प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण जून 2018

इस अंक में 6 अगस्त से 2 सितंबर, 2018 के लिए अध्ययन लेख दिए गए हैं।

“मेरा राज इस दुनिया का नहीं है”

राजनैतिक और सामाजिक मसलों के बारे में यीशु का जो नज़रिया था, उससे हम क्या सीखते हैं?

हम सब एक हों जैसे यहोवा और यीशु एक हैं

परमेश्‍वर के लोगों के बीच एकता बढ़ाने के लिए आप क्या कर सकते हैं?

वह परमेश्‍वर की मंज़ूरी पा सकता था

यहूदा के राजा रहूबियाम की मिसाल से हम समझ पाएँगे कि परमेश्‍वर हममें क्या देखता है।

परमेश्‍वर के नियमों और सिद्धांतों से ज़मीर का प्रशिक्षण कीजिए

परमेश्‍वर ने हमें ज़मीर दिया है, जो जीपीएस या कम्पास की तरह है। लेकिन हमें इसका सही प्रशिक्षण करना होगा, तभी यह हमारा अच्छी तरह मार्गदर्शन कर सकता है।

यहोवा की महिमा करने के लिए रौशनी की तरह चमकते रहिए

प्रचार के अलावा रौशनी की तरह चमकने के लिए हमें कुछ और भी करना होगा।

जीवन कहानी

जब चिंताएँ मुझ पर हावी थीं, तब मुझे दिलासा मिला

ऐडवर्ड बेज़ली को पारिवारिक समस्याएँ झेलनी पड़ी, विरोध सहना पड़ा, नाकामी हासिल हुई और गहरा सदमा लगा।

नमस्कार को कम न आँकें!

चंद शब्दों में भी नमस्कार करने से दूसरों पर अच्छा असर पड़ सकता है।

क्या आपको याद है?

हाल की प्रहरीदुर्ग पत्रिकाओं के आधार पर क्या आप कुछ सवालों के जवाब दे सकते हैं?