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क्या आपको याद है?

क्या आपको याद है?

क्या आपने हाल की प्रहरीदुर्ग पत्रिकाएँ ध्यान से पढ़ी हैं? देखिए कि क्या आप नीचे दिए सवालों के जवाब दे पाते हैं या नहीं:

अच्छी तरह गाने के लिए हमें कौन-से चार कदम उठाने चाहिए?

गीत गाते वक्‍त हमें सीधे खड़े होना चाहिए और अपनी किताब ऊपर उठानी चाहिए। हमें सही तरह साँस लेनी चाहिए। हमें अच्छे से मुँह खोलकर ऊँची आवाज़ में गीत गाना चाहिए।​—प्र17.11, पेज 5.

जिन जगहों में शरण नगर थे और उन नगरों तक जानेवाली जो सड़कें थीं, उनके बारे में क्या बात खास थी?

इसराएल में यरदन नदी के दोनों तरफ तीन-तीन शरण नगर थे और उन तक जानेवाली सड़कों को अच्छी हालत में रखा जाता था, इसलिए एक आदमी जल्द-से-जल्द और आसानी से शरण नगर तक पहुँच सकता था।​—प्र17.11, पेज 14.

ऐसा क्यों कहा जा सकता है कि यीशु का फिरौती बलिदान परमेश्‍वर की तरफ से मिला सबसे बढ़िया तोहफा है?

यीशु का फिरौती बलिदान हमारी यह चाहत पूरी करता है कि हम हमेशा जीएँ। हमें पाप और मौत से छुड़ाए जाने की ज़रूरत है और इस ज़रूरत को फिरौती बलिदान पूरा करता है। परमेश्‍वर आदम की संतानों से प्यार करता है, इसलिए जब हम पापी ही थे, तो उसने अपने बेटे को हमारी खातिर बलिदान कर दिया।​—जन17 अंक6, पेज 6-7.

भजन 118:22 से कैसे पता चलता है कि यीशु को मरे हुओं में से ज़िंदा किया जाता?

यहूदियों ने यीशु को मसीहा मानने से इनकार कर दिया और उसे मरवा डाला, इसलिए “कोने का मुख्य पत्थर” बनने के लिए उसे फिर से ज़िंदा किया जाना ज़रूरी था।​—प्र17.12, पेज 9-10.

क्या प्राचीन इसराएल में मसीहा का पुरखा बनने के लिए पहलौठा होना ज़रूरी था?

यीशु की वंशावली में बताए सभी पुरखे पहलौठे नहीं थे। जैसे, दाविद यिशै का पहलौठा नहीं था, फिर भी उसके वंश से मसीहा आया।​—प्र17.12, पेज 14-15.

स्वास्थ्य संबंधी कुछ बातें क्या हैं, जो बाइबल में पायी जाती हैं?

मूसा के कानून में बताया गया था: कुछ बीमारियों से पीड़ित लोगों को दूसरों से अलग रखा जाए, शव छूने के बाद लोग खुद को पानी से शुद्ध करें, मल का सही विसर्जन किया जाए और लड़का पैदा होने पर आठवें दिन उसका खतना किया जाए, क्योंकि खून जमने की प्रक्रिया बच्चे के जन्म के एक हफ्ते बाद ही ठीक से काम करती है।​—जन18 अंक1, पेज 7.

एक मसीही के लिए कुछ हद तक खुद से प्यार करना क्यों गलत नहीं है?

बाइबल कहती है कि हमें अपने पड़ोसी से वैसा ही प्यार करना है, जैसे हम खुद से करते हैं। (मर. 12:31) “पतियों को चाहिए कि वे अपनी-अपनी पत्नी से ऐसे प्यार करें जैसे अपने शरीर से।” (इफि. 5:28) लेकिन खुद से हद-से-ज़्यादा प्यार करना गलत है और इससे एक इंसान स्वार्थी बन सकता है।​—प्र18.01, पेज 23.

परमेश्‍वर के साथ अपना रिश्‍ता मज़बूत करते रहने के कुछ तरीके क्या हैं?

हमें परमेश्‍वर के वचन का अध्ययन करना चाहिए, उस पर मनन करना चाहिए और सीखी बातों को लागू करना चाहिए। इसके अलावा हमें पवित्र शक्‍ति के मार्गदर्शन पर चलना चाहिए, दूसरों की मदद लेना चाहिए और उनका एहसान मानना चाहिए।​—प्र18.02, पेज 26.

भविष्य के बारे में जानने के लिए ज्योतिषियों और दूसरे लोगों के पास जाना क्यों सही नहीं है?

इसकी बहुत-सी वजह हैं, लेकिन सबसे बड़ी वजह बाइबल बताती है कि परमेश्‍वर इस तरह के कामों से नफरत करता है।​—जन18 अंक2, पेज 4-5.

जब हमने कोई न्यौता कबूल कर लिया है, तब हमें क्या करना चाहिए?

अगर हमने कोई न्यौता कबूल किया है, तो हमें अपने वादे का पक्का होना चाहिए। (भज. 15:4) हमें बिना किसी ठोस कारण के उसे रद्द नहीं कर देना चाहिए। हो सकता है कि हमारे मेज़बान ने काफी मेहनत से खाना तैयार किया हो।​—प्र18.03, पेज 18.

तीमुथियुस ज़िम्मेदार भाइयों के लिए कैसे एक मिसाल है?

तीमुथियुस को लोगों की सच्ची परवाह थी और उसने प्रचार काम को पहली जगह दी। उसने जी-जान से पवित्र सेवा की और जो सीखा उसे लागू किया। वह खुद को प्रशिक्षण देता रहा और पवित्र शक्‍ति पर निर्भर रहा। तीमुथियुस की मिसाल पर प्राचीन और दूसरे मसीही भी चल सकते हैं।​—प्र18.04, पेज 13-14.