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उत्तर के राजा और दक्षिण के राजा में तकरार

उत्तर के राजा और दक्षिण के राजा में तकरार

इस चार्ट में दी गयी कुछ भविष्यवाणियाँ एक ही समय पर पूरी होती हैं। इन सारी भविष्यवाणियों से यही साबित होता है कि हम “अंत के समय” में जी रहे हैं।—दानि. 12:4.

  • आयतें: प्रका. 11:7; 12:13, 17; 13:1-8, 12

    भविष्यवाणी: “जंगली जानवर” 3,000 साल से इंसानों पर राज कर रहा है। अंत के दिनों में इसका सातवाँ सिर घायल हो जाता है। बाद में वह ठीक हो जाता है और “पूरी धरती” उस जंगली जानवर के पीछे हो लेती है। शैतान इस जानवर के ज़रिए ‘बचे हुए’ अभिषिक्‍त जनों से ‘युद्ध करता है।’

    पूर्ति: जलप्रलय के बाद यहोवा का विरोध करनेवाली सरकारों ने राज करना शुरू किया। जलप्रलय के हज़ारों साल बाद पहले विश्‍व-युद्ध के दौरान ब्रिटिश साम्राज्य बहुत कमज़ोर हो गया। बाद में जब अमरीका उसके साथ मिल गया, तो वह फिर से मज़बूत हो गया। खासकर अंत के समय में शैतान सभी सरकारों के ज़रिए परमेश्‍वर के लोगों पर ज़ुल्म कर रहा है।

  • आयतें: दानि. 11:25-45

    भविष्यवाणी: अंत के समय में उत्तर का राजा और दक्षिण का राजा ज़्यादा ताकत हासिल करने के लिए एक-दूसरे से लड़ेंगे।

    पूर्ति: ज़्यादा ताकत हासिल करने के लिए जर्मनी और ब्रिटेन-अमरीका के बीच लड़ाई हुई। सन्‌ 1945 में सोवियत संघ और उसके मित्र राष्ट्र उत्तर का राजा बने। सन्‌ 1991 में सोवियत संघ बिखर गया। कुछ समय बाद रूस और उसके मित्र राष्ट्र उत्तर का राजा बने।

  • आयतें: यशा. 61:1; मला. 3:1; लूका 4:18

    भविष्यवाणी: मसीहा का राज शुरू होने से पहले यहोवा अपने “दूत” को भेजेगा ताकि वह “रास्ता तैयार” करे। यह दूत “दीन लोगों को खुशखबरी” सुनाएगा।

    पूर्ति: 1870 से भाई रसल और उनके साथी बाइबल का गहराई से अध्ययन करने लगे ताकि जानें कि बाइबल में कौन-सी सच्चाइयाँ दी गयी हैं। सन्‌ 1881 में उन्होंने इस बात को समझा कि वे जो सीख रहे हैं वह दूसरों को भी बताना ज़रूरी है। उन्होंने ऐसे लेख प्रकाशित किए जैसे, “आवश्‍यकता है 1,000 प्रचारकों की” और “प्रचार के लिए अभिषिक्‍त।”

  • आयतें: मत्ती 13:24-30, 36-43

    भविष्यवाणी: एक दुश्‍मन गेहूँ के खेत में जंगली पौधों के बीज बो देगा। उन पौधों को कटाई के समय तक गेहूँ के साथ-साथ बढ़ने दिया जाएगा। इस बीच जंगली पौधे इतने बढ़ जाएँगे कि गेहूँ नज़र नहीं आएगा। कटाई के समय गेहूँ को जंगली पौधों से अलग किया जाएगा।

    पूर्ति: 1870 से सच्चे और झूठे मसीहियों के बीच फर्क साफ नज़र आने लगा। अंत के समय में सच्चे मसीहियों को झूठे मसीहियों से अलग करके मसीही मंडली में इकट्ठा किया जाता है।

  • आयतें: दानि. 2:31-33, 41-43

    भविष्यवाणी: लोहे और मिट्टी के पैर एक ऐसी मूरत के हैं जो अलग-अलग धातुओं से बनी है।

    पूर्ति: मिट्टी उन आम लोगों को दर्शाती है जिन पर ब्रिटेन और अमरीका राज करते हैं। ये लोग इस विश्‍व शक्‍ति के खिलाफ बगावत करते हैं जिस वजह से इसकी लोहे जैसी ताकत कमज़ोर पड़ जाती है यानी यह विश्‍व शक्‍ति अपनी पूरी ताकत इस्तेमाल नहीं कर पाती।

  • आयतें: मत्ती 13:30; 24:14, 45; 28:19, 20

    भविष्यवाणी: “गेहूँ” यानी सच्चे मसीहियों को “गोदाम” में यानी सच्ची मसीही मंडली में इकट्ठा किया जाएगा। “विश्‍वासयोग्य और बुद्धिमान दास” को “घर के कर्मचारियों” के ऊपर ठहराया जाएगा। ‘राज की खुशखबरी सारे जगत में’ सुनाने का काम शुरू होगा।

    पूर्ति: 1919 में विश्‍वासयोग्य दास को परमेश्‍वर के लोगों पर ठहराया गया। तब से बाइबल विद्यार्थी प्रचार काम ज़ोर-शोर से करने लगे। आज यहोवा के साक्षी 200 से ज़्यादा देशों में प्रचार करते हैं और 1,000 से ज़्यादा भाषाओं में बाइबल के प्रकाशन तैयार करते हैं।

  • आयतें: दानि. 12:11; प्रका. 13:11, 14, 15

    भविष्यवाणी: दो सींगोंवाला जंगली जानवर लोगों से कहेगा कि वे दूसरे “जंगली जानवर की मूरत बनाएँ” जिसके सात सिर हैं। दो सींगोंवाला जानवर दूसरे जंगली जानवर की “मूरत में जान फूँक” देगा।

    पूर्ति: ब्रिटेन-अमरीकी विश्‍व शक्‍ति ने राष्ट्र संघ को बनाने में पहला कदम उठाया। दूसरे राष्ट्र भी इस संगठन से जुड़ गए। बाद में उत्तर का राजा भी राष्ट्र संघ से जुड़ गया। मगर वह सिर्फ 1926 से 1933 तक इस संघ का सदस्य रहा। लोग मानते थे कि राष्ट्र संघ दुनिया में शांति लाएगा जबकि यह काम सिर्फ परमेश्‍वर का राज कर सकता है। बाद में लोग संयुक्‍त राष्ट्र के बारे में भी यही मानने लगे।

  • आयतें: दानि. 8:23, 24

    भविष्यवाणी: एक खूँखार राजा “बड़े ही अनोखे तरीके से तबाही मचाएगा।”

    पूर्ति: ब्रिटेन-अमरीकी विश्‍व शक्‍ति ने बहुत-से लोगों को मार डाला और काफी तबाही मचायी। मिसाल के लिए, दूसरे विश्‍व-युद्ध के दौरान अमरीका ने एक ऐसे देश में दो परमाणु बम डाले जो ब्रिटेन और अमरीका का दुश्‍मन था। इस बम विस्फोट से इतनी तबाही हुई जितनी कि पहले कभी नहीं हुई थी।

  • आयतें: दानि. 11:31; प्रका. 17:3, 7-11

    भविष्यवाणी: “सुर्ख लाल रंग” का एक जंगली जानवर जिसके दस सींग थे, अथाह-कुंड से बाहर निकलेगा। वह आठवाँ राजा होगा। दानियेल किताब में इस राजा को “उजाड़नेवाली घिनौनी चीज़” कहा गया है।

    पूर्ति: दूसरे विश्‍व-युद्ध के दौरान राष्ट्र संघ मिट गया। युद्ध के बाद संयुक्‍त राष्ट्र को ‘खड़ा किया गया।’ राष्ट्र संघ की तरह संयुक्‍त राष्ट्र के बारे में भी माना जाता है कि यह शांति लाएगा जबकि यह काम परमेश्‍वर का राज करेगा। भविष्य में संयुक्‍त राष्ट्र धर्मों का नाश कर देगा।

  • आयतें: 1 थिस्स. 5:3; प्रका. 17:16

    भविष्यवाणी: दुनिया के नेता “शांति और सुरक्षा” का ऐलान करेंगे। “दस सींग” और “जंगली जानवर” “वेश्‍या” का नाश कर देंगे। इसके बाद राष्ट्रों का भी नाश कर दिया जाएगा।

    पूर्ति: राष्ट्र शायद दावा करेंगे कि वे दुनिया में शांति और सुरक्षा लाने में कामयाब हो गए। इसके बाद वे सभी राष्ट्र जो संयुक्‍त राष्ट्र के सदस्य हैं, झूठे धर्मों का नाश कर देंगे। इस तरह महा-संकट शुरू हो जाएगा। महा-संकट तब खत्म होगा जब हर-मगिदोन में दुनिया के बाकी हिस्से का नाश कर दिया जाएगा।

  • आयतें: यहे. 38:11, 14-17; मत्ती 24:31

    भविष्यवाणी: गोग परमेश्‍वर के लोगों पर हमला करेगा। इसके बाद स्वर्गदूत “चुने हुओं को” इकट्ठा करेंगे।

    पूर्ति: उत्तर का राजा और दुनिया की बाकी सरकारें परमेश्‍वर के लोगों पर हमला करेंगी। गोग का हमला शुरू होने के कुछ समय बाद बचे हुए अभिषिक्‍त जनों को स्वर्ग ले लिया जाएगा।

  • आयतें: यहे. 38:18-23; दानि. 2:34, 35, 44, 45; प्रका. 6:2; 16:14, 16; 17:14; 19:20

    भविष्यवाणी: ‘सफेद घोड़े का सवार’ गोग और उसकी सेना का नाश करेगा और इस तरह “अपनी जीत पूरी” करेगा। ‘जंगली जानवर को आग की झील में फेंक’ दिया जाएगा। बड़ी मूरत चूर-चूर कर दी जाएगी।

    पूर्ति: परमेश्‍वर के राज का राजा यीशु परमेश्‍वर के लोगों को बचाएगा। यीशु, 1,44,000 जन और स्वर्गदूत राष्ट्रों के उस गठबंधन का नाश कर देंगे जो परमेश्‍वर के लोगों पर हमला करेगा। इस तरह शैतान की दुनिया का अंत हो जाएगा।