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एक कमाल का सवाल!

एक कमाल का सवाल!

मारिया और उसका पति जौन a जिस देश में रहते हैं, वहाँ फिलीपींस के कई लोग काम करने और रहने आते हैं। और इन लोगों को खुशखबरी सुनाना उन्हें बहुत अच्छा लगता है। कोविड-19 महामारी के दौरान मारिया ने बहुत-से बाइबल अध्ययन शुरू किए। उसके विद्यार्थी ना सिर्फ उसके देश में हैं, बल्कि दुनिया के अलग-अलग कोने में हैं। तो मारिया को इतने सारे अध्ययन कैसे मिले?

मारिया अकसर अपने विद्यार्थियों से पूछती है, “क्या आप किसी को जानते हैं जो बाइबल का अध्ययन करना चाहेगा?” अगर वे हाँ कहते हैं, तो वह कहती है कि मुझे उनसे मिलवा दीजिए। अकसर देखा गया है कि बस यह एक सवाल करने से कमाल के नतीजे मिलते हैं। वह कैसे? जैसे-जैसे एक विद्यार्थी सच्चाई सीखने लगता है, तो उसका मन करता है कि वह इसे अपने परिवारवालों और दोस्तों को भी बताए। आइए देखें कि यह सवाल करने से मारिया को क्या नतीजा मिला?

मारिया की विद्यार्थी जैसमिन ने अपने चार दोस्तों से उसकी बात करायी। उनमें से एक थी, क्रिस्टीन। उसे अध्ययन करना इतना अच्छा लगा कि उसने मारिया से कहा कि वह हफ्ते में दो बार अध्ययन करना चाहती है। जब मारिया ने उससे पूछा कि क्या कोई और अध्ययन करना चाहेगा, तो क्रिस्टीन ने जवाब दिया, “हाँ, मेरे कुछ दोस्त हैं, मैं मिलवाती हूँ उनसे आपको।” कुछ ही हफ्तों के अंदर क्रिस्टीन ने मारिया को चार दोस्तों से मिलवाया जो अध्ययन करना चाहती थीं। आगे चलकर क्रिस्टीन ने अपने कुछ और दोस्तों से मारिया की जान-पहचान करायी। फिर उन दोस्तों ने भी मारिया को कुछ और लोगों के नाम दिए।

क्रिस्टीन के परिवारवाले फिलीपींस में रहते हैं और वह चाहती थी कि वे भी बाइबल पढ़ें। इसलिए उसने अपनी बेटी ऐन्ड्रिया से बात की। ऐन्ड्रिया को पहले लगता था, ‘साक्षी बड़े अजीबो-गरीब लोग हैं। वे यीशु को नहीं मानते और सिर्फ पुराना नियम पढ़ते हैं।’ पर एक ही बार अध्ययन करके उसे एहसास हो गया कि साक्षियों के बारे में उसकी सोच कितनी गलत थी। जब भी वह अध्ययन में कुछ नया सीखती तो बोल पड़ती, “बाइबल में तो यह साफ-साफ बताया है, हमें यही मानना चाहिए।”

कुछ ही समय के अंदर, ऐन्ड्रिया ने अपने साथ काम करनेवाली एक औरत और दो दोस्तों के बारे में मारिया को बताया। वे तीनों अध्ययन करने लगीं। ऐन्ड्रिया की एक बुआ है, ऐंजेला जो देख नहीं सकती। जब भी ऐन्ड्रिया अध्ययन करती थी, तो वह भी सुनती थी, पर मारिया को इस बारे में नहीं पता था। एक दिन ऐंजेला ने ऐन्ड्रिया से कहा कि वह मारिया से उसकी बात कराए। फिर उसका बाइबल अध्ययन शुरू हो गया। ऐंजेला को अध्ययन करने में बहुत मज़ा आने लगा। एक ही महीने में उसने ढेरों आयतें मुँह-ज़बानी याद कर लीं और वह हफ्ते में चार बार अध्ययन करना चाहती थी! और-तो-और, वह ऐन्ड्रिया की मदद से ऑनलाइन सभाओं में भी जुड़ने लगी।

मारिया ने देखा कि जब भी क्रिस्टीन का अध्ययन होता था, तो उसका पति जौशुआ आस-पास ही रहता था। इसलिए मारिया ने उससे पूछा, “क्या आप भी हमारे साथ बैठना चाहेंगे?” जौशुआ ने कहा, “मैं सिर्फ बैठकर सुनूँगा। मुझसे कुछ पूछना मत। अगर मुझसे सवाल-जवाब किया, तो मैं उठकर चला जाऊँगा।” अध्ययन शुरू हुए अभी पाँच मिनट भी नहीं हुए थे कि जौशुआ ने सवालों की झड़ी लगा दी। उसने तो अपनी पत्नी से भी ज़्यादा सवाल पूछे और कहा कि वह भी अध्ययन करना चाहता है।

मारिया के बस एक सवाल करने से उसकी मुलाकात बहुत-से लोगों से हुई। उसे इतने बाइबल अध्ययन मिले कि उसने कुछ अध्ययन दूसरे भाई-बहनों को दिए। कुल मिलाकर उसने 28 लोगों के साथ अध्ययन शुरू किया जो चार अलग-अलग देशों में रहते हैं।

इस अनुभव में बतायी मारिया की पहली विद्यार्थी, जैसमिन ने अप्रैल 2021 में बपतिस्मा लिया। क्रिस्टीन का बपतिस्मा मई 2022 में हुआ और इसके बाद वह अपने परिवार के साथ रहने के लिए फिलीपींस लौट गयी। क्रिस्टीन का पति जौशुआ और उसकी बेटी ऐन्ड्रिया अच्छी तरक्की कर रहे हैं। क्रिस्टीन ने जिन दो लोगों से मारिया को मिलवाया था, उन्होंने भी बपतिस्मा ले लिया। इसके कुछ महीनों बाद ऐंजेला का बपतिस्मा हुआ और अब वह एक पायनियर है। मारिया के और भी विद्यार्थी लगातार सीख रहे हैं और उनके दिल में यहोवा के लिए प्यार बढ़ रहा है।

पहली सदी में जब लोगों ने खुशखबरी का संदेश सुना, तो उन्होंने इसे अपने तक नहीं रखा, बल्कि अपने परिवारवालों और दोस्तों को भी बताया। (यूह. 1:41, 42क; प्रेषि. 10:24, 27, 48; 16:25-33) आप भी अपने बाइबल विद्यार्थियों और दिलचस्पी लेनेवालों से यही सवाल कर सकते हैं, “क्या आप किसी को जानते हैं जो बाइबल का अध्ययन करना चाहेगा?” क्या पता, इस एक सवाल से आपको ढेरों बाइबल अध्ययन मिलें!

a इस लेख में लोगों के नाम उनके असली नाम नहीं हैं।