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क्या आपकी प्रचार सेवा ओस की तरह है?

क्या आपकी प्रचार सेवा ओस की तरह है?

प्रचार काम बहुत ज़रूरी है और यह बहुत मायने रखता है। लेकिन हम जिन्हें प्रचार करते हैं, उनमें से हर कोई इस काम की कदर नहीं करता। अगर लोग बाइबल के संदेश में दिलचस्पी लेते भी हैं, तब भी उन्हें हमेशा यह ज़रूरत महसूस नहीं होती कि वे हमारे साथ परमेश्वर के वचन का अध्ययन करें।

यही बात गेवन के बारे में भी सच थी। उसने मंडली की सभाओं में तो आना शुरू किया लेकिन बाइबल अध्ययन करने से मना कर दिया। वह कहता है, “मुझे शास्त्र की ज़्यादा समझ नहीं थी और मैं इस बारे में बताने से हिचकिचाता रहा। मैं इस बात का ध्यान रखता था कि कहीं मेरे साथ धोखा न हो जाए और मैं कोई वादा न कर बैठूँ।” आपको क्या लगता है? गेवन का कुछ नहीं हो सकता? नहीं! गौर कीजिए कि बाइबल की शिक्षाओं का एक व्यक्‍ति पर कितना अच्छा असर हो सकता है। यहोवा ने प्राचीन समय के अपने लोगों से कहा, “मेरी बातें ओस के समान टपकेंगी, जैसे कि हरी घास पर झींसी [“फुहार,” अ न्यू हिंदी ट्रांस्लेशन]।” (व्यव. 31:19, 30; 32:2) ओस की खूबियों पर गौर करने से हम समझ पाएँगे कि हम प्रचार में कैसे असरदार तरीके से सब किस्म के लोगों की मदद कर सकते हैं।—1 तीमु. 2:3, 4.

प्रचार काम ओस की तरह—कैसे?

ओस कोमल होती है। हवा में मौजूद पानी की भाप धीरे-धीरे बूँद-बूँद करके जम जाती है और इस तरह ओस बनती है। यहोवा की बातें कैसे ‘ओस के समान टपकती’ थीं? वह अपने लोगों से प्यार और कोमलता से बात करता था और उसकी बातों में परवाह झलकती थी। जब हम दूसरों के विश्वास की कदर करते हैं, तो हम यहोवा की मिसाल पर चल रहे होते हैं। हम लोगों को बढ़ावा देते हैं कि वे खुद तर्क करें और फिर किसी नतीजे पर पहुँचें। जब हम दूसरों को इस तरह लिहाज़ दिखाएँगे, तो लोग और भी ज़्यादा हमारी बात मानने के लिए तैयार होंगे और हमारी सेवा और भी असरदार होगी।

ओस ताज़गी देती है। जब हम इस बारे में सोचते हैं कि हम कैसे लोगों की दिलचस्पी बढ़ाएँ तो हमारी प्रचार सेवा दूसरों को ताज़गी देती है। गेवन को ही लीजिए, जिसका पहले ज़िक्र किया गया था। उस पर किसी ने भी बाइबल अध्ययन करने का दबाव नहीं डाला। इसके बजाय, क्रिस नाम के भाई ने, जिसने सबसे पहले गेवन को खुशखबरी सुनायी थी, कई अलग-अलग तरीके निकाले, ताकि गेवन आराम से बाइबल पर चर्चा कर सके। क्रिस ने गेवन को समझाया कि पूरी बाइबल का एक खास विषय है। इस विषय को समझने से वह सभाओं में बतायी जानेवाली बातें और अच्छी तरह समझ पाएगा। फिर क्रिस ने गेवन को बताया कि बाइबल की भविष्यवाणियों की वजह से वह यकीन कर पाया कि बाइबल में लिखी बातें सच हैं। नतीजा यह हुआ कि भविष्यवाणियों के सच होने के बारे में कई बार उनकी चर्चा हुई। इससे गेवन को ताज़गी महसूस हुई और आखिरकार वह बाइबल अध्ययन करने के लिए तैयार हो गया।

ओस ज़िंदगी बचाती है। इसराएल में जब गर्मी का मौसम होता है और सूखा पड़ता है, उस दौरान शायद कई महीनों तक बारिश न हो। ओस से मिलनेवाली नमी के बिना पेड़-पौधे मुर्झा जाते हैं और सूख जाते हैं। उसी तरह, आज की दुनिया में आध्यात्मिक बातों का अकाल पड़ा हुआ है, ठीक जैसे यहोवा ने पहले से बताया था। (आमो. 8:11) यहोवा ने वादा किया था कि अभिषिक्‍त मसीही जब राज का संदेश सुनाएँगे, तो वे “यहोवा की ओर से पड़नेवाली ओस” की तरह होंगे। इस काम में “दूसरी भेड़ें” उनका साथ देती हैं। (मीका 5:7; यूह. 10:16) हम जो संदेश सुनाते हैं, वह यहोवा की तरफ से किए गए जीवन-बचानेवाले इंतज़ाम का भाग है। यह इंतज़ाम उसने उनके लिए किया है, जो सच्चाई के प्यासे हैं। तो क्या हम इस संदेश की कदर करते हैं?

ओस यहोवा की तरफ से एक आशीष है। (व्यव. 33:13) जो लोग हमारा संदेश सुनते हैं, उनके लिए हमारा प्रचार काम एक आशीष हो सकता है। गेवन को ऐसी ही एक आशीष मिली। बाइबल अध्ययन करने के ज़रिए, उसे अपने सभी सवालों के जवाब मिले। उसने बपतिस्मा लेने के लिए काफी जल्दी तरक्की की और अब वह अपनी पत्नी जोइस के साथ खुशी-खुशी राज की खुशखबरी का प्रचार करने में पूरा हिस्सा लेता है।

यहोवा के साक्षी पूरी धरती को राज की खुशखबरी से सराबोर कर रहे हैं

प्रचार काम को अनमोल समझिए

ओस के बारे में सोचने से हमें बढ़ावा मिलता है कि हम प्रचार में जो हिस्सा लेते हैं, उसे बेहद अनमोल समझें। वह कैसे? पानी की एक-एक बूँद से बहुत कम फायदा होता है, लेकिन ओस की लाखों बूँदों से धरती को नमी मिलती है। उसी तरह, प्रचार में हम निजी तौर पर जो हिस्सा लेते हैं, वह शायद हमें बहुत थोड़ा लगे। लेकिन यहोवा के लाखों सेवकों की मेहनत को मिलाकर “सब राष्ट्रों” में गवाही दी जा रही है। (मत्ती 24:14) क्या हमारा प्रचार काम दूसरों के लिए यहोवा की तरफ से आशीष साबित होगा? हाँ हो सकता है, अगर हमारा संदेश ओस की तरह कोमल, ताज़गी देनेवाला और जान बचानेवाला हो!