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“फिरदौस में मिलेंगे!”

“फिरदौस में मिलेंगे!”

“तू मेरे साथ फिरदौस में होगा।”​—लूका 23:43.

गीत: 145, 139

1, 2. फिरदौस के बारे में लोगों की क्या राय है?

कोरिया के सोल शहर में रखे गए अधिवेशन में कई देशों से भाई-बहन आए हुए थे। अधिवेशन खत्म होने पर जब वे स्टेडियम से जाने लगे, तो वहाँ के भाई-बहन उनके पास आकर खड़े हो गए। फिर कई लोग हाथ हिलाकर अलविदा करने लगे और एक-दूसरे से कहने लगे, “फिरदौस में मिलेंगे!” उस वक्‍त सबकी आँखें नम थीं। आपको क्या लगता है, वे किस फिरदौस की बात कर रहे थे?

2 फिरदौस के बारे में आज लोगों की अलग-अलग राय है। कुछ लोग कहते हैं कि फिरदौस बस एक सपना है। दूसरे लोगों का मानना है कि जिस जगह आप खुश हैं, वही फिरदौस है। एक भूखा आदमी जब खाने से सजी मेज़ पर बैठता है, तो शायद उसे लगे कि वह फिरदौस में है। बहुत साल पहले जब एक औरत ने फूलों की एक खूबसूरत वादी देखी, तो वह बोल उठी, “वाह! यह सचमुच फिरदौस है!” आपके हिसाब से फिरदौस क्या है? क्या आपको आशा है कि फिरदौस आएगा?

3. बाइबल में सबसे पहले फिरदौस का ज़िक्र कहाँ आया है?

3 बाइबल बताती है कि प्राचीन समय में एक फिरदौस था और भविष्य में भी एक फिरदौस होगा। फिरदौस का सबसे पहले ज़िक्र बाइबल की पहली किताब में किया गया है। कैथोलिक डूए वर्शन  बाइबल में, जिसका लातीनी भाषा से अनुवाद हुआ था, उत्पत्ति 2:8 में लिखा है, “प्रभु परमेश्‍वर ने शुरूआत से खुशियों का एक फिरदौस  लगाया: वहीं उसने आदमी को बसाया जिसे उसने रचा था।” (मोटे और तिरछे टाइप हमारे।) इसी आयत के इब्रानी पाठ में अदन का बाग लिखा है। शब्द “अदन” का मतलब है, “खुशियाँ।” इसमें कोई शक नहीं कि उस बाग का माहौल खुशनुमा था, क्योंकि वह बहुत खूबसूरत था, उसमें खाने की कोई कमी नहीं थी और इंसानों और जानवरों के बीच शांति थी।​—उत्प. 1:29-31.

4. अदन के बाग को फिरदौस कहना क्यों सही है?

4 “बाग” के लिए इस्तेमाल होनेवाले इब्रानी शब्द का अनुवाद यूनानी में परादीसोस  किया गया है। मैक्लिंटॉक और स्ट्राँग के विश्‍वकोश  में लिखा है कि जब एक यूनानी आदमी परादीसोस  शब्द सुनता, तो उसके मन में एक ऐसे खूबसूरत बाग की तसवीर आती, जो दूर-दूर तक फैला है, चारों तरफ ऊँचे-ऊँचे पेड़ हैं और उनमें तरह-तरह के फल लगे हैं, साफ पानी की धाराएँ बहती हैं और उनके किनारे घास के मैदानों में हिरनों और भेड़ों के झुंड चरते हैं। उस बाग में किसी तरह का डर नहीं।​—उत्पत्ति 2:15, 16 से तुलना कीजिए।

5, 6. (क) आदम और हव्वा ने फिरदौस में जीने का मौका क्यों गँवा दिया? (ख) कुछ लोगों के मन में शायद कौन-सा सवाल आए?

5 यहोवा ने आदम और हव्वा को ऐसे ही एक बाग या फिरदौस में रखा था। लेकिन उन्होंने परमेश्‍वर की आज्ञा तोड़ दी और फिरदौस में जीने का मौका गँवा दिया। इस वजह से उनकी संतानों को भी यह मौका नहीं मिल पाया। (उत्प. 3:23, 24) हालाँकि उसके बाद से उस फिरदौस में कोई इंसान नहीं रहा, मगर ऐसा मालूम होता है कि यह फिरदौस नूह के दिनों में जलप्रलय आने तक था।

6 शायद कुछ लोगों के मन में सवाल आए, ‘क्या धरती पर दोबारा कभी फिरदौस होगा?’ सबूतों से क्या पता चलता है? अगर आप अपने अज़ीज़ों के साथ फिरदौस में जीने की आशा रखते हैं, तो क्या आपके पास इसके ठोस कारण हैं? क्या आप दूसरों को समझा सकते हैं कि भविष्य में फिरदौस ज़रूर आएगा?

भविष्य में फिरदौस​—इसके ठोस कारण

7, 8. (क) परमेश्‍वर ने अब्राहम से क्या वादा किया? (ख) इस वादे से अब्राहम ने क्या समझा होगा?

7 फिरदौस के बारे में सवालों के जवाब पाने का सबसे बढ़िया तरीका है, बाइबल में देखना। वह इसलिए कि यह किताब यहोवा ने लिखवायी है, जिसने शुरू में फिरदौस को रचा था। ध्यान दीजिए कि परमेश्‍वर ने अपने दोस्त अब्राहम से क्या कहा। उसने कहा कि वह अब्राहम के वंश को “समुंदर किनारे की बालू के किनकों जैसा अनगिनत” कर देगा। फिर उसने एक अहम वादा किया, “तेरे वंश के ज़रिए धरती की सभी जातियाँ  आशीष पाएँगी, क्योंकि तूने मेरी आज्ञा मानी है।” (उत्प. 22:17, 18) बाद में यही वादा परमेश्‍वर ने अब्राहम के बेटे और पोते के सामने दोहराया।​—उत्पत्ति 26:4; 28:14 पढ़िए।

8 बाइबल से ऐसा कोई इशारा नहीं मिलता कि अब्राहम ने सोचा हो कि इंसानों को स्वर्ग के फिरदौस में अपना इनाम मिलेगा। इस वजह से जब परमेश्‍वर ने वादा किया कि “धरती की सभी जातियाँ” आशीष पाएँगी, तो अब्राहम ने यही समझा कि उन्हें इसी धरती पर  आशीषें मिलेंगी। लेकिन क्या बाइबल में यही एक सबूत है कि धरती पर फिरदौस होगा?

9, 10. किन वादों के आधार पर कहा जा सकता है कि भविष्य में फिरदौस होगा?

9 बाद में अब्राहम के एक वंशज दाविद ने परमेश्‍वर की प्रेरणा से भविष्यवाणी की कि एक ऐसा वक्‍त आएगा, जब “दुष्टों का नामो-निशान मिट जाएगा।” (भज. 37:1, 2, 10) फिर “दीन लोग धरती के वारिस होंगे और बड़ी शांति के कारण अपार खुशी पाएँगे।” दाविद ने यह भी लिखा, “नेक लोग धरती के वारिस होंगे और उस पर हमेशा की ज़िंदगी जीएँगे।”  (भज. 37:11, 29; 2 शमू. 23:2) जो लोग परमेश्‍वर की मरज़ी पूरी करना चाहते थे, उन पर इन वादों का क्या असर हुआ होगा? उन्हें यह उम्मीद करने की ठोस वजह मिली होगी कि एक दिन ऐसा आएगा, जब धरती पर सिर्फ नेक लोग रहेंगे और धरती अदन के बाग की तरह दोबारा फिरदौस बन जाएगी।

10 लेकिन वक्‍त के गुज़रते ज़्यादातर इसराएली सिर्फ नाम के लिए यहोवा की उपासना करने लगे थे। इस वजह से यहोवा ने अपने लोगों पर बैबिलोन की सेना को हमला करने दिया। सैनिकों ने उनके देश को उजाड़ दिया और बहुत-से इसराएलियों को बंदी बनाकर ले गए। (2 इति. 36:15-21; यिर्म. 4:22-27) लेकिन परमेश्‍वर के भविष्यवक्‍ताओं ने पहले से बता दिया था कि 70 साल बाद उसके लोग अपने देश लौट आएँगे। ये भविष्यवाणियाँ शब्द-ब-शब्द पूरी हुईं। आज ये हमारे लिए भी मायने रखती हैं। जब हम इनमें से कुछ पर चर्चा करेंगे, तो ध्यान दीजिए कि ये हमें किस तरह यकीन दिलाती हैं कि भविष्य में धरती पर फिरदौस ज़रूर आएगा।

11. यशायाह 11:6-9 में दर्ज़ भविष्यवाणी पहले कब पूरी हुई, लेकिन हमारे मन में अब भी क्या सवाल आ सकता है?

11 यशायाह 11:6-9 पढ़िए। परमेश्‍वर ने भविष्यवक्‍ता यशायाह के ज़रिए बताया कि जब इसराएली अपने देश लौटेंगे, तो पूरे देश में शांति होगी। उन्हें इंसानों और जानवरों से कोई डर नहीं होगा और बूढ़े-जवान सब सुरक्षित होंगे। क्या इससे आपको उस माहौल की याद नहीं आती, जो अदन के बाग में था? (यशा. 51:3) यशायाह ने यह भी कहा कि इसराएल राष्ट्र ही नहीं, बल्कि पूरी पृथ्वी  “यहोवा के ज्ञान से ऐसी भर जाएगी, जैसे समुंदर पानी से भरा रहता है।” यह कब होगा? ज़ाहिर-सी बात है कि यहाँ भविष्य की बात की गयी है।

12. (क) बैबिलोन से लौटनेवाले इसराएलियों को कौन-सी आशीषें मिलीं? (ख) हम कैसे कह सकते हैं कि यशायाह 35:5-10 में लिखी बातें भविष्य में भी पूरी होंगी?

12 यशायाह 35:5-10 पढ़िए। यशायाह ने फिर से भविष्यवाणी की कि बैबिलोन से लौटनेवाले इसराएलियों को जानवरों या इंसानों से कोई खतरा नहीं होगा। उसने कहा कि उनके देश में भरपूर अनाज होगा, क्योंकि वहाँ पानी की कोई कमी नहीं होगी, जैसे अदन के बाग में कमी नहीं थी। (उत्प. 2:10-14; यिर्म. 31:12) क्या यह भविष्यवाणी सिर्फ उन इसराएलियों के दिनों में पूरी होनेवाली थी? ध्यान दीजिए कि भविष्यवाणी में यह भी बताया गया था कि अंधे, बहरे और लँगड़े ठीक हो जाएँगे। लेकिन बैबिलोन से लौटनेवाले इसराएलियों के साथ ऐसा नहीं हुआ। इसका मतलब, परमेश्‍वर कह रहा था कि वह भविष्य में हर तरह की बीमारियाँ ठीक करेगा।

13, 14. (क) जब यहूदी बैबिलोन से लौटे, तो यशायाह 65:21-23 में दर्ज़ भविष्यवाणी कैसे पूरी हुई? (ख) लेकिन इस भविष्यवाणी की कौन-सी बात अब भी पूरी होनी बाकी है? (लेख की शुरूआत में दी तसवीर देखिए।)

13 यशायाह 65:21-23 पढ़िए। जब यहूदी अपने देश लौटे थे, तब उनके रहने के लिए घर नहीं था, न ही जुते-खुदे खेत और अंगूरों के बाग थे। लेकिन यहोवा की आशीष से धीरे-धीरे सब अच्छा हो गया। लोग अपना-अपना घर बनाकर उसमें रहने लगे, खेती-बाड़ी करने लगे और अपनी पैदावार से लज़ीज़ खाने का आनंद लेने लगे। इससे उन्हें कितनी खुशी मिली होगी!

14 यशायाह की इस भविष्यवाणी की एक ज़रूरी बात पर ध्यान दीजिए: हमारी उम्र “पेड़ों के समान होगी।” कुछ पेड़ हज़ारों साल तक रहते हैं। इंसानों के इतने लंबे समय तक जीने के लिए ज़रूरी है कि उनकी सेहत बहुत अच्छी हो। जब वे इस भविष्यवाणी में बताए शांति-भरे और खूबसूरत माहौल में जीएँगे, तब फिरदौस एक सपना नहीं, हकीकत होगा! यह भविष्यवाणी हर हाल में पूरी होगी!

फिरदौस के बारे में यीशु का वादा कैसे पूरा होगा? (पैराग्राफ 15, 16 देखिए)

15. यशायाह ने अपनी किताब में किन आशीषों के बारे में बताया?

15 अब तक हमने जिन भविष्यवाणियों पर चर्चा की, उनसे कैसे पता चलता है कि भविष्य में फिरदौस होगा? उनमें ऐसी बातें बतायी गयी हैं, जो फिरदौस में ही हो सकती हैं। जैसे, पूरी धरती पर सिर्फ वे लोग रहेंगे, जिन पर परमेश्‍वर की आशीष होगी। किसी को भी जानवरों या खूँखार लोगों से कोई डर नहीं होगा। अंधे, बहरे और लँगड़े ठीक हो जाएँगे। लोग अपना-अपना घर बनाएँगे और अपने खेतों में फसल उगाएँगे। उनकी उम्र पेड़ों से भी ज़्यादा होगी। सच में, बाइबल से हमें सबूत मिलते हैं कि फिरदौस आनेवाला है। लेकिन कुछ लोग शायद कहें कि इन भविष्यवाणियों का यह मतलब नहीं कि फिरदौस धरती पर होगा। ऐसे लोगों से आप क्या कहेंगे? यह मानने का आपके पास कौन-सा ठोस कारण है कि धरती पर हकीकत में एक फिरदौस होगा? धरती पर रहनेवाले सबसे महान व्यक्‍ति यीशु ने हमें इसका ठोस कारण दिया है।

तू फिरदौस में होगा!

16, 17. यीशु ने किन हालात में फिरदौस के बारे में बात की?

16 यीशु बेकसूर था, फिर भी उसे अपराधी करार देकर मौत की सज़ा सुनायी गयी। उसे दो यहूदी अपराधियों के बीच काठ पर ठोंक दिया गया। उनमें से एक अपराधी समझ गया था कि यीशु राजा है और उसने कहा, “यीशु, जब तू अपने राज में आए तो मुझे याद करना।” (लूका 23:39-42) उस अपराधी से यीशु ने जो वादा किया, वह आपके भविष्य से ताल्लुक रखता है। वह वादा लूका 23:43 में दर्ज़ है। कुछ विद्वान इस आयत में जहाँ पर अल्प-विराम लगाते हैं, उससे वाक्य का यह मतलब निकल सकता है: “मैं तुझसे सच कहता हूँ, आज तू मेरे साथ फिरदौस में होगा।” लेकिन अल्प-विराम ठीक कहाँ लगना चाहिए, इस बारे में विद्वानों की अलग-अलग राय है। तो फिर “आज” शब्द से यीशु का क्या मतलब था?

17 आजकल की कई भाषाओं में अल्प-विराम लगाने या वाक्य की रचना में फेरबदल करने से वाक्य का मतलब और भी साफ समझ में आता है। लेकिन शुरू की मौजूदा यूनानी हस्तलिपियों में सिर्फ कुछ जगहों पर विराम-चिन्ह लगाए गए थे। इस वजह से आप शायद सोचें, क्या यीशु के कहने का यह मतलब था, “मैं तुझसे कहता हूँ, आज तू मेरे साथ  फिरदौस में होगा”? या उसका यह मतलब था, “मैं आज तुझसे कहता हूँ, तू मेरे साथ फिरदौस में होगा”? अनुवादक यीशु के शब्दों को जिस तरह समझते हैं, शायद उसी के मुताबिक वे वाक्य की रचना में फेरबदल करते हैं या अल्प-विराम लगाते हैं। इस वजह से आजकल की कई बाइबल में इनमें से कोई एक मतलब दिया होता है।

18, 19. हम यीशु की बात को किस तरह समझ सकते हैं?

18 याद कीजिए कि कुछ समय पहले यीशु ने अपनी मौत के बारे में चेलों से कहा था, “इंसान का बेटा धरती के गर्भ में तीन दिन और तीन रात रहेगा।” उसने यह भी कहा, “इंसान के बेटे के साथ विश्‍वासघात किया जाएगा और उसे लोगों के हवाले कर दिया जाएगा। वे उसे मार डालेंगे और उसे तीसरे दिन ज़िंदा किया जाएगा।” (मत्ती 12:40; 16:21; 17:22, 23; मर. 10:34) प्रेषित पतरस ने बताया कि ऐसा ही हुआ। (प्रेषि. 10:39, 40) इससे पता चलता है कि जिस दिन यीशु और उस अपराधी की मौत हुई, उस दिन यीशु फिरदौस में नहीं गया। बाइबल बताती है कि यीशु करीब तीन दिन “कब्र में” था और तीसरे दिन परमेश्‍वर ने उसे ज़िंदा किया।​—प्रेषि. 2:31, 32. *

19 फिर यीशु ने ये शब्द क्यों कहे, “मैं आज तुझसे सच कहता हूँ”? दरअसल उस ज़माने में लोग अपनी बात कहने से पहले कुछ इसी तरह के शब्द इस्तेमाल करते थे। यह तरीका मूसा के दिनों में भी आम था। एक मौके पर मूसा ने कहा, “आज मैं तुझे जो आज्ञाएँ दे रहा हूँ, वे तेरे दिल में बनी रहें।”​—व्यव. 6:6; 7:11; 8:1, 19; 30:15.

20. यीशु के कहने का क्या मतलब था और हम किस आधार पर ऐसा कहते हैं?

20 मध्य पूर्वी देश के एक बाइबल अनुवादक ने कहा, “इस आयत में ‘आज’ शब्द पर ज़ोर दिया गया है, इसलिए यह आयत ऐसे पढ़ी जानी चाहिए, ‘आज मैं तुझसे सच कहता हूँ, तू मेरे साथ फिरदौस में होगा।’ तो वादा ‘आज’ किया गया था, जबकि यह पूरा बाद में होता।” उस अनुवादक ने यह भी कहा कि उस इलाके के लोग इसी तरह अपनी बात कहते थे और उनका मतलब होता था कि “जो वादा किया गया है, वह ज़रूर पूरा होगा।” पाँचवीं सदी की एक सीरियाई बाइबल में इस आयत का अनुवाद इस तरह किया गया है: “आमीन, मैं आज तुझसे कहता हूँ कि तू मेरे साथ अदन के बाग में होगा।” क्या इस वादे से हमारी हिम्मत नहीं बढ़ती? ज़रूर!

21. उस अपराधी से किस फिरदौस का वादा नहीं किया गया था और क्यों?

21 जब यीशु ने अपराधी से फिरदौस का वादा किया, तब वह स्वर्ग के फिरदौस की बात नहीं कर रहा था। यह हम कैसे कह सकते हैं? यीशु ने अपने वफादार प्रेषितों से स्वर्ग में राज करने का जो करार किया था, उसके बारे में उस अपराधी को नहीं पता था। (लूका 22:29) यही नहीं, उसका अब तक बपतिस्मा भी नहीं हुआ था। (यूह. 3:3-6, 12) इस वजह से यह कहना सही होगा कि यीशु अपराधी से धरती  पर आनेवाले फिरदौस का वादा कर रहा था। इस घटना के कई साल बाद प्रेषित पौलुस ने दर्शन में एक आदमी को देखा, जिसे “उठाकर फिरदौस में ले जाया गया” था। (2 कुरिं. 12:1-4) पौलुस और दूसरे प्रेषितों को स्वर्ग में यीशु के साथ राज करने के लिए चुना गया था। मगर यहाँ पौलुस भविष्य में आनेवाले जिस फिरदौस की बात कर रहा था, क्या वह धरती पर भी होगा? * क्या आप वहाँ होंगे?

आप क्या आशा रख सकते हैं?

22, 23. आप किस बात की आशा रख सकते हैं?

22 याद कीजिए कि दाविद ने एक ऐसे समय के बारे में बताया था, जब “नेक लोग  धरती के वारिस होंगे।” (भज. 37:29; 2 पत. 3:13) वह उस समय की बात कर रहा था, जब धरती पर रहनेवाला हर इंसान परमेश्‍वर के नेक स्तरों पर चलेगा। यशायाह 65:22 में लिखा है, “मेरे लोगों की उम्र, पेड़ों के समान होगी।” इससे पता चलता है कि नयी दुनिया में यहोवा की उपासना करनेवाले लोग हज़ारों साल जीएँगे। क्या आप इस बात पर यकीन कर सकते हैं? बिलकुल, क्योंकि प्रकाशितवाक्य 21:1-4 में बताया गया है कि परमेश्‍वर इंसानों को भरपूर आशीषें देगा। उनमें से एक आशीष यह होगी कि ‘मौत नहीं रहेगी।’

23 हमने देखा कि फिरदौस के बारे में बाइबल एकदम साफ-साफ बताती है। आदम और हव्वा ने फिरदौस में हमेशा जीने का मौका गँवा दिया, लेकिन यह धरती दोबारा फिरदौस बनेगी। उस वक्‍त परमेश्‍वर लोगों को आशीष देगा, ठीक जैसे उसने वादा किया था। दाविद ने कहा कि दीन और नेक लोग धरती के वारिस होंगे और उस पर हमेशा जीएँगे। यशायाह की भविष्यवाणियों से हमारा भरोसा बढ़ाता है कि एक ऐसा समय आएगा, जब हम खूबसूरत धरती पर फिरदौस में ज़िंदगी का पूरा-पूरा मज़ा लेंगे। लेकिन वह समय कब आएगा? यह तब आएगा, जब अपराधी से किया यीशु का वादा पूरा होगा। आप भी उस फिरदौस में जी सकते हैं। उस वक्‍त वह बात पूरी होगी, जो कोरिया के अधिवेशन में भाई-बहनों ने कही थी, “फिरदौस में मिलेंगे!”

^ पैरा. 18 प्रोफेसर सी. मारवन पेट ने लिखा, कई विद्वानों का मानना है कि जब यीशु ने “आज” कहा, तो उसका मतलब था कि जिस दिन उसकी मौत होगी, उसी दिन यानी 24 घंटे के अंदर वह फिरदौस में होगा। लेकिन यह विचार सही नहीं लगता, क्योंकि यह बाइबल में बतायी दूसरी बातों से मेल नहीं खाता। जैसे, बाइबल में लिखा है कि यीशु मरने के बाद कब्र में था और कुछ समय बाद वह स्वर्ग चल गया।​—मत्ती 12:40; प्रेषि. 2:31; रोमि. 10:7.

^ पैरा. 21 इस अंक में “आपने पूछा” लेख देखिए।