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जीवन कहानी

मैंने बस वही किया, जो मुझे करना चाहिए था

मैंने बस वही किया, जो मुझे करना चाहिए था

भाई डॉनल्ड रिडली एक वकील थे, जिन्होंने 30 से भी ज़्यादा सालों तक यहोवा के साक्षियों की वकालत की। उन्होंने डॉक्टरों और वकीलों को यह समझने में मदद दी कि हर किसी को बगैर खून इलाज करवाने का पूरा हक है। उन्होंने अमरीका की बड़ी-बड़ी अदालतों में हमारे संगठन को कई मुकदमों में जीत दिलवायी। भाई डॉनल्ड रिडली के दोस्त प्यार से उन्हें डॉन कहते थे। वे मेहनती और नम्र स्वभाव के थे और उन्होंने संगठन के काम के लिए बहुत-से त्याग किए।

सन्‌ 2019 में भाई को पता चला कि उन्हें एक बहुत बड़ी बीमारी हो गयी है जिसका कोई इलाज नहीं है। यह बीमारी उनके शरीर में बहुत जल्दी फैल गयी और 16 अगस्त, 2019 को भाई की मौत हो गयी। ये है भाई डॉनल्ड की कहानी।

मेरा जन्म 1954 में हुआ था। मैं अमरीका के मिनेसोटा राज्य में सेंट पॉल नाम के एक शहर में पैदा हुआ था। मेरा परिवार रोमन कैथोलिक था। हम लोग इतने अमीर नहीं थे, लेकिन हमारे पास ज़रूरत की सारी चीज़ें थीं। मेरा एक बड़ा भाई था और तीन छोटे भाई-बहन थे। मैं एक कैथोलिक स्कूल में पढ़ता था। मैं चर्च में ऑल्टर बॉय था और पादरी की मदद करता था, लेकिन मैं बाइबल के बारे में ज़्यादा नहीं जानता था। मैं मानता था कि एक ईश्‍वर है जिसने सबकुछ बनाया है, पर चर्च से मेरा भरोसा उठ गया था।

मैंने सच्चाई को जाना

मैं वकालत की पढ़ाई करने ‘विलियम मिशेल कॉलेज ऑफ लॉ’ गया। जब मैं कॉलेज के पहले साल में था, तो दो यहोवा के साक्षी मेरे घर आए। उस वक्‍त मैं कपड़े धो रहा था, इसलिए मैंने उन्हें किसी और दिन आने के लिए कहा। जब वे दोबारा मुझसे मिलने आए, तो मैंने उनसे दो सवाल किए। पहला, “ऐसा क्यों होता है कि अच्छे लोग पिसते रहते हैं और बुरे लोग ऐश करते रहते हैं?” और दूसरा, “हम खुश कैसे रह सकते हैं?” उन्होंने मुझे सत्य जो अनन्त जीवन की ओर ले जाता है  नाम की किताब दी और पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद  भी दिया, जो हरे रंग की एक बहुत सुंदर बाइबल थी। मैं उनके साथ बाइबल अध्ययन करने के लिए भी राज़ी हो गया। मैंने बाइबल से जो सीखा, उससे मेरी आँखें खुल गयीं। मुझे यह जानकर बहुत अच्छा लगा कि परमेश्‍वर का राज एक सरकार है, जो इंसानों की सभी तकलीफें दूर कर देगी। मैंने सोचा, ‘बात तो सही है। इंसानों की सरकारें पूरी तरह नाकाम हो गयी हैं और उन्होंने हमें दुख-दर्द के अलावा और दिया ही क्या है।’

सन्‌ 1982 की शुरूआत में मैंने अपना जीवन यहोवा को समर्पित किया। उसी साल सेंट पॉल सिविक सेंटर में “राज की सच्चाई” अधिवेशन हुआ था। मैंने वहाँ बपतिस्मा लिया। उसके अगले हफ्ते मैं दोबारा सिविक सेंटर गया। वहाँ मैंने वकालत की परीक्षा दी। अक्टूबर की शुरूआत में मुझे पता चला कि मैं पास हो गया हूँ, यानी अब मैं वकालत कर सकता हूँ।

“राज-सच्चाई” अधिवेशन में मेरी मुलाकात माइक रिचर्डसन से हुई। भाई ब्रुकलिन बेथेल में सेवा कर रहे थे और उन्होंने मुझे बताया कि अब हमारे मुख्यालय में कानून विभाग बनाया गया है। तब मुझे इथियोपिया के खोजे की वह बात याद आयी जो प्रेषितों 8:36 में लिखी है। मैं सोचने लगा, ‘क्यों न मैं भी कानून विभाग में काम करूँ। मुझे अर्ज़ी भरने से क्या बात रोक रही है?’ मैंने बेथेल सेवा के लिए अर्ज़ी भर दी।

मम्मी-पापा इस बात से खुश नहीं थे कि मैं यहोवा का साक्षी बन गया हूँ। पापा ने कहा, ‘अपने करियर की सोचो। बेथेल में काम करके तुम कितने पैसे कमा लोगे?’ मैंने उन्हें बताया कि मैं वहाँ स्वयंसेवा करूँगा और मुझे अपनी ज़रूरतें पूरी करने के लिए हर महीने एक छोटी-सी रकम दी जाएगी, जैसे बेथेल में सेवा करनेवालों को मिलती है।

मैं तुरंत बेथेल नहीं जा पाया, क्योंकि मैं कहीं और नौकरी कर रहा था। कुछ समय बाद 1984 में मैंने ब्रुकलिन में बेथेल सेवा शुरू की। मुझे कानून विभाग में काम करने के लिए कहा गया। उस वक्‍त मुझे इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि अदालत में काम करके मुझे जो थोड़ा-बहुत तजुरबा मिला था, वह आगे चलकर कितना काम आनेवाला है।

स्टैन्ली थियेटर की मरम्मत

जब हमने स्टैन्ली थियेटर खरीदा था तब वह ऐसा दिखता था

नवंबर 1983 में संगठन ने स्टैन्ली थियेटर खरीदा। यह थियेटर न्यू जर्सी राज्य के जर्सी सिटी में था। भाइयों ने वहाँ बिजली का काम करने और नलसाज़ी करने के लिए अर्ज़ी भरी। भाइयों ने वहाँ के अधिकारियों से मिलकर उन्हें बताया कि हम स्टैन्ली थियेटर को यहोवा के साक्षियों का सम्मेलन भवन बनाना चाहते हैं। लेकिन एक समस्या खड़ी हो गयी। उस शहर के कानून के मुताबिक उपासना की जगह सिर्फ ऐसे इलाकों में हो सकती थी जहाँ लोग रहते हैं, लेकिन स्टैन्ली थियेटर बिज़नेस इलाके में था। इस वजह से शहर के अधिकारियों ने मरम्मत करने की इजाज़त नहीं दी। भाइयों ने अधिकारियों से अपील की, लेकिन उनकी अपील ठुकरा दी गयी।

बेथेल में सेवा करते हुए मुझे एक ही हफ्ता हुआ था कि संगठन ने इस मसले को सुलझाने के लिए संघीय ज़िला अदालत में मुकदमा दायर कर दिया। मैंने दो साल मिनेसोटा की सेंट पॉल संघीय ज़िला अदालत में काम किया था, इसलिए मैं जानता था कि ऐसे मुकदमे कैसे लड़े जाते हैं। हमारे एक वकील ने कहा, “स्टैन्ली थियेटर में पहले भी जनता के लिए कई कार्यक्रम हुए हैं। यहाँ फिल्में दिखायी गयी हैं और गीत-संगीत के कार्यक्रम भी हुए हैं। तो फिर यहाँ धार्मिक कार्यक्रम क्यों नहीं रखे जा सकते?” संघीय ज़िला अदालत ने इस मामले पर गौर किया और हमारे पक्ष में फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि साक्षियों को अपना धर्म मानने की आज़ादी है और जर्सी सिटी ने हम पर रोक लगाकर हमारे अधिकारों का उल्लंघन किया है। अदालत ने जर्सी सिटी को आदेश दिया कि वह हमें मरम्मत करने की इजाज़त दे दे। मैंने पहली बार देखा कि यहोवा कैसे संगठन के कानून विभाग के ज़रिए राज के काम को आगे बढ़ा रहा है। मुझे खुशी हुई कि मैं भी इस काम में थोड़ा-बहुत हाथ बँटा सका।

इजाज़त मिलते ही भाइयों ने मरम्मत का काम शुरू कर दिया। वहाँ बहुत सारा काम था फिर भी एक साल के अंदर सारा काम पूरा हो गया। फिर 8 सितंबर, 1985 को जर्सी सिटी के हमारे नए सम्मेलन भवन में गिलियड की 79वीं क्लास के ग्रैजुएशन का कार्यक्रम रखा गया। कानून विभाग में भाई-बहनों के साथ मिलकर यहोवा की सेवा करना मेरे लिए एक सम्मान की बात थी। बेथेल आने से पहले भी मैंने वकालत की थी, लेकिन जो खुशी मुझे यहाँ मिली वह पहले कभी नहीं मिली थी। उस वक्‍त मुझे बिलकुल अंदाज़ा नहीं था कि यहोवा मुझे संगठन के लिए और भी कई मुकदमे लड़ने के मौके देगा।

बगैर खून इलाज करवाने की लड़ाई

सन्‌ 1980 के दशक में साक्षी बगैर खून के इलाज नहीं करवा पाते थे। कई अस्पताल और डॉक्टर उनकी मरज़ी के खिलाफ उन्हें खून चढ़ा देते थे। गर्भवती बहनों को और भी ज़्यादा परेशानी होती थी। जजों का मानना था कि बहनों को खून चढ़वाने से इनकार करने का कोई अधिकार नहीं है। उनका कहना था कि अगर खून न चढ़वाने की वजह से माँ की जान चली जाए, तो उसके बच्चे को कौन पालेगा।

बहन डनीज़ निकेलो की बात लीजिए। उन्तीस दिसंबर, 1988 को बहन डनीज़ ने एक बेटे को जन्म दिया। प्रसव के वक्‍त उसका बहुत सारा खून बह गया था और उसका हीमोग्लोबिन बहुत कम हो गया था (5 से भी कम)। उसकी जान खतरे में थी, इसलिए डॉक्टर ने उससे खून चढ़वाने के लिए कहा। बहन ने इनकार कर दिया। अगली सुबह अस्पताल ने बहन को खून चढ़ाने के लिए एक जज से इजाज़त माँगी। जज ने इजाज़त दे दी, लेकिन न तो कोई सुनवाई हुई और न ही बहन निकेलो और उसके पति को इस बारे में कुछ बताया गया।

बहन के पति और परिवार के लोगों ने खून चढ़ाने से मना कर दिया फिर भी शुक्रवार, 30 दिसंबर को अस्पताल ने बहन निकेलो को खून चढ़ा दिया। उसी शाम बहन के परिवार के कई लोगों को और एक-दो प्राचीनों को गिरफ्तार कर लिया गया, क्योंकि वे बहन के चारों और घेरा बनाकर खड़े हो गए थे ताकि उसे खून न चढ़ाया जाए। अगली सुबह यानी शनिवार, 31 दिसंबर को यह खबर पूरे न्यू यॉर्क सिटी में और आस-पास के शहरों में फैल गयी।

अपनी जवानी के दिनों में भाई फिलिप ब्रमली के साथ

सोमवार सुबह मैंने एक ऊँची अदालत के जज, मिल्टन मॉलन से बात की। मैंने उन्हें इस मसले की जानकारी दी और बताया कि पहले जज ने बिना किसी सुनवाई के खून चढ़ाने का आदेश दे दिया था। जज मॉलन ने कहा, “शाम को मेरे दफ्तर आना। हम खुलकर बात करेंगे और देखेंगे कि इस मामले में क्या-क्या कानून हैं।” मैं उनसे मिलने गया और मेरे साथ कानून विभाग के निगरान भाई फिलिप ब्रमली भी आए। जज ने अस्पताल के वकील को भी बुलाया था। बात करते-करते हमारे बीच गरमा-गरम बहस छिड़ गयी। बहस इतनी बढ़ गयी कि भाई फिलिप ने मुझे लिखकर दिया, “थोड़े शांत हो जाओ।” वह बहुत अच्छी सलाह थी, क्योंकि अस्पताल के वकील को गलत साबित करने के चक्कर में मैं भड़क गया था।

जब अमरीका के सुप्रीम कोर्ट में प्रहरीदुर्ग बनाम स्ट्रैटन कसबा  नाम के मुकदमे पर बहस हुई, तब ये भाई संगठन के वकील थे: (बायीं से दायीं तरफ) रिचर्ड मोक, ग्रेगोरी ओल्ड्‌ज़, पॉल पॉलिडॉरो, फिलिप ब्रमली, मैं और मारयो मोरेनो।​—8 जनवरी, 2003 की सजग होइए!  (अँग्रेज़ी) पढ़ें।

लगभग एक घंटे बाद जज मॉलन ने कहा, “कल सुबह सबसे पहले कोर्ट में इसी मुकदमे की सुनवाई होगी।” जब हम उनके दफ्तर से जा रहे थे, तो उन्होंने कहा कि कल अस्पताल के वकील को अपनी बात साबित करने में बहुत मुश्‍किल होगी। मुझे ऐसा लगा जैसे यहोवा हमारी हिम्मत बँधा रहा है कि हम यह मुकदमा जीत जाएँगे। मैं यह देखकर दंग रह गया कि यहोवा कैसे अदना इंसानों से अपनी मरज़ी पूरी करवा रहा है।

हमने देर रात तक मुकदमे की तैयारी की और सोचते रहे कि हम कल उन्हें कौन-सी दलीलें देंगे। अदालत ब्रुकलिन बेथेल के पास ही थी, इसलिए कानून विभाग के भाई-बहन चलकर वहाँ तक गए। चार जजों के सामने इस केस की सुनवाई हुई। फिर अदालत ने कहा कि बहन को खून चढ़ाना गलत था। अदालत ने बहन निकेलो के पक्ष में फैसला सुनाया। जजों ने यह भी कहा कि अगर एक मरीज़ राज़ी न हो, तो डॉक्टर उसे खून नहीं चढ़ा सकते। ऐसा करना उसके बुनियादी अधिकारों के खिलाफ होगा।

इस घटना के कुछ समय बाद न्यू यॉर्क की सबसे बड़ी अदालत ने भी यही फैसला सुनाया कि बहन निकेलो को बिना खून के इलाज कराने का हक है। इसके बाद मुझे अमरीका के दूसरे राज्यों में भी खून से जुड़े तीन और मुकदमे लड़ने का सम्मान मिला। (“ अलग-अलग राज्यों की बड़ी अदालतों में जीत” नाम का बक्स पढ़ें।) मैंने बेथेल के दूसरे वकीलों के साथ मिलकर भी कई मुकदमे लड़े। जैसे तलाक, बच्चों की परवरिश करने के अधिकार और ज़मीन-जायदाद के मुकदमे।

शादी और परिवार

अपनी पत्नी डेनीस के साथ

एक बार मेरी मुलाकात डेनीस नाम की एक बहन से हुई। उसका तलाक हो चुका था और उसके तीन बच्चे थे। वह नौकरी करने के साथ-साथ पायनियर सेवा भी करती थी। मुझे इस बहन के बारे में एक बात अच्छी लगी कि उसने ज़िंदगी में बहुत कुछ सहा था, फिर भी वह यहोवा की सेवा करती रही। फिर 1992 में न्यू यॉर्क सिटी में “ज्योति वाहक” जिला अधिवेशन में मैं डेनीस से मिला। वहाँ मैंने डेनीस से कहा कि मैं उसे और अच्छी तरह जानना चाहता हूँ। एक साल बाद हमने शादी कर ली। डेनीस मेरे लिए यहोवा का एक तोहफा है। वह यहोवा से बहुत प्यार करती है और खुशमिज़ाज है। डेनीस और मैंने साथ में बहुत अच्छा वक्‍त बिताया है। उसने हर पल मेरा साथ दिया है।​—नीति. 31:12.

जब हमारी शादी हुई तब डेनीस के बच्चों की उम्र 11, 13 और 16 साल थी। मैं एक पिता की ज़िम्मेदारी अच्छी तरह निभाना चाहता था। हमारे प्रकाशनों में सौतेले माता-पिता के लिए जो हिदायतें दी गयी हैं, वह सब मैंने ध्यान से पढ़ी और उन पर अमल करने की कोशिश की। एक पिता की ज़िम्मेदारी निभाने में कुछ मुश्‍किलें ज़रूर आयीं, लेकिन धीरे-धीरे बच्चे मुझसे प्यार करने लगे और उनके साथ मेरी अच्छी दोस्ती हो गयी। जब बच्चे अपने दोस्तों को घर लाते थे तो हमें भी अच्छा लगता था। इससे घर में चहल-पहल रहती थी और हम भी उनके साथ मज़े करते थे।

सन्‌ 2013 में, मैं और डेनीस अपने बुज़ुर्ग माँ-बाप की देखभाल करने के लिए विसकॉन्सन राज्य आ गए। लेकिन मुझे यह जानकर हैरानी हुई कि मैं अब भी बेथेल का काम कर सकता था। मुझसे कहा गया कि मैं एक स्वयंसेवक के तौर पर कानून विभाग में काम जारी रख सकता हूँ।

अचानक हालात बदल गए

सितंबर 2018 में मुझे गले में खारिश होने लगी और हर बार बोलने से पहले मैं गला साफ करने लगा था। मैंने डॉक्टर को दिखाया लेकिन वह नहीं बता पाया कि ऐसा क्यों हो रहा है। फिर एक दूसरे डॉक्टर ने मुझे सलाह दी कि मैं नसों के डॉक्टर के पास जाऊँ। जनवरी 2019 में नसों के डॉक्टर ने मुझे बताया कि शायद मुझे प्रोग्रेसिव सुपरानुक्लीयर पाल्सी (पीएसपी) नाम की बीमारी है। यह बीमारी बहुत कम लोगों को होती है।

तीन दिन बाद जब मैं बर्फ पर स्केटिंग कर रहा था, तो मैं गिर गया और मेरी दायीं कलाई की हड्डी टूट गयी। मैं सालों से स्केटिंग कर रहा था और इसमें माहिर था। इस हादसे के बाद मैं समझ गया कि अब मेरे शरीर के लिए पहले जैसा संतुलन बनाए रखना मुश्‍किल है। यह बीमारी बहुत तेज़ी से मेरे शरीर में फैलने लगी। न तो मैं ठीक से बोल पा रहा था, न ठीक से चल पा रहा था और न ही खाना निगल पा रहा था।

मैं बहुत खुश हूँ कि मैं एक वकील के नाते यहोवा के संगठन के कुछ काम आ सका ताकि राज के कामों को आगे बढ़ा सकूँ। मुझे ऐसी पत्रिकाओं में लेख लिखने का मौका मिला जिन्हें डॉक्टर, वकील और जज पढ़ते हैं। मुझे दुनिया की कई जगहों में रखे सेमिनारों में भाषण देने का भी मौका मिला। वहाँ मैंने लोगों को समझाया कि क्यों यहोवा के साक्षी बगैर खून के इलाज करवाते हैं। मुझे यहोवा की सेवा में बहुत कुछ करने का मौका मिला है, फिर भी मैं वही कहूँगा जो लूका 17:10 में लिखा है, ‘मैं एक निकम्मा दास हूँ। मैंने बस वही किया है, जो मुझे करना चाहिए था।’