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यहोवा के वफादार सेवक अपने वादे निभाते हैं

यहोवा के वफादार सेवक अपने वादे निभाते हैं

न्यायियों 11:30-40 पढ़िए और जानिए कि मन्‍नत या वादे पूरे करने के बारे में हम यिप्तह और उसकी बेटी से क्या सीख सकते हैं।

और जानने के लिए आस-पास की आयतें पढ़िए। जब एक वफादार इसराएली यहोवा से मन्‍नत मानता था, तो यह उसके लिए कितना मायने रखता था? (गिन. 30:2) यिप्तह और उसकी बेटी ने कैसे दिखाया कि उन्हें यहोवा पर विश्‍वास है?—न्यायि. 11:9-11, 19-24, 36.

खोजबीन कीजिए। जब यिप्तह ने यहोवा से मन्‍नत मानी, तो असल में वह क्या वादा कर रहा था? (प्र16.04 पेज 7 पै 12) अपनी मन्‍नत पूरी करने के लिए यिप्तह और उसकी बेटी ने क्या त्याग किए? (प्र16.04 पेज 7-8 पै 14-16) आज एक मसीही यहोवा से शायद कौन-से वादे करे?—प्र17.04 पेज 5-8 पै 10-19.

सोचिए कि आपने क्या सीखा। खुद से पूछिए:

  • ‘अपना समर्पण का वादा निभाने के लिए मुझे क्या करना होगा?’ (प्र20.03 पेज 13 पै 20)

  • ‘यहोवा की और भी ज़्यादा सेवा करने के लिए मैं क्या त्याग कर सकता हूँ?’

  • ‘मैं क्या कर सकता हूँ ताकि हमेशा अपनी शादी की शपथ निभा पाऊँ?’ (मत्ती 19:5, 6; इफि. 5:28-33)