा आपसे बहुत प्यार करता है!

यहोवा आपसे बहुत प्यार करता है!

“यहोवा गहरा लगाव रखनेवाला . . . परमेश्‍वर है।”​—याकू. 5:11.

क्या सीखेंगे?

यहोवा प्यार करनेवाला परमेश्‍वर है, यह जानकर हम कैसे उसके करीब आ जाते हैं, सुरक्षित और तरो-ताज़ा महसूस करते हैं और समझ पाते हैं कि वह हमारी परवाह करता है?

1. जब आप यहोवा के बारे में सोचते हैं, तो आपके मन में क्या आता है?

 क्या आपने कभी सोचा है कि यहोवा कैसा दिखता है? जब आप उससे प्रार्थना करते हैं, तो आपके मन में क्या आता है? वैसे तो हम यहोवा को देख नहीं सकते, लेकिन बाइबल में उसके बारे में बहुत कुछ बताया गया है। इसमें लिखा है कि यहोवा “सूरज” और “ढाल” है, वह “भस्म करनेवाली आग” है। (भज. 84:11; इब्रा. 12:29) एक और जगह उसके बारे में लिखा है कि वह सोने-चाँदी जैसा चमक रहा है, नीलम की राजगद्दी पर बैठा है और उसके चारों तरफ ऐसी रौनक फैली हुई है जैसे मेघ-धनुष में होती है। (यहे. 1:26-28) यह सब पढ़कर शायद हम विस्मय से भर जाएँ या हमें ऐसा लगे कि हम उसके सामने कुछ भी नहीं हैं।

2. कुछ लोगों को शायद क्यों यहोवा के करीब आना मुश्‍किल लगे?

2 हम यहोवा को देख नहीं सकते, इसलिए शायद हमें यह मानना मुश्‍किल लगे कि वह हमसे प्यार करता है। कुछ लोगों ने ज़िंदगी में बहुत कुछ सहा है, इसलिए उन्हें यकीन ही नहीं होता कि यहोवा उनसे प्यार कर सकता है। जैसे, हो सकता है उन्हें कभी पिता का प्यार ना मिला हो। यहोवा यह सब अच्छी तरह समझता है और जानता है कि क्यों कुछ लोगों के लिए उसके करीब आना मुश्‍किल होता है। इसलिए उसने अपने वचन में खुलकर बताया है कि वह कैसा परमेश्‍वर है।

3. हमें यहोवा और उसके प्यार के बारे में क्यों अच्छी तरह जानना चाहिए?

3 यहोवा कैसा परमेश्‍वर है, अगर यह एक शब्द में बताना हो, तो वह है प्यार।  बाइबल में लिखा है, “परमेश्‍वर प्यार है।” (1 यूह. 4:8) वह जो भी करता है, प्यार की वजह से करता है। यहोवा प्यार का सागर है, तभी तो वह उनसे भी प्यार करता है जो उससे प्यार नहीं करते। (मत्ती 5:44, 45) इस लेख में हम यहोवा और उसके प्यार के बारे में और अच्छी तरह जानेंगे। हम जितना ज़्यादा अपने परमेश्‍वर के बारे में जानेंगे, उतना ही ज़्यादा उससे प्यार करने लगेंगे।

यहोवा हमसे बहुत प्यार करता है

4. यहोवा जिस तरह आपसे प्यार करता है, उस बारे में सोचकर आपको कैसा लगता है? (तसवीर भी देखें।)

4 ‘यहोवा गहरा लगाव रखनेवाला परमेश्‍वर है।’ (याकू. 5:11) बाइबल में बताया गया है कि वह एक माँ की तरह है जो अपने बच्चे से बहुत प्यार करती है। (यशा. 66:12, 13) ज़रा सोचिए, एक माँ कितने प्यार से अपने नन्हे-मुन्‍ने की देखभाल करती है। वह उसे गोद में बिठाती है, उसे दुलार करती है और बहुत प्यार से उससे बात करती है। जब बच्चा रोता है या उसे दर्द होता है, तो वह समझ जाती है कि उसे क्या चाहिए और फिर वही करती है। उसी तरह जब हम दुखी होते हैं, तो हम यकीन रख सकते हैं कि यहोवा भी उस माँ की तरह हमसे बहुत प्यार करता है। भजन के एक लेखक को भी इस बात का यकीन था, इसलिए उसने कहा, “जब चिंताएँ मुझ पर हावी हो गयीं, तब तूने मुझे दिलासा दिया, सुकून दिया।”​—भज. 94:19.

“जैसे एक माँ अपने बेटे को दिलासा देती है, वैसे ही मैं तुम्हें दिलासा देता रहूँगा” (पैराग्राफ 4)


5. यहोवा के अटल प्यार के बारे में आप कैसा महसूस करते हैं?

5 यहोवा का प्यार अटल रहता है। (भज. 103:8) जब हमसे कोई गलती हो जाती है, तब भी वह हमसे प्यार करना नहीं छोड़ता। ज़रा इसराएलियों के बारे में सोचिए। उन्होंने बार-बार यहोवा का दिल दुखाया। फिर भी जिन लोगों ने पश्‍चाताप किया, उनसे यहोवा ने प्यार करना नहीं छोड़ा। उसने कहा, ‘तुम मेरी नज़रों में अनमोल हो, तुम आदर के लायक ठहरे हो और मैं तुमसे प्यार करता हूँ।’ (यशा. 43:4, 5) यहोवा बदला नहीं है। वह आज हमसे भी बहुत प्यार करता है, यहाँ तक कि जब हमसे कोई बड़ी गलती हो जाती है, तब भी वह हमें छोड़ नहीं देता। अगर हम पश्‍चाताप करके उसके पास लौट आएँ, तो हम देख पाएँगे कि यहोवा अब भी हमसे पहले जितना ही प्यार करता है। उसने वादा किया है कि वह हमें ‘दिल खोलकर माफ करेगा।’ (यशा. 55:7) और जब हमें माफी मिल जाती है, तो हमारी ज़िंदगी में ‘यहोवा की तरफ से ताज़गी के दिन’ आ जाते हैं।​—प्रेषि. 3:19.

6. जकरयाह 2:8 से हमें यहोवा के बारे में क्या पता चलता है?

6 जकरयाह 2:8 पढ़िए। यहोवा कहता है कि हम उसकी आँख की पुतली हैं। हमारी आँख बहुत नाज़ुक होती है और हम पूरी कोशिश करते हैं कि उसे चोट ना लगे। तो यहोवा मानो कह रहा था, ‘जो कोई तुम्हें, मेरे लोगों को, नुकसान पहुँचाने की कोशिश करता है, वह मेरी सबसे प्यारी, सबसे अनमोल चीज़ को हाथ लगाने की जुर्रत करता है।’ यहोवा हमसे बहुत प्यार करता है, इसलिए वह समझता है कि हम कैसा महसूस कर रहे हैं और हमारी हिफाज़त करने के लिए फौरन कदम उठाता है। जब हम दुखी होते हैं, तो उसे भी दुख होता है। इसलिए हम पूरे भरोसे के साथ उससे प्रार्थना कर सकते हैं, “अपनी आँख की पुतली की तरह मुझे सँभाले रख।”​—भज. 17:8.

7. हमें क्यों इस बात पर यकीन बढ़ाते रहना है कि यहोवा हमसे प्यार करता है?

7 यहोवा चाहता है कि आपको इस बात का पक्का यकीन हो कि वह आपसे प्यार करता है। पर वह समझता है कि कभी-कभी आपके लिए ऐसा करना मुश्‍किल हो सकता है। वह इसलिए कि शायद आपने ज़िंदगी में बहुत कुछ सहा हो या आज आप कुछ मुश्‍किलों का सामना कर रहे हों। तो आप कैसे अपना यकीन बढ़ा सकते हैं कि यहोवा आपसे प्यार करता है? इसका एक तरीका है यह जानना कि यहोवा ने यीशु के लिए, अभिषिक्‍त मसीहियों के लिए और हम सब के लिए अपना प्यार कैसे ज़ाहिर किया है।

यहोवा ने अपना प्यार कैसे ज़ाहिर किया?

8. यीशु को क्यों यकीन था कि उसका पिता उससे प्यार करता है?

8 यहोवा और उसके बेटे ने एक-साथ जितना समय बिताया है, उतना इस दुनिया में और किसी ने नहीं बिताया। वे अरबों-खरबों साल से स्वर्ग में एक-साथ हैं। तो सोचिए, उनका रिश्‍ता कितना गहरा होगा और वे एक-दूसरे से कितना प्यार करते होंगे! जब यीशु धरती पर था, तो यहोवा ने साफ-साफ बताया कि वह उससे बहुत प्यार करता है। यह बात हम मत्ती 17:5 में पढ़ सकते हैं। यहोवा चाहता तो सिर्फ यह कह सकता था, ‘यह वह है जिसे मैंने मंज़ूर किया है।’ लेकिन उसने कहा, “यह मेरा प्यारा बेटा है।” उसने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि वह चाहता था कि हम यह जानें कि वह अपने बेटे से कितना प्यार करता है। यहोवा को यीशु पर बहुत नाज़ था, खासकर इसलिए कि वह अपनी जान कुरबान करने के लिए तैयार था। (इफि. 1:7) यीशु को भी अपने पिता के प्यार पर ज़रा भी शक नहीं था। वह हर पल यह महसूस कर सकता था कि यहोवा उससे बहुत प्यार करता है। और उसने कई बार पूरे यकीन के साथ लोगों से भी कहा कि उसका पिता उससे प्यार करता है।​—यूह. 3:35; 10:17; 17:24.

9. बाइबल में लिखी किस बात से पता चलता है कि यहोवा अभिषिक्‍त मसीहियों से प्यार करता है? समझाइए। (रोमियों 5:5)

9 यहोवा ने अभिषिक्‍त मसीहियों के लिए भी अपना प्यार ज़ाहिर किया है। वह उनसे कितना गहरा प्यार करता है, यह रोमियों 5:5 से पता चलता है। (पढ़िए।) वहाँ लिखा है कि परमेश्‍वर का प्यार उनके दिलों में “भरा गया है।” एक शब्दकोश में इन शब्दों का मतलब कुछ इस तरह बताया गया है: यहोवा उनसे इतना ज़्यादा प्यार करता है मानो उनके दिलों में प्यार की धारा ऊँडेली जा रही हो। अभिषिक्‍त मसीही जानते हैं कि परमेश्‍वर “उनसे प्यार करता है।” (यहू. 1) यूहन्‍ना ने लिखा, “देखो, पिता ने हमसे किस कदर प्यार किया है कि हमें अपने बच्चे कहलाने का सम्मान दिया है।” (1 यूह. 3:1) इससे पता चलता है कि अभिषिक्‍त मसीही परमेश्‍वर के प्यार के बारे में कैसा महसूस करते हैं। लेकिन क्या यहोवा अभिषिक्‍त मसीहियों से ही प्यार करता है? नहीं। यहोवा ने ज़ाहिर किया है कि वह हम सब से  प्यार करता है।

10. यहोवा आपसे प्यार करता है, इसका सबसे बड़ा सबूत क्या है?

10 हमारे लिए यहोवा के प्यार का सबसे बड़ा सबूत क्या है? फिरौती बलिदान। इससे बड़ा प्यार का सबूत और क्या हो सकता है! (यूह. 3:16; रोमि. 5:8) यहोवा ने सभी इंसानों की खातिर अपना सबसे प्यारा बेटा दे दिया ताकि हमें पापों की माफी मिल सके और हम यहोवा के दोस्त बन सकें। (1 यूह. 4:10) हम जितना इस बारे में सोचते हैं कि यहोवा और यीशु ने हमारे लिए कितना कुछ किया है, उतना ही अच्छी तरह हम समझ पाते हैं कि वे हममें से हरेक से कितना प्यार करते हैं। (गला. 2:20) यहोवा ने बस कानूनी माँग पूरी करने के लिए फिरौती का इंतज़ाम नहीं किया, बल्कि उसने प्यार की खातिर ऐसा किया! अपना प्यार ज़ाहिर करने के लिए यहोवा ने अपने जिगर के टुकड़े को कुरबान कर दिया। हमारी खातिर उसने अपने सबसे अज़ीज़ बेटे को तड़प-तड़पकर मरने दिया।

11. यिर्मयाह 31:3 से हमें क्या पता चलता है?

11 जैसा हमने देखा, यहोवा के दिल में हमारे लिए जो प्यार है वह उसे ज़ाहिर भी करता है। (यिर्मयाह 31:3 पढ़िए।) वह हमसे प्यार करता है, इसी वजह से उसने हमें अपनी तरफ खींचा है। (व्यवस्थाविवरण 7:7, 8 से तुलना कीजिए।) उसके इस प्यार से हमें कोई भी चीज़ या कोई भी ताकत अलग नहीं कर सकती। (रोमि. 8:38, 39) जब आप यहोवा के प्यार के बारे में सोचते हैं, तो आपको कैसा लगता है? ज़रा भजन 23 पढ़कर देखिए। शायद आप भी यहोवा के प्यार और उसकी परवाह के बारे में सोचकर वैसा ही महसूस करें जैसा दाविद ने किया था।

यहोवा का प्यार पाकर आपको कैसा लगता है?

12. चंद शब्दों में बताइए कि भजन 23 में दाविद ने क्या कहा।

12 भजन 23:1-6 पढ़िए। भजन 23 में दाविद ने बताया कि उसे पूरा यकीन है कि यहोवा उससे प्यार करता है और उसकी परवाह करता है। यहोवा को चरवाहा  कहकर उसने ज़ाहिर किया कि उसका और यहोवा का रिश्‍ता कितना गहरा है। यहोवा की बतायी राह पर चलकर दाविद सुरक्षित महसूस करता था। और वह पूरी तरह यहोवा पर निर्भर रहता था। दाविद जानता था कि यहोवा ज़िंदगी-भर उससे अटल प्यार करता रहेगा। दाविद को क्यों इतना यकीन था?

13. दाविद को क्यों पूरा यकीन था कि यहोवा उसे सँभालेगा?

13 “मुझे कोई कमी नहीं होगी।” दाविद ने महसूस किया कि यहोवा उसका खयाल रख रहा है, क्योंकि यहोवा ने हमेशा उसकी ज़रूरतें पूरी की थीं। वह यह भी जानता था कि यहोवा उसका दोस्त है और उससे खुश है। इसलिए उसे पूरा यकीन था कि कल को चाहे कुछ भी हो जाए, यहोवा उसे सँभालेगा। दाविद जानता था कि यहोवा उससे इतना प्यार करता है कि हमेशा उसका खयाल रखेगा, इसलिए चिंताओं के बावजूद वह खुश रह पाया।​—भज. 16:11.

14. यहोवा शायद कैसे प्यार से हमारी देखभाल करे?

14 यहोवा बहुत प्यार से हमारी देखभाल करता है और जब हमारे साथ कुछ बुरा होता है, तब तो वह और भी ज़्यादा हमारा खयाल रखता है। बहन क्लेयर a ने ऐसा ही महसूस किया। उन्हें बेथेल में सेवा करते हुए 20 साल से भी ज़्यादा हो गए हैं। एक बार उन पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। पहले तो उनके पिता को स्ट्रोक हो गया और उनकी तबियत बहुत खराब हो गयी। फिर उनकी एक बहन का बहिष्कार हो गया। उनके परिवार का एक छोटा-सा कारोबार था जो ठप पड़ गया और उनका घर भी ज़ब्त कर लिया गया। बहन को समझ में नहीं आ रहा था कि कैसे-क्या करें। उस वक्‍त यहोवा ने कैसे उनका खयाल रखा? बहन बताती हैं, “यहोवा ने हर दिन हमारी ज़रूरतें पूरी कीं। हमें कभी किसी चीज़ की कमी नहीं हुई। कई बार तो यहोवा ने हमारी उम्मीदों से बढ़कर हमारे लिए किया। मैं अकसर उन पलों के बारे में सोचती हूँ जब यहोवा ने बहुत प्यार से हमें सँभाला था। मैं उन्हें कभी नहीं भूल सकती। इस वजह से मैं दूसरी मुश्‍किलों का भी डटकर सामना कर पायी।”

15. दाविद ने क्यों तरो-ताज़ा महसूस किया? (तसवीर भी देखें।)

15 “वह मुझे तरो-ताज़ा करता है।” दाविद को एक-के-बाद-एक कई मुश्‍किलों का सामना करना पड़ा। इसलिए वह कभी-कभी निराश हो जाता था। (भज. 18:4-6) कई बार वह थककर चूर हो जाता था, अंदर से पूरी तरह टूट जाता था। ऐसे में भी यहोवा के प्यार और उसकी परवाह की वजह से उसने तरो-ताज़ा महसूस किया। यहोवा अपने इस दोस्त को मानो “हरे-भरे चरागाहों” में और “झील के किनारे आराम की जगह” ले गया। तब दाविद में मानो नयी जान आ गयी और वह खुशी से यहोवा की सेवा करता रहा।​—भज. 18:28-32.

जब दाविद अपनी जान बचाकर भाग रहा था, तब भी यहोवा के प्यार और उसकी परवाह की वजह से उसने तरो-ताज़ा महसूस किया (पैराग्राफ 15)


16. यहोवा के प्यार की वजह से आपने कैसे तरो-ताज़ा महसूस किया है?

16 दाविद की तरह आज हम भी “यहोवा के अटल प्यार की वजह से ही” मुश्‍किलों में डटे रह पाते हैं। (विला. 3:22; कुलु. 1:11) ज़रा बहन रेचल के उदाहरण पर ध्यान दीजिए। कोविड-19 महामारी के दौरान उनके पति उन्हें छोड़कर चले गए और उन्होंने यहोवा से भी नाता तोड़ लिया। उस वक्‍त बहन पूरी तरह टूटकर रह गयी थीं। तब यहोवा ने कैसे उन्हें सँभाला? बहन बताती हैं, “यहोवा ने कभी मुझे प्यार की कमी महसूस नहीं होने दी। उसने मेरे दोस्तों के ज़रिए मेरा खयाल रखा। वे मेरे साथ समय बिताते थे, मेरे लिए खाना बनाकर लाते थे, मेरा हौसला बढ़ाने के लिए मुझे मैसेज या कुछ आयतें लिखकर भेजते थे, मुझे देखकर मुस्कुराते थे और मुझे याद दिलाते रहते थे कि यहोवा को मेरी कितनी परवाह है। मैं हमेशा यहोवा को शुक्रिया कहती हूँ कि उसने मुझे इतना बड़ा परिवार दिया है जो मुझसे बहुत प्यार करता है।”

17. दाविद ने ऐसा क्यों कहा कि “मुझे कोई डर नहीं”?

17 “मुझे कोई डर नहीं, क्योंकि तू मेरे साथ रहता है।” दाविद के कई दुश्‍मन थे जो बहुत ताकतवर थे। और कई बार ऐसा हुआ जब उसकी जान पर बन आयी। लेकिन यहोवा दाविद से प्यार करता था, इसलिए वह सुरक्षित महसूस कर पाया। दाविद देख पाया कि यहोवा कैसे हर पल उसका साथ दे रहा है और इससे उसे बहुत तसल्ली मिली। इसलिए वह कह पाया, ‘यहोवा ने मेरा सारा डर दूर कर दिया।’ (भज. 34:4) कभी-कभी दाविद को डर तो लगता था, लेकिन वह जानता था कि यहोवा उससे प्यार करता है, इसलिए उसने डर को खुद पर हावी नहीं होने दिया।

18. यहोवा हमसे प्यार करता है, यह याद रखने से हमें उस वक्‍त भी कैसे हिम्मत मिल सकती है जब हमें डर लग रहा हो?

18 कभी-कभी हम भी बहुत डर जाते हैं। लेकिन अगर हमें यकीन होगा कि यहोवा हमसे प्यार करता है, तो हमें हिम्मत मिलेगी। वह कैसे? ज़रा बहन सूज़ी के उदाहरण पर ध्यान दीजिए जो एक पायनियर हैं। वे बताती हैं कि जब उनके बेटे ने अपनी जान ले ली, तो उन पर और उनके पति पर क्या बीती: “जब अचानक ऐसा कोई हादसा हो जाता है, तो बहुत बड़ा धक्का लगता है। आप बिलकुल बेबस महसूस करते हैं और शायद यह भी चिंता होने लगे कि कल को कुछ और ना हो जाए। लेकिन उस वक्‍त यहोवा ने बहुत प्यार से हमें सँभाला। हमें ऐसा लगा जैसे हम उसकी बाहों में महफूज़ हैं।” बहन रेचल, जिनका पहले ज़िक्र किया गया था, बताती हैं, “एक रात मैं बहुत मायूस हो गयी थी। मुझे बहुत चिंता हो रही थी और डर भी लग रहा था। मैं रो-रोकर यहोवा से प्रार्थना करने लगी। तभी मुझे ऐसा लगा जैसे यहोवा ने मुझे माँ की तरह अपनी गोद में उठा लिया हो। मेरा मन एकदम शांत हो गया, मुझे सुकून मिला और मैं सो गयी। वह पल मैं कभी नहीं भूलूँगी।” तासोस नाम के एक प्राचीन ने सेना में भरती होने से इनकार कर दिया था, जिस वजह से उन्हें चार साल जेल में बिताने पड़े। उस दौरान भाई ने कैसे यह महसूस किया कि यहोवा उनसे प्यार करता है और उनकी परवाह करता है? भाई बताते हैं, “यहोवा ने मेरी सभी ज़रूरतों का खयाल रखा, बल्कि उससे भी बढ़कर किया। इससे मैं उस पर और भी भरोसा करने लगा। जेल की हालत बहुत खराब थी, फिर भी यहोवा की पवित्र शक्‍ति की मदद से मैं खुश रह पाया। इस तरह मैं समझ गया कि मैं जितना ज़्यादा यहोवा पर भरोसा करूँगा, उतना ही ज़्यादा उसका प्यार महसूस कर पाऊँगा। इसलिए मैंने जेल में रहते वक्‍त ही पायनियर सेवा शुरू कर दी।”

अपने प्यारे पिता यहोवा के करीब आते रहिए

19. (क) अगर हमें यकीन होगा कि यहोवा हमसे प्यार करता है, तो हम किस तरह प्रार्थना करेंगे? (ख) यहोवा के प्यार के बारे में कौन-सी बात आपके दिल को छू जाती है? (“ आयतें जो दिलाती हैं यहोवा के प्यार का एहसास” नाम का बक्स देखें।)

19 हमने जिन उदाहरणों पर चर्चा की, उनसे यह साबित होता है कि ‘प्यार का परमेश्‍वर’ यहोवा हमेशा हमारे साथ है। (2 कुरिं. 13:11) वह हममें से हरेक पर ध्यान देता है। हमें पूरा यकीन है कि हम ‘उसके प्यार से घिरे हैं।’ (भज. 32:10) जितना ज़्यादा हम इस बारे में सोचेंगे कि यहोवा ने किस तरह हमसे प्यार किया है, उतना ही वह हमारे लिए असल होता जाएगा और हम उसके और भी करीब महसूस करेंगे। हम बेझिझक उससे प्रार्थना कर पाएँगे और उसे बता पाएँगे कि हम उसके प्यार के बिना नहीं रह सकते। हम उसे अपनी हर चिंता, हर परेशानी बता सकेंगे और यकीन रख पाएँगे कि वह हमें समझता है और हमारी मदद करने के लिए बेताब है।​—भज. 145:18, 19.

20. यहोवा का प्यार हमें कैसे उसकी तरफ खींचता है?

20 सर्दियों में अगर कहीं आग जल रही हो, तो हम उसकी तरफ खिंचे चले जाते हैं। यहोवा का प्यार भी इस बर्फीली दुनिया में आग की तरह है जिसकी गरमाहट से हम उसकी तरफ खिंचे चले जाते हैं। इस प्यार में ज़बरदस्त ताकत भी है, पर यह बहुत कोमल भी है। सच में, यहोवा हमसे बहुत-बहुत प्यार करता है! आइए हम भी अपने दिल के दरवाज़े खोल दें और कहें, ‘यहोवा, मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ!’​—भज. 116:1.

आपका जवाब क्या होगा?

  • आप यहोवा के प्यार के बारे में क्या कहेंगे?

  • आप क्यों यकीन रख सकते हैं कि यहोवा आपसे बहुत प्यार करता है?

  • यहोवा का प्यार पाकर आपको कैसा लगता है?

गीत 108 यहोवा का अटल प्यार

a इस लेख में कुछ लोगों के नाम उनके असली नाम नहीं हैं।