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हर दिन यहोवा के साथ काम कीजिए

हर दिन यहोवा के साथ काम कीजिए

“हम परमेश्‍वर के सहकर्मी हैं।”​—1 कुरिं. 3:9.

गीत: 44, 28

1. हम यहोवा के साथ काम किन तरीकों से कर सकते हैं?

जब यहोवा ने परिपूर्ण इंसानों को बनाया, तो वह चाहता था कि वे उसके साथ काम करें। लेकिन आज इंसान अपरिपूर्ण हैं। फिर भी जो यहोवा के वफादार सेवक हैं, वे हर दिन उसके साथ काम कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, जब हम उसके राज की खुशखबरी सुनाते हैं और चेला बनाते हैं, तो हम “परमेश्‍वर के सहकर्मी” बनते हैं। (1 कुरिं. 3:5-9) यह हमारे लिए बड़े सम्मान की बात है कि इस अहम काम के लिए सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर ने हमें चुना है। लेकिन सिर्फ यही एक तरीका नहीं है, जिसके ज़रिए हम उसके सहकर्मी बनते हैं। इस लेख में हम यहोवा के सहकर्मी बनने के और भी तरीके देखेंगे। जैसे, परिवारवालों और मंडली के लोगों की मदद करना, मेहमान-नवाज़ी करना, पूरी दुनिया में चल रहे संगठन के किसी काम में हाथ बँटाना और परमेश्‍वर की ज़्यादा सेवा करने के लिए आगे आना।​—कुलु. 3:23.

2. हम यहोवा के लिए जो कुछ करते हैं, उसकी तुलना हमें दूसरों से क्यों नहीं करनी चाहिए?

2 इस लेख का अध्ययन करने के दौरान हमें ध्यान रखना चाहिए कि हर इंसान अलग होता है। हमारी उम्र, सेहत, हालात और काबिलीयतें एक जैसी नहीं होतीं। इस वजह से हम जो कुछ यहोवा के लिए कर सकते हैं, उसकी तुलना हमें दूसरों से नहीं करनी चाहिए। प्रेषित पौलुस ने कहा, “हर कोई अपने काम की जाँच करे। तब वह अपने ही काम से खुशी पाएगा, न कि दूसरों से खुद की तुलना करके।”​—गला. 6:4.

परिवारवालों और मंडली के भाई-बहनों की मदद कीजिए

3. यह क्यों कहा जा सकता है कि अपने परिवार की देखभाल करनेवाला व्यक्‍ति परमेश्‍वर के साथ काम करता है?

3 यहोवा चाहता है कि हम अपने परिवार की देखभाल करें। इस ज़िम्मेदारी में कई बातें शामिल हैं। अपने परिवार की ज़रूरतें पूरी करने के लिए बहुत-से लोगों को काम करना पड़ता है। कई माँएँ अपने छोटे बच्चों को सँभालने के लिए घर पर रहती हैं। कुछ लोगों को तो अपने बुज़ुर्ग या अस्वस्थ माता-पिता की देखभाल करनी पड़ती है। ये सब ज़रूरी काम हैं। बाइबल बताती है, “अगर कोई अपनों की, खासकर अपने घर के लोगों की देखभाल नहीं करता, तो वह विश्‍वास से मुकर गया है और अविश्‍वासी से भी बदतर है।” (1 तीमु. 5:8) शायद परिवार की ज़िम्मेदारियों की वजह से आपको लगे कि आप यहोवा के लिए उतना नहीं कर पा रहे हैं, जितना आप करना चाहते हैं। निराश मत होइए! जब आप अपने परिवार की ज़रूरतें पूरी करते हैं, तो यहोवा खुश होता है।​—1 कुरिं. 10:31.

4. माता-पिता राज के कामों को किस तरह अहमियत दे सकते हैं और इससे क्या फायदा होता है?

4 मसीही माता-पिता एक और तरीके से यहोवा के साथ काम कर सकते हैं। वे यहोवा की सेवा में लक्ष्य रखने में अपने बच्चों की मदद कर सकते हैं। कई माता-पिताओं ने ऐसा किया है। इस वजह से उनके बेटे-बेटियों ने बड़े होकर पूरे समय की सेवा करने का फैसला किया, यहाँ तक कि वे घर से दूर जाकर भी सेवा करने के लिए तैयार हो गए। कुछ मिशनरी बन गए हैं, कुछ ऐसी जगह जाकर पायनियर सेवा कर रहे हैं, जहाँ प्रचारकों की ज़्यादा ज़रूरत है, तो कुछ बेथेल में सेवा कर रहे हैं। यह सच है कि जब बच्चे दूर चले जाते हैं, तो माँ-बाप उनके साथ उतना समय नहीं बिता पाते, जितना वे चाहते हैं। फिर भी वे अपने बच्चों को वापस नहीं बुलाते बल्कि उनका हौसला बढ़ाते हैं कि वे जहाँ कहीं हैं, सेवा में लगे रहें। वे खुश हैं कि उनके बच्चे अपनी ज़िंदगी में यहोवा को सबसे ज़्यादा अहमियत देते हैं। (3 यूह. 4) उनमें से कई माता-पिताओं को हन्‍ना की तरह लगता है, जिसने कहा था कि उसने अपना बेटा शमूएल ‘यहोवा को दे दिया है।’ इस तरह यहोवा के साथ काम करना वे बड़े सम्मान की बात समझते हैं।​—1 शमू. 1:28.

5. आप अपनी मंडली के भाई-बहनों की मदद कैसे कर सकते हैं? (लेख की शुरूआत में दी तसवीर देखिए।)

5 अगर आप पर परिवार की ज़्यादा ज़िम्मेदारियाँ नहीं हैं, तो क्या आप उन भाई-बहनों की मदद कर सकते हैं, जो बीमार हैं या बुज़ुर्ग हैं या जिन्हें मदद की ज़रूरत है? क्या आप ऐसे भाई-बहनों की देखभाल करनेवालों की मदद कर सकते हैं? अपनी मंडली में देखिए कि किस भाई या बहन को इस तरह की मदद चाहिए। हो सकता है कि एक बहन अकेले अपने बुज़ुर्ग माता-पिता की देखभाल कर रही हो। क्या आप उसके माता-पिता के साथ थोड़ा वक्‍त बिता सकते हैं, ताकि वह अपने कुछ काम निपटा सके? आप किसी को सभा में या खरीददारी करने के लिए ले जा सकते हैं या फिर किसी को बीमार व्यक्‍ति से मिलाने अस्पताल ले जा सकते हैं। ऐसा करके आप यहोवा के साथ काम कर रहे होते हैं, जो शायद आपके ज़रिए किसी की प्रार्थना का जवाब दे रहा होता है।​—1 कुरिंथियों 10:24 पढ़िए।

मेहमान-नवाज़ी कीजिए

6. हम मेहमान-नवाज़ी कैसे कर सकते हैं?

6 परमेश्‍वर के सहकर्मी मेहमान-नवाज़ी के लिए जाने जाते हैं। जिस यूनानी शब्द का अनुवाद बाइबल में “मेहमान-नवाज़ी करना” किया गया है, उसका मतलब है, “अजनबियों पर कृपा करना।” (इब्रा. 13:2; फु.) परमेश्‍वर के वचन में हम कई लोगों के बारे में पढ़ सकते हैं और उनसे सीख सकते हैं कि मेहमान-नवाज़ी कैसे करनी चाहिए। (उत्प. 18:1-5) जब भी मौका मिले, हमें दूसरों की मदद करनी चाहिए, फिर चाहे वे हमारे भाई-बहन हों या नहीं।​—गला. 6:10.

7. पूरे समय की सेवा करनेवाले भाई-बहनों की मेहमान-नवाज़ी करने से क्या फायदे होते हैं?

7 क्या हम उन पूरे समय के सेवकों को अपने घर रुका सकते हैं, जो दूसरी जगह से आते हैं? जब हम इस तरह मेहमान-नवाज़ी करते हैं, तो हम यहोवा के साथ काम कर रहे होते हैं। (3 यूहन्‍ना 5, 8 पढ़िए।) इससे उन भाई-बहनों के साथ-साथ हमें भी फायदा होता है। बाइबल कहती है कि इससे “एक-दूसरे का हौसला” बढ़ता है। (रोमि. 1:11, 12) ज़रा ओलाफ के अनुभव पर ध्यान दीजिए। जब वह नौजवान था, तब एक अविवाहित सर्किट निगरान उसकी मंडली का दौरा करने आया। लेकिन उसे रुकाने का इंतज़ाम किसी के यहाँ नहीं हो पाया। ओलाफ ने अपने माता-पिता से पूछा कि क्या सर्किट निगरान उनके घर रह सकता है। उसके माता-पिता साक्षी नहीं थे। उन्होंने उसे इजाज़त तो दे दी, मगर कहा कि ओलाफ को सोफे पर सोना पड़ेगा। ओलाफ वहीं सोया और उसे इस बात का कोई पछतावा नहीं हुआ। सर्किट निगरान के साथ उसका पूरा हफ्ता बहुत अच्छा बीता। हर सुबह जल्दी उठकर जब वे नाश्‍ता करते, तो बहुत-से दिलचस्प विषयों पर बात करते थे। सर्किट निगरान ने ओलाफ का इतना हौसला बढ़ाया कि उसने पूरे समय की सेवा करने का फैसला किया। पिछले 40 सालों से ओलाफ अलग-अलग देशों में मिशनरी के तौर पर सेवा कर रहा है।

8. हमें लोगों पर कृपा क्यों करनी चाहिए, फिर चाहे वे इसकी कदर न करें? एक उदाहरण दीजिए।

8 हम कई तरीकों से अजनबियों पर कृपा कर सकते हैं, फिर चाहे शुरू में वे इसकी कदर न करें। एक उदाहरण पर गौर कीजिए। स्पेन में एक बहन इक्वाडोर से आयी एक औरत यासिका को बाइबल अध्ययन कराती थी। एक दिन अध्ययन के दौरान यासिका रोने लगी। बहन ने उससे पूछा कि वह रो क्यों रही है। यासिका ने बताया कि स्पेन आने से पहले वह बहुत गरीब थी। एक दिन उसके पास अपनी बच्ची को खिलाने के लिए कुछ नहीं था। उसने बच्ची को सिर्फ पानी पिलाकर सुलाने की कोशिश की और इस दौरान वह ईश्‍वर से दुआ करने लगी। तभी दो साक्षी बहनें उसके दरवाज़े पर आयीं और उन्होंने उसे एक पत्रिका देने की कोशिश की। मगर उसने उनके साथ बुरा व्यवहार किया। उसने कहा, “क्या इस पत्रिका से मेरी बच्ची का पेट भर जाएगा?” उसने वह पत्रिका फाड़ दी। उन साक्षी बहनों ने उसे शांत करने की कोशिश की, मगर यासिका ने उनकी एक न सुनी। कुछ समय बाद वे बहनें एक टोकरी में खाने-पीने की चीज़ें लायीं और उसके दरवाज़े पर रखकर चली गयीं। यासिका ने बताया कि अब जाकर उसे एहसास हुआ कि जिन लोगों के ज़रिए परमेश्‍वर ने उसकी प्रार्थना का जवाब दिया था, उन्हीं को उसने भगा दिया था और वही याद करके वह रो रही है। लेकिन अब यासिका ने फैसला कर लिया था कि वह यहोवा की सेवा करेगी। उन बहनों की उदारता का कितना बढ़िया नतीजा निकला!​—सभो. 11:1, 6.

संगठन के कामों में हाथ बँटाइए

9, 10. (क) इसराएलियों को किन कामों में हाथ बँटाने के मौके मिले? (ख) आज भाई मंडली के किन कामों में हाथ बँटा सकते हैं?

9 प्राचीन समय में इसराएलियों को कई मौके मिले कि वे परमेश्‍वर के लिए खुद को दे दें। (निर्ग. 36:2; 1 इति. 29:5; नहे. 11:2) उसी तरह आज आपके पास कई ऐसे मौके हैं, जिनमें आप भाई-बहनों की खातिर अपना समय, साधन और हुनर लगा सकते हैं। ऐसा करने पर आपको बहुत खुशी और आशीषें मिलेंगी।

10 बाइबल मंडली के भाइयों को बढ़ावा देती है कि वे यहोवा के साथ काम करने के लिए सहायक सेवक और प्राचीन के तौर पर सेवा करने के योग्य बनें। (1 तीमु. 3:1, 8, 9; 1 पत. 5:2, 3) इन ज़िम्मेदारियों के लिए आगे आनेवाले भाइयों की इच्छा रहती है कि वे उपासना और दूसरे मामलों में भाई-बहनों की मदद करें। (प्रेषि. 6:1-4) क्या आप एक भाई हैं और आपको प्राचीनों ने मददगार के तौर पर काम करने के लिए कहा है? क्या उन्होंने आपको साहित्य विभाग में, प्रचार इलाके से जुड़े कामों में, राज-घर की देखरेख करने में या दूसरे कामों में मदद करने के लिए कहा है? जो भाई इन कामों में हाथ बँटाते हैं, वे कहते हैं कि इससे उन्हें बहुत खुशी मिलती है।

जो मसीही संगठन के कामों में हाथ बँटाते हैं, वे अकसर नए दोस्त बनाते हैं (पैराग्राफ 11 देखिए)

11. निर्माण काम के दौरान भाई-बहनों से दोस्ती करने से एक बहन को क्या फायदा हुआ?

11 जो मसीही निर्माण काम के लिए आगे आते हैं, वे अकसर नए दोस्त बनाते हैं। मार्जी नाम की एक बहन पिछले 18 साल से राज-घर निर्माण योजनाओं में काम कर रही है। इस दौरान वह जवान बहनों से दोस्ती करती है और उन्हें काम सिखाती है। वह कहती है कि ऐसे निर्माण कामों के दौरान स्वयंसेवकों को एक-दूसरे का हौसला बढ़ाने का अच्छा मौका मिलता है। (रोमि. 1:12) वह बताती है कि अपनी ज़िंदगी के कई मुश्‍किल दौर में इन्हीं दोस्तों ने उसकी हिम्मत बँधायी। क्या आपने कभी किसी निर्माण काम में हाथ बँटाया है? आप निर्माण काम के लिए अपना नाम दे सकते हैं, फिर चाहे आपके पास कोई खास हुनर न भी हो।

12. किसी प्राकृतिक विपत्ति के बाद आप लोगों की किन तरीकों से मदद कर सकते हैं?

12 यहोवा के साथ काम करने का एक और तरीका है, उन भाई-बहनों की मदद करना, जो किसी प्राकृतिक विपत्ति की चपेट में आ जाते हैं। उनकी मदद के लिए हम पैसे दान कर सकते हैं। (यूह. 13:34, 35; प्रेषि. 11:27-30) हम राज-घरों या भाई-बहनों के घरों की साफ-सफाई और मरम्मत करने में भी मदद कर सकते हैं। जैसे पोलैंड की रहनेवाली गाब्रीयेला नाम की एक बहन की कुछ भाइयों ने मदद की। बाढ़ से उसके घर को काफी नुकसान हुआ था। जब पास की मंडलियों से भाई उसकी मदद के लिए आए, तो उन्हें देखकर उसे बहुत राहत मिली। उस घटना को याद करते हुए बहन बताती है कि वह इस बारे में चिंता नहीं करती कि उसने क्या खोया है, बल्कि इस बात पर ध्यान देती है कि उसने क्या पाया है। वह कहती है, “इस घटना से मैंने सीखा कि मसीही मंडली का भाग होना एक अनोखा सम्मान है और इससे बहुत खुशी मिलती है।” ऐसा और भी कई लोगों का कहना है, जिन्हें इस तरह की विपत्ति के बाद मदद दी गयी। जो इन भाई-बहनों की मदद करके यहोवा के साथ काम करते हैं, उन्हें भी बहुत खुशी और संतोष मिलता है।​—प्रेषितों 20:35; 2 कुरिंथियों 9:6, 7 पढ़िए।

13. जब हम भाई-बहनों की मदद करने आगे आते हैं, तो यहोवा के लिए हमारा प्यार कैसे बढ़ जाता है? एक उदाहरण दीजिए।

13 स्टेफानी नाम की एक बहन और उसके इलाके में रहनेवाले कुछ प्रचारकों को यहोवा के साथ काम करने का एक मौका मिला। उन्होंने उन साक्षियों की मदद की, जो युद्ध की वजह से अपने देश से अमरीका भाग आए थे। उन्होंने इन शरणार्थियों को घर ढूँढ़ने और ज़रूरी चीज़ें पाने में मदद दी। वह कहती है, “जब उन्हें पूरी दुनिया में फैली भाइयों की बिरादरी का प्यार मिला, तो वे बहुत खुश हुए और कदरदानी से भर गए। यह देखकर हमारा दिल भर आया। इन परिवारों का कहना है कि हमने उनकी मदद की, मगर हमें तो लगता है कि जितनी मदद हमने दी, उससे कहीं बढ़कर उन्होंने हमारी मदद की। उनका प्यार, विश्‍वास, उनकी एकता और यहोवा पर उनका भरोसा देखकर यहोवा के लिए हमारा प्यार और भी बढ़ गया। जो कुछ हमें उसके संगठन के ज़रिए मिलता है, उसके लिए हमारी कदरदानी भी बढ़ गयी।”

और भी बढ़कर सेवा करने के लिए आगे आइए

14, 15. (क) भविष्यवक्‍ता यशायाह में कैसा जज़्बा था? (ख) यशायाह के जैसा जज़्बा हम कैसे रख सकते हैं?

14 क्या आप यहोवा के साथ मिलकर और भी सेवा करना चाहते हैं? क्या आप ऐसी जगह जाएँगे, जहाँ प्रचारकों की ज़्यादा ज़रूरत है? यह ज़रूरी नहीं कि यहोवा की सेवा करने के लिए हम दूर जाएँ, फिर भी कुछ भाई-बहन ऐसा करते हैं। उनमें भविष्यवक्‍ता यशायाह के जैसा जज़्बा है। जब यहोवा ने पूछा, “मैं किसे भेजूँ? कौन हमारी तरफ से जाएगा?” तब यशायाह ने कहा, “मैं यहाँ हूँ! मुझे भेज!” (यशा. 6:8) क्या आप यहोवा के संगठन की मदद करना चाहते हैं? क्या आपके हालात इसकी इजाज़त देते हैं? अगर हाँ, तो आप किन तरीकों से मदद कर सकते हैं?

15 यीशु ने प्रचार करने और चेला बनाने के बारे में कहा, “कटाई के लिए फसल बहुत है मगर मज़दूर थोड़े हैं। इसलिए खेत के मालिक से बिनती करो कि वह कटाई के लिए और मज़दूर भेजे।” (मत्ती 9:37, 38) क्या आप ऐसी जगह जाकर पायनियर सेवा कर सकते हैं, जहाँ प्रचारकों की ज़्यादा ज़रूरत है या क्या ऐसा करने में किसी और की मदद कर सकते हैं? बहुत-से भाई-बहनों को लगता है कि यहोवा और पड़ोसियों के लिए अपना प्यार जताने का सबसे बेहतर तरीका है, उन जगहों पर जाकर पायनियर सेवा करना, जहाँ ज़्यादा ज़रूरत है। सोचिए कि आप और किन तरीकों से अपनी सेवा बढ़ा सकते हैं। अगर आप अपनी सेवा बढ़ाएँगे, तो आपको बहुत खुशी मिलेगी।

16, 17. यहोवा की सेवा और भी बढ़कर करने के कौन-कौन-से तरीके हैं?

16 क्या आप बेथेल में या निर्माण योजनाओं में काम कर सकते हैं? आप ऐसा कुछ वक्‍त के लिए या हर हफ्ते एक-दो दिन कर सकते हैं। यहोवा के संगठन को हमेशा ऐसे लोगों की ज़रूरत होती है, जो कहीं भी और कोई भी काम करने के लिए तैयार रहते हैं, फिर चाहे उन्हें दूसरे काम का हुनर या तजुरबा क्यों न हो। जो भाई-बहन त्याग करते हैं और जहाँ ज़रूरत है, वहाँ सेवा करने के लिए तैयार रहते हैं, उनकी यहोवा बहुत कदर करता है।​—भज. 110:3.

17 क्या आप और भी प्रशिक्षण चाहते हैं, ताकि आप यहोवा की सेवा अच्छी तरह कर सकें? तो क्यों न आप ‘राज प्रचारकों के लिए स्कूल’ में जाने की अर्ज़ी भरें? इस स्कूल में उन प्रौढ़ भाई-बहनों को प्रशिक्षण दिया जाता है, जो पहले से ही पूरे समय की सेवा कर रहे हैं। इससे वे यहोवा के संगठन के दूसरे कामों में हाथ बँटा पाते हैं। जो इस स्कूल में जाना चाहते हैं, उन्हें इस बात के लिए तैयार रहना चाहिए कि ग्रैजुएशन के बाद उन्हें सेवा के लिए कहीं भी भेजा जा सकता है। क्या आप इस तरह और भी बढ़कर यहोवा की सेवा करने के लिए तैयार हैं?​—1 कुरिं. 9:23.

18. हर दिन यहोवा के साथ काम करने से क्या फायदे होते हैं?

18 हम यहोवा के लोग हैं, इसलिए हम उदारता के और भलाई के काम करते हैं, लोगों पर कृपा करते हैं और उनसे प्यार से व्यवहार करते हैं। हम हर दिन लोगों की परवाह करते हैं। इससे हमें खुशी और शांति मिलती है। (गला. 5:22, 23) हमारे हालात चाहे जैसे भी हों, आइए हम यहोवा की तरह उदार बनें और उसके साथ काम करें। इससे हम यहोवा की नज़र में अनमोल ठहरेंगे और हमेशा खुश रहेंगे।​—नीति. 3:9, 10.