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पौलुस ने जब यह कहा कि हर अभिषिक्‍त मसीही को परमेश्वर से “बयाना” मिलता है और उस पर “मुहर” लगायी जाती है, तो उसका क्या मतलब था?—2 कुरिं. 1:21, 22.

पुराने ज़माने में, किसी कागज़ात को पक्का करने के लिए एक मुहरवाली अँगूठी को चिकनी मिट्टी या मोम पर दबाया जाता था

बयाना: एक किताब के मुताबिक, 2 कुरिंथियों 1:22 में जिस यूनानी शब्द का अनुवाद “बयाना” किया गया है, वह “एक कानूनी और व्यापारिक शब्द” था। उसका मतलब था ‘पहली किश्त, जमा राशि या पेशगी, जो कोई चीज़ खरीदने के लिए तय रकम का कुछ हिस्सा होता है और यह पहले से दे दिया जाता है। इस तरह खरीदी जानेवाली चीज़ कानूनी तौर पर खरीददार की मानी जाती है या सौदा पक्का हो जाता है।’ अभिषिक्‍त मसीहियों के मामले में यहोवा ने उस इनाम के लिए बयाना दिया है, जो उन्हें मिलेगा। दूसरा कुरिंथियों 5:1-5 में बताया गया है कि पूरी रकम या इनाम के तौर पर उन्हें स्वर्ग में अनश्वर शरीर मिलेगा। इस इनाम में अमरता का तोहफा भी शामिल होगा।—1 कुरिं. 15:48-54.

आजकल बोली जानेवाली यूनानी में, इसी से मिलता-जुलता शब्द सगाई की अँगूठी के लिए इस्तेमाल होता है। यह उनके लिए बिलकुल सही उदाहरण है, जो मसीह की लाक्षणिक पत्नी का हिस्सा होंगे।—2 कुरिं. 11:2; प्रका. 21:2, 9.

मुहर: पुराने ज़माने में, मुहर यह पक्का करने के लिए दस्तखत की तरह इस्तेमाल की जाती थी कि फलाँ चीज़ किसकी है या उस पर किसका अधिकार है। इससे किसी करार को भी पक्का किया जाता था। अभिषिक्‍त मसीहियों पर पवित्र शक्‍ति के ज़रिए लाक्षणिक तौर पर इस बात की “मुहर” या छाप लगायी गयी है कि वे परमेश्वर की जागीर हैं। (इफि. 1:13, 14) लेकिन यह मुहर पक्की नहीं होती। इसे एक वफादार व्यक्‍ति की मौत से कुछ समय पहले पक्का किया जाता है, या महा-संकट के शुरू होने से कुछ समय पहले पक्का किया जाएगा।—इफि. 4:30; प्रका. 7:2-4.