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अध्ययन लेख 20

गीत 67 “वचन का प्रचार कर”

हम प्यार करते हैं, इसलिए प्रचार करते हैं!

हम प्यार करते हैं, इसलिए प्रचार करते हैं!

“यह ज़रूरी है कि पहले सब राष्ट्रों में खुशखबरी का प्रचार किया जाए।”​—मर. 13:10.

क्या सीखेंगे?

जब हमारे दिल में प्यार होगा, तो हम पूरे जोश से और तन-मन से प्रचार करेंगे।

1. 2023 की सालाना सभा में हमें क्या बताया गया?

 2023 की हमारी सालाना सभा a बहुत ही रोमांचक थी। इसमें बताया गया था कि बाइबल की कुछ बातों के बारे में हमारी समझ में फेरबदल हुए हैं। और इसमें प्रचार से जुड़ी कुछ ज़बरदस्त घोषणाएँ भी की गयी थीं। जैसे हमने जाना कि महानगरी बैबिलोन के नाश के बाद  भी लोगों के पास शायद यह मौका होगा कि वे यहोवा और उसके लोगों का साथ दें। हमने यह भी जाना कि नवंबर 2023 से प्रचारकों को प्रचार की रिपोर्ट देते वक्‍त सारी बातें लिखने की ज़रूरत नहीं होगी। क्या इन बदलावों का यह मतलब है कि प्रचार की अहमियत कम हो गयी है? जी नहीं।

2. जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं, प्रचार काम करना क्यों और भी ज़रूरी होता जा रहा है? (मरकुस 13:10)

2 जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं, हमारा प्रचार काम और भी  ज़रूरी होता जा रहा है। क्यों? क्योंकि अंत आने में बहुत ही कम समय बाकी रह गया है। मरकुस की किताब में यीशु ने बताया था कि आखिरी दिनों में प्रचार काम करना कितना ज़रूरी होगा। (मरकुस 13:10 पढ़िए।) और इसी बात के बारे में मत्ती ने लिखा कि “अंत” आने से पहले सारे जगत में प्रचार किया जाएगा। (मत्ती 24:14) यहाँ किस अंत की बात की गयी है? शैतान की इस दुष्ट दुनिया के अंत की। यहोवा ने पहले से ही वह “दिन और घड़ी” तय कर रखी है, जब वह अंत लाएगा। (मत्ती 24:36; 25:13; प्रेषि. 1:7) और हर दिन हम उस वक्‍त के और करीब आते जा रहे हैं। (रोमि. 13:11) तो जब तक अंत नहीं आता, हमें प्रचार करते रहना है।

3. हम क्यों प्रचार करते हैं?

3 अब एक ज़रूरी सवाल है जिस बारे में हम सबको सोचना चाहिए: हम प्रचार काम क्यों  करते हैं? प्यार  की वजह से। हम खुशखबरी का जो संदेश सुनाते हैं, हमें उससे बहुत लगाव है, हम लोगों से भी प्यार करते हैं और सबसे बढ़कर हम यहोवा और उसके नाम से प्यार करते हैं। आइए एक-एक करके इन तीनों बातों पर चर्चा करें।

हमें खुशखबरी से प्यार है

4. जब हमें कोई अच्छी खबर मिलती है, तो हमें कैसा लगता है?

4 ज़रा सोचिए, जब आपने यह खबर सुनी कि आपके परिवार में एक नन्हा मेहमान आया है या आपकी नौकरी लग गयी है, तो आपको कैसा लगा था? यह सुनकर आपको बहुत खुशी हुई होगी और आपने फौरन अपने परिवारवालों और दोस्तों को इस बारे में बताया होगा। अब ज़रा सोचिए, जब आपने दुनिया की सबसे बेहतरीन  खबर सुनी, यानी परमेश्‍वर के राज की खुशखबरी सुनी, तब आपको कैसा लगा था?

5. जब आपने पहली बार सच्चाई जानी थी, तो आपको कैसा लगा था? (तसवीरें भी देखें।)

5 जब आपने परमेश्‍वर के वचन से पहली बार सच्चाई जानी थी, तो आपको कैसा लगा था? जैसे, जब आपने सीखा कि परमेश्‍वर यहोवा आपसे बहुत प्यार करता है और वह आपको अपने परिवार का हिस्सा बनाना चाहता है, तब आपको कैसा लगा था? और जब आपने यह जाना कि वह सारी दुख-तकलीफें दूर कर देगा और आपके अपनों को नयी दुनिया में ज़िंदा कर देगा, तब आपको कैसा लगा था? (मर. 10:29, 30; यूह. 5:28, 29; रोमि. 8:38, 39; प्रका. 21:3, 4) ये सारी बातें जानकर आपको बहुत खुशी हुई होगी और ये आपके दिल को इस कदर छू गयी होंगी कि आप इस बारे में दूसरों को भी बताने लगे।​—लूका 24:32; यिर्मयाह 20:9 से तुलना करें।

जब हमने पहली बार खुशखबरी सुनी, तो यह हमारे दिल को इस कदर छू गयी कि हम हर किसी को इसके बारे में बताने लगे! (पैराग्राफ 5)


6. आपने भाई अर्नस्ट और बहन रोज़ा के अनुभव से क्या सीखा?

6 ज़रा एक उदाहरण पर ध्यान दीजिए। जब भाई अर्नस्ट b दस साल के थे, तो उनके पिता की मौत हो गयी। भाई बताते हैं, “मैं सोचता रहता था कि मेरे पापा कहाँ हैं। क्या वे स्वर्ग में हैं या हमेशा के लिए जा चुके हैं? जब भी मैं दूसरे बच्चों को उनके पापा के साथ देखता था तो मुझे बहुत जलन होती थी।” भाई अर्नस्ट अकसर अपने पिता की कब्र के सामने घुटने टेककर परमेश्‍वर से यह प्रार्थना करते थे: “प्लीज़ मुझे बता दो कि मेरे पापा कहाँ हैं।” इसके करीब 17 साल बाद किसी ने भाई से पूछा कि क्या वे बाइबल का अध्ययन करना चाहेंगे। भाई तुरंत राज़ी हो गए। और जब उन्होंने यह जाना कि मरे हुए मानो सो रहे हैं और परमेश्‍वर उन्हें नयी दुनिया में दोबारा ज़िंदा कर देगा, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। (सभो. 9:5, 10; प्रेषि. 24:15) इतने सालों से वे जिन सवालों को लेकर परेशान थे, उन सभी के जवाब उन्हें मिल गए! भाई बहुत खुश थे कि वे बाइबल से इतनी बढ़िया बातें सीख रहे हैं। फिर उनकी पत्नी रोज़ा भी उनके साथ बाइबल अध्ययन करने लगीं और उन्हें भी वे बातें बहुत पसंद आयीं। 1978 में उन दोनों ने बपतिस्मा ले लिया। उन्हें बाइबल की सच्चाइयों से इतना प्यार था कि वे अपने परिवारवालों, दोस्तों और हर किसी को इस बारे में बताने लगे। भाई अर्नस्ट और बहन रोज़ा ने 70 से भी ज़्यादा लोगों को सच्चाई सिखायी जिन्होंने आगे चलकर बपतिस्मा लिया।

7. जब बाइबल की सच्चाइयाँ हमारे दिल में बस जाती हैं, तब हम क्या करते हैं? (लूका 6:45)

7 जब बाइबल की सच्चाइयाँ हमारे दिल में बस जाती हैं, तो हम चुप नहीं रह पाते, हम इस बारे में सबको बताते हैं। (लूका 6:45 पढ़िए।) हम पहली सदी के उन चेलों की तरह महसूस करते हैं जिन्होंने कहा, “हम उन बातों के बारे में बोलना नहीं छोड़ सकते जो हमने देखी और सुनी हैं।” (प्रेषि. 4:20) हम सच्चाई से इतना प्यार करते हैं कि हम ज़्यादा-से-ज़्यादा लोगों को इसके बारे में बताना चाहते हैं।

हमें लोगों से प्यार है

8. हम लोगों को खुशखबरी सुनाने के लिए इतनी मेहनत क्यों करते हैं? ( लोगों से करें प्यार​—सिखाने को रहें तैयार  नाम का बक्स देखें।) (तसवीर भी देखें।)

8 यहोवा और उसके बेटे की तरह हम भी लोगों से प्यार करते हैं। (नीति. 8:31; यूह. 3:16) जो लोग “बिना परमेश्‍वर के” हैं और जिन्हें “कोई आशा नहीं,” उन्हें देखकर हम तड़प उठते हैं। (इफि. 2:12) वे लोग समस्याओं के दल-दल में फँसे पड़े हैं, लेकिन हमारे पास वह रस्सी है जिससे हम उन्हें बाहर निकाल सकते हैं। मतलब, हमारे पास परमेश्‍वर के राज की खुशखबरी है जिससे हम उनकी जान बचा सकते हैं। हम लोगों से प्यार करते हैं और उनकी परवाह करते हैं, इसलिए हम उन्हें खुशखबरी सुनाने की जी-तोड़ कोशिश करते हैं। यह खुशखबरी बहुत अनमोल है। इससे लोगों को उम्मीद मिल सकती है, आज वे एक बढ़िया ज़िंदगी जी सकते हैं और आनेवाली नयी दुनिया में उन्हें “असली ज़िंदगी,” यानी हमेशा की ज़िंदगी भी मिल सकती है।​—1 तीमु. 6:19.

हम लोगों से प्यार करते हैं, उनकी परवाह करते हैं, इसलिए उन्हें खुशखबरी सुनाने का कोई मौका नहीं छोड़ते (पैराग्राफ 8)


9. आनेवाले समय के बारे में हम लोगों को क्या चेतावनी दे रहे हैं और क्यों? (यहेजकेल 33:7, 8)

9 हम लोगों से प्यार करते हैं, इसलिए हम उन्हें यह भी बताते हैं कि इस दुष्ट दुनिया का बहुत जल्द नाश हो जाएगा। (यहेजकेल 33:7, 8 पढ़िए।) हमें अपने उन पड़ोसियों और रिश्‍तेदारों पर तरस आता है, जो अपनी ज़िंदगी में लगे हुए हैं और इस बात से अनजान हैं कि बहुत जल्द एक ‘ऐसा महा-संकट आनेवाला है जैसा दुनिया की शुरूआत से न अब तक आया है और न फिर कभी आएगा।’ (मत्ती 24:21) हम उन्हें बताना चाहते हैं कि न्याय के उस दौर में क्या-क्या होगा: झूठे धर्मों को खत्म कर दिया जाएगा और उसके बाद हर-मगिदोन में इस दुष्ट दुनिया का नाश कर दिया जाएगा। (प्रका. 16:14, 16; 17:16, 17; 19:11, 19, 20) हमारी यही दुआ है कि लोग इस चेतावनी पर ध्यान दें और हमारे साथ मिलकर यहोवा की उपासना करने लगें। लेकिन हमारे उन रिश्‍तेदारों का और दूसरे लोगों का क्या होगा जो इस चेतावनी पर ध्यान नहीं देते?

10. आगे जो होनेवाला है, उस बारे में लोगों को चेतावनी देना क्यों बहुत ज़रूरी है?

10 जैसा पिछले लेख में बताया गया था, महानगरी बैबिलोन का नाश देखकर शायद कुछ लोग यहोवा पर विश्‍वास करने लगें और आनेवाले नाश से बच जाएँ। तो सोचिए, आज लोगों को आनेवाले महा-संकट के बारे में चेतावनी देना और भी कितना ज़रूरी है। याद रखिए, अगर आज हम उन्हें यह संदेश सुनाएँ, तो शायद उस वक्‍त उन्हें यह याद आए।  (यहेजकेल 33:33 से तुलना करें।) हो सकता है, उन्हें याद आए कि साक्षी उन्हें बताया करते थे कि आगे क्या-क्या होनेवाला है और अंत आने से पहले शायद वे भी हमारे साथ यहोवा की उपासना करने लगें। याद कीजिए, फिलिप्पी का जेलर “एक बड़ा भूकंप” देखने के बाद यहोवा पर विश्‍वास करने लगा था। उसी तरह, आज जो लोग हमारे संदेश पर ध्यान नहीं देते, वे शायद दुनिया को हिलाकर रख देनेवाली घटना देखकर, यानी महानगरी बैबिलोन का नाश देखकर, यहोवा पर विश्‍वास करने लगें।​—प्रेषि. 16:25-34.

हमें यहोवा और उसके नाम से प्यार है

11. हम कैसे यहोवा को “महिमा, आदर और शक्‍ति” देते हैं? (प्रकाशितवाक्य 4:11) (तसवीरें भी देखें।)

11 खुशखबरी सुनाने की सबसे बड़ी वजह है कि हमें यहोवा परमेश्‍वर से और उसके पवित्र नाम से बेइंतिहा प्यार है। प्रचार करके हम दिखाते हैं कि हम अपने परमेश्‍वर से बहुत प्यार करते हैं और उसकी तारीफ करना चाहते हैं। (प्रकाशितवाक्य 4:11 पढ़िए।) हम मानते हैं कि यहोवा अपने सेवकों से महिमा, आदर और शक्‍ति पाने के योग्य है। जब हम लोगों को इस बात के सबूत देते हैं कि परमेश्‍वर ने “सारी चीज़ें रची हैं” और हम उसी की वजह से वजूद में हैं, तो हम यहोवा को “आदर” और “महिमा” दे रहे होते हैं। और जब हम अपना समय, ताकत और पैसा प्रचार काम में लगाते हैं और हमसे जितना हो सकता है उतना प्रचार करते हैं, तो हम उसके लिए अपनी “शक्‍ति” या ताकत लगा रहे होते हैं। (मत्ती 6:33; लूका 13:24; कुलु. 3:23) सीधे-सीधे कहें, तो हम अपने परमेश्‍वर से प्यार करते हैं और उसके बारे में दूसरों को बताना हमें बहुत अच्छा लगता है। हम लोगों को यह भी बताते हैं कि परमेश्‍वर का नाम क्या है और वह कैसा परमेश्‍वर है।

जब हम अपना समय, ताकत और पैसा प्रचार काम में लगाते हैं और हमसे जितना हो सकता है उतना प्रचार करते हैं, तो हम यहोवा के लिए अपनी शक्‍ति या ताकत लगा रहे होते हैं (पैराग्राफ 11)


12. प्रचार करके हम यहोवा का नाम कैसे पवित्र करते हैं?

12 हम यहोवा से प्यार करते हैं, इसलिए हम उसके नाम को भी पवित्र करना चाहते हैं। (मत्ती 6:9) शैतान ने यहोवा के बारे में झूठी बातें कही हैं और उसके नाम पर कलंक लगाया है। पर हम उस कलंक को मिटाना चाहते हैं। (उत्प. 3:1-5; अय्यू. 2:4; यूह. 8:44) प्रचार करके हम लोगों को बताना चाहते हैं कि हमारा परमेश्‍वर कैसा है। हम चाहते हैं कि सब यह जानें कि परमेश्‍वर प्यार है और उसके राज करने का तरीका ही सबसे अच्छा और सही है। हम सबको यह भी बताना चाहते हैं कि यहोवा बहुत जल्द अपने राज के ज़रिए सारी दुख-तकलीफें खत्म कर देगा और इंसानों को एक ऐसी दुनिया देगा, जहाँ हर तरफ शांति और खुशहाली होगी। (भज. 37:10, 11, 29; 1 यूह. 4:8) जब हम लोगों को ये बातें बताते हैं, तो हम यहोवा का पक्ष लेते हैं और उसका नाम पवित्र करते हैं। हमें इस बात की भी खुशी होती है कि हम अपने नाम पर खरे उतर रहे हैं। वह कैसे?

13. हमें क्यों गर्व है कि हम यहोवा के साक्षी हैं? (यशायाह 43:10-12)

13 यहोवा ने हमें अपना “साक्षी” चुना है। (यशायाह 43:10-12 पढ़िए।) कई सालों पहले शासी निकाय के एक खत में लिखा था, “हमारे लिए इससे बड़े सम्मान की बात और क्या हो सकती है कि हम यहोवा के साक्षी कहलाए जाते हैं!” c यह कितना बड़ा सम्मान है, इसे समझने के लिए एक उदाहरण पर ध्यान दीजिए। मान लीजिए, आप पर एक झूठा इलज़ाम लगाया गया है और आपको बदनाम किया गया है। आप पर एक मुकदमा चल रहा है। ऐसे में आप किसे अपने बारे में गवाही देने के लिए चुनेंगे? ज़ाहिर-सी बात है, आप किसी ऐसे व्यक्‍ति को चुनेंगे जिसे आप अच्छी तरह जानते हों और जिस पर आपको भरोसा हो। आप यह भी देखेंगे कि उस व्यक्‍ति का एक अच्छा नाम हो, ताकि सब लोग उसकी गवाही पर यकीन करें। अब ज़रा सोचिए, यहोवा ने हमें अपना गवाह या साक्षी चुना है। इससे पता चलता है कि वह हमें अच्छी तरह जानता है और उसे हम पर पूरा भरोसा है। उसे यकीन है कि हम सबके सामने गवाही देंगे कि वही सच्चा परमेश्‍वर है। हमारे लिए यह कितनी बड़ी बात है ना! इसलिए हम हर मौके पर परमेश्‍वर का नाम दूसरों को बताते हैं और उसके बारे में जितनी झूठी बातें फैलायी गयी हैं, उन्हें गलत साबित करते हैं। इस तरह हम अपने नाम पर खरे उतरते हैं, उस नाम पर जिससे हम जाने जाते हैं। हमें बहुत गर्व है कि हम यहोवा के साक्षी हैं!​—भज. 83:18; रोमि. 10:13-15.

अंत आने तक हम प्रचार करते रहेंगे

14. हम क्या देखने के लिए बेताब हैं?

14 हम यह देखने के लिए बेताब हैं कि आगे क्या होनेवाला है! हम उम्मीद करते हैं कि महा-संकट शुरू होने से पहले और भी लोग सच्चाई को कबूल करेंगे। साथ ही, हम यह जानकर भी बहुत खुश हैं कि इंसानी इतिहास के सबसे मुश्‍किल दौर में, यानी महा-संकट के दौरान भी, कई लोग शैतान की दुनिया को छोड़कर हमारे साथ यहोवा की महिमा करने लगेंगे।​—प्रेषि. 13:48.

15-16. हम किस काम में लगे रहेंगे और कब तक इसे करते रहेंगे?

15 महा-संकट आने से पहले हमारे पास बहुत काम है। हमें दुनिया-भर में परमेश्‍वर के राज की खुशखबरी सुनानी है। यह ऐसा काम है जो फिर कभी नहीं किया जाएगा। लेकिन इसके साथ-साथ हमें लोगों को चेतावनी भी देनी है। हमें उन्हें बताना है कि बहुत जल्द इस दुष्ट दुनिया का नाश होनेवाला है। फिर महा-संकट के दौरान, जब न्याय का समय आएगा, तो वे समझ जाएँगे कि जो संदेश हमने उन्हें सुनाया था, वह परमेश्‍वर यहोवा की तरफ से था।​—यहे. 38:23.

16 यह सब जानने के बाद हम क्या करेंगे? हम खुशी-खुशी और पूरे जोश से प्रचार करेंगे, क्योंकि हमें खुशखबरी से, लोगों से और सबसे बढ़कर यहोवा परमेश्‍वर और उसके नाम से प्यार है। और इस काम में हम तब तक लगे रहेंगे, जब तक यहोवा यह नहीं कहता, “प्रचार काम पूरा हो चुका है!”

गीत 54 “राह यही है!”

a हमारी सालाना सभा, 7 अक्टूबर, 2023 को अमरीका के न्यू यॉर्क में यहोवा के साक्षियों के न्यूबर्ग सम्मेलन भवन में रखी गयी थी। यह पूरा कार्यक्रम बाद में JW ब्रॉडकास्टिंग पर दिखाया गया था। इसका भाग 1, नवंबर 2023 में आया था और भाग 2, जनवरी 2024 में।

b इस भाई की कहानी पढ़ने के लिए jw.org/hi वेबसाइट पर जाएँ और खोजिए बक्स में “बाइबल में मेरे सभी सवालों के जवाब मिले” टाइप करें।

c मार्च 2007 की हमारी राज-सेवा  का पेज 3 पढ़ें।