इस जानकारी को छोड़ दें

विषय-सूची को छोड़ दें

अध्ययन लेख 20

प्रकाशितवाक्य में परमेश्‍वर के दुश्‍मनों के नाश का संदेश

प्रकाशितवाक्य में परमेश्‍वर के दुश्‍मनों के नाश का संदेश

“उन्होंने राजाओं को उस जगह इकट्ठा किया जो इब्रानी भाषा में हर-मगिदोन कहलाती है।”​—प्रका. 16:16.

गीत 150 अपने बचाव के लिए यहोवा की खोज करें

एक झलक *

1. जैसे प्रकाशितवाक्य में बताया गया है, आज परमेश्‍वर के लोगों के साथ क्या हो रहा है?

 प्रकाशितवाक्य की किताब से पता चलता है कि स्वर्ग में परमेश्‍वर के राज का शासन शुरू हो चुका है और शैतान को धरती पर फेंक दिया गया। (प्रका. 12:1-9) इससे स्वर्ग में तो शांति हो गयी है, मगर धरती पर हमारे लिए मुसीबतें बढ़ गयी हैं। शैतान बहुत गुस्से में है और वह अपना सारा गुस्सा यहोवा के वफादार सेवकों पर उतार रहा है।​—प्रका. 12:12, 15, 17.

2. हम यहोवा के वफादार कैसे रह सकते हैं?

2 शैतान के हमलों के बावजूद हम यहोवा के वफादार कैसे रह सकते हैं? (प्रका. 13:10) हमें कई बातों से मदद मिल सकती है। उनमें से एक है, यह जानना कि आगे क्या होनेवाला है। उदाहरण के लिए, प्रकाशितवाक्य में प्रेषित यूहन्‍ना ने बताया कि भविष्य में हमें कौन-सी आशीषें मिलनेवाली हैं। एक है कि परमेश्‍वर के दुश्‍मनों का हमेशा के लिए नाश कर दिया जाएगा। तो आइए प्रकाशितवाक्य की किताब से जानें कि वे दुश्‍मन कौन हैं और उनका क्या होगा।

दुश्‍मनों को पहचानने के लिए ‘निशानियाँ’

3. प्रकाशितवाक्य में बतायी कुछ निशानियाँ क्या हैं?

3 प्रकाशितवाक्य की किताब की पहली आयत में ही बताया गया है कि उसमें दी बातें “निशानियों” के ज़रिए समझायी गयी हैं। (प्रका. 1:1) जैसे, उसमें कई अजीबो-गरीब जानवरों के बारे में बताया गया है। ‘एक जंगली जानवर समुंदर से ऊपर आता है।’ उसके “दस सींग और सात सिर” हैं। (प्रका. 13:1) फिर ‘एक और जंगली जानवर धरती में से ऊपर आता है।’ वह अजगर की तरह बोलता है और “आकाश से धरती पर आग बरसाता है।” (प्रका. 13:11-13) इसके बाद ‘सुर्ख लाल रंग का एक और जंगली जानवर’ नज़र आता है, जिस पर एक वेश्‍या बैठी है। ये तीनों जानवर ऐसे दुश्‍मनों को दर्शाते हैं, जो लंबे समय से यहोवा और उसके राज के खिलाफ काम कर रहे हैं। इसलिए उन्हें पहचानना बहुत ज़रूरी है।​—प्रका. 17:1, 3.

चार बड़े-बड़े जानवर

ये ‘समुंदर में से निकलते हैं।’ (दानि. 7:1-8, 15-17) ये उन चार विश्‍व शक्‍तियों को दर्शाते हैं, जो दानियेल के दिनों से एक-एक करके आयीं और जिन्होंने परमेश्‍वर के लोगों पर ज़ुल्म किया (पैराग्राफ 4, 7)

4-5. प्रकाशितवाक्य में बताए जानवर किन्हें दर्शाते हैं और यह हमें दानियेल 7:15-17 से कैसे पता चलता है?

4 इन दुश्‍मनों को पहचानने से पहले हमें यह जानना होगा कि ये जानवर किन्हें दर्शाते हैं। यह समझ हमें बाइबल की दूसरी किताबों से मिलती है। एक किताब है दानियेल। भविष्यवक्‍ता दानियेल ने लिखा कि उसे एक सपना आया, जिसमें उसने ‘समुंदर में से चार बड़े-बड़े जानवर निकलते’ देखे। (दानि. 7:1-3) उसने यह भी लिखा कि इन चार बड़े-बड़े जानवरों का मतलब है, चार “राजा” या सरकारें। (दानियेल 7:15-17 पढ़िए।) इससे हमें पता चलता है कि प्रकाशितवाक्य में बताए जानवर भी सरकारों को दर्शाते हैं।

5 इस बात को ध्यान में रखते हुए आइए प्रकाशितवाक्य में बतायी कुछ निशानियों पर गौर करें। इन्हें समझने के लिए हम बाइबल की अलग-अलग आयतों पर ध्यान देंगे। आइए सबसे पहले जानें कि ये जंगली जानवर किन सरकारों को दर्शाते हैं। हम यह भी जानेंगे कि उनका क्या होनेवाला है और यह जानकर हमें क्या करना चाहिए।

परमेश्‍वर के दुश्‍मनों की पहचान

सात सिरोंवाला जंगली जानवर

यह “समुंदर में से ऊपर” आता है और इसके सात सिर, दस सींग और दस मुकुट हैं। (प्रका. 13:1-4) यह अब तक आयी सभी सरकारों को दर्शाता है। इसके सात सिर सात विश्‍व शक्‍तियों को दर्शाते हैं, जो परमेश्‍वर के लोगों पर ज़ुल्म करते आए हैं (पैराग्राफ 6-8)

6. प्रकाशितवाक्य 13:1-4 में बताया सात सिरोंवाला जंगली जानवर कौन है?

6 सात सिरोंवाला जंगली जानवर कौन है?  जैसा हमने पैराग्राफ 4 में जाना, दानियेल अध्याय 7 में चार अलग-अलग जानवरों के बारे में बताया गया है, जो अलग-अलग सरकारों को दर्शाते हैं। वहाँ लिखा है कि एक जानवर चीते जैसा है, दूसरा भालू जैसा, तीसरा शेर जैसा और चौथे जानवर के सिर पर दस सींग हैं। लेकिन प्रकाशितवाक्य 13:1-4 में बताया सात सिरोंवाला जंगली जानवर उन चारों जानवरों जैसा दिखता है। (पढ़िए।) उसका शरीर एक चीते जैसा है, उसके पैर भालू के पैरों जैसे हैं, उसका मुँह शेर के मुँह जैसा है और उसके दस सींग हैं। यह दिखाता है कि सात सिरोंवाला जंगली जानवर किसी एक सरकार को नहीं दर्शाता। प्रकाशितवाक्य में लिखा है कि यह जानवर “हर गोत्र और जाति और भाषा और राष्ट्र के लोगों पर” हुकूमत करता है। (प्रका. 13:7) इन सारी बातों से पता चलता है कि सात सिरोंवाला जंगली जानवर अब तक आयी सभी सरकारों को दर्शाता है। *​—सभो. 8:9.

7. जंगली जानवर के सात सिर किन्हें दर्शाते हैं?

7 जंगली जानवर के सात सिर किन्हें दर्शाते हैं?  यह जानने के लिए आइए प्रकाशितवाक्य अध्याय 17 पर ध्यान दें। वहाँ जंगली जानवर की मूरत के बारे में बताया गया है। प्रकाशितवाक्य 17:10 में लिखा है, “इनका मतलब है, सात राजा: पाँच गिर चुके हैं, एक मौजूद है और एक अभी आया नहीं, लेकिन जब वह आएगा तो कुछ देर तक उसका रहना ज़रूरी है।” शैतान ने अब तक कई सरकारों का इस्तेमाल किया है, जिनमें से सात का सबसे ज़्यादा दबदबा रहा। इसलिए उन्हें विश्‍व शक्‍तियाँ कहा जाता है और प्रकाशितवाक्य में उनकी तुलना “सिर” से की गयी है। परमेश्‍वर के लोगों को इनमें से कुछ विश्‍व शक्‍तियों के अधीन रहना पड़ा है, तो कुछ के हाथों ज़ुल्म सहना पड़ा है। प्रेषित यूहन्‍ना के दिनों तक पाँच विश्‍व शक्‍तियाँ आकर चली गयी थीं। वे थीं मिस्र, अश्‍शूर, बैबिलोन, मादी-फारस और यूनान। और छठी विश्‍व शक्‍ति, रोम का राज चल रहा था। तो अब सवाल उठता है कि सातवीं और आखिरी विश्‍व शक्‍ति कौन होती?

8. जंगली जानवर का सातवाँ सिर किस विश्‍व शक्‍ति को दर्शाता है?

8 “प्रभु के दिन” में यानी इन आखिरी दिनों में किस विश्‍व शक्‍ति का दबदबा है? (प्रका. 1:10) ब्रिटेन-अमरीकी विश्‍व शक्‍ति का। इसलिए हम कह सकते हैं कि प्रकाशितवाक्य 13:1-4 में जिस जंगली जानवर का ज़िक्र किया गया है, उसका सातवाँ सिर यही विश्‍व शक्‍ति है। इसका सबूत हमें दानियेल की किताब में भी मिलता है।

जंगली जानवर जिसके मेम्ने के जैसे दो सींग हैं

यह “धरती में से ऊपर” आता है और “अजगर की तरह” बोलता है। यह “आकाश से धरती पर आग बरसाता है” और “झूठे भविष्यवक्‍ता” की तरह चमत्कार करता है। (प्रका. 13:11-15; 16:13; 19:20) ब्रिटेन-अमरीकी विश्‍व शक्‍ति दो सींगोवाला जानवर और झूठा भविष्यवक्‍ता है। यह विश्‍व शक्‍ति धरती के लोगों को गुमराह करती है और उनसे कहती है कि वे “जंगली जानवर की मूरत बनाएँ,” जिसके सात सिर और दस सींग हैं (पैराग्राफ 9)

9. जिस जंगली जानवर के ‘मेम्ने के जैसे दो सींग हैं,’ वह किसे दर्शाता है?

9 प्रकाशितवाक्य अध्याय 13 में उस सातवें सिर, यानी ब्रिटेन-अमरीकी विश्‍व शक्‍ति को एक ऐसे जंगली जानवर की तरह बताया गया है जिसके ‘मेम्ने के सींग जैसे दो सींग हैं, मगर जो अजगर की तरह बोलता है।’ यह जानवर “बड़े-बड़े चमत्कार करता है, यहाँ तक कि वह लोगों के सामने आकाश से धरती पर आग बरसाता है।” (प्रका. 13:11-15) प्रकाशितवाक्य अध्याय 16 और 19 में इसे ‘झूठा भविष्यवक्‍ता’ भी कहा गया है। (प्रका. 16:13; 19:20) दानियेल की किताब में भी बताया गया है कि ब्रिटेन-अमरीकी विश्‍व शक्‍ति “भयानक विनाश” लाएगी। (दानि. 8:19, 23, 24, फु.) यह भविष्यवाणी दूसरे विश्‍व-युद्ध के दौरान पूरी हुई। ब्रिटेन और अमरीका के वैज्ञानिकों ने मिलकर परमाणु बम बनाए और उन दोनों देशों ने जापान पर ये बम गिराए। इससे दूसरा विश्‍व-युद्ध खत्म हो गया। इस तरह ब्रिटेन-अमरीकी विश्‍व शक्‍ति ने ‘आकाश से धरती पर आग बरसायी।’

सुर्ख लाल रंग का जंगली जानवर

इस पर एक वेश्‍या यानी महानगरी बैबिलोन बैठी है। इस जानवर को आठवाँ राजा भी कहा गया है। (प्रका. 17:3-6, 8, 11) वेश्‍या पहले इस जंगली जानवर पर धौंस जमाती है, पर बाद में उसी जानवर के हाथों नाश हो जाती है। वेश्‍या दुनिया-भर में फैले झूठे धर्मों को दर्शाती है। जंगली जानवर संयुक्‍त राष्ट्र है, जो पूरी दुनिया की सरकारों का साथ देता है (पैराग्राफ 10, 14-17)

10. “जंगली जानवर की मूरत” किसे दर्शाती है? (प्रकाशितवाक्य 13:14, 15; 17:3, 8, 11)

10 अब हम एक और जंगली जानवर के बारे में बात करेंगे। यह दिखता बिलकुल सात सिरोंवाले जंगली जानवर जैसा है, सिर्फ इसका रंग सुर्ख लाल है। इसे “जंगली जानवर की मूरत” और “आठवाँ राजा” कहा गया है। * (प्रकाशितवाक्य 13:14, 15; 17:3, 8, 11 पढ़िए।) भविष्यवाणी में बताया है कि यह “राजा” आएगा, कुछ वक्‍त के लिए गायब हो जाएगा और फिर दोबारा आएगा। यह बात संयुक्‍त राष्ट्र पर बिलकुल सही बैठती है। पहले यह राष्ट्र संघ के नाम से जाना जाता था। फिर दूसरे विश्‍व-युद्ध के दौरान यह गायब हो गया। लेकिन यह फिर से उभरा और आज हमारे समय में संयुक्‍त राष्ट्र के नाम से जाना जाता है। यह पूरी दुनिया की सरकारों का साथ देता है।

11. (क) जंगली जानवर क्या करेंगे? (ख) उस वक्‍त हम क्यों नहीं घबराएँगे?

11 सभी जंगली जानवर, यानी सरकारें लोगों को भड़काएँगी कि वे यहोवा और उसके सेवकों के खिलाफ खड़े हों। इस तरह वे सरकारें “सारे जगत के राजाओं” को “सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर के महान दिन के युद्ध” यानी हर-मगिदोन के लिए इकट्ठा करेंगी। (प्रका. 16:13, 14, 16) पर उस वक्‍त हमें घबराने की ज़रूरत नहीं होगी। हमारा परमेश्‍वर यहोवा हमें बचाने के लिए तुरंत कदम उठाएगा।​—यहे. 38:21-23.

12. सभी जंगली जानवरों का क्या होगा?

12 सभी जंगली जानवरों का क्या होगा?  प्रकाशितवाक्य 19:20 में लिखा है, “उस जंगली जानवर को, साथ ही उसके सामने चमत्कार करनेवाले झूठे भविष्यवक्‍ता को पकड़ लिया गया जो चमत्कार दिखाकर उन लोगों को गुमराह करता था जिन्होंने खुद पर जंगली जानवर का निशान लगवाया था और जो उसकी मूरत की पूजा करते थे। उन दोनों को जीते-जी आग की उस झील में फेंक दिया गया जो गंधक से जलती रहती है।” गौर कीजिए कि इस आयत में लिखा है कि उन्हें जीते-जी आग की झील में फेंक दिया जाएगा। इसका मतलब, जब सरकारों का राज चल रहा होगा उसी दौरान परमेश्‍वर उनका नाश कर देगा।

13. सरकारें हम पर क्या दबाव डालती हैं?

13 यह जानकर हमें क्या करना है?  हमें यहोवा और उसके राज के वफादार रहना है। (यूह. 18:36) इसके लिए ज़रूरी है कि हम पूरी तरह निष्पक्ष रहें और दुनिया के राजनैतिक मामलों में न पड़ें। ऐसा करना शायद मुश्‍किल हो क्योंकि सरकारें चाहती हैं कि हम अपनी बातों और कामों से उनका पूरा-पूरा साथ दें। लेकिन जो लोग उनका साथ देते हैं, वे खुद पर जंगली जानवर का निशान लगा रहे होते हैं। (प्रका. 13:16, 17) जिस किसी पर यह निशान होगा, उसे यहोवा ठुकरा देगा और वह हमेशा की ज़िंदगी पाने का मौका गँवा देगा। (प्रका. 14:9, 10; 20:4) इसलिए सरकारें हम पर चाहे कितना भी दबाव डालें, हमें पूरी तरह निष्पक्ष रहना चाहिए।

बड़ी वेश्‍या का शर्मनाक अंत

14. प्रेषित यूहन्‍ना क्या देखकर दंग रह जाता है? (प्रकाशितवाक्य 17:3-5)

14 प्रकाशितवाक्य 17:3-5 पढ़िए। प्रेषित यूहन्‍ना दर्शन में कुछ ऐसा देखता है जिससे वह दंग रह जाता है। वह देखता है कि एक औरत सुर्ख लाल रंग के जंगली जानवर पर बैठी है। वह औरत “बड़ी वेश्‍या” है, जिसे “महानगरी बैबिलोन” कहा गया है और जो “पृथ्वी के राजाओं के साथ नाजायज़ यौन-संबंध” रखती है।​—प्रका. 17:1, 2, 6.

15-16. “महानगरी बैबिलोन” कौन है और हम यह कैसे कह सकते हैं?

15 “महानगरी बैबिलोन” कौन है?  वह वेश्‍या किसी सरकार को नहीं दर्शा सकती क्योंकि प्रकाशितवाक्य में बताया गया है कि वह पृथ्वी के राजाओं के साथ नाजायज़ यौन-संबंध रखती है। (प्रका. 18:9) उसमें यह भी बताया गया है कि वह जंगली जानवर के ऊपर बैठी है यानी सरकारों पर धौंस जमाने की कोशिश करती है। वह वेश्‍या लालची व्यापारियों को भी नहीं दर्शा सकती क्योंकि उन्हें अलग से “पृथ्वी के सौदागर” बताया गया है।​—प्रका. 18:11, 15, 16.

16 बाइबल में कई लोगों को “वेश्‍याओं जैसी बदचलनी” करते हुए बताया गया है। वह इसलिए कि वे यहोवा की सेवा करने का दावा करते हैं, मगर दूसरी तरफ मूर्तिपूजा करते हैं या किसी और तरीके से दुनिया का हिस्सा बनते हैं। (1 इति. 5:25, फु.; याकू. 4:4) लेकिन जो लोग सच्चे दिल से यहोवा की उपासना करते हैं और उसके वफादार रहते हैं, उन्हें बाइबल में “पवित्र” या ‘कुँवारा’ कहा गया है। (2 कुरिं. 11:2; प्रका. 14:4) इसके अलावा, प्राचीन बैबिलोन से ही झूठे धर्मों की शुरूआत हुई थी। इन सारी बातों से पता चलता है कि महानगरी बैबिलोन दुनिया-भर में फैले सभी झूठे धर्मों को दर्शाती है।​—प्रका. 17:5, 18; jw.org पर लेख, “महानगरी बैबिलोन कौन है?” पढ़ें।

17. महानगरी बैबिलोन का क्या होगा?

17 महानगरी बैबिलोन का क्या होगा?  प्रकाशितवाक्य 17:16, 17 में लिखा है, “जो दस सींग तूने देखे वे और वह जंगली जानवर, उस वेश्‍या से नफरत करेंगे और उसे तबाह और नंगा कर देंगे और उसका माँस खा जाएँगे और उसे आग में पूरी तरह जला देंगे। क्योंकि परमेश्‍वर ने उनके दिल में यह बात डाली है कि वे उसकी सोच पूरी करें ताकि वे जिस बात पर एक राय रखते हैं, उसे पूरा करने के लिए तब तक जंगली जानवर को अपना राज दें जब तक कि परमेश्‍वर का कहा वचन पूरा न हो जाए।” इन आयतों से समझ आता है कि यहोवा दुनिया की सरकारों को उकसाएगा कि वे सुर्ख लाल रंग के जंगली जानवर, यानी संयुक्‍त राष्ट्र के ज़रिए दुनिया के सभी झूठे धर्मों का पूरी तरह नाश कर दें।​—प्रका. 18:21-24.

18. महानगरी बैबिलोन से सारे नाते तोड़ने के लिए हमें क्या करना होगा?

18 यह जानकर हमें क्या करना है?  हमें ध्यान रखना है कि हमारी उपासना ‘परमेश्‍वर की नज़र में शुद्ध और निष्कलंक हो।’ (याकू. 1:27) इसके लिए हमें महानगरी बैबिलोन से सारे नाते तोड़ लेने चाहिए। हमें झूठी शिक्षाएँ नहीं माननी चाहिए, तीज-त्योहार नहीं मनाने चाहिए, खुद के नैतिक स्तरों को गिरने नहीं देना चाहिए और न ही जादू-टोना करना चाहिए। यही नहीं, हमें दूसरों को भी बढ़ावा देना चाहिए कि वे उसमें से ‘बाहर निकल आएँ’ ताकि वे उसके पापों में हिस्सेदार न बनें।​—प्रका. 18:4.

परमेश्‍वर के सबसे बड़े दुश्‍मन का नाश

लाल रंग का अजगर

यह शैतान है जो सात सिरोंवाले जंगली जानवर को अधिकार देता है। (प्रका. 12:3, 9, 13; 13:4; 20:2, 10) शैतान, यहोवा का सबसे बड़ा दुश्‍मन है। उसे 1,000 साल के लिए अथाह-कुंड में बंद कर दिया जाएगा और फिर “आग और गंधक की झील” में फेंक दिया जाएगा (पैराग्राफ 19-20)

19. ‘लाल रंग का बड़ा भयानक अजगर’ कौन है?

19 प्रकाशितवाक्य की किताब में ‘लाल रंग के एक बड़े भयानक अजगर’ के बारे में भी बताया गया है। (प्रका. 12:3) इस अजगर ने यीशु और उसके स्वर्गदूतों से युद्ध किया। (प्रका. 12:7-9) यह परमेश्‍वर के लोगों को सताता है और उसी ने जंगली जानवरों को, यानी दुनिया की सभी सरकारों को अधिकार दिया है। (प्रका. 12:17; 13:4) यह अजगर कौन है? यह ‘वही पुराना साँप है, जो इबलीस और शैतान कहलाता है।’ (प्रका. 12:9; 20:2) वह यहोवा का सबसे बड़ा दुश्‍मन है और वही यहोवा के बाकी सभी दुश्‍मनों को अपने इशारों पर नचाता है।

20. अजगर का क्या होगा?

20 अजगर का क्या होगा?  प्रकाशितवाक्य 20:1-3 में बताया गया है कि एक स्वर्गदूत, शैतान को अथाह-कुंड में फेंक देगा और उसे 1,000 साल के लिए बंद कर देगा। उस दौरान शैतान ‘राष्ट्रों को फिर गुमराह नहीं कर पाएगा।’ हज़ार साल पूरे होने पर उसे और दुष्ट स्वर्गदूतों को “आग और गंधक की झील” में फेंक दिया जाएगा। (प्रका. 20:10) इसका मतलब है कि उनका हमेशा-हमेशा के लिए नाश कर दिया जाएगा। ज़रा सोचिए, जब शैतान और दुष्ट स्वर्गदूत नहीं होंगे तो सब कितनी राहत की साँस लेंगे!

21. प्रकाशितवाक्य की भविष्यवाणियाँ पढ़कर हमें क्यों खुशी मिलती है?

21 प्रकाशितवाक्य की किताब में दी निशानियों का मतलब जानकर हमें कितनी खुशी और हिम्मत मिली, है ना? हमने न सिर्फ यह पहचाना कि परमेश्‍वर के दुश्‍मन कौन हैं बल्कि यह भी जाना कि उनका क्या होनेवाला है। सच में, “सुखी है वह जो इस भविष्यवाणी के वचन ज़ोर से पढ़ता है और वे भी जो इन्हें सुनते हैं”! (प्रका. 1:3) लेकिन सवाल उठता है कि दुश्‍मनों के नाश के बाद परमेश्‍वर के लोगों को कौन-सी आशीषें मिलेंगी? इसका जवाब अगले लेख में दिया जाएगा।

गीत 23 यहोवा का राज शुरू हुआ

^ प्रकाशितवाक्य की किताब में कुछ निशानियाँ दी गयी हैं, जिनसे हम पहचान सकते हैं कि परमेश्‍वर के दुश्‍मन कौन हैं। इन निशानियों का मतलब जानने के लिए हम दानियेल की किताब की जाँच कर सकते हैं, क्योंकि उसमें और प्रकाशितवाक्य में कुछ भविष्यवाणियाँ मिलती-जुलती हैं। इस लेख में हम उन भविष्यवाणियों के बारे में चर्चा करेंगे। इस तरह हम परमेश्‍वर के दुश्‍मनों को पहचान पाएँगे और यह भी जान पाएँगे कि उनका क्या होगा।

^ सात सिरोंवाले जंगली जानवर के दस सींग हैं, इससे भी पता चलता है कि यह जानवर सभी सरकारों को दर्शाता है। बाइबल में अकसर दस की संख्या पूर्णता को दर्शाती है।

^ पहले जंगली जानवर और उसकी मूरत में एक और फर्क है। मूरत के सींगों पर “मुकुट” नहीं हैं। (प्रका. 13:1) ऐसा इसलिए है क्योंकि यह अपने आपमें कोई सरकार नहीं है बल्कि ‘सात [विश्‍व शक्‍तियों] से निकला है।’​—jw.org पर लेख, “प्रकाशितवाक्य अध्याय 17 में बताया सुर्ख लाल रंग का जानवर किसे दर्शाता है?” पढ़ें।