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अध्ययन लेख 50

गीत 135 यहोवा की प्यार-भरी गुज़ारिश: “मेरे बेटे, बुद्धिमान बन”

माता-पिताओ, अपने बच्चों का विश्‍वास मज़बूत कीजिए

माता-पिताओ, अपने बच्चों का विश्‍वास मज़बूत कीजिए

‘परखकर खुद के लिए मालूम करते रहो कि परमेश्‍वर की भली, उसे भानेवाली और उसकी परिपूर्ण इच्छा क्या है।’रोमि. 12:2.

क्या सीखेंगे?

हम कुछ सुझावों पर ध्यान देंगे, जिन्हें मानने से माता-पिता बच्चों से परमेश्‍वर और बाइबल के बारे में अच्छी तरह बात कर पाएँगे और उनका विश्‍वास मज़बूत कर पाएँगे।

1-2. जब बच्चे बाइबल की शिक्षाओं पर सवाल करने लगें, तो माता-पिताओं को क्या करना चाहिए?

 बच्चों की परवरिश करना बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है। माता-पिताओ, हम आपकी दिल से तारीफ करना चाहते हैं क्योंकि आप अपने बच्चों का विश्‍वास मज़बूत करने के लिए बहुत मेहनत करते हैं। (व्यव. 6:6, 7) पर हो सकता है कि जैसे-जैसे आपका बच्चा बड़ा हो, वह बाइबल में बतायी शिक्षाओं और स्तरों के बारे में सवाल करने लगे।

2 अपने बच्चे के सवाल सुनकर शायद आप थोड़ा घबरा जाएँ और चिंता करने लगें कि कहीं उसका विश्‍वास कमज़ोर तो नहीं हो रहा। पर सच तो यह है कि जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं, उन्हें सवाल पूछने चाहिए, तभी उनका विश्‍वास मज़बूत होगा। (1 कुरिं. 13:11) तो जब आपका बच्चा सवाल करता है तो डरिए मत, बल्कि इसे उसका विश्‍वास मज़बूत करने का एक मौका समझिए और उसकी मदद कीजिए कि वह बातों के बारे में गहराई से सोचे।

3. इस लेख में हम क्या जानेंगे?

3 इस लेख में हम जानेंगे कि माता-पिता कैसे बच्चों की मदद कर सकते हैं ताकि (1) परमेश्‍वर और बाइबल पर उनका विश्‍वास मज़बूत हो, (2) उनके दिल में बाइबल के स्तरों के लिए कदर बढ़े और (3) वे दूसरों को अपने विश्‍वास के बारे में समझा पाएँ। हम यह भी जानेंगे कि बच्चों के लिए सवाल पूछना क्यों अच्छा है और आप उनके साथ मिलकर क्या कर सकते हैं ताकि आप बाइबल में दी सच्चाइयों के बारे में उनसे बात कर सकें।

परमेश्‍वर और बाइबल पर अपने बच्चे का विश्‍वास मज़बूत कीजिए

4. आपके बच्चे के मन में शायद कौन-से सवाल आएँ और क्यों?

4 माता-पिताओ, आप परमेश्‍वर पर विश्‍वास करते हैं, इसका यह मतलब नहीं कि आपका बच्चा भी अपने आप परमेश्‍वर पर विश्‍वास करने लगेगा। विश्‍वास हममें पैदाइशी नहीं होता। इसलिए हो सकता है कि आपका बच्चा कुछ सवाल करे, जैसे ‘मैं कैसे मान लूँ कि एक परमेश्‍वर है? क्या बाइबल में लिखी बातें सच हैं?’ इस तरह के सवाल करना गलत नहीं है। बाइबल में तो हमें बढ़ावा दिया गया है कि हम “सोचने-समझने की शक्‍ति” का इस्तेमाल करें और ‘सब बातों को परखें।’ (रोमि. 12:1; 1 थिस्स. 5:21) तो माता-पिताओ, जब बच्चा सवाल करता है, तो उसका विश्‍वास मज़बूत करने के लिए आप क्या कर सकते हैं?

5. बाइबल पर अपने बच्चे का विश्‍वास बढ़ाने के लिए माता-पिता क्या कर सकते हैं? (रोमियों 12:2)

5 अपने बच्चे को बढ़ावा दीजिए कि वह सबूत ढूँढ़े कि बाइबल में लिखी बातें सच्ची हैं। (रोमियों 12:2 पढ़िए।) जब आपका बच्चा कोई सवाल पूछता है, तो मौके का फायदा उठाकर उसे अपने सवालों के जवाब ढूँढ़ना सिखाइए। आप उसे वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी और यहोवा के साक्षियों के लिए खोजबीन गाइड में खोजबीन करना सिखा सकते हैं। जैसे आप अपने बच्चे को बता सकते हैं कि वह खोजबीन गाइड के विषय “बाइबल” में जाए और “परमेश्‍वर की प्रेरणा से लिखी गयी” नाम का भाग देखे। वहाँ उसे ऐसे लेख मिलेंगे जिनमें इस बात के सबूत दिए हैं कि भले ही बाइबल को इंसानों ने लिखा है, पर असल में यह “परमेश्‍वर का वचन” है। (1 थिस्स. 2:13) उदाहरण के लिए, वह प्राचीन अश्‍शूर के नीनवे शहर के बारे में खोजबीन कर सकता है। बाइबल पर सवाल खड़ा करनेवाले कुछ लोग कहते थे कि नीनवे नाम का कोई शहर कभी था ही नहीं। पर 1850 के आस-पास खुदाई करने पर इस शहर के खंडहर मिले, जिससे यह साबित हो गया कि बाइबल में लिखी बातें सच्ची हैं। (सप. 2:13-15) इसके अलावा, आपका बच्चा नवंबर 2021 की प्रहरीदुर्ग में दिया लेख, “क्या आप जानते हैं?” पढ़ सकता है। इससे वह समझ पाएगा कि नीनवे का जिस तरह नाश हुआ, उस बारे में बाइबल में पहले से बताया गया था। जब आपका बच्चा हमारे प्रकाशन पढ़ेगा और देखेगा कि इनसाइक्लोपीडिया और दूसरी जानी-मानी किताबों में भी वही बातें लिखीं हैं, तो बाइबल पर उसका विश्‍वास बढ़ जाएगा।

6. बाइबल में लिखी बातें सच्ची हैं, इसके लिए माता-पिता बच्चे को कौन-से सबूत दिखा सकते हैं? एक उदाहरण दीजिए। (तसवीर भी देखें।)

6 अपने बच्चे को सबूत दिखाकर सोचने के लिए उभारिए। माता-पिताओं के पास ऐसे कई मौके होते हैं जब वे अपने बच्चे से इस बारे में बात कर सकते हैं कि वह क्यों बाइबल और परमेश्‍वर पर विश्‍वास कर सकता है। जैसे तब जब वे कोई म्यूज़ियम देखने जाते हैं, किसी गार्डन में जाते हैं या फिर यहोवा के साक्षियों के शाखा दफ्तर में कोई म्यूज़ियम देखने जाते हैं। उदाहरण के लिए, कोई म्यूज़ियम देखते वक्‍त या उसका ऑनलाइन टूर करते वक्‍त आप किसी ऐसी चीज़ पर या ऐसी घटना पर उसका ध्यान दिला सकते हैं जिसके बारे में बाइबल में भी बताया गया है। जैसे क्या आपका बच्चा जानता है कि मोआबी शिला नाम का एक पत्थर है जो 3,000 साल पुराना है और उस पर परमेश्‍वर का नाम लिखा है? यह पत्थर फ्रांस के पैरिस शहर के लूव्र म्यूज़ियम में रखा हुआ है। इस पत्थर की एक नकल वॉरविक में यहोवा के साक्षियों के विश्‍व मुख्यालय के एक म्यूज़ियम में भी रखी है। इस म्यूज़ियम का नाम है “बाइबल और परमेश्‍वर का नाम।” मोआबी शिला नाम के इस पत्थर पर लिखा है कि मोआब के राजा मेशा ने इसराएल से बगावत की थी और यह बात बाइबल से भी मेल खाती है। (2 राजा 3:4, 5) जब आपका बच्चा इन सबूतों को अपनी आँखों से देखेगा, तो बाइबल पर उसका विश्‍वास और बढ़ जाएगा।—2 इतिहास 9:6 से तुलना करें।

क्या आप अपने बच्चे को म्यूज़ियम में रखी चीज़ें दिखाकर सोचने के लिए उभार सकते हैं? (पैराग्राफ 6)


7-8. (क) प्रकृति की चीज़ों में पायी जानेवाली सुंदर डिज़ाइन से हमें क्या पता चलता है? एक उदाहरण दीजिए। (तसवीर भी देखें।) (ख) आप अपने बच्चे से क्या सवाल कर सकते हैं जिससे परमेश्‍वर पर उसका विश्‍वास बढ़े?

7 अपने बच्चे को प्रकृति की चीज़ों के बारे में सोचने का बढ़ावा दीजिए। जब आप बागबानी करते हैं या किसी पार्क में जाते हैं, तो अपने बच्चे का ध्यान प्रकृति की चीज़ों की अनोखी डिज़ाइन पर दिलाइए। इससे आपका बच्चा समझ पाएगा कि किसी ने बहुत सोच-समझकर ये डिज़ाइन बनायी हैं। उदाहरण के लिए, प्रकृति की कई चीज़ों में स्पाइरल डिज़ाइन (एक बिंदु से शुरू होकर गोल-गोल घूमनेवाली डिज़ाइन) देखी जा सकती है। वैज्ञानिक कई सालों से इस डिज़ाइन का अध्ययन कर रहे हैं। इस बारे में नीकोला फामेली नाम के एक वैज्ञानिक बताते हैं कि अगर आप इन स्पाइरल रेखाओं को गिनें, तो जो संख्याएँ आएँगी, वे हमेशा एक खास क्रम में होंगी। इस तरह की संख्याओं के क्रम को फिबोनाची अनुक्रम कहा जाता है। स्पाइरल बहुत-सी चीज़ों में देखे जा सकते हैं। जैसे, विश्‍वमंडल में पायी जानेवाली कुछ मंदाकिनियों में, नौटिलस नाम के समुद्री जीव के शंख में, कुछ पेड़-पौधों की पत्तियों में और सूरजमुखी फूल में। a

8 आपका बच्चा विज्ञान की क्लास में प्रकृति में पायी जानेवाली और भी डिज़ाइन और आकार के बारे में सीखेगा। जैसे पेड़ों के बारे में। ज़्यादातर पेड़ों के तने से शाखाएँ निकलती हैं, शाखाओं से डालियाँ और डालियों से पतली-पतली टहनियाँ निकलती हैं। देखा जाए तो ये सभी एक-जैसे डिज़ाइन में निकलती हैं और इस डिज़ाइन को फ्रैक्टल कहा जाता है। यह डिज़ाइन प्रकृति की और भी चीज़ों में पायी जाती है। लेकिन सोचिए: इस तरह की डिज़ाइन के पीछे किसका हाथ है? किसने सबकुछ इतने व्यवस्थित तरीके से और सोच-समझकर बनाया? आपका बच्चा प्रकृति की चीज़ों के बारे में जितना सोचेगा, उतना ही इस बात पर उसका विश्‍वास बढ़ेगा कि एक परमेश्‍वर है जिसने सबकुछ बनाया है। (इब्रा. 3:4) जैसे-जैसे आपका बच्चा बड़ा होता है, यह समझने में भी उसकी मदद कीजिए कि परमेश्‍वर की आज्ञा मानना क्यों ज़रूरी है। उससे पूछिए, “अगर परमेश्‍वर ने हमें बनाया है, तो तुम्हें नहीं लगता उसने यह भी बताया होगा कि खुश रहने के लिए हमें कैसी ज़िंदगी जीनी चाहिए?” फिर आप उसे बता सकते हैं कि परमेश्‍वर ने हमें बाइबल में बढ़िया सलाह दी है जिससे मानने से हम खुश रह सकते हैं।

NASA, ESA, and the Hubble Heritage (STScl/AURA)-ESA/Hubble Collaboration

प्रकृति की चीज़ों की सुंदर-सुंदर डिज़ाइन के पीछे किसका हाथ है? (पैराग्राफ 7-8)


अपने बच्चे के दिल में बाइबल के स्तरों के लिए कदर बढ़ाइए

9. जब बच्चा बाइबल के स्तरों के बारे में सवाल करने लगे, तो उसके पीछे क्या वजह हो सकती है?

9 अगर आपका बच्चा बाइबल में बताए सही-गलत के स्तरों पर सवाल करने लगता है, तो यह समझने की कोशिश कीजिए कि वह क्यों सवाल कर रहा है। क्या उसे सच में ऐसा लग रहा है कि बाइबल में लिखी बातें सही नहीं हैं? या बस उसे दूसरों को यह समझाना मुश्‍किल लग रहा है कि वह क्यों बाइबल के स्तरों को मानता है? बात चाहे जो भी हो, आप अपने बच्चे को यह समझने में मदद दे सकते हैं कि बाइबल के स्तरों को मानने में क्यों हमारी भलाई है। इसके लिए आप उसके साथ खुशी से जीएँ हमेशा के लिए! किताब से अध्ययन कर सकते हैं। b

10. आप अपने बच्चे की कैसे मदद कर सकते हैं ताकि वह यहोवा को अपना सबसे अच्छा दोस्त बनाए?

10 अपने बच्चे को बढ़ावा दीजिए कि वह यहोवा को अपना सबसे अच्छा दोस्त बनाए। जब आप अपने बच्चे के साथ बाइबल का अध्ययन करते हैं, तो खुशी से जीएँ हमेशा के लिए! किताब में दिए गए सवालों और तसवीरों की मदद से यह जानने की कोशिश कीजिए कि आपका बच्चा क्या सोच रहा है। (नीति. 20:5) जैसे, पाठ 8 में यहोवा को एक अच्छा दोस्त बताया गया है जिसकी सुनने से हमें फायदा होगा और हम खतरों से बचे रहेंगे। पाठ में 1 यूहन्‍ना 5:3 पर चर्चा करने के बाद आप अपने बच्चे से पूछ सकते हैं, “यहोवा हमारा इतना अच्छा दोस्त है, तो जब वह हमें कुछ करने को कहता है तो हमें क्या करना चाहिए?” शायद यह बहुत आसान-सा सवाल लगे, लेकिन यह सवाल करने से बच्चा समझ पाएगा कि यहोवा हमसे जो भी कहता है, प्यार की वजह से कहता है।—यशा. 48:17, 18.

11. आप अपने बच्चे के दिल में बाइबल के सिद्धांतों के लिए कदर कैसे बढ़ा सकते हैं? (नीतिवचन 2:10, 11)

11 अपने बच्चे के साथ चर्चा कीजिए कि बाइबल सिद्धांत मानने से कितना फायदा होता है। जब आपका परिवार मिलकर बाइबल पढ़ता है या रोज़ाना वचन पढ़ता है, तो इस बारे में चर्चा कीजिए कि बाइबल के सिद्धांत मानने से आपको कितना फायदा हुआ है। उदाहरण के लिए, क्या आपका बच्चा यह समझता है कि मेहनती और ईमानदार होने से क्या-क्या फायदे होते हैं? (इब्रा. 13:18) आप उसे यह भी बता सकते हैं कि बाइबल सिद्धांत मानने से हमारी सेहत अच्छी रहती है और हम खुश रहते हैं। (नीति. 14:29, 30) इस तरह बच्चा समझ पाएगा कि बाइबल के सिद्धांत मानने से फायदा होता है और फिर उसका भी मन करेगा कि वह इन सिद्धांतों को माने।—नीतिवचन 2:10, 11 पढ़िए।

12. एक पिता अपने बेटे को कैसे समझाता है कि बाइबल की सलाह मानने में हमारी ही भलाई है?

12 फ्रांस के रहनेवाले भाई स्टीव पर ध्यान दीजिए जिनका 16 साल का एक बेटा है। वे बताते हैं कि वे और उनकी पत्नी कैसे अपने बेटे ईथन को समझाते हैं कि यहोवा हमसे जो भी कहता है, प्यार की वजह से कहता है: “हम उससे कुछ ऐसे सवाल पूछते हैं, ‘तुम्हें क्या लगता है, हमें यहोवा की यह बात क्यों माननी चाहिए? इससे कैसे पता चलता है कि यहोवा हमसे प्यार करता है? अगर हम यह बात ना मानें, तो क्या होगा?’” इस तरह की बातचीत से ईथन का विश्‍वास मज़बूत हुआ और वह समझ पाया कि परमेश्‍वर की बात मानने में ही हमारी भलाई है। भाई स्टीव कहते हैं, “हम यही चाहते हैं कि ईथन देख पाए कि बाइबल में कितनी बुद्धि भरी बातें लिखी हैं, जो इंसानों की सोच से कहीं बढ़कर हैं।”

13. माता-पिता कैसे अपने बच्चे को बाइबल के सिद्धांत मानना सिखा सकते हैं? एक उदाहरण दीजिए।

13 अपने बच्चे को बाइबल के सिद्धांत मानना सिखाइए। हो सकता है, दूसरे बच्चे आपके बच्चे को कोई फिल्म देखने या वीडियो गेम खेलने के लिए बुलाएँ। शायद उसमें दिखाया गया हो कि किरदार बदचलन ज़िंदगी जी रहे हैं या मार-धाड़ कर रहे हैं, पर साथ ही उन्हें बहुत अच्छा दिखाया गया हो। ऐसे में आप अपने बच्चे को इस बारे में सोचने के लिए कह सकते हैं: “ये किरदार जैसी ज़िंदगी जी रहे हैं, क्या वह बाइबल के सिद्धांतों के हिसाब से सही है? क्या यहोवा ऐसे कामों से खुश होता है?” (नीति. 22:24, 25; 1 कुरिं. 15:33; फिलि. 4:8) इस तरह आपका बच्चा समझ पाएगा कि यहोवा जो भी कहता है वह सही है और हमें उसकी बात माननी चाहिए। इतना ही नहीं, वह दूसरे बच्चों को भी समझा पाएगा कि वह क्यों मानता है कि ये चीज़ें गलत हैं।

अपने बच्चे को सिखाइए ताकि वह अपने विश्‍वास के बारे में समझा पाए

14. बच्चे को शायद किस विषय के बारे में बात करना मुश्‍किल लगे? और क्यों?

14 कई बार बच्चों को अपने विश्‍वास के बारे में बताने से डर लगता है। जैसे शायद तब जब उन्हें स्कूल में विकासवाद के बारे में पढ़ाया जाता है। वह क्यों? क्योंकि शायद उनका टीचर यकीन के साथ कहे कि सबूत यही दिखाते हैं कि हमारा विकास हुआ है, किसी ने हमें बनाया नहीं है। तो माता-पिताओ, आप कैसे अपने बच्चे की मदद कर सकते हैं ताकि वह पूरे यकीन के साथ दूसरों को अपने विश्‍वास के बारे में बता सके?

15. आप कैसे इस बात पर अपने बच्चे का यकीन बढ़ा सकते हैं कि वह जिन बातों पर विश्‍वास करता है, वे सही हैं?

15 अपने बच्चे का यकीन बढ़ाइए कि वह जिन बातों पर विश्‍वास करता है, वे सही हैं। आपके बच्चे को इस बात पर शर्मिंदा होने की कोई ज़रूरत नहीं है कि वह एक सृष्टिकर्ता को मानता है। (2 तीमु. 1:8) क्यों नहीं? बहुत-से वैज्ञानिक भी मानते हैं कि जीवन इत्तफाक से या अपने आप नहीं आया। जीव-जंतुओं की बनावट इतनी जटिल है कि उनका मानना है कि इसके पीछे ज़रूर किसी बुद्धिमान शख्स का हाथ है। इसलिए वे विकासवाद की शिक्षा को नहीं मानते जो आज पूरी दुनिया में सिखायी जा रही है। परमेश्‍वर पर अपना यकीन बढ़ाने के लिए आपका बच्चा क्या कर सकता है? वह ऐसे भाई-बहनों के अनुभव पर गौर कर सकता है जो एक वक्‍त पर सृष्टिकर्ता पर विश्‍वास नहीं करते थे। ऐसा करते वक्‍त वह ध्यान दे सकता है कि किस बात से उन्हें यकीन हुआ कि एक सृष्टिकर्ता है। c

16. माता-पिता कैसे अपने बच्चे की मदद कर सकते हैं ताकि वह दूसरों को बता सके कि वह सृष्टिकर्ता को मानता है? (1 पतरस 3:15) (तसवीर भी देखें।)

16 अपने बच्चे को सिखाइए कि वह कैसे दूसरों को समझा सकता है कि एक सृष्टिकर्ता है। (1 पतरस 3:15 पढ़िए।) आप चाहें तो अपने बच्चे के साथ मिलकर jw.org पर दी शृंखला, “नौजवानों के सवाल—सृष्टि या विकासवाद?” में दिए लेखों पर चर्चा कर सकते हैं। फिर बच्चे से पूछिए कि यहाँ ऐसा कौन-सा तर्क दिया गया है जिससे वह दूसरों को यकीन दिला सकता है कि एक बनानेवाला है। फिर बच्चे के साथ प्रैक्टिस कीजिए कि वह इस बारे में कैसे समझाएगा। बच्चे को बताइए कि उसे दूसरों से बहस करने की ज़रूरत नहीं है। और अगर कोई बात करने को तैयार है, तो वह उसे कोई आसान-सा तर्क देकर अपनी बात समझा सकता है। जैसे हो सकता है, कोई बच्चा उससे कहे, “मैं तो सिर्फ उन्हीं चीज़ों को मानता हूँ जिन्हें मैं अपनी आँखों से देख सकता हूँ। और ईश्‍वर को तो मैंने कभी नहीं देखा।” तब एक नौजवान मसीही उससे कह सकता है, “सोचो तुम एक घने जंगल से जा रहे हो जहाँ कोई इंसान नहीं रहता। लेकिन फिर चलते-चलते तुम्हें एक कुआँ नज़र आता है। कुआँ देखकर क्या तुम यह सोचोगे कि वह अपने आप आ गया? या यह सोचोगे कि ज़रूर उसे किसी ने बनाया होगा? अगर कुएँ को किसी ने बनाया है, तो क्या इस विश्‍वमंडल को किसी ने नहीं बनाया होगा?”

स्कूल के बच्चों से बात करते वक्‍त आसान-सा तर्क देकर अपनी बात समझाइए (पैराग्राफ 16-17) d


17. माता-पिता कैसे अपने बच्चे को बढ़ावा दे सकते हैं कि वह दूसरों को सच्चाई बताने के मौके ढूँढ़े? समझाइए।

17 अपने बच्चे से कहिए कि वह दूसरों को बाइबल की सच्चाइयाँ बताने के मौके ढूँढ़ता रहे। (रोमि. 10:10) अपने विश्‍वास के बारे में दूसरों को बताना, एक साज़ बजाने जैसा है। अगर कोई साज़ बजाना सीख रहा है, तो शुरू-शुरू में वह कोई आसान-सी धुन बजाता है। धीरे-धीरे जब उसका हुनर बढ़ता है, तो वह और भी धुनें बजाने लगता है। उसी तरह जब कोई नौजवान दूसरों को अपने विश्‍वास के बारे में बताता है, तो शायद शुरू-शुरू में वह बस कुछ आसान-सी बातें बताए। जैसे वह स्कूल के किसी बच्चे से पूछ सकता है, “क्या तुम्हें पता है, इंजीनियर अकसर प्रकृति की चीज़ों को देखकर डिज़ाइन बनाते हैं? चलो मैं तुम्हें एक बढ़िया वीडियो दिखाता हूँ।” फिर क्या इसे रचा गया था? शृंखला का एक वीडियो दिखाकर, वह उससे पूछ सकता है, “प्रकृति की चीज़ों की बनावट देखकर जब कोई वैज्ञानिक एक नयी चीज़ बनाता है, तो सब उसकी तारीफ करते हैं। तो फिर प्रकृति की चीज़ों के लिए किसकी तारीफ की जानी चाहिए?” शायद इस छोटी-सी बातचीत से उस बच्चे को और जानने का मन करे।

विश्‍वास मज़बूत करने में अपने बच्चे की मदद करते रहिए

18. यहोवा पर अपने बच्चे का विश्‍वास बढ़ाने के लिए माता-पिता क्या कर सकते हैं?

18 आज यह दुनिया ऐसे लोगों से भरी पड़ी है जो यहोवा पर विश्‍वास नहीं करते। (2 पत. 3:3) इसलिए माता-पिताओ जब आप अपने बच्चे के साथ बाइबल का अध्ययन करते हैं, तो उसे बढ़ावा दीजिए कि वह ऐसे विषयों पर खोजबीन करे जिससे उसका यकीन बढ़ जाए कि बाइबल में जो लिखा है वह एकदम सही है और उसे मानने से हमारा भला होगा। अपने बच्चे के साथ यहोवा की बनायी लाजवाब चीज़ों के बारे में बात कीजिए और उसे बढ़ावा दीजिए कि वह इनके बारे में गहराई से सोचे। यह समझने में बच्चे की मदद कीजिए कि बाइबल की भविष्यवाणियाँ कितने हैरतअंगेज़ तरीके से पूरी हुईं। और सबसे ज़रूरी बात, अपने बच्चे के लिए प्रार्थना कीजिए और उसके साथ मिलकर भी प्रार्थना कीजिए। यकीन रखिए, जब आप अपने बच्चे का विश्‍वास मज़बूत करने के लिए मेहनत करेंगे, तो यहोवा आपकी कोशिशों पर आशीष देगा!—2 इति. 15:7.

गीत 133 जवानी में यहोवा की सेवा करें

a इस बारे में और जानने के लिए jw.org पर दिया वीडियो The Wonders of Creation Reveal God’s Glory—Patterns देखें।

b अगर खुशी से जीएँ हमेशा के लिए! किताब से आपके बच्चे का अध्ययन पूरा हो चुका है, तो आप उसके साथ भाग 3 और 4 में दिए उन पाठों पर दोबारा चर्चा सकते हैं जिनमें बाइबल के स्तरों के बारे में बताया गया है।

c अक्टूबर-दिसंबर, 2006 की सजग होइए! में दिया लेख “हम क्यों विश्‍वास करते हैं कि एक सिरजनहार है” और जीवन की शुरूआत, पाँच सवाल—जवाब पाना ज़रूरी नाम का ब्रोशर पढ़ें। और भी भाई-बहनों के अनुभव सुनने के लिए jw.org पर दी वीडियो शृंखला जीवन की शुरूआत के बारे में उनकी राय देखें।

d तसवीर के बारे में: एक नौजवान भाई के साथ पढ़नेवाले एक लड़के को ड्रोन अच्छे लगते हैं। वह भाई उसे क्या इसे रचा गया था? शृंखला का एक वीडियो दिखा रहा है।