क्या आपको याद है?
क्या आपने हाल की प्रहरीदुर्ग पत्रिकाएँ ध्यान से पढ़ी हैं? देखिए कि क्या आप नीचे दिए सवालों के जवाब दे पाते हैं या नहीं:
मत्ती 18:15-17 में यीशु किस तरह के पाप के बारे में बात कर रहा था?
यीशु ऐसे “पाप” या मामले की बात कर रहा था जिसे दो मसीही आपस में सुलझा सकते थे। लेकिन वह पाप इतना गंभीर है कि अगर उसे सुलझाया न जाए तो बहिष्कार करने की भी नौबत आ सकती है। इस “पाप” में धोखाधड़ी या किसी को बदनाम करना जैसी बातें शामिल हो सकती हैं।—प्र16.05, पेज 7.
बाइबल पढ़ाई से फायदा पाने के लिए आप क्या कर सकते हैं?
खुले दिमाग से पढ़िए और जानने की कोशिश कीजिए कि आप पढ़ी बातों को कैसे लागू कर सकते हैं; खुद से ये सवाल कीजिए, ‘मैं इस जानकारी से दूसरों की कैसे मदद कर सकता हूँ?’; और हमारे पास जो औज़ार हैं उनकी मदद से पढ़ी हुई जानकारी पर खोजबीन कीजिए।—प्र16.05, पेज 24-26.
मरे हुए ज़िंदा किए जाएँगे, इस आशा पर विश्वास रखने के बावजूद क्या एक मसीही के लिए रोना या दुखी होना गलत है?
मरे हुए ज़िंदा किए जाएँगे, इस आशा पर विश्वास रखने का यह मतलब नहीं कि एक मसीही को अपने अज़ीज़ की मौत का दुख नहीं होगा। अब्राहम ने सारा की मौत पर मातम मनाया था। (उत्प. 23:2) मगर समय के चलते यह दुख काफी हद तक कम हो जाता है।—प्र16.अंक 3, पेज 4.
यहेजकेल अध्याय 9 में बताया गया है कि एक आदमी के पास दवात है और छ: आदमियों के पास हथियार हैं। ये आदमी किसे दर्शाते हैं?
ये आदमी स्वर्ग की सेनाओं को दर्शाते हैं, जो यरूशलेम के विनाश में शामिल थीं और हर-मगिदोन में शैतान की दुष्ट दुनिया के विनाश में शामिल होंगी। जिस आदमी के पास दवात थी, वह आज के दिनों में यीशु मसीह को दर्शाता है, जो उन लोगों पर चिन्ह लगाएगा जो बचाए जाएँगे।—प्र16.06, पेज 16-17.
एक मसीही किन तरीकों से सादगी-भरी ज़िंदगी जी सकता है?
अपनी ज़रूरत की चीज़ों की सूची बनाइए और उन चीज़ों पर पैसा खर्च मत कीजिए, जिनकी आपको ज़रूरत नहीं है। पहले से तय कीजिए कि आपको हर हफ्ते या हर महीने क्या खरीदना है और आप कितना खर्च उठा सकते हैं। जो चीज़ें आप इस्तेमाल नहीं करते, उन्हें बेच दीजिए, किसी को दे दीजिए या फेंक दीजिए। अगर आपको किसी का उधार चुकाना है, तो जल्द-से-जल्द ऐसा कीजिए। सोचिए कि आप ऐसा क्या कर सकते हैं, जिससे नौकरी-पेशे में कम समय जाए। सोचिए कि आप प्रचार सेवा में कैसे और ज़्यादा हिस्सा ले सकते हैं।—प्र16.07, पेज 10.
बाइबल के मुताबिक सोने या चाँदी से भी अनमोल क्या है?
अय्यूब 28:12, 15 बताता है कि परमेश्वर से मिलनेवाली बुद्धि सोने या चाँदी से भी अनमोल है। इस बुद्धि को खोजते वक्त नम्र बने रहने और विश्वास में मज़बूत बने रहने के लिए मेहनत करते रहिए।—प्र16.08, पेज 18-19.
क्या एक भाई दाढ़ी रख सकता है?
कुछ संस्कृतियों में आदमी सही तरह से कटी हुई दाढ़ी रख सकते हैं, यहाँ तक कि लोग इस वजह से हमारा संदेश सुनने से इनकार नहीं करते। फिर भी हो सकता है कुछ भाई दाढ़ी न रखने का फैसला करें। (1 कुरिं. 8:9) दूसरी तरफ, कुछ संस्कृतियों या जगहों में दाढ़ी रखने का रिवाज़ नहीं है और वहाँ के मसीही भाइयों के लिए दाढ़ी रखना सही नहीं माना जाता।—प्र16.09, पेज 21.
हम क्यों यकीन कर सकते हैं कि बाइबल में दिया दाविद और गोलियत का किस्सा सच है?
गोलियत की लंबाई, आज दुनिया के सबसे लंबे व्यक्ति की लंबाई से सिर्फ 6 इंच (15 सेंटीमीटर) ज़्यादा थी। खोज करनेवालों को पुराने ज़माने का एक पत्थर मिला जिस पर “दाविद का घराना” ये शब्द खुदे हुए हैं। यही नहीं, यीशु ने भी दाविद का ज़िक्र किया। इससे पता चलता है कि दाविद नाम का व्यक्ति सच में था। इस घटना में जिस जगह का ज़िक्र किया गया है, उस बारे में बाइबल में दी बारीक जानकारी एकदम सच्ची है।—प्र16.अंक 4, पेज 13.
ज्ञान, समझ और बुद्धि कैसे एक-दूसरे से अलग हैं?
जिस इंसान के पास ज्ञान होता है उसके पास जानकारी होती है। और जिसके पास समझ होती है वह देख सकता है कि एक जानकारी का दूसरी जानकारी के साथ क्या ताल्लुक है। मगर जिस इंसान के पास बुद्धि होती है वह ज्ञान और समझ का इस्तेमाल करके ऐसा काम करता है जिससे उसे फायदा होता है।—प्र16.10, पेज 18.