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क्या यहोवा के साक्षियों को जीवन-साथी ढूँढ़ने के लिए डेटिंग ऐप्स या वेबसाइट इस्तेमाल करनी चाहिए?

यहोवा चाहता है कि एक आदमी और औरत अपनी शादी से खुश रहें और उनका रिश्‍ता हमेशा बना रहे। (मत्ती 19:4-6) अगर आप शादी करना चाहते हैं, तो आपको एक अच्छा जीवन-साथी कैसे मिलेगा? यहोवा ने हमें बनाया है और वह जानता है कि हमें अच्छा जीवन-साथी कैसे मिल सकता है। उसने हमें बहुत सारे सिद्धांत दिए हैं, जिन्हें मानने से हम सही फैसले ले पाएँगे। आइए कुछ सिद्धांतों पर गौर करें।

पहला सिद्धांत है, “दिल सबसे बड़ा धोखेबाज़ है और यह उतावला होता है।” (यिर्म. 17:9) हमें यह बात हमेशा याद रखनी चाहिए। जब दो लोग एक- दूसरे को पसंद करने लगते हैं, तो उन्हें तुरंत एक-दूसरे से लगाव हो जाता है और इस वजह से शायद वे सोच-समझकर फैसले न ले पाएँ। अगर एक व्यक्‍ति भावनाओं में बहकर शादी करने का फैसला करता है, तो बाद में उसे पछताना पड़ सकता है। (नीति. 28:26) इसलिए किसी को जाने बगैर, उसे अपने दिल की बात नहीं बतानी चाहिए, न ही उससे कोई वादे करने चाहिए।

दूसरा सिद्धांत, नीतिवचन 22:3 में लिखा है, “होशियार इंसान खतरा देखकर छिप जाता है, मगर नादान बढ़ता जाता है और अंजाम भुगतता है।” डेटिंग ऐप्स और वेबसाइट इस्तेमाल करने के क्या खतरे हैं? कुछ लोगों ने ऑनलाइन डेटिंग की है। दुख की बात है कि उनके जज़बातों के साथ खिलवाड़ किया गया और उन्हें धोखा दिया गया। कुछ भोले-भाले लोगों के पैसे लूटे गए। जिन लोगों ने धोखा दिया, उनमें से कुछ लोगों ने कहा था कि वे यहोवा के साक्षी हैं।

ऑनलाइन डेटिंग का एक और खतरा है। कुछ ऐप्स और वेबसाइट कंप्यूटर प्रोग्राम के ज़रिए यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि किसके साथ आपकी जोड़ी अच्छी रहेगी। लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं कि ऐसी जोड़ियाँ हमेशा खुश रहेंगी। ज़रा सोचकर देखिए, शादी एक बहुत बड़ा फैसला है। क्या आप यह फैसला इंसान के बने कंप्यूटर प्रोग्राम के भरोसे लेंगे? या बाइबल के सिद्धांतों के भरोसे, जो कभी गलत नहीं हो सकते?—नीति. 1:7; 3:5-7.

तीसरा सिद्धांत, नीतिवचन 14:15 में लिखा है, “नादान हर बात पर आँख मूँदकर यकीन करता है, लेकिन होशियार इंसान हर कदम सोच-समझकर उठाता है।” शादी करने से पहले, आपको एक व्यक्‍ति को अच्छी तरह जान लेना चाहिए। लेकिन डेटिंग ऐप्स और वेबसाइट के ज़रिए ऐसा करना बहुत मुश्‍किल है। हो सकता है कि आप उस व्यक्‍ति की सारी जानकारी देख पाएँ या उसे मैसेज करके उससे बात कर पाएँ। लेकिन क्या आपको लगता है कि इस तरह आप उस व्यक्‍ति को अच्छी तरह जान पाएँगे? कई लोगों को लगा कि उन्हें अपना सच्चा प्यार मिल गया है। लेकिन जब वे उस व्यक्‍ति से आमने-सामने मिले, तो वे हैरान रह गए। क्योंकि वह व्यक्‍ति वैसा बिलकुल नहीं था, जैसा उन्होंने सोचा था।

भजन के एक लेखक ने कहा, “मैं छल करनेवालों से मेल-जोल नहीं रखता, अपनी असलियत छिपानेवालों से दूर रहता हूँ।” (भज. 26:4) आज डेटिंग ऐप्स और वेबसाइट पर लोग अपने बारे में पूरी बात नहीं बताते, क्योंकि वे चाहते हैं कि लोग उन्हें पसंद करें। उनसे बात करने पर भी हम नहीं जान पाते कि उनमें क्या कमियाँ हैं। एक यहोवा के साक्षी को कुछ सवालों के बारे में सोचना चाहिए। जैसे, अगर कोई आपसे कहता है कि वह एक यहोवा का साक्षी है, तो क्या आपको सच में यकीन है कि उसने बपतिस्मा लिया है? क्या उसका यहोवा के साथ एक अच्छा रिश्‍ता है? क्या मंडली में उसका एक अच्छा नाम है? क्या वह दूसरों के लिए अच्छी मिसाल रखता है या “बुरी संगति” है? (1 कुरिं. 15:33; 2 तीमु. 2:20, 21) क्या वह बाइबल के आधार पर शादी करने के लिए आज़ाद है? इन सभी सवालों के जवाब जानना ज़रूरी हैं, लेकिन डेटिंग ऐप्स और वेबसाइट के ज़रिए इन्हें जानना मुश्‍किल है। यह जानकारी सिर्फ ऐसे भाई-बहन दे सकते हैं जो उस व्यक्‍ति को अच्छी तरह जानते हैं। (नीति. 15:22) यहोवा का एक वफादार सेवक ऐसे व्यक्‍ति से शादी करने के बारे में सोच भी नहीं सकता, जो उसका उपासक न हो और न ही वह उसके साथ “बेमेल जुए” में जुतेगा।—2 कुरि. 6:14; 1 कुरिं. 7:39.

जैसा कि हमने देखा, डेटिंग ऐप्स और वेबसाइट इस्तेमाल करने के कई खतरे हैं। लेकिन आप दूसरे तरीकों से जीवन-साथी ढूँढ़ सकते हैं। कैसे? अगर मुमकिन है तो आप सभाओं में, सम्मेलनों में, अधिवेशनों में और दूसरे मौकों पर एक व्यक्‍ति से आमने-सामने मिलकर उसे अच्छी तरह जान सकते हैं।

साथ वक्‍त बिताकर आप समझ पाएँगे कि आपके लक्ष्य एक जैसे हैं या नहीं

लेकिन जब एक-साथ इकट्ठा होना मुमकिन नहीं होता, जैसे कोविड-19 महामारी के दौरान, तो साक्षी ऑनलाइन सभाएँ चलाते हैं। आप इन सभाओं में दूसरे अविवाहित मसीहियों को जान सकते हैं, उनके भाषण और जवाब सुन सकते हैं। (1 तीमु. 6:11, 12) जब आपको कोई अच्छा लगता है, तो आप उससे ब्रेकआउट रूम में भी बात कर सकते हैं। दूसरे भाई-बहनों के साथ ऑनलाइन फुरसत के पल बिताते वक्‍त भी आप उस व्यक्‍ति को जान सकते हैं। आप देख सकते हैं कि वह दूसरों से किस तरह बात करता है। इस तरह आप उसकी खूबियाँ और कमियाँ जान पाएँगे। (1 पत. 3:4) देखते-ही-देखते आप उसे जानने लगेंगे। आप समझ पाएँगे कि आपके लक्ष्य एक जैसे हैं या नहीं और वह आपका जीवन-साथी बन सकता है या नहीं।

जो अविवाहित लोग जीवन-साथी ढूँढ़ने के लिए बाइबल के सिद्धांत मानते हैं, वे एक-दूसरे के साथ हमेशा खुश रहते हैं। उनके बारे में यह कहा जा सकता है, “जिसने अच्छी पत्नी पा ली [या अच्छा पति पा लिया], उसने कुछ अनमोल पा लिया और उसे यहोवा की मंज़ूरी मिलती है।”—नीति. 18:22.