इस जानकारी को छोड़ दें

विषय-सूची को छोड़ दें

यहोवा की महिमा करने के लिए रौशनी की तरह चमकते रहिए

यहोवा की महिमा करने के लिए रौशनी की तरह चमकते रहिए

“तुम्हारी रौशनी लोगों के सामने चमके ताकि वे . . . तुम्हारे पिता की महिमा करें।”​—मत्ती 5:16.

गीत: 143, 9

1. हमारे पास खुश होने की कौन-सी खास वजह है?

परमेश्‍वर के सेवक रौशनी की तरह चमक रहे हैं। उनकी गिनती दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। यह जानकर हमें बेहद खुशी होती है। पिछले साल यहोवा के सेवकों ने करीब 1 करोड़ लोगों के साथ बाइबल अध्ययन किया। बाइबल के संदेश में दिलचस्पी लेनेवाले लाखों लोग स्मारक में हाज़िर हुए और फिरौती का जो प्यार-भरा इंतज़ाम यहोवा ने किया है, उसके बारे में उन्होंने सीखा।​—1 यूह. 4:9.

2, 3. (क) कौन-सी बात हमें ‘रौशनी की तरह चमकने’ से नहीं रोक सकती? (ख) इस लेख में हम क्या चर्चा करेंगे?

2 अलग-अलग देशों में यहोवा के साक्षियों की भाषा अलग-अलग है। मगर इस वजह से वे एक परिवार के तौर पर यहोवा की महिमा करने से पीछे नहीं हटते। (प्रका. 7:9) चाहे वे जो भी भाषा बोलते हों या जहाँ भी रहते हों, वे ‘इस दुनिया में रौशनी की तरह चमकते हैं।’​—फिलि. 2:15.

3 जब हम प्रचार काम करते हैं, अपनी मसीही एकता बनाए रखते हैं और यीशु की आज्ञा के मुताबिक जागते रहते हैं, तो हम यहोवा की महिमा करते हैं। इन तीनों पहलुओं में हम रौशनी की तरह कैसे चमक सकते हैं?​—मत्ती 5:14-16 पढ़िए।

यहोवा की उपासना करने में लोगों की मदद कीजिए

4, 5. (क) प्रचार करने के अलावा और किस तरह हम रौशनी की तरह चमक सकते हैं? (ख) जब लोगों के साथ हमारा व्यवहार प्यार-भरा होता है, तो उन पर इसका क्या असर होता है? (लेख की शुरूआत में दी तसवीर देखिए।)

4 रौशनी की तरह चमकने का एक अहम तरीका है, प्रचार करना और चेले बनाना। (मत्ती 28:19, 20) 1 जून, 1925 की प्रहरीदुर्ग (अँग्रेज़ी) में एक लेख आया था, “अँधेरे में चमकती रौशनी।” उसमें लिखा था, ‘अगर एक व्यक्‍ति आखिरी दिनों में रौशनी की तरह नहीं चमकता, तो वह प्रभु का वफादार नहीं रह सकता। रौशनी की तरह चमकते रहने के लिए ज़रूरी है कि वह धरती के लोगों को खुशखबरी सुनाए और रौशनी की राह पर चले।’ प्रचार करने के अलावा हमारे व्यवहार से भी यहोवा की महिमा होती है। लोग हमारे व्यवहार पर ध्यान देते हैं। जब प्रचार करते वक्‍त हम मुस्कुराकर प्यार से लोगों को नमस्कार करते हैं, तो इससे हमारे बारे में और परमेश्‍वर यहोवा के बारे में उनके मन में एक अच्छी तसवीर बनती है।

5 यीशु ने अपने चेलों से कहा था, “जब तुम किसी घर में जाओ, तो घर के लोगों को नमस्कार करो।” (मत्ती 10:12) जिन इलाकों में यीशु ने प्रचार किया था, आम तौर पर वहाँ के लोग अजनबियों को घर के अंदर बुलाते थे। लेकिन आज ज़्यादातर देशों में लोग ऐसा नहीं करते। जब वे किसी अजनबी को अपने दरवाज़े पर देखते हैं, तो उन्हें डर लगता है या फिर चिढ़ होती है। लेकिन अगर हमारा अंदाज़ मिलनसार या प्यार-भरा हो, तो उनका रवैया थोड़ा बदल सकता है। ट्रॉली या मेज़ लगाकर सरेआम गवाही देते वक्‍त शायद आपने गौर किया हो कि जब आप मुस्कुराते हैं और प्यार से लोगों को नमस्कार करते हैं, तो वे बेझिझक आपके पास आते हैं और किताब या पत्रिका ले लेते हैं। कई लोग तो अच्छी तरह बातचीत भी करते हैं!

6. एक पति-पत्नी बुज़ुर्ग होने के बावजूद किस तरह जोश से प्रचार करते हैं?

6 इंग्लैंड के एक बुज़ुर्ग पति-पत्नी घर-घर जाकर ज़्यादा प्रचार नहीं कर पाते, क्योंकि उनकी सेहत ठीक नहीं रहती। वे अपने घर के बाहर एक मेज़ लगाते हैं और उस पर किताबें-पत्रिकाएँ रखते हैं। उनका घर एक स्कूल के पास है, इसलिए वे ऐसी किताबें-पत्रिकाएँ रखते हैं, जिनमें माता-पिताओं को दिलचस्पी होती है। जब माता-पिता बच्चों को लेने आते हैं, तो उनकी नज़र किताबों पर पड़ती है। कुछ ने तो ये किताबें लीं, जैसे अँग्रेज़ी में नौजवानों के सवाल किताब के दो खंड। अकसर इस दौरान एक पायनियर बहन भी इस बुज़ुर्ग पति-पत्नी के साथ रहती है। कई माता-पिताओं ने गौर किया है कि यह बहन लोगों से प्यार से मिलती है और यह भी कि बुज़ुर्ग पति-पत्नी दिल से लोगों की मदद करना चाहते हैं। एक माता-पिता ने तो बाइबल का अध्ययन भी शुरू कर दिया है।

7. आप अपने इलाके में रहनेवाले शरणार्थियों की मदद कैसे कर सकते हैं?

7 हाल के कुछ सालों में कई लोगों को अपना देश छोड़कर दूसरे देश में शरणार्थी बनकर रहना पड़ा है। जो शरणार्थी आपके इलाके में रहते हैं, उन्हें आप यहोवा के बारे में कैसे सिखा सकते हैं? सबसे पहले, उनकी भाषा में नमस्ते कहना सीखिए। इसके अलावा JW लैंग्वेज ऐप के ज़रिए आप कुछ ऐसे वाक्य सीख सकते हैं, जिनसे वे आपकी बात सुनने के लिए तैयार हों। फिर आप उन्हें jw.org से उनकी भाषा में वीडियो और किताबें-पत्रिकाएँ दिखा सकते हैं।​—व्यव. 10:19.

8, 9. (क) हफ्ते के बीच होनेवाली सभा से हमें किस तरह मदद मिलती है? (ख) माता-पिता अपने बच्चों को सभाओं में अच्छे-से जवाब देना कैसे सिखा सकते हैं?

8 अच्छी तरह प्रचार करने के लिए हमें जो चाहिए, यहोवा ने वह सब दिया है। जैसे, मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा का इंतज़ाम। इस सभा से जो हम सीखते हैं, उससे खुद पर हमारा यकीन बढ़ता है कि हम अच्छी तरह वापसी भेंट कर सकते हैं और लोगों के साथ बाइबल अध्ययन भी शुरू कर सकते हैं।

9 जब लोग हमारी सभाओं में आते हैं, तो अकसर उन्हें छोटे-छोटे बच्चों के जवाब सुनकर बहुत अच्छा लगता है। इस वजह से ज़रूरी है कि माता-पिता अपने बच्चों को अपने शब्दों में जवाब देना सिखाएँ। जब हमारी सभाओं में आनेवाले कुछ नए लोगों ने देखा कि बच्चे किस तरह सरल तरीके से और दिल से जवाब दे रहे हैं, तो वे सच्चाई सीखने के लिए कायल हो गए।​—1 कुरिं. 14:25.

एकता का बंधन मज़बूत कीजिए

10. पारिवारिक उपासना से परिवारों की एकता किस तरह मज़बूत हो सकती है?

10 रौशनी की तरह चमकने का एक और तरीका है कि हम अपने परिवार और मंडली में एकता का बंधन मज़बूत करें। माता-पिताओं को अपने परिवार के साथ नियमित तौर पर पारिवारिक उपासना करनी चाहिए। कई परिवार के लोग साथ मिलकर JW ब्रॉडकास्टिंग देखते हैं। फिर वे चर्चा करते हैं कि सीखी हुई बातें वे अपनी ज़िंदगी में कैसे लागू कर सकते हैं। यह भी ध्यान रखनेवाली बात है कि हर उम्र के बच्चे को अलग-अलग मार्गदर्शन चाहिए। इस वजह से माता-पिता को पूरी कोशिश करनी चाहिए कि परिवार के हर सदस्य को पारिवारिक उपासना से फायदा हो।​—भज. 148:12, 13.

बुज़ुर्ग भाई-बहनों के साथ वक्‍त बिताने से उन्हें भी फायदा होता है और हमें भी (पैराग्राफ 11 देखिए)

11-13. हम सब मंडली की एकता किस तरह और भी बढ़ा सकते हैं?

11 मंडली की एकता मज़बूत करने में हर कोई कुछ-न-कुछ कर सकता है। अगर आप मसीही नौजवान हैं, तो आप रौशनी की तरह चमकने में मंडली के भाई-बहनों की मदद कर सकते हैं। एक तरीका है, अपनी उम्र से बड़े भाई-बहनों के साथ दोस्ती कीजिए। उनसे पूछिए कि इतने सालों से यहोवा की सेवा करते रहने में किस बात ने उनकी मदद की। शायद वे आपको अपनी ज़िंदगी के अनुभव बताएँ। इससे उनका भी हौसला बढ़ेगा और आपका भी। हम चाहे जवान हों या बुज़ुर्ग, हम सब राज-घर में आनेवाले लोगों का स्वागत कर सकते हैं। हम उन्हें मुस्कुराकर नमस्ते कह सकते हैं, उन्हें दूसरों से मिलवा सकते हैं और उन्हें बैठने की जगह बता सकते हैं। ऐसा करने से राज-घर में आनेवाले नए लोगों को अच्छा लगेगा।

12 अगर आपको प्रचार की सभा चलाने की ज़िम्मेदारी दी जाए, तो आप रौशनी की तरह चमकने में बुज़ुर्गों की काफी मदद कर सकते हैं। यह ध्यान रखिए कि उनकी सहूलियत के हिसाब से उनके पास प्रचार का इलाका हो। उनके साथ प्रचार करने के लिए जवान भाई-बहनों को भेजिए। बुज़ुर्ग भाई-बहन और जिनकी सेहत ठीक नहीं रहती, वे अकसर यह सोचकर उदास हो जाते हैं कि अब वे पहले जितना नहीं कर सकते। लेकिन यह जानकर उन्हें बहुत अच्छा लगेगा कि आपको उनका खयाल है और आप उनके हालात समझते हैं। आपका प्यार और आपकी परवाह देखकर उन्हें जोश से प्रचार करते रहने की हिम्मत मिलेगी, फिर चाहे उनकी उम्र कितनी भी हो या वे कितने भी साल से सच्चाई में हों।​—लैव्य. 19:32.

13 एक भजन के लिखनेवाले ने कहा, “भाइयों का एक होकर रहना क्या ही भली और मनभावनी बात है!” (भजन 133:1, 2 पढ़िए।) साथ मिलकर यहोवा की उपासना करने से इसराएलियों को बहुत अच्छा लगता था। भजन के लिखनेवाले ने इस बात की तुलना अभिषेक के तेल से की, जिससे ताज़गी मिलती थी और खुशबू आती थी। उसी तरह भाई-बहनों के साथ हँसने-मुस्कुराने से और प्यार से पेश आने से उन्हें ताज़गी मिलती है। इससे मंडली की एकता और मज़बूत होती है। अगर आप ऐसा कर रहे हैं, तो यह तारीफ के काबिल है। लेकिन क्या आप “अपने दिलों को बड़ा” कर सकते हैं यानी मंडली के ज़्यादा-से-ज़्यादा भाई-बहनों को जानने की कोशिश कर सकते हैं?​—2 कुरिं. 6:11-13.

14. आप जहाँ रहते हैं, वहाँ आप रौशनी की तरह कैसे चमकते रह सकते हैं?

14 चाहे आप जहाँ भी रहते हों, आप रौशनी की तरह चमकते रह सकते हैं। आपका प्यार और अच्छा व्यवहार देखकर आपके पड़ोसी के मन में यहोवा के बारे में जानने की इच्छा बढ़ सकती है। खुद से पूछिए, ‘मेरे पड़ोसी मेरे बारे में क्या सोचते हैं? क्या मेरा घर साफ-सुथरा रहता है? क्या साफ-सफाई की वजह से आस-पड़ोस और अच्छा हो जाता है? क्या मैं पड़ोसियों की मदद करता हूँ?’ भाई-बहनों से पूछिए कि उनके प्यार-भरे और अच्छे व्यवहार को देखकर उनके रिश्‍तेदारों, पड़ोसियों, साथ काम करनेवालों या स्कूल में साथ पढ़नेवालों पर क्या अच्छा असर हुआ है।​—इफि. 5:9.

जागते रहिए

15. हमें क्यों जागते रहना चाहिए?

15 रौशनी की तरह अच्छी तरह चमकते रहने के लिए यह समझना ज़रूरी है कि हम किस समय में जी रहे हैं। यीशु ने कई बार अपने चेलों से कहा, “जागते रहो।” (मत्ती 24:42; 25:13; 26:41) अगर हमें लगता है कि महा-संकट शुरू होने में अभी देर है, तो हो सकता है कि हम हर मौके पर लोगों को यहोवा के बारे में सिखाने की न सोचें। (मत्ती 24:21) ऐसा रवैया होने से रौशनी की तरह चमकते रहने के बजाय धीरे-धीरे हमारी रौशनी धुँधली पड़ सकती है, यहाँ तक कि पूरी तरह बुझ सकती है।

16, 17. आप यह कैसे दिखा सकते हैं कि आप जाग रहे हैं?

16 दुनिया के हालात बद-से-बदतर होते जा रहे हैं, इसलिए आज जागते रहना पहले से कहीं ज़्यादा ज़रूरी है। जो वक्‍त यहोवा ने तय किया है, ठीक उसी वक्‍त अंत आएगा। (मत्ती 24:42-44) तब तक सब्र से काम लीजिए और नयी दुनिया में मिलनेवाली आशीषों पर नज़र टिकाए रखिए। हर दिन बाइबल पढ़िए। हमेशा यहोवा से प्रार्थना कीजिए। (1 पत. 4:7) उन भाई-बहनों से सीखिए, जो सालों से यहोवा की सेवा कर रहे हैं। ऐसे कुछ भाई-बहनों की जीवन कहानी आप हमारे प्रकाशन में पढ़ सकते हैं। जैसे, एक जीवन कहानी 15 अप्रैल, 2012 की प्रहरीदुर्ग के पेज 18-21 पर दी है, “सत्तर सालों से मैंने यहूदी के वस्त्र की छोर को पकड़ रखा है।”

17 यहोवा की सेवा में व्यस्त रहिए। दूसरों के लिए भले काम कीजिए और भाई-बहनों के साथ वक्‍त बिताइए। ऐसा करने पर आप खुश रहेंगे और आपको ऐसा लगेगा मानो वक्‍त पंख लगाकर उड़ रहा है। (इफि. 5:16) करीब सौ साल पहले हमारे भाई-बहन काफी व्यस्त रहे और उन्होंने बहुत कुछ किया। आज हम और भी व्यस्त हैं, क्योंकि यहोवा का काम बहुत बड़े पैमाने पर हो रहा है, जिसकी हमने कल्पना भी नहीं की थी। हमारी रौशनी काफी तेज़ चमक रही है!

रखवाली भेंट के दौरान हम परमेश्‍वर से मिलनेवाली बुद्धि से फायदा पा सकते हैं (पैराग्राफ 18, 19 देखिए)

18, 19. जोश से यहोवा की सेवा करने में प्राचीन किस तरह हमारी मदद कर सकते हैं? एक उदाहरण दीजिए।

18 हालाँकि हमसे बहुत-सी गलतियाँ हो जाती हैं, फिर भी यहोवा हमें उसकी सेवा करने का मौका देता है। उसने हमें सुधारने या हमारी मदद करने के लिए “आदमियों के रूप में तोहफे” यानी मंडली के प्राचीन दिए हैं। (इफिसियों 4:8, 11, 12 पढ़िए।) जब प्राचीन आपसे मिलने आते हैं, तो इस मौके का पूरा फायदा उठाइए। वे जो बुद्धि की बातें कहते हैं या सलाह देते हैं, उससे सीखिए।

19 इंग्लैंड में रहनेवाले एक पति-पत्नी की ज़िंदगी में कुछ समस्याएँ थीं। उन्होंने दो प्राचीनों से बात की। पत्नी को लगता था कि उसका पति यहोवा की सेवा करने में अगुवाई नहीं लेता। पति ने माना कि वह नियमित तौर पर पारिवारिक उपासना नहीं कर पा रहा है। उसे लगता था कि वह अच्छी तरह सिखा नहीं पाता। प्राचीनों ने उन्हें यीशु के उदाहरण पर सोचने के लिए कहा। यीशु अपने चेलों की अच्छी तरह देखभाल करता था। उन्होंने पति को बढ़ावा दिया कि वह भी यीशु के नक्शे-कदम पर चले और पत्नी से कहा कि वह अपने पति के साथ सब्र रखे। उन्होंने यह भी बताया कि वे अपने दो छोटे बच्चों के साथ पारिवारिक उपासना कैसे कर सकते हैं। (इफि. 5:21-29) परिवार का अच्छा मुखिया बनने के लिए पति ने बहुत मेहनत की। प्राचीनों ने इसके लिए उसकी तारीफ की और कहा कि वह यहोवा की पवित्र शक्‍ति पर भरोसा रखे और कभी हिम्मत न हारे। जिस तरह प्राचीनों ने उनकी परवाह की, उससे उन्हें बहुत फायदा हुआ!

20. रौशनी की तरह चमकने से क्या फायदा होता है?

20 एक भजन के लिखनेवाले ने कहा, “सुखी है हर कोई जो यहोवा का डर मानता है, उसकी राहों पर चलता है।” (भज. 128:1) रौशनी की तरह चमकने के लिए ज़रूरी है कि हम लोगों को परमेश्‍वर के बारे में सिखाएँ, अपने परिवार और मंडली में एकता का बंधन मज़बूत करें और जागते रहें। इससे हम खुश रहेंगे और शायद हमारा बढ़िया उदाहरण देखकर दूसरों के मन में भी यहोवा की महिमा करने की इच्छा जागे।​—मत्ती 5:16.