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अध्ययन लेख 6

गीत 18 फिरौती के लिए एहसानमंद

यहोवा ने आपको माफ किया है—उसका एहसान मानिए

यहोवा ने आपको माफ किया है—उसका एहसान मानिए

“परमेश्‍वर ने दुनिया से इतना प्यार किया कि उसने अपना इकलौता बेटा दे दिया।”यूह. 3:16.

क्या सीखेंगे?

हम जानेंगे कि यहोवा ने हमारे पाप माफ करने के लिए कितना कुछ किया है। इससे हमारा दिल यहोवा के लिए और भी एहसान से भर जाएगा।

1-2. हमारे हालात पैराग्राफ में बताए लड़के की तरह कैसे हैं?

 एक ऐसे लड़के के बारे में सोचिए जो बहुत अमीर परिवार से है। एक दिन उसे खबर मिलती है कि एक हादसे में उसके मम्मी-पापा की मौत हो गयी है। यह सुनकर वह पूरी तरह टूट जाता है। लेकिन फिर उसे एक और बुरी खबर मिलती है। उसे बताया जाता है कि उसके मम्मी-पापा ने सारा पैसा उड़ा दिया है। और-तो-और उन्होंने एक बड़ा कर्ज़ लिया था जो अब उसे चुकाना है। यही नहीं, जिन्होंने कर्ज़ दिया था, वे भी पीछे पड़े हैं। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि उस लड़के पर क्या बीत रही होगी? उसे विरासत में धन-दौलत मिलनी थी, लेकिन उसे मिला क्या? एक भारी कर्ज़, इतना भारी कि वह उसे ज़िंदगी-भर नहीं चुका पाएगा।

2 हमारे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है। हमारे पहले माता-पिता आदम और हव्वा परिपूर्ण थे और एक खूबसूरत बाग में रहते थे। (उत्प. 1:27; 2:7-9) उनके पास सबकुछ था और वे हमेशा-हमेशा तक जी सकते थे, लेकिन फिर सब बदल गया। उन्होंने अपना खूबसूरत घर गँवा दिया और हमेशा तक जीने का मौका भी। आदम-हव्वा ने अपने बच्चों को यानी हमें विरासत में क्या दिया? बाइबल में लिखा है, “एक आदमी [आदम] से पाप दुनिया में आया और पाप से मौत आयी और इस तरह मौत सब इंसानों में फैल गयी क्योंकि सबने पाप किया।” (रोमि. 5:12) आदम ने हमें विरासत में पाप दिया और पाप की वजह से हम सब मरते हैं। यह पाप एक ऐसा भारी कर्ज़ है जिसे हम कभी नहीं चुका सकते।—भज. 49:8.

3. यीशु ने पाप की तुलना किससे की और क्यों?

3 यीशु ने कहा कि हमारे पाप “कर्ज़” की तरह हैं। (मत्ती 6:12, फु.; लूका 11:4) जब हम पाप करते हैं, तो हम यहोवा के कर्ज़दार बन जाते हैं और हमें यह कर्ज़ चुकाना-ही-चुकाना है। अगर हम इसे ना चुकाएँ, तो हम इससे तभी छूट पाएँगे जब हमारी मौत होगी।—रोमि. 6:7, 23.

4. (क) अगर हम इंसानों की मदद ना की जाती, तो क्या होता? (भजन 49:7-9) (ख) बाइबल में शब्द “पाप” के क्या-क्या मतलब हैं? (“ पाप” नाम का बक्स देखें।)

4 आदम-हव्वा ने जो गँवाया, उसे हम अपने दम पर वापस नहीं पा सकते। (भजन 49:7-9 पढ़िए।) अगर कोई हमारी मदद नहीं करता, तो हमें कभी हमेशा की ज़िंदगी की आशा नहीं मिलती, ना ही यह आशा मिलती कि मरने के बाद हमें दोबारा ज़िंदा किया जाएगा। हमारा हाल जानवरों की तरह होता, जो पैदा होते हैं और एक दिन मर जाते हैं। उनके पास कोई आशा नहीं होती।—सभो. 3:19; 2 पत. 2:12.

5. हमारे पापों का कर्ज़ चुकाने के लिए हमारे प्यारे पिता यहोवा ने क्या किया? (तसवीर देखें।)

5 ज़रा एक बार फिर उस जवान लड़के के बारे में सोचिए। मान लीजिए, एक अमीर और दरियादिल आदमी आकर उससे कहता है कि वह उसका सारा कर्ज़ चुका देगा। यह सुनकर उस जवान लड़के को कैसा लगेगा? उस आदमी के लिए उसका दिल एहसान से भर जाएगा और वह खुशी-खुशी उसकी मदद कबूल करेगा। उस अमीर आदमी की तरह हमारे प्यारे पिता यहोवा ने भी हमारी तरफ मदद का हाथ बढ़ाया है। हमारे पापों का कर्ज़ चुकाने के लिए उसने क्या किया? बाइबल में लिखा है, “परमेश्‍वर ने दुनिया से इतना प्यार किया कि उसने अपना इकलौता बेटा दे दिया ताकि जो कोई उस पर विश्‍वास करे, वह नाश न किया जाए बल्कि हमेशा की ज़िंदगी पाए।” (यूह. 3:16) हमारे पापों की माफी के लिए यहोवा ने अपना इकलौता बेटा दे दिया। यह किसी तोहफे से कम नहीं है! इस तोहफे की वजह से ही हम यहोवा के साथ एक अच्छा रिश्‍ता बना पाए हैं।

यीशु ने खुशखबरी सुनायी कि फिरौती बलिदान के आधार पर यहोवा हमारे पाप माफ कर देता है। (यूह. 3:16) और फिर उसने फिरौती देने के लिए खुशी-खुशी अपनी जान कुरबान कर दी (पैराग्राफ 5)


6. इस लेख में हम किन शब्दों का मतलब जानेंगे और क्यों?

6 यहोवा ने हमें जो तोहफा दिया है, उससे हमारे पाप या “कर्ज़” माफ हो सकते हैं। पर इस तोहफे से पूरा फायदा पाने के लिए हमें क्या करना होगा? इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमें बाइबल में दिए कुछ शब्दों का मतलब समझना होगा, जैसे सुलह, प्रायश्‍चित, फिरौती, छुड़ाया जाना और नेक ठहराया जाना। इस लेख में हम इन्हीं शब्दों का मतलब जानेंगे। इससे हम समझ पाएँगे कि हमारे पापों को माफ करने के लिए यहोवा ने कितना कुछ किया है और हमारा दिल उसके लिए एहसान से भर जाएगा।

यहोवा की क्या मरज़ी है: सुलह हो

7. (क) हमेशा जीने का मौका गँवाने के साथ-साथ आदम-हव्वा ने और क्या गँवा दिया? (ख) हम आदम-हव्वा के बच्चे हैं, इसलिए हमारे लिए क्या ज़रूरी है? (रोमियों 5:10, 11)

7 आदम और हव्वा ने हमेशा तक जीने का मौका गँवा दिया था, पर उन्होंने और क्या गँवाया? अपने पिता यहोवा के साथ उनका जो खास रिश्‍ता था, वह भी उन्होंने गँवा दिया। वे दोनों यहोवा के परिवार का हिस्सा थे। (लूका 3:38) लेकिन उन्होंने यहोवा की आज्ञा नहीं मानी। इस वजह से उसने उन्हें अपने परिवार से बेदखल कर दिया और इसके बाद ही उनके बच्चे हुए। (उत्प. 3:23, 24; 4:1) हम उन्हीं के बच्चे हैं और यहोवा के परिवार का हिस्सा नहीं हैं। इसलिए यह बहुत ज़रूरी है कि यहोवा के साथ हमारी सुलह हो, उसके साथ एक अच्छा रिश्‍ता हो। (रोमियों 5:10, 11 पढ़िए।) एक किताब में बताया है कि जिस यूनानी शब्द का अनुवाद “सुलह” किया गया है, उसका यह भी मतलब है, “एक दुश्‍मन को दोस्त बनाना।” और कमाल की बात है कि यहोवा ने खुद हमारी तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है! वह कैसे?

उसने क्या किया: प्रायश्‍चित का इंतज़ाम

8. प्रायश्‍चित का इंतज़ाम क्या है?

8 हम पापी इंसानों के साथ दोबारा एक रिश्‍ता कायम करने के लिए यहोवा ने एक इंतज़ाम किया। वह था, प्रायश्‍चित का इंतज़ाम। इसमें एक चीज़ के बदले दूसरी चीज़ दी जाती है और दोनों चीज़ों का दाम बराबर होता है। आदम ने जो गँवा दिया था, उसे वापस पाने के लिए यहोवा ने बराबर का दाम चुकाया। इस इंतज़ाम के ज़रिए हम इंसान यहोवा के साथ सुलह कर सकते हैं और दोबारा उसके दोस्त बन सकते हैं।—रोमि. 3:25.

9. इसराएलियों के पाप माफ करने के लिए यहोवा ने क्या इंतज़ाम किया था?

9 पुराने ज़माने में यहोवा ने इसराएलियों के पाप माफ करने के लिए एक इंतज़ाम किया था, जिससे वे उसके साथ एक अच्छा रिश्‍ता बना सकते थे। यह इंतज़ाम कुछ समय के लिए था और इसे प्रायश्‍चित का दिन कहा जाता था। इसराएली हर साल यह खास दिन मनाते थे। इस दिन महायाजक लोगों के पापों के लिए जानवरों का बलिदान चढ़ाता था। देखा जाए तो इन बलिदानों से उन्हें अपने पापों की पूरी तरह माफी नहीं मिल सकती थी। क्यों नहीं? क्योंकि जानवर इंसानों से कमतर होते हैं। लेकिन अगर एक इसराएली सच्चे दिल से पश्‍चाताप करता था और कानून के मुताबिक बलिदान चढ़ाता था, तो यहोवा उसके पाप माफ कर देता था। (इब्रा. 10:1-4) प्रायश्‍चित के दिन और दूसरे मौकों पर जब इसराएली बलिदान चढ़ाते थे, तो उन्हें यह एहसास भी होता था कि वे पापी हैं और उन्हें एक बेहतर बलिदान की ज़रूरत है, एक ऐसे बलिदान की जिससे उनके पाप पूरी तरह माफ हो सकें।

10. हम इंसानों के पाप पूरी तरह माफ करने के लिए यहोवा ने क्या किया?

10 हम इंसानों के पाप पूरी तरह माफ करने के लिए यहोवा ने एक बेहतर बलिदान का इंतज़ाम किया। उसने अपने प्यारे बेटे को धरती पर भेजा, ताकि वह “बहुतों का पाप उठाने के लिए एक ही बार हमेशा के लिए बलिदान” दे। (इब्रा. 9:28) और यीशु ने ऐसा ही किया। बाइबल में लिखा है, उसने “बहुतों की फिरौती के लिए अपनी जान बदले में” दी। (मत्ती 20:28) पर फिरौती का मतलब क्या है?

क्या कीमत चुकायी: फिरौती

11. (क) बाइबल के हिसाब से फिरौती क्या है? (ख) जो इंसान फिरौती देता, उसे कैसा होना था?

11 बाइबल के हिसाब से फिरौती वह कीमत है जो परमेश्‍वर के साथ सुलह करने के लिए और हमारे पापों के प्रायश्‍चित के लिए दी जानी थी। a फिरौती के आधार पर ही हमें वह सब वापस मिल सकता था जो आदम ने खो दिया था। पर उसने क्या खोया था? आदम-हव्वा परिपूर्ण थे और उनके पास हमेशा तक जीने की आशा थी, पर उन्होंने इसे गँवा दिया। इसलिए जो भी फिरौती की कीमत देता, उसे बिलकुल आदम जैसा होना था यानी उसके पास वह सब होना था जो आदम ने खो दिया था। (1 तीमु. 2:6) इसका मतलब, सिर्फ एक ऐसा आदमी फिरौती दे सकता था (1) जो परिपूर्ण होता, (2) जिसके पास धरती पर हमेशा तक जीने की आशा होती और (3) जो हमारे लिए अपना जीवन कुरबान करने के लिए तैयार होता। ऐसे आदमी के बलिदान से ही हमें वह सब वापस मिल सकता था जो आदम ने खो दिया था।

12. यीशु फिरौती की कीमत क्यों चुका सकता था?

12 यीशु एक ऐसा इंसान था जो फिरौती की कीमत चुका सकता था। हम ऐसा क्यों कह सकते हैं? (1) यीशु परिपूर्ण था और उसने कभी “कोई पाप नहीं किया” था। (1 पत. 2:22) (2) परिपूर्ण होने की वजह से वह धरती पर हमेशा-हमेशा के लिए जी सकता था। और (3) वह हमारे लिए अपना परिपूर्ण जीवन बलिदान करने के लिए तैयार था। (इब्रा. 10:9, 10) वह आदम की तरह परिपूर्ण था, इसलिए वह हमारी खातिर अपनी जान देकर फिरौती की कीमत अदा कर सकता था और आदम ने जो कुछ खोया था, उसे वापस दिला सकता था। (रोमि. 5:19; 1 कुरिं. 15:45) इस वजह से बाइबल में उसे “आखिरी आदम” कहा गया है। यीशु ने “एक ही बार और हमेशा-हमेशा के लिए खुद का बलिदान चढ़ा दिया,” इसलिए अब हमें किसी और परिपूर्ण इंसान के बलिदान की ज़रूरत नहीं है।—इब्रा. 7:27; 10:12.

13. यहोवा के साथ हमारा एक अच्छा रिश्‍ता बन पाए, इसके लिए यहोवा ने क्या किया है?

13 अब तक हमने देखा कि प्रायश्‍चित के इंतज़ाम के ज़रिए यहोवा ने हम इंसानों के लिए एक रास्ता खोला। इससे हमें अपने पापों की माफी मिल सकती है और हम यहोवा के साथ एक अच्छा रिश्‍ता बना सकते हैं। लेकिन पापों के प्रायश्‍चित के लिए ज़रूरी था कि फिरौती की कीमत अदा की जाए। यीशु ने हमारी खातिर अपना खून बहाकर यह कीमत चुकायी। (इफि. 1:7; इब्रा. 9:14) इससे क्या मुमकिन हुआ है? आइए देखें।

क्या फायदे हुए: छुड़ाए गए और नेक ठहराए गए

14. अब हम क्या चर्चा करेंगे और क्यों?

14 प्रायश्‍चित के इंतज़ाम से हमें कई फायदे होते हैं। यह समझने के लिए आइए बाइबल में दिए कुछ शब्दों पर ध्यान दें। वे हैं, छुड़ाया गया और नेक ठहराया गया। इन शब्दों का मतलब समझने से हम जान पाएँगे कि जब यहोवा हमें माफ करता है, तो हमें और क्या फायदे होते हैं।

15-16. (क) फिरौती की कीमत चुकाने से हमें क्या फायदा हुआ है? (ख) यह जानकर आपको कैसा लगता है कि आप पाप और मौत की गुलामी से आज़ाद हो सकते हैं?

15 बाइबल में बताया गया है कि फिरौती की कीमत देकर हमें छुड़ाया गया है या आज़ाद किया गया है। प्रेषित पतरस ने इस बारे में लिखा, “तुम जानते हो कि तुमने अपने पुरखों से निकम्मी ज़िंदगी के जो तौर-तरीके सीखे थे, उनसे छुटकारा पा लिया है। [शाब्दिक, “तुम फिरौती की वजह से छुड़ाए गए।”] तुमने यह छुटकारा सोने-चाँदी जैसी नश्‍वर चीज़ों की वजह से नहीं, बल्कि मसीह के बेशकीमती खून की वजह से पाया है, जो एक बेदाग और निर्दोष मेम्ना है।”—1 पत. 1:18, 19; फु.

16 फिरौती की वजह से हम पाप और मौत की गुलामी से आज़ाद हो सकते हैं। (रोमि. 5:21) यीशु ने हमारी खातिर अपना खून बहाया है जिस वजह से हम छुड़ाए गए हैं। इसके लिए हम यहोवा और यीशु के बहुत एहसानमंद हैं।—1 कुरिं. 15:22.

17-18. (क) नेक ठहराए जाने का क्या मतलब है? (ख) नेक ठहराए जाने की वजह से क्या फायदे होते हैं?

17 बाइबल में यह भी बताया गया है कि यहोवा के सेवकों को नेक ठहराया गया है। इसका मतलब है कि यहोवा ने हमें सारे इलज़ामों से बरी कर दिया है और हमारे पापों को पूरी तरह मिटा दिया है। क्या ऐसा करके यहोवा ने अपने न्याय के स्तरों के साथ कोई समझौता किया है? जी नहीं। ऐसा नहीं है कि वह हमारे पापों को अनदेखा कर देता है या हमने कुछ अच्छे काम किए थे, इस वजह से वह हमें नेक ठहराता है। इसके बजाय, यहोवा हमारे कर्ज़ या पाप इसलिए माफ करता है, क्योंकि फिरौती की कीमत चुका दी गयी है और हमें प्रायश्‍चित के इंतज़ाम पर विश्‍वास है।—रोमि. 3:24; गला. 2:16.

18 यहोवा ने हमें नेक ठहराया है, इससे हमें क्या फायदा होता है? जिन्हें यीशु के साथ स्वर्ग में राज करने के लिए चुना गया है, उन्हें परमेश्‍वर ने अपने बच्चे कहा है। (तीतु. 3:7; 1 यूह. 3:1) यहोवा ने उनके पाप माफ किए हैं। यह ऐसा है मानो उसने उन पर लगे सभी इलज़ामों से उन्हें बरी कर दिया है। तभी वे स्वर्ग जाकर यीशु के साथ राज कर सकते हैं। (रोमि. 8:1, 2, 30) जिन्हें धरती पर जीने की आशा है, यहोवा ने उन्हें भी नेक ठहराया है। उसने उनके पाप माफ किए हैं और उन्हें अपना दोस्त बनाया है। (याकू. 2:21-23) और जो बड़ी भीड़ हर-मगिदोन से बचकर निकलेगी, उसके पास हमेशा-हमेशा तक जीने का मौका होगा। (यूह. 11:26) लेकिन जो “अच्छे” और “बुरे” लोग मौत की नींद सो रहे हैं, उन्हें कैसे फायदा होगा? उन्हें नयी दुनिया में ज़िंदा किया जाएगा। (प्रेषि. 24:15; यूह. 5:28, 29) आखिर में धरती पर परमेश्‍वर के सभी वफादार सेवक ‘उसके बच्चे होने की शानदार आज़ादी पाएँगे।’ (रोमि. 8:21) प्रायश्‍चित के इंतज़ाम से अपने पिता यहोवा के साथ हम इंसानों की पूरी तरह सुलह हो जाएगी। हमें कितनी बढ़िया आशीष मिलनेवाली है!

19. यहोवा और यीशु ने हमारे लिए जो किया, उससे हमारी ज़िंदगी कैसे बदल गयी? (“ हमें यहोवा से माफी कैसे मिली?” नाम का बक्स भी देखें।)

19 ज़रा एक बार फिर उस जवान लड़के के बारे में सोचिए जिसने अपना सबकुछ खो दिया था। वह एक ऐसे भारी कर्ज़ में डूब गया था जिसे वह कभी नहीं चुका सकता था। हमारी हालत भी उस लड़के की तरह थी। लेकिन जब यहोवा ने हमारी तरफ मदद का हाथ बढ़ाया, तो सबकुछ बदल गया। उसने हमारे लिए प्रायश्‍चित का इंतज़ाम किया और यीशु को धरती पर भेजा ताकि वह फिरौती की कीमत चुका सके। हम यीशु मसीह पर विश्‍वास करते हैं, इसलिए हमें पाप और मौत की गुलामी से छुड़ाया गया है। यही नहीं, हमारे पापों को रद्द कर दिया गया है, हम पर लगे सारे इलज़ामों को मिटा दिया गया है। और सबसे बड़ी बात तो यह है कि इस वजह से अपने पिता यहोवा के साथ आज हमारा एक अच्छा रिश्‍ता है।

20. अगले लेख में हम क्या चर्चा करेंगे?

20 जब हम इस बारे में सोचते हैं कि यहोवा और यीशु ने हमारे लिए कितना कुछ किया है, तो हमारा दिल एहसान से भर जाता है। (2 कुरिं. 5:15) अगर वे हमारी तरफ मदद का हाथ ना बढ़ाते, तो हमारे पास कोई आशा नहीं होती। अगले लेख में हम कुछ उदाहरणों पर ध्यान देंगे और जानेंगे कि यहोवा हमें किस तरह माफ करता है।

गीत 10 यहोवा की जयजयकार करें!

a कुछ भाषाओं में शब्द “फिरौती” का अनुवाद इस तरह भी किया गया है: “जान की कीमत” या “भुगतान।”