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अध्ययन लेख 53

नौजवान भाइयो, और भी अच्छे मसीही बनिए!

नौजवान भाइयो, और भी अच्छे मसीही बनिए!

‘पूरी तरह से विकसित आदमी की तरह मसीह की पूरी कद-काठी हासिल करो।’​—इफि. 4:13.

गीत 135 यहोवा की प्यार-भरी गुज़ारिश: “मेरे बेटे, बुद्धिमान बन”

एक झलक a

1. एक भाई को प्रौढ़ बनने के लिए क्या करना होगा?

 पौलुस ने इफिसुस में रहनेवाले मसीहियों से कहा, ‘पूरी तरह से विकसित आदमी की तरह मसीह की पूरी कद-काठी हासिल करो।’ (इफि. 4:13) प्रौढ़ बनने की यह सलाह आज सभी भाइयों को माननी चाहिए। इसके लिए ज़रूरी है कि वे यहोवा की आज्ञाएँ मानें और ज़िंदगी के हर छोटे-बड़े फैसले बाइबल के सिद्धांतों के हिसाब से करें। (लूका 2:52) लेकिन नौजवान भाइयों के लिए प्रौढ़ बनना क्यों ज़रूरी है?

2-3. नौजवान भाइयों के लिए प्रौढ़ बनना क्यों ज़रूरी है?

2 भाइयों को अपने परिवार और मंडली में बहुत-सी ज़िम्मेदारियाँ निभानी होती हैं। नौजवान भाइयो, आपने भी आगे चलकर कुछ ज़िम्मेदारियाँ सँभालने के बारे में ज़रूर सोचा होगा। आपने शायद सोचा हो कि आप पूरे समय की सेवा करेंगे, सहायक सेवक बनेंगे और बाद में मंडली में प्राचीन के तौर पर सेवा करेंगे। शायद आपने यह भी सोचा हो कि आप शादी करेंगे और फिर बच्चे करेंगे। (इफि. 6:4; 1 तीमु. 3:1) ये ज़िम्मेदारियाँ सँभालने के काबिल बनने और इन्हें अच्छी तरह निभाने के लिए आपको प्रौढ़ बनना होगा। b

3 तो आप एक प्रौढ़ मसीही कैसे बन सकते हैं? आपको कुछ ज़रूरी कदम उठाने होंगे और कुछ हुनर सीखने होंगे। और भविष्य में आपके कंधों पर जो ज़िम्मेदारियाँ आएँगी, उन्हें अच्छी तरह निभाने के लिए आपको अभी से तैयारी करनी होगी। आइए एक-एक करके गौर करें कि आप यह सब कैसे कर सकते हैं।

प्रौढ़ बनने के लिए कुछ ज़रूरी कदम

अगर एक नौजवान भाई अपने अंदर यीशु के जैसे गुण बढ़ाए, तो वह प्रौढ़ बन सकता है (पैराग्राफ 4)

4. नौजवान भाइयों के सामने किनकी अच्छी मिसाल है? (तसवीर भी देखें।)

4 कुछ प्रौढ़ लोगों के बारे में सोचिए जिनकी तरह आप बनना चाहते हैं। बाइबल में ऐसे कई आदमियों के बारे में बताया गया है जो यहोवा से प्यार करते थे। उन्होंने कई अलग-अलग ज़िम्मेदारियाँ निभायीं और परमेश्‍वर के लोगों की अच्छी तरह देखभाल की। नौजवान भाइयो, आपे उनसे बहुत कुछ सीख सकते हैं। आपके अपने परिवार और मंडली में भी कई प्रौढ़ भाई होंगे। आप उनसे भी काफी कुछ सीख सकते हैं। (इब्रा. 13:7) और आपके सामने सबसे बढ़िया मिसाल यीशु मसीह की है। (1 पत. 2:21) जब आप यीशु और बीते ज़माने के प्रौढ़ आदमियों के बारे में अध्ययन करेंगे और आज के ज़माने के प्रौढ़ भाइयों के बारे में सोचेंगे, तो उनके अच्छे गुणों पर ध्यान दीजिए। (इब्रा. 12:1, 2) फिर सोचिए कि आप उनकी तरह कैसे बन सकते हैं।

5. आप सोचने-परखने की काबिलीयत कैसे बढ़ा सकते हैं और यह क्यों ज़रूरी है? (भजन 119:9)

5 “सोचने-परखने की शक्‍ति” बढ़ाइए और उसे ‘गँवाइए’ मत। (नीति. 3:21) जिस आदमी में सोचने-परखने की काबिलीयत होती है, वह जो मन में आए, वह नहीं करता। वह थोड़ा रुककर सोचता है कि कोई काम किन-किन तरीकों से किया जा सकता है और कौन-सा तरीका सही रहेगा। नौजवान भाइयो, यह काबिलीयत अपने-आप नहीं आ जाएगी, आपको लगातार मेहनत करनी होगी। क्योंकि आज दुनिया में ज़्यादातर नौजवान अपनी मन-मरज़ी करते हैं या वे भावनाओं में बहकर फैसले लेते हैं। (नीति. 7:7; 29:11) और फिल्मों, टीवी और इंटरनेट पर जो दिखाया जाता है, उसका भी आपकी सोच पर बहुत असर हो सकता है। तो आप अपनी सोचने-परखने की काबिलीयत कैसे बढ़ा सकते हैं? सबसे पहले बाइबल के सिद्धांतों के बारे में सीखिए और यहोवा की सोच जानिए। यह भी सोचिए कि उन सिद्धांतों को मानने से क्यों फायदा होता है। फिर ऐसे फैसले लीजिए जिनसे यहोवा खुश हो। (भजन 119:9 पढ़िए।) सच में, सोचने-परखने की काबिलीयत बढ़ाना कितना ज़रूरी है! तभी तो हम प्रौढ़ बन पाएँगे। (नीति. 2:11, 12; इब्रा. 5:14) अब आइए गौर करें कि यह काबिलीयत होने से कैसे दो मामलों में आपको फायदा हो सकता है: (1) बहनों के साथ पेश आते वक्‍त और (2) जब यह तय करना हो कि आप किस तरह के कपड़े पहनेंगे और कैसे बाल बनाएँगे।

6. सोचने-परखने की काबिलीयत होने से एक भाई कैसे बहनों की इज़्ज़त कर पाएगा?

6 सोचने-परखने की काबिलीयत होने से आप औरतों की इज़्ज़त कर पाएँगे। वह कैसे? अगर एक जवान भाई किसी बहन से शादी करने की सोच रहा है और उसे अच्छी तरह जानने की कोशिश कर रहा है, तो यह गलत नहीं है। लेकिन अगर उसका उस बहन से शादी करने का कोई इरादा नहीं है, तो वह कुछ बातें ध्यान में रखेगा। वह उस बहन से कुछ ऐसा नहीं कहेगा, कोई ऐसा मैसेज नहीं भेजेगा और ना ही कुछ ऐसा करेगा जिससे बहन को लगे कि वह उसे पसंद करता है। (1 तीमु. 5:1, 2) अगर वह भाई किसी बहन के साथ डेटिंग कर रहा है (मतलब शादी करने के इरादे से उससे जान-पहचान बढ़ा रहा है), तो वह इस बात का ध्यान रखेगा कि वह उसके साथ कभी-भी अकेले में ना हो, हमेशा कोई उनके साथ हो। इस तरह वह उसके नाम पर कोई दाग नहीं लगने देगा।​—1 कुरिं. 6:18.

7. सोचने-परखने की काबिलीयत होने से एक नौजवान भाई कपड़ों और बाल बनाने के मामले में कैसे सही फैसला कर सकता है?

7 नौजवान भाई और कैसे दिखा सकते हैं कि उनमें सोचने-परखने की काबिलीयत है या वे यहोवा की तरह सोचते हैं? वे जिस तरह के कपड़े पहनते हैं या बाल बनाते हैं, उसका ध्यान रखकर। अकसर ऐसा होता है कि जो लोग नए-नए स्टाइल के कपड़े डिज़ाइन करते हैं या उन्हें पहनने का बढ़ावा देते हैं, वे यहोवा के स्तरों को नहीं मानते और कई तो अनैतिक ज़िंदगी भी जीते हैं। इसलिए वे ऐसे स्टाइल के कपड़े बनाते हैं जो टाइट फिटिंग के होते हैं या जिन्हें पहनकर आदमी औरतों की तरह दिखते हैं। तो अगर एक जवान भाई प्रौढ़ बनना चाहता है, तो उसे कपड़ों के मामले में कोई फैसला करते वक्‍त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? उसे सोचना चाहिए कि अगर वह यह कपड़ा पहनेगा, तो क्या यहोवा इससे खुश होगा। वह इस बारे में भी सोच सकता है कि उसकी मंडली के प्रौढ़ भाई कैसे कपड़े पहनते हैं। वह खुद से पूछ सकता है: ‘मैं जिस तरह के कपड़े पहनता हूँ, क्या उससे पता चलता है कि मैं सही सोच रखता हूँ और दूसरों का आदर करता हूँ? क्या मेरे कपड़ों से यह पता चलता है कि मैं परमेश्‍वर की उपासना करनेवाला व्यक्‍ति हूँ?’ (1 कुरिं. 10:31-33; तीतु. 2:6) जो जवान भाई सोचने-परखने की काबिलीयत बढ़ाता है, उसकी भाई-बहन तो इज़्ज़त करते ही हैं, यहोवा भी उससे खुश होता है।

8. एक नौजवान भाई भरोसेमंद कैसे बन सकता है?

8 भरोसेमंद बनिए। जो नौजवान भरोसेमंद होता है, वह अपनी हर ज़िम्मेदारी अच्छी तरह पूरी करता है। (लूका 16:10) इस मामले में यीशु सबसे बढ़िया मिसाल है। उसने कभी-भी लापरवाही नहीं की। इसके बजाय, यहोवा ने उसे जो भी काम दिया, उसे उसने अच्छी तरह पूरा किया। कई बार ऐसा करना उसके लिए बहुत मुश्‍किल था, फिर भी वह पीछे नहीं हटा। वह लोगों से बहुत प्यार करता था, खासकर अपने चेलों से। इसलिए उसने उनकी खातिर खुशी-खुशी अपनी जान तक दे दी। (यूह. 13:1) तो भाइयो, यीशु की तरह बनिए और आपको जो काम दिया जाता है उसे पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कीजिए। अगर आपको पता ना हो कि उसे कैसे करना है, तो नम्र होकर प्रौढ़ भाइयों से मदद लीजिए। कभी-भी कोई काम खानापूर्ति के लिए मत कीजिए। (रोमि. 12:11) इसके बजाय, आपको जो भी काम दिया जाए, उसे अच्छी तरह पूरा कीजिए, यह सोचकर कीजिए कि आप ‘यहोवा के लिए कर रहे हैं, न कि इंसानों के लिए।’ (कुलु. 3:23) यह तो है कि आपसे गलतियाँ होंगी, इसलिए नम्र बने रहिए और जब गलती हो, तो उसे मान लीजिए।​—नीति. 11:2.

कुछ हुनर सीखिए जो आपके काम आएँ

9. एक जवान भाई को कुछ हुनर क्यों सीखने चाहिए?

9 प्रौढ़ बनने के लिए आपको कुछ हुनर सीखने होंगे जो आपके काम आएँ। इससे आप मंडली में ज़िम्मेदारियाँ सँभाल पाएँगे, आपको नौकरी मिल पाएगी जिससे आप अपनी और अपने परिवार की ज़रूरतें पूरी कर पाएँगे और दूसरों के साथ आपके रिश्‍ते अच्छे रहेंगे। आइए देखें कि आप कौन-से हुनर बढ़ा सकते हैं।

अगर आप अच्छी तरह पढ़ना-लिखना सीखें, तो आपको और मंडली के भाई-बहनों को भी फायदा होगा (पैराग्राफ 10-11)

10-11. अगर एक नौजवान भाई अच्छी तरह पढ़ना-लिखना सीखे, तो उसे और मंडली के भाई-बहनों को कैसे फायदा होगा? (भजन 1:1-3) (तसवीर भी देखें।)

10 अच्छी तरह पढ़ना-लिखना सीखिए। बाइबल में बताया गया है कि जो आदमी हर दिन परमेश्‍वर का वचन पढ़ता है और उस पर मनन करता है, वह खुश रहता है और अपने हर काम में कामयाब होता है। (भजन 1:1-3 पढ़िए।) तो हर दिन बाइबल पढ़िए। इससे आप यहोवा की सोच जान पाएँगे। और यहोवा की सोच जानने से आप समझ पाएँगे कि बाइबल के सिद्धांतों को कैसे मानें और कैसे अच्छे फैसले करें। (नीति. 1:3, 4) ऐसे भाइयों की मंडली में बहुत ज़रूरत है। वह क्यों?

11 वह इसलिए कि मंडली में ऐसे भाइयों की ज़रूरत होती है जो सबको बाइबल से सिखा सकें और बढ़िया सलाह दे सकें। (तीतु. 1:9) अगर आप अच्छी तरह पढ़ना-लिखना सीखें, तो आप ऐसे भाषण तैयार कर पाएँगे और ऐसे जवाब दे पाएँगे जिनसे भाई-बहन कुछ सीख सकें और उनका विश्‍वास बढ़े। इसके अलावा, निजी अध्ययन करते वक्‍त या सभाओं, सम्मेलनों और अधिवेशनों में आप नोट्‌स ले पाएँगे। आप जो नोट्‌स लेंगे, उनसे ना सिर्फ आपका विश्‍वास मज़बूत होगा, बल्कि आप दूसरों का भी हौसला बढ़ा पाएँगे।

12. अच्छी तरह बातचीत करने के लिए आपको क्या करना होगा?

12 अच्छी तरह बातचीत करना सीखिए। एक भाई के लिए यह हुनर सीखना बहुत ज़रूरी है। जिस भाई में यह हुनर होता है, वह दूसरों की ध्यान से सुनता है और यह समझने की कोशिश करता है कि सामनेवाला क्या सोच रहा है और कैसा महसूस कर रहा है। (नीति. 20:5) वह उस व्यक्‍ति के बोलने के लहज़े से, उसके चेहरे से और उसके हाव-भाव से उसके बारे में काफी कुछ समझ जाता है। आप ऐसा तभी कर पाएँगे जब आप लोगों के साथ वक्‍त बिताएँगे। अगर आप हमेशा ईमेल या मैसेज करके ही लोगों से बातचीत करते रहें, तो उनसे आमने-सामने मिलकर बात करना आपके लिए मुश्‍किल होगा। इसलिए लोगों से आमने-सामने मिलने की कोशिश कीजिए और उनसे बात कीजिए।​—2 यूह. 12.

कोई ऐसा हुनर सीखना अच्छा होगा जिससे आगे चलकर आपको नौकरी मिल सके (पैराग्राफ 13)

13. एक नौजवान भाई को और क्या सीखना चाहिए? (1 तीमुथियुस 5:8) (तसवीर भी देखें।)

13 अपने पैरों पर खड़े होना सीखिए। एक प्रौढ़ मसीही को ऐसा होना चाहिए कि वह खुद की और अपने परिवार की देखभाल कर सके। (1 तीमुथियुस 5:8 पढ़िए।) कुछ देशों में हमारे नौजवान भाई अपने पिता या किसी रिश्‍तेदार से कोई काम या हुनर सीखते हैं। वहीं दूसरे देशों में एक नौजवान चाहे तो स्कूल में ही कोई काम या हुनर सीख सकता है। चाहे आप घर पर सीखें या स्कूल में, कोई-न-कोई हुनर होना अच्छी बात है। इससे आगे चलकर आपको नौकरी मिल सकती है। (प्रेषि. 18:2, 3; 20:34; इफि. 4:28) तो कड़ी मेहनत करना सीखिए और आपको जो भी काम दिया जाता है उसे पूरा कीजिए। इस तरह एक अच्छा नाम कमाइए। ऐसा करने से आपको आसानी से नौकरी मिल पाएगी और बॉस भी आपके काम से खुश होगा। अब तक हमने जिन गुणों और हुनर के बारे में बात की, उन्हें बढ़ाने से एक मसीही भविष्य में अपनी ज़िम्मेदारियाँ अच्छी तरह निभा पाएगा। आइए ऐसी ही कुछ ज़िम्मेदारियों के बारे में बात करें।

भविष्य में ज़िम्मेदारियाँ सँभालने के लिए तैयारी कीजिए

14. एक नौजवान भाई पूरे समय की सेवा करने के लिए कैसे तैयारी कर सकता है?

14 पूरे समय के सेवक। कई प्रौढ़ भाइयों ने कम उम्र में ही पूरे समय की सेवा शुरू कर दी थी। इससे क्या फायदा होता है? जब एक नौजवान पायनियर सेवा करता है, तो वह अलग-अलग लोगों के साथ अच्छी तरह काम करना सीखता है। पायनियर सेवा करने से एक नौजवान यह भी सीख पाता है कि उसके पास जो है उसमें कैसे गुज़ारा करे। (फिलि. 4:11-13) पूरे समय की सेवा करने के लिए अच्छा होगा कि आप पहले कुछ समय तक सहयोगी पायनियर सेवा करें। जो लोग ऐसा करते हैं, वे आगे चलकर पायनियर सेवा करने के लिए तैयार हो पाते हैं। पायनियर सेवा करने से आपको पूरे समय की सेवा करने के और भी मौके मिल सकते हैं, जैसे निर्माण काम में हाथ बँटाना या बेथेल में सेवा करना।

15-16. एक नौजवान भाई मंडली के भाई-बहनों की सेवा करने के काबिल कैसे बन सकता है?

15 सहायक सेवक या प्राचीन। भाइयों को लक्ष्य रखना चाहिए कि वे एक दिन मंडली में प्राचीन के तौर पर भाई-बहनों की सेवा करने के काबिल बनेंगे। बाइबल में बताया गया है कि जो भाई ऐसा करने के लिए आगे बढ़ता है, “वह एक बढ़िया काम करने की चाहत रखता है।” (1 तीमु. 3:1) प्राचीन के तौर पर सेवा करने से पहले एक भाई को सहायक सेवक के तौर पर सेवा करने के काबिल होना चाहिए। सहायक सेवक कई अलग-अलग तरीकों से प्राचीनों की मदद करते हैं। प्राचीन और सहायक सेवक दोनों नम्र होते हैं और उनमें भाई-बहनों की सेवा करने का जज़्बा होता है। वे जोश से प्रचार भी करते हैं। एक नौजवान भाई 17-18 साल की उम्र में भी सहायक सेवक होने के काबिल बन सकता है। और एक काबिल सहायक सेवक को 20-22 साल की उम्र में भी प्राचीन के तौर पर नियुक्‍त किया जा सकता है।

16 आप सहायक सेवक या प्राचीन के तौर पर सेवा करने के काबिल कैसे हो सकते हैं? इस बारे में बाइबल में कुछ योग्यताएँ दी गयी हैं। एक भाई ये योग्यताएँ तभी पूरी कर पाएगा जब वह यहोवा, अपने परिवारवालों और मंडली के भाई-बहनों से प्यार करेगा। (1 तीमु. 3:1-13; तीतु. 1:6-9; 1 पत. 5:2, 3) आप भी बाइबल में दी इन योग्यताओं को समझने और इन्हें पूरा करने की कोशिश कर सकते हैं। यहोवा से प्रार्थना कीजिए कि वह ऐसा करने में आपकी मदद करे। c

यहोवा चाहता है कि एक आदमी अपनी पत्नी और बच्चों से प्यार करे, उनकी ज़रूरतें पूरी करे, उनका दोस्त बने और सबसे बढ़कर यहोवा के साथ रिश्‍ता मज़बूत करने में उनकी मदद करे (पैराग्राफ 17)

17. एक जवान भाई आगे चलकर एक अच्छा पति और परिवार का मुखिया होने के लिए अभी से क्या कर सकता है? (तसवीर भी देखें।)

17 पति और परिवार का मुखिया। जैसे यीशु ने कहा था, कुछ प्रौढ़ भाई अविवाहित रहते हैं। (मत्ती 19:12) लेकिन अगर आप शादी करने का फैसला करते हैं, तो आपको पति और मुखिया होने की ज़िम्मेदारी उठानी होगी। (1 कुरिं. 11:3) यहोवा चाहता है कि एक आदमी अपनी पत्नी से प्यार करे और उसकी ज़रूरतों का खयाल रखे, उसका अच्छा दोस्त हो और परमेश्‍वर के साथ रिश्‍ता मज़बूत करने में उसकी मदद करे। (इफि. 5:28, 29) इस लेख में हमने जिन गुणों और हुनर की बात की, अगर आप उन्हें अपने अंदर बढ़ाएँ, तो आप आगे चलकर एक अच्छे जीवन-साथी बन पाएँगे। जैसे अगर आप अभी से सोचने-परखने की काबिलीयत बढ़ाएँ, औरतों की इज़्ज़त करना सीखें और भरोसेमंद बनें, तो आप आगे चलकर एक पति और मुखिया होने की ज़िम्मेदारी अच्छी तरह निभा पाएँगे।

18. एक नौजवान भाई आगे चलकर एक अच्छा पिता बनने के लिए अभी से क्या कर सकता है?

18 पिता। शादी के बाद शायद आपके बच्चे भी हों। तो आप एक अच्छे पिता कैसे बन सकते हैं? आप इस बारे में यहोवा से बहुत कुछ सीख सकते हैं। (इफि. 6:4) यहोवा ने खुलकर अपने बेटे यीशु को बताया कि वह उससे प्यार करता है और उससे खुश है। (मत्ती 3:17) तो आगे चलकर अगर आप पिता बनें, तो आप भी यहोवा की तरह बनने की कोशिश करना। अपने बच्चों को यकीन दिलाना कि आप उनसे प्यार करते हैं। जब भी वे कुछ अच्छा काम करें, तो खुलकर उनकी तारीफ करना। जब आप इस तरह अपने बच्चों से पेश आएँगे, तो आगे चलकर वे भी प्रौढ़ मसीही बन पाएँगे। तो अभी से अपने परिवारवालों और मंडली के भाई-बहनों की परवाह कीजिए, उन्हें बताइए कि आप उनसे बहुत प्यार करते हैं और उन्हें बहुत अनमोल समझते हैं। (यूह. 15:9) यह सब करने से आगे चलकर आप एक अच्छे पति और पिता बन पाएँगे। लेकिन आज भी आप यहोवा के बहुत काम आ सकते हैं और अपने परिवार और मंडली के लिए एक आशीष साबित हो सकते हैं।

तो अब आप क्या करेंगे?

कई नौजवान भाइयों ने बाइबल की बातें सीखीं और उन्हें माना, इसलिए वे प्रौढ़ मसीही बन पाए (पैराग्राफ 19-20)

19-20. नौजवान भाई कैसे प्रौढ़ मसीही बन सकते हैं? (बाहर दी तसवीर देखें।)

19 नौजवान भाइयो, आप यूँ ही एक अच्छे या प्रौढ़ मसीही नहीं बन जाएँगे, आपको मेहनत करनी होगी। आपको ऐसे प्रौढ़ लोगों के बारे में सोचना होगा जिनकी तरह आप बनना चाहते हैं। आपको सोचने-परखने की काबिलीयत बढ़ानी होगी, भरोसेमंद बनना होगा, ऐसे कुछ हुनर सीखने होंगे जो आपके काम आएँ और भविष्य में ज़िम्मेदारियाँ सँभालने के लिए अभी से तैयारी करनी होगी।

20 जब आप इस बारे में सोचेंगे कि आपको कितना-कुछ करना है, तो शायद आपका दिमाग चकरा जाए। पर हिम्मत मत हारिए, आप एक प्रौढ़ मसीही बन सकते हैं। याद रखिए, यहोवा आपके साथ है, वह आपकी मदद करना चाहता है। (यशा. 41:10, 13) और मंडली के भाई-बहन भी आपकी मदद करेंगे। तो प्रौढ़ बनने के लिए मेहनत करते रहिए। जब आप एक प्रौढ़ भाई बन जाएँगे, तो आप बहुत कुछ कर पाएँगे और अपनी ज़िंदगी से खुश होंगे। नौजवान भाइयो, हम आपसे बहुत प्यार करते हैं! हमारी दुआ है कि यहोवा आपकी मेहनत पर आशीष दे।​—नीति. 22:4.

गीत 65 आगे बढ़!

a मंडलियों में प्रौढ़ मसीहियों की बहुत ज़रूरत होती है। इस लेख में हम जानेंगे कि नौजवान भाई कैसे और भी अच्छे या प्रौढ़ मसीही बन सकते हैं।

b पिछले लेख में दिया फुटनोट “इसका क्या मतलब है?” पढ़ें।

c यहोवा की मरज़ी पूरी करने के लिए संगठित  किताब के अध्या. 5-6 पढ़ें।