प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण नवंबर 2017

इस अंक में 25 दिसंबर, 2017–28 जनवरी, 2018 के लिए अध्ययन लेख दिए गए हैं।

खुशी से जयजयकार करो!

क्या आप मंडली में राज-गीत गाने से झिझकते हैं? अगर हाँ, तो आप यहोवा की तारीफ में बेझिझक गीत गाना कैसे सीख सकते हैं?

क्या आप यहोवा की पनाह लेते हैं?

प्राचीन इसराएल में शरण नगर के इंतज़ाम से हम सीखते हैं कि परमेश्वर किस तरह माफ करता है।

न्याय और दया करने में यहोवा की मिसाल पर चलिए

शरण नगर के इंतज़ाम से कैसे पता चलता है कि यहोवा दयालु है? उसकी नज़र में जीवन कितना अनमोल है? इससे कैसे पता चलता है कि वह सच्चा न्याय करता है?

“दरियादिल इंसान पर आशीषें बरसेंगी”

हम राज के काम को सहयोग देने के लिए अपना समय, अपनी ताकत और दूसरे साधन लगा सकते हैं।

दुनियावी सोच को ठुकराइए

हमें ऐसी धारणाओं से दूर रहना है जो लोगों को पसंद आती हैं मगर जिनका हम पर बुरा असर हो सकता है। दुनियावी सोच के पाँच उदाहरणों पर गौर कीजिए।

कोई भी बात आपको इनाम से दूर न कर दे

अपने मसीही भाइयों को उनकी शानदार आशा याद दिलाने के बाद पौलुस ने प्यार से उन्हें कुछ सलाह दी।

क्या आप नयी मंडली में हैं?

अगर आपको दूसरी जगह जाकर बसना है और एक नयी मंडली के साथ संगति करना है, तो आपके मन में शायद कई चिंताएँ हों। आप एक नयी मंडली में खुद को कैसे ढाल सकते हैं?