अध्ययन लेख 44
यहोवा आपसे अटल प्यार करता है
“[यहोवा का] अटल प्यार सदा बना रहता है।”—भज. 136:1.
गीत 108 परमेश्वर का सच्चा प्यार
लेख की एक झलक *
1. यहोवा हमें क्या बढ़ावा देता है?
यहोवा “अटल प्यार से खुश होता” है। (होशे 6:6) वह इस गुण को बहुत ज़रूरी समझता है। इसलिए वह हमें बढ़ावा देता है कि हम भी “अटल प्यार से प्यार” करें। (मीका 6:8, फु.) लेकिन यह गुण दर्शाने से पहले हमें जानना होगा कि अटल प्यार क्या है।
2. अटल प्यार क्या है?
2 “अटल प्यार,” ये शब्द पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद बाइबल में करीब 230 बार आते हैं। इस बाइबल की शब्दावली में बताया गया है, “जब कोई वफादारी, गहरे लगाव और साथ निभाने के पक्के इरादे की वजह से प्यार करता है तो उसे अटल प्यार कहते हैं। ऐसा प्यार अकसर परमेश्वर इंसानों से करता है, मगर दो इंसानों के बीच भी यह प्यार देखा जाता है।” अटल प्यार करने में यहोवा सबसे बढ़िया मिसाल है। इस लेख में हम जानेंगे कि यहोवा इंसानों से अटल प्यार कैसे करता है। अगले लेख में हम जानेंगे कि यहोवा के सेवक एक-दूसरे से अटल प्यार कैसे कर सकते हैं।
यहोवा ‘अटल प्यार से भरपूर है’
3. यहोवा ने मूसा को अपने बारे में क्या बताया?
3 इसराएली जब मिस्र से निकले, तो उसके कुछ समय बाद यहोवा ने मूसा को अपने नाम और गुणों के बारे में कुछ बताया। उसने कहा, “यहोवा, यहोवा परमेश्वर दयालु और करुणा से भरा है, क्रोध करने में धीमा और अटल प्यार और सच्चाई से भरपूर है, हज़ारों पीढ़ियों से अटल प्यार करता है, वह गुनाहों, अपराधों और पापों को माफ करता है।” निर्ग. 34:6, 7, फु.) इन आयतों में यहोवा ने अटल प्यार के बारे में एक खास बात बतायी। वह क्या?
(4-5. (क) यहोवा ने अपने अटल प्यार के बारे में क्या कहा है? (ख) हम किन सवालों पर गौर करेंगे?
4 यहोवा ने सिर्फ यह नहीं कहा कि वह अटल प्यार करता है, बल्कि उसने यह भी कहा कि वह ‘अटल प्यार से भरपूर है।’ यह बात बाइबल में कई बार लिखी गयी है। (गिन. 14:18; नहे. 9:17; भज. 86:15; 103:8; योए. 2:13; योना 4:2) ‘अटल प्यार से भरपूर है,’ ये शब्द हर बार सिर्फ यहोवा के लिए लिखे गए हैं, इंसानों के लिए नहीं। इससे पता चलता है कि यहोवा इस गुण को बहुत ज़रूरी समझता है। * इसलिए राजा दाविद ने कहा, “हे यहोवा, तेरा अटल प्यार आसमान तक पहुँचता है, . . . हे परमेश्वर, तेरा अटल प्यार क्या ही अनमोल है! तेरे पंखों की छाँव तले इंसान पनाह लेते हैं।” (भज. 36:5, 7) दाविद की तरह क्या हम भी परमेश्वर के अटल प्यार की कदर करते हैं?
5 अटल प्यार क्या है, यह अच्छी तरह समझने के लिए हम दो सवालों पर गौर करेंगे। यहोवा किन लोगों से अटल प्यार करता है? उसके अटल प्यार से हमें किस तरह मदद मिलती है?
यहोवा किन लोगों से अटल प्यार करता है?
6. यहोवा किनसे अटल प्यार करता है?
6 बाइबल में बताया गया है कि इंसान अलग-अलग चीज़ों से प्यार कर सकता है, जैसे “तेल और दाख-मदिरा,” “शिक्षा,” “ज्ञान” और “बुद्धि।” (नीति. 12:1; 21:17; 29:3) लेकिन अटल प्यार चीज़ों से नहीं, सिर्फ इंसानों से किया जाता है। यहोवा किनसे अटल प्यार करता है? वह हर किसी से अटल प्यार नहीं करता। वह सिर्फ उन लोगों से अटल प्यार करता है, जिनके साथ उसकी गहरी दोस्ती है। वह उनका वफादार रहता है और उनसे प्यार करना कभी नहीं छोड़ेगा। उसने उनसे एक अच्छे कल का वादा किया है और वह अपना यह वादा हर हाल में पूरा करेगा।
7. यहोवा ने सब इंसानों के लिए अपना प्यार कैसे ज़ाहिर किया?
7 यहोवा सब इंसानों से प्यार करता है। यही बात यीशु ने नीकुदेमुस से कही, “परमेश्वर ने दुनिया [यानी सब इंसानों] से इतना प्यार किया कि उसने अपना इकलौता बेटा दे दिया ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न किया जाए बल्कि हमेशा की ज़िंदगी पाए।”—यूह. 3:1, 16; मत्ती 5:44, 45.
8-9. (क) यहोवा अपने सेवकों से अटल प्यार क्यों करता है? (ख) अब हम क्या चर्चा करेंगे?
भज. 36:10, फु.; 103:17; दानि. 9:4) इन आयतों से पता चलता है कि यहोवा अपने सेवकों से अटल प्यार करता है, क्योंकि वे सही तरीके से उसकी उपासना करते हैं। वे उसे जानते हैं, उसका डर मानते हैं, उससे प्यार करते हैं और उसकी आज्ञाएँ मानते हैं।
8 जैसे हमने पहले जाना, यहोवा सिर्फ अपने सेवकों से अटल प्यार करता है। यही बात राजा दाविद और भविष्यवक्ता दानियेल ने भी कही। दाविद ने कहा, “जो तुझे जानते हैं उनसे अटल प्यार करता रह।” “यहोवा का अटल प्यार युग-युग तक बना रहता है, उनके लिए बना रहता है जो उसका डर मानते हैं।” दानियेल ने कहा, “हे सच्चे परमेश्वर यहोवा, . . . जो तुझसे प्यार करते हैं और तेरी आज्ञा मानते हैं, उन्हें तू अपने अटल प्यार का सबूत देता है।” (9 सच्चाई में आने से पहले भी यहोवा हमसे प्यार करता था, लेकिन सच्चाई में आने के बाद वह हमसे अटल प्यार करने लगा। (भज. 104:14) यहोवा हमें यकीन दिलाता है कि ‘उसका अटल प्यार हमारे लिए नहीं मिटेगा।’ (यशा. 54:10) दाविद ने भी यह बात महसूस की। इसलिए उसने कहा, “यहोवा अपने वफादार जन का खास खयाल रखेगा।” (भज. 4:3) यह बात जानकर हमें क्या करना चाहिए? बाइबल में लिखा है, “जो कोई बुद्धिमान है, वह इन बातों पर ध्यान देगा, यहोवा के अटल प्यार के कामों पर गौर से सोचेगा।” (भज. 107:43) इसलिए आइए हम यहोवा के अटल प्यार के बारे में तीन बातों पर गौर करें और जानें कि उसके अटल प्यार से हमें किस तरह मदद मिलती है।
यहोवा के अटल प्यार से हमें किस तरह मदद मिलती है?
10. परमेश्वर का अटल प्यार हमेशा तक रहता है, यह जानकर हमें कैसा लगता है? (भजन 31:7)
10परमेश्वर का अटल प्यार हमेशा तक रहता है। भजन 136:1 में लिखा है, “यहोवा का शुक्रिया अदा करो क्योंकि वह भला है, उसका अटल प्यार सदा बना रहता है।” “उसका अटल प्यार सदा बना रहता है,” ये शब्द इस भजन में 26 बार लिखे हैं। इस भजन को पढ़कर हम हैरान रह जाते हैं कि यहोवा कितने तरीकों से अपने सेवकों के लिए अटल प्यार ज़ाहिर करता है। “उसका अटल प्यार सदा बना रहता है,” इस बात से हमारा यकीन बढ़ता है कि अपने सेवकों के लिए उसका प्यार कभी कम नहीं होगा। मुश्किलों में भी वह उनका साथ देगा। यह जानकर हमें कैसा लगता है? हमें खुशी मिलती है और मुश्किलों का सामना करने और यहोवा की सेवा करते रहने की हिम्मत भी मिलती है।—भजन 31:7 पढ़िए।
11. भजन 86:5 के मुताबिक, यहोवा हमें क्यों माफ करता है?
11परमेश्वर का अटल प्यार उसे उभारता है कि वह हमें माफ करे। जब एक पाप करनेवाले व्यक्ति को अपने किए पर पछतावा होता है और वह अपने अंदर बदलाव करता है, तो यहोवा अटल प्यार की वजह से उसे माफ कर देता है। दाविद ने यहोवा के बारे में कहा, “उसने हमारे पापों के मुताबिक हमारे साथ सलूक नहीं किया, न ही हमारे गुनाहों के मुताबिक हमें सज़ा दी है।” (भज. 103:8-11) दाविद जानता था कि पाप करने के बाद जब ज़मीर कचोटता है तो कैसा लगता है। लेकिन वह यह भी जानता था कि यहोवा “माफ करने को तत्पर रहता है।” (भजन 86:5 पढ़िए।) दाविद ने अपनी प्रार्थना में बताया कि यहोवा इसलिए माफ करता है, क्योंकि वह उन सबसे अटल प्यार करता है जो उसे पुकारते हैं।
12-13. अगर अपने पुराने पापों के लिए हमारा ज़मीर आज भी हमें कचोट रहा है, तो हमें क्या याद रखना चाहिए?
12 अपने किए पर अफसोस करना अच्छी बात है। तभी हम अपने पाप के लिए माफी माँगते हैं और खुद को बदलते हैं। और यहोवा हमें माफ कर देता है। लेकिन माफी मिलने के बाद भी, परमेश्वर के कुछ सेवकों का ज़मीर उन्हें कचोटता रहता है। उन्हें लगता है कि यहोवा उन्हें कभी माफ नहीं कर सकता। अगर आपको भी ऐसा लगता है, तो याद रखिए कि यहोवा आपसे सचमुच अटल प्यार करता है और यही प्यार उसे आपको माफ करने के लिए उभारता है।
13यह जानकर हमें कैसा लगता है? हमें खुशी होती है कि अपरिपूर्ण होने के बावजूद, हम साफ ज़मीर के साथ यहोवा की उपासना कर सकते हैं। 1 यूह. 1:7) अपरिपूर्णता की वजह से शायद हमसे बार-बार गलतियाँ हों और हम निराश हो जाएँ। ऐसे में हमें याद रखना चाहिए कि अगर हम पश्चाताप करें तो यहोवा हमें माफ करने के लिए तैयार रहता है। दाविद ने बताया कि अटल प्यार की वजह से यहोवा किस हद तक माफ करता है। उसने कहा “आकाश धरती से जितना ऊँचा है, उसका डर माननेवालों के लिए उसका अटल प्यार उतना ही महान है। पूरब पश्चिम से जितना दूर है, उसने हमारे अपराधों को हमसे उतना ही दूर फेंक दिया है।” (भज. 103:11, 12) सच में, यहोवा हमें “दिल खोलकर माफ करता है।”—यशा. 55:7.
क्यों? क्योंकि “यीशु का खून हमारे सभी पापों को धोकर हमें शुद्ध करता है।” (14. दाविद ने कैसे समझाया कि परमेश्वर के अटल प्यार की वजह से हमारी हिफाज़त होती है?
14परमेश्वर के अटल प्यार की वजह से उसके साथ हमारा रिश्ता अटूट रहता है। दाविद ने प्रार्थना में यहोवा से कहा, “तू मेरे लिए छिपने की जगह है, तू मुसीबत से मेरी हिफाज़त करेगा। तू मुझे छुड़ाकर मेरे चारों ओर खुशियों का समाँ बाँध देगा। . . . यहोवा पर भरोसा रखनेवाला उसके अटल प्यार से घिरा रहता है।” (भज. 32:7, 10) पुराने ज़माने में शहर के चारों तरफ ऊँची दीवारें होती थीं, जिनसे लोगों की दुश्मनों से हिफाज़त होती थी। यहोवा का अटल प्यार भी दीवार की तरह हमारी हिफाज़त करता है, ताकि उसके साथ हमारा रिश्ता न टूटे। इसके अलावा, अटल प्यार की वजह से वह हमें अपनी तरफ खींचता है। इसलिए हमें यकीन है कि हम सुरक्षित रहेंगे।—यिर्म. 31:3.
15. यहोवा के अटल प्यार को गढ़ क्यों कहा गया है?
15 यहोवा के अटल प्यार से उसके लोगों की हिफाज़त कैसे होती है, इस बारे में दाविद ने एक और उदाहरण दिया। उसने कहा, “परमेश्वर मेरा ऊँचा गढ़ है, मुझसे अटल प्यार करनेवाला परमेश्वर है।” उसने यहोवा के बारे में यह भी कहा, “वह मुझसे अटल प्यार करता है, वह मेरा मज़बूत गढ़ है, मेरा ऊँचा गढ़ और मेरा छुड़ानेवाला है, वह मेरी ढाल है और उसी में मैंने आसरा लिया है।” (भज. 59:17, फु.; 144:2, फु.) दाविद ने क्यों कहा कि यहोवा का अटल प्यार एक गढ़ की तरह है? जिस तरह पुराने ज़माने में एक गढ़ में पनाह लेने से लोगों की हिफाज़त होती थी, उसी तरह आज यहोवा के सेवक दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न हों, यहोवा उनकी मदद करेगा ताकि उसके साथ उनका रिश्ता बना रहे। भजन 91 में भी इसी बात का यकीन दिलाया गया है, जहाँ लिखा है, “मैं यहोवा से कहूँगा, ‘तू मेरी पनाह और मेरा मज़बूत गढ़ है।’” (भज. 91:1-3, 9, 14) मूसा ने भी कहा था कि यहोवा इसराएलियों की पनाह है। (भज. 90:1, फु.) अपनी मौत से पहले उसने एक और बात बतायी, जिससे हमें हिम्मत मिलती है। उसने कहा, “परमेश्वर मुद्दतों से तेरी पनाह रहा है, उसकी बाँहें तुझे सदा थामे रहेंगी।” (व्यव. 33:27) “उसकी बाँहें तुझे सदा थामे रहेंगी,” इसका क्या मतलब है?
16. जब हम निराश होते हैं, तो यहोवा किस तरह हमारी मदद करता है? (भजन 136:23)
16 यहोवा हमारा गढ़ है, यह बात जानने से हम सुरक्षित महसूस करते हैं। लेकिन कभी-कभार ऐसा हो सकता है कि हम बहुत मायूस हो जाएँ। ऐसे वक्त में यहोवा हमारी किस तरह मदद करता है? (भजन 136:23 पढ़िए।) वह हमें निराशा से निकालता है। वह अपने बाहों से हमें थामता है, प्यार से हमें उठाता है ताकि हम वापस अपने पैरों पर खड़े हो जाएँ। (भज. 28:9; 94:18) हम मदद के लिए हमेशा यहोवा पर भरोसा कर सकते हैं। यह जानकर हमें कैसा लगता है? हमें खुशी होती है कि (1) हम चाहे कहीं पर भी हों, यहोवा हमारी हिफाज़त करेगा और (2) वह हमसे बेहद प्यार करता है।
परमेश्वर अटल प्यार करता रहेगा
17. हम किस बात का भरोसा रख सकते हैं? (भजन 33:18-22)
17 जैसा हमने सीखा, जब हम पर मुश्किलें आती हैं तो यहोवा हमारी मदद करता है ताकि उसके साथ हमारा रिश्ता न टूटे। (2 कुरिं. 4:7-9) भविष्यवक्ता यिर्मयाह ने कहा, “यहोवा के अटल प्यार की वजह से ही हमारा अंत नहीं हुआ है, उसकी दया कभी मिटती नहीं।” (विला. 3:22) हम भरोसा रख सकते हैं कि यहोवा हमसे अटल प्यार करता रहेगा, क्योंकि बाइबल में लिखा है, “जो यहोवा का डर मानते हैं और उसके अटल प्यार के भरोसे रहते हैं, उन पर उसकी नज़र बनी रहती है।”—भजन 33:18-22 पढ़िए।
18-19. (क) इस लेख से हमने क्या सीखा? (ख) अगले लेख में हम क्या जानेंगे?
18 इस लेख से हमने क्या सीखा? सच्चाई में आने से पहले यहोवा हमसे वैसे ही प्यार करता था, जैसे वह सब इंसानों से करता है। लेकिन सच्चाई में आने के बाद वह हमसे अटल प्यार करने लगा। इस प्यार की वजह से वह हमारी हिफाज़त करता है और हमारे करीब रहता है। यही नहीं, वह आनेवाले समय में अपने सारे वादे पूरे करेगा। वह चाहता है कि हम हमेशा उसके दोस्त बने रहें। (भज. 46:1, 2, 7) हम पर चाहे कोई भी मुश्किल क्यों न आए, वह हमें हिम्मत देगा ताकि हम उसके वफादार रहें।
19 लेकिन यहोवा यह भी चाहता है कि हम एक-दूसरे से अटल प्यार करें। इस बारे में हम अगले लेख में जानेंगे।
गीत 136 “यहोवा से तुझे पूरा इनाम मिले”
^ पैरा. 5 इस लेख और अगले लेख में अटल प्यार पर चर्चा की जाएगी। इस लेख में हम खास इन सवालों के जवाब जानेंगे: अटल प्यार क्या है? यहोवा किन लोगों से अटल प्यार करता है? और उसके इस प्यार से उन्हें किस तरह मदद मिलती है?
^ पैरा. 4 परमेश्वर के अटल प्यार के बारे में बाइबल की दूसरी आयतों में भी बताया गया है।—नहेमायाह 13:22; भजन 69:13; 106:7 और विलापगीत 3:32 देखें।
^ पैरा. 54 तसवीर के बार में: यहोवा सब इंसानों से प्यार करता है, अपने सेवकों से भी। छोटी तसवीरों में दिखाया गया है कि यहोवा किन तरीकों से हमसे प्यार करता है। इनमें सबसे खास तरीका है कि उसने फिरौती का इंतज़ाम किया।
^ पैरा. 62 तसवीर के बार में: जो लोग फिरौती पर विश्वास करते हैं और यहोवा की सेवा करते हैं, उनका यहोवा खास खयाल रखता है। वह उनसे प्यार तो करता ही है, लेकिन अटल प्यार भी करता है। छोटी तसवीरों में दिखाया है कि वह ऐसा किन तरीकों से करता है।